लॉक डाउन में मानव जन-जीवन में बड़ी बदलाव आया है. शहर के बाजार से गाँव के हार्ट तक सब बंद है. लॉक डाउन में दुनिया के अधिकतर काम घर से ही हो रहे है, इस तरह दुनिया भर में ऑनलाइन का सफर जोरो पर है. यह सफर उनके लिए आसान है, जो पहले से इंटरनेट से परिचित है और उसके उपयोग से परिचित है . उसके लिए यह युग खास बनकर उभरा है, लेकिन जिन्होंने आज तक इंटरनेट का बस नाम सुना है कोई उपयोग नहीं किया है, उनके लिए यह योग एक संघर्ष का युग है, तो आइये जानते है किसके लिए ऑनलाइन खास है तो किसके लिए मुश्किल भरा.
1. कई क्षेत्र जहां ऑनलाइन कामकाज संभव नहीं है
आज भी कई क्षेत्र ऐसे हैं, जहां ऑनलाइन कामकाज संभव नहीं है . इंजीनियरिंग, निर्माण क्षेत्र, चिकित्सा, पर्यटन आदि कई सेक्टरों के कामकाज मोटे तौर पर ऑनलाइन नहीं हो सकता है. आधारभूत सुविधा प्रदान करने वाले कार्य जैसे- सड़क निर्माण, सामुदायिक भवन निमार्ण , पंचायतो में तालाब और अन्य जल स्रोतों का निर्माण या मरम्मत कार्य ऑनलाइन संभव नहीं है. हालांकि इधर वर्चुअल टूरिज्म को साकार करने की कोशिशें भारत में भी हो रही हैं, जिसका मकसद फौरी तौर पर दुनिया भर के पर्यटकों को घर बैठे भारत दर्शन कराना है .
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2. कई क्षेत्र जहां ऑनलाइन कामकाज में कोई खास दिक्कत नहीं है
ऐसे क्षेत्र में ऑनलाइन कामकाज संभव है, आईटी सेक्टर तो काफी समय से ऐसे इंतज़ामों को आज़मा रहा है, पर कई तरह के वित्तीय, पेटेंट, कानूनी सलाह, लेखन-पत्रकारिता आदि नई शैली के कामकाज में भी साबित हुआ है कि इनके लिए दफ्तर जाने की ज्यादा ज़रूरत नहीं है . इनसे जुड़े ज्यादातर कामकाज घर बैठे ही निपटाए जा सकते हैं . तेज़ ब्रॉडबैंड और वेबकैम जैसी आधुनिक तकनीकें भी मददगार साबित हो रही हैं .
3. इस क्षेत्र में आएगा क्रांतिकारी बदलाव
कई ऐसे भी क्षेत्र जिनके लिए यह ऑनलाइन का युग एक क्रांतिकारी बदलाव वाला युग बनकर आएगा,आईटी सेक्टर का कार्य ऑनलाइन होने से कई प्रोफेसनल को घर से काम करने की और अधिक आजादी मिलेगी,लेखन कार्य में स्वतंत्र लेखकों के लिए भी यह समय नया अवसर लेकर आया है. पत्रकारों के लिए भी हर प्रेस कॉन्फ्रेंस में सशरीर उपस्थित होना ज़रूरी अब नहीं है. अब ऐसा सरकारी पत्रकार वार्ताओं में भी दिख रहा है, जो ऑनलाइन यानी ईकॉन्फ्रेंस के रूप में आयोजित कराई जा रही हैं. यही नहीं, इस लॉकडाउन के बावजूद सभी ने देखा है कि अखबारों का छपना नहीं रुका है. बैंकिंग कामकाज जारी हैं, शेयर बाजारों में भी हलचल हो रही है. शिक्षा क्षेत्र में भी बदलाव आना तय है. देशव्यापी बंदी के कारण देश के अधिकतर शैक्षिक संस्थान अपनी क्लास ऑनलाइन चला रही है. स्कूल से कॉलेज तक ऑनलाइन का जो प्रभाव अभी पड़ा है. यह लॉक डाउन के बाद भी काफी स्तर तक अपना छाप छोड़ेगा .