पूरे देश में कोरोना का कहर बरस रहा है,भारी संख्या में  मजदूर पलायन कर के अपने अपने राज्यों में पहुंच चुके है.  ग्रामीण क्षेत्रों में भारी श्रम बल की उपलब्धता को देखते हुए , सरकार आगामी मॉनसून के मद्देनजर ‘जल शक्ति अभियान’ के तहत तैयारियां शुरू कर दी गई हैं. केंद्र सरकार ‘जल शक्ति अभियान’ के विभिन्न आयामों के माध्यम से वर्तमान स्वास्थ्य संकट से उबरने और ग्रामीण अर्थव्यवस्था को प्रोत्साहन देने के लिए पूरी तरह तैयार कर रही है. आइये जानते है, कोरोना संकट  के समय कैसे लाभ होगा इससे...

1. क्या है जल शक्ति अभियान

केन्द्रीय जलशक्ति मंत्री ने 1 जुलाई, 2019 को जल-संरक्षण अभियान की शुरुआत की. इसके तहत देश के 256 जिलों के ज्यादा प्रभावित 1592 ब्लॉकों को प्राथमिकता के आधार पर चुना गया. इस अभियान को दो चरणों में चलाना तय किया गया है. पहला चरण 1 जुलाई, 2019 से शुरू होकर 15 सितम्बर, 2019 तक, तो दूसरा चरण एक अक्टूबर, 2019 से शुरू होकर 30 नवम्बर, 2019 तक. इस अभियान का फोकस पानी के कम दबाव वाले जिलों और ब्लॉकों पर होगा. दरअसल इस अभियान का मकसद जल-संरक्षण के फायदों को लेकर लोगों के बीच जागरुकता पैदा करना है ताकि देश के हर घर में नल का पानी उपलब्ध कराने में सहभागिता और जागरुकता का लाभ मिल सके. जलशक्ति अभियान पेयजल और स्वच्छता विभाग की पहल पर कई मंत्रालयों के साथ-साथ राज्य सरकारों का एक मिला-जुला प्रयास है. केन्द्र सरकार के प्रतिनिधि जिला प्रशासन के साथ मिलकर जल संरक्षण को लेकर मंत्रालय द्वारा तय किए गए पाँच बिन्दुओं पर काम करेंगे ताकि मंत्रालय तय समय में अपना लक्ष्य हासिल कर सके. जलशक्ति मंत्रालय का लक्ष्य साल 2024 तक देश के हर घर में पीने का साफ पानी मुहैया कराना है.

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