युवामन शादी शब्द से मचल उठता है. कहते हैं न, जो शादी करे वह पछताए, जो न करे वह भी पछताए. तकरीबन हरेक सोचता है कि जब पछताना ही है तो क्यों न कर के ही पछताए. ऐसे में कोई शादी करे, तो कब करे, किस उम्र में करे, या कि करे ही न.
शादी करना, न करना, हर किसी का निजी फैसला हो सकता है. भारत में यों तो 18 साल की लड़की और 21 साल के लड़के को कानूनीतौर पर शादी करने का हक है, लेकिन आजकल हर कोई शादी से पहले अपनी जिंदगी को सैटल करना चाहता है. बाल विवाह रोकथाम क़ानून 2006 के तहत, इस से कम उम्र में शादी करना ग़ैरक़ानूनी है, जिस के लिए 2 साल की सज़ा और एक लाख रुपए का जुर्माना हो सकता है. हालांकि, आज की गलाकाट प्रतियोगिता को देखते हुए इस उम्र में शादी करना टेढ़ी खीर दिखता है.
वहीँ, यह बता दें कि सरकार लड़कियों के लिए उम्र की इस सीमा को बढ़ाने पर विचार कर रही है. सांसद जया जेटली की अध्यक्षता में 10 सदस्यों के टास्क फ़ोर्स का गठन किया गया है, जो इस पर अपने सुझाव जल्द ही नीति आयोग को देगी. यह भी जान लें कि दुनिया के ज़्यादातर देशों में लड़के और लड़कियों के लिए शादी की न्यूनतम उम्र 18 साल है.
कैरियर या शादी :
हरेक के सामने शादी करने का सवाल कभी न कभी आता ही है. आजकल की भागती जिंदगी और कैरियर की आपाधापी में यह सवाल और भी अहम हो गया है कि शादी करने की उम्र क्या हो.