तुलसी मानव जाति के लिए सबसे पुरानी औषधीय जड़ी-बूटी में से एक है. आयुर्वेद में तुलसी के पौधे के हर भाग को स्वास्थ्य के लिहाज से फायदेमंद बताया गया है. तुलसी की जड़, उसकी शाखाएं, पत्ती और बीज सभी का अपना-अपना महत्व है. तुलसी को “जड़ी-बूटियों की रानी” भी कहा जाता है. तुलसी एक ऐसा पौधा है जो आमतौर पर सभी के घर में पाया जाता है, यहां तक कि क्लैंप वाले शहरी फ्लैटों के बाहर भी. लोग इसे स्वाद के लहजे से तो जानते और अपनाते है.लेकिन बहुत ही कम लोग इससे होने वाले फायदो के बारे में जानते है.

तुलसी एक नेचुरल एयर प्यूरिफायर है. ये पौधा 24 घंटे में से करीब 12 घंटे ऑक्सीजन छोड़ता है. वनस्पति वैज्ञानिकों के अनुसार यह पौधा कार्बन मोनो ऑक्साइड, कार्बन डाई ऑक्साइड व सल्फर डाईऑक्साइड जैसी जहरीली गैस भी सोखता है. तुलसी का पौधा वायु प्रदूषण को कम करता है.

तुलसी की पत्तियां (tulsi leaves) विटामिन और खनिज का भंडार हैं. इसमें मुख्य रुप से विटामिन सी, कैल्शियम, जिंक, आयरन और क्लोरोफिल पाया जाता है. इसके अलावा तुलसी में सिट्रिक, टारटरिक एवं मैलिक एसिड पाया जाता है.

आइये जानते है तुलसी से होने वाले और फायदों के बारे में-

1-तनाव को दूर करने में

तुलसी में एंटी स्ट्रेस गुण पाया जाता है जो काफी हद तक तनाव से राहत देने में मदद करता है. साथ ही तुलसी शरीर में कोर्टिसोल के स्तर को संतुलित करने में कारगर है. कोर्टिसोल एक तरह का स्ट्रेस हार्मोन होता है, जिसका अगर स्तर कम हो, तो तनाव और थकान में कमी आती है.
अगर आप तनाव को अपने जीवन से दूर रखना चाहते हैं तो आपको तुलसी के 10 से 12 पत्तियों का रोजाना सेवन करना चाहिए. तुलसी की चाय भी तनाव को कम करने में मदद करती है.

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2- तुलसी हृदय रोग से बचाता है

तुलसी में यूजेनॉयल नामक फेनोलिक कम्पाइंड होता है जो कोलेस्ट्रॉल को कम करता है और साथ ही साथ इसमें एंटी-बैक्टीरियल और एंटीफंगल गुण होते हैं जो शरीर के विषाक्त पदार्थ को बाहर निकालने में मदद करते हैं. यह बल्ड प्रेशर को भी नियंत्रित रखता है. तुलसी के दस पत्ते, पांच काली मिर्च और चार बादाम को पीसकर आधा गिलास पानी में एक चम्मच शहद के साथ लेने से सभी प्रकार के हृदय रोग ठीक हो जाते हैं.

3- अनियमित पीरियड्स की समस्या में

तुलसी एक नेचुरल एंटीऑक्सीडेंट है जिसमें एंटी-इंफ्लेमेटरी और एंटी-माइक्रोबियल गुण भी है. तुलसी कोर्टिसोल हार्मोन को कंट्रोल कर पीरियड्स को रेगुलर बनाती है.
अनियमित पीरियड्स की समस्‍या से बचने के लिए इंस्टीट्यूट ऑफ अल्टरनेटिव मेडिसिन के डॉक्‍टर अमरजीत सिंह जस्सी ने 10 ग्राम तुलसी के बीजों को पानी में उबालकर नियमित रूप से सुबह पीने की सलाह दी है.

4-स्किन के लिए भी लाभदायक

तुलसी में ऐंटी-ऑक्सिडेंट्स होते हैं जो त्वचा की गहरी सतह में मौजूद विषैले तत्वों को बाहर निकालने में मदद करते हैं. चेहरे पर अगर दाग-धब्बे और कील-मुंहासे हों तो फिर रोजाना तुलसी की पत्तियां लगाएं. इससे खून में मौजूद गंदगी साफ हो जाती है और चेहरे पर ग्लो आता है. त्वचा पर अगर खुजली या जलन हो तो भी वह तुलसी की मदद से दूर हो जाती है.
यह एक्जिमा जैसे कई स्किन इंफेक्शन को भी दूर रखती है.तुलसी की पत्तियों को पीसकर नीम्बू के रस में मिलाकर कुष्ठ वाली जगह पर लगाने से लाभ मिलता है.
तुलसी ड्राईनेस को भी दूर करती है और त्वचा की नमी को बरकरार रखती है. चेहरे की नमी को बनाए रखने के लिए एक कप तुलसी के पत्ते पीसकर उसमें एक चम्मच दही और एक टुकड़ा खीरा पीसकर डाल लें. इसे पूरे चेहरे पर लगाएं और फिर आधे घंटे बाद हल्के हाथों से मसाज करते हुए चेहरे को साफ पानी से धो दें.

5- रोके श्वसन संबंधी विकार

तुलसी एक ऐसा पौधा है जिसके कई गुणकारी असर देखने को मिलते हैं. सर्दी, जुखाम, खासी जैसी बीमारियों के अलावा तुलसी सांस संबंधी बीमारियों को भी दूर करने में काफी इस्तेमाल आता है. … इसमें इम्युनोमोड्यूलेटरी, एंटीट्यूसिव और एक्सपेक्टोरेंट गुण होते हैं जो विभिन्न श्वसन समस्याओं को दूर रखते हैं. इतना ही नहीं, इसमें मौजूद ऑयल कंजेशन से भी राहत दिलाते हैं.
इसके लिए तुलसी को चाय में उबालकर पीना चाहिए. इससे जुखाम के साथ ही सर्दी से भी आराम मिलेगा.तुलसी का पानी सांस से लेकर आम सर्दी और फ्लू से लेकर अस्थमा तक कुछ खास बीमारियों को रोकने में मदद करता है.

6- ब्लड शुगर रेग्युलेट करता है

तुलसी का पानी ब्लड शुगर लेवल को रेग्युलेट करने का काम करता है. प्रतिदिन तुलसी के पानी का सेवन करने से मेटाबॉलिज्म बूस्ट अप होता है. साथ ही ब्लड में मौजूद शुगर को ऊर्जा में परिवर्तित करता है.

7- दस्त होने पर

अगर आप दस्त से परेशान हैं तो तुलसी के पत्तों का इलाज आपको फायदा देगा. तुलसी के पत्तों को जीरे के साथ मिलाकर पीस लें. इसके बाद उसे दिन में 3-4 बार थोडा-थोडा खाए . ऐसा करने से दस्त रुक जाती है.

8-मोटापा कम करता है

तुलसी की पत्त‍ियों में ऐसे पोषक तत्‍व होते हैं, जो मेटाबॉलिज्म को बूस्ट अप करते है और बेहतर मेटाबॉल‍िज्म वजन को तेजी से कम करने में मदद करता है. जब मेटाबॉल‍िज्म बेहतर होता है, तो शरीर में जमी वसा को तेजी से जलाता है. तो इस तरह से रोजाना तुलसी का सेवन करने से आप वजन तेजी से कम कर सकते हैं.

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किन लोगों को तुलसी के सेवन से परहेज़ करना चाहिए-

1-अगर आप ब्लड सुगर लेवल कम करने की दवाइयाँ पहले से खा रहे है तो तुलसी के अधिक सेवन से परहेज़ करें क्योंकि तुलसी के सेवन से शरीर का ब्लड सुगर लेवल कम होता है.
2-तुलसी की तासीर गर्म होती है इसलिए इसका अधिक मात्रा में सेवन करने से पेट में जलन की समस्या हो सकती है.
3-अगर कोई पुरुष एंटी-इनफर्टिलिटी ट्रीटमेंट ले रहे है तो तुलसी के सेवन से परहेज़ करें क्यों गर्म तासीर होने के कारण ये आपकी प्रजनन क्षमता को प्रभावित कर सकती है.
4-गर्भावस्था के साथ साथ स्तनपान के दौरान भी इसके सेवन से परहेज़ करना चाहिए क्योंकि इसकी वजह से गर्भाशय में सिकुडन हो सकती है.

ध्यान रहे-बेशक तुलसी के फायदे अनगिनत है लेकिन किसी भी आयुर्वेदिक जड़ी-बूटी का सेवन अगर आप जरूरत से ज्यादा मात्रा में या गलत तरीके से करते हैं तो इससे आपकी सेहत को नुक्सान पहुंचेगा.

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