आज जब कोरोना संक्रमण ने दुनियाभर को वनवास में भेज दिया है और इंट्रैक्शन के लिए सोशल मीडिया, मोबाइल, ई-मेल, स्काईप, काॅन्फ्रेंस चैटिंग जैसे अनेक साधनों के चलते एक किस्म से पूरी दुनिया से हम जुड़ गये हैं, तब भी अगर हम अपने बचपन के दोस्तों से वंचित हैं तो यह सब खाली खाली लगता है. कानपुर के अंकित भारद्वाज का जब मुंबई आईआईटी में एडमिशन हुआ तो जहां पूरा घर खुश था, रिश्तेदारों के फोन पर फोन आ रहे थे. हर तरफ से बधाइयों की बौछार हो रही थी, वहीं खुद अंकित एक अजीब सी असहजता से घिरा हुआ था. हालांकि ऊपरी तौरपर वह भी हंस-मुस्कुरा रहा था. बधाई देने वालों को थैंक यू कह रहा था. लेकिन अंदर ही अंदर वह कुछ उदास था. इस उदासी का कारण थे राजीव और लता. दरअसल वे तीनो बचपन से बारहवीं तक एक साथ पढ़े थे. एक ही मोहल्ले में एक दूसरे के इर्द-गिर्द रहने वाले तीनों हमेशा मिलकर होम वर्क करते थे. मिलकर परीक्षाओं में पढ़ाई करते थे. तीनों साथ ही खेलते भी थे. लेकिन अब पहली बार तीनों बचपन के दोस्त एक दूसरे से बिछुड़ रहे थे. राजीव का होटल मैनेजमेंट में एडमिशन हो गया था, वह बंग्लुरू की तैयारी कर रहा था, जबकि लता दिल्ली में साइकोलोजी आनर्स में एडमिशन लेने जा रही थी.

तीनों इस बिछुड़न से परेशान थे. यह बात उनके घर वाले भी जानते थे. इसलिए वे समझा भी रहे थे कि परेशान होने का कोई मतलब नहीं है, तुम सबके जल्द ही नए दोस्त बन जायेंगे. हुआ भी कुछ ऐसा ही. कम से कम अंकित के मामले में तो सौ फीसदी ऐसा ही हुआ. उसकी सॉफ्ट नेचर और पढ़ाई में होनहार होने का नतीजा यह था कि दो महीने के भीतर ही करीब-करीब क्लास का हर लड़का और लड़की उसे अपनी तरफ से बुलाने लगा था. लेकिन अंकित मुंबई से, राजीव बंग्लुरू से और लता दिल्ली से हर समय आपस में कुछ यूं जुड़े रहते, जैसे किसी डिपार्टमेंट के तीन अधिकारी अलग-अलग जगह तैनात रहकर किसी साझे मिशन में जुटे हों. तीनों को हर पल एक दूसरे की खबर रहती है. लता का सेमेस्टर कब पूरा हो रहा है, यह जितना लता को पता होता उतना ही राजीव को और अंकित आजकल क्या पढ़ रहा है, किसके साथ उसने इस हफ्ते मूवी देखी. यह सब लता और राजीव को मिनट दर मिनट के हिसाब से पता होता है. तीनों के घर वालों में से किसी को किसी के बारे में जानना होता है तो वे किसी को भी फोन कर लेते हैं. राजीव की छुट्टियां कब पड़ रही हैं, अंकित होली में कानपुर आयेगा या नहीं, यह जितना अंकित को पता होता है उतना ही राजीव और लता को भी.

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