प्रेम की परिभाषा क्या है, शायद यह सुधा नहीं जानती थी. वह जानती थी तो सिर्फ प्यार में चिर सुख की चाह, जहां सिर्फ भावनाओं का आदानप्रदान होता है, शारीरिक सुख कोई माने नहीं रखता.