जल्दबाजी करने से बचें 

एक उम्र आने पर हमारे मन में विपरीत सैक्स के प्रति फीलिंग्स बढ़ जाती हैं. तब भले ही हमें अपनों से कितना भी प्यार क्यों न मिले, लेकिन हमें तो हमसफर के साथ की ही जरूरत होती है. ऐसे में हमसफर की तलाश में जल्दबाजी में औनलाइन पार्टनर सर्च करने के चक्कर में कहीं आप के साथ धोखा न हो जाए, क्योंकि इस के जरीए बहुत धोखे जो होते हैं. कई बार पैसा ऐंठने के चक्कर में बहुत बड़ा सच छिपाया जाता है, कई बार दोबारा शादी कर दी जाती है. कई बार पूरा रिश्ता ही झूठ पर टिका होता है. ऐसे में भले ही आप को थोड़ा इंतजार करना पड़े, जांचपड़ताल करनी पड़े, लेकिन जल्दबाजी न करें.

अब औनलाइन का जमाना है. आप के एक और्डर करते ही सामान आप के दरवाजे पर पहुंच जाता है. मगर आप ने अपने लिए किसी भी औनलाइन साइट पर ड्रैस और्डर की, जो इमेज में तो बढि़या दिख रही है, कलर भी मस्त है, साइज भी परफैक्ट है, लेकिन जैसे ही ड्रैस घर आई और आप ने उसे ट्राई कर के देखा तो आप का सारा मूड औफ हो गया या फिर आप ने उसे देख कर मूड बदल लिया, क्योंकि जैसी वह खरीदते वक्त दिख रही थी, वास्तव में वैसी नहीं है.

तो ऐसे में भी आप को परेशान होने की जरूरत नहीं होती, क्योंकि आप के पास उसे बदलने या फिर उसे वापस करने का विकल्प जो है. इस की पूरी प्रक्रिया बहुत आसान होती है और आप का पैसा भी कुछ ही दिनों में वापस आ जाता है. लेकिन यह बात औनलाइन दूल्हादुलहन और्डर के मामले में सही नहीं होती है, क्योंकि कोरोना के संकट के समय में जब पार्टनर का चयन औनलाइन ही संभव है, वहां पर पार्टनर की अदलाबदली वाला औप्शन नहीं चलेगा. एक बार सामान और्डर कर दिया यानी आप का हमसफर घर आ गया फिर तोउस से समझौता करना ही पड़ेगा, नहीं तो भारी पड़ेगा.

ट्रैडिशनल तरीका वीएस नया रूप

पहले जहां पार्टनर के चयन करने में दोनों परिवारों के लोग आपस में कई बार मिलते थे, पासपड़ोस से पूछताछ होती थी. जीवनसाथी बनने जा रहे पार्टनर भी खुल कर आमनेसामने काफी बातें करते थे, खूब मिलनाजुलना होता था ताकि अच्छी तरह जान पाएं और जीवन के इस अटूट रिश्ते में बंधने के बाद ज्यादा दिक्कतें न हों. दोनों परिवार भी एकदूसरे को जानने की कोशिश करते थे ताकि आगे किसी तरह के मनमुटाव की गुंजाइश न रहे.

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मगर अब जब पूरी दुनिया में कोविड-19 फैला हुआ है और इस कारण काफी समय तक शादियां टाली भी जा चुकी हैं, लेकिन अब जब संकट लंबा चलने वाला है तो अब और मैरिज डिले करना समझदारी नहीं है. ऐसे में न चाहते हुए भी अब औनलाइन ही पार्टनर सर्च करना पड़ रहा है. सिर्फ सर्च ही नहीं, बल्कि मिलनाजुलना भी वर्चुअल ही हो गया है. एक बार लड़के को लड़की और लड़की को लड़का सही लगने पर फोन पर, वीडियो कौलिंग पर ही बातचीत का सिलसिला चल निकलता है. यहां तक कि परिवार भी एकदूसरे से फोन या वीडियो कौलिंग के जरीए ही शादी की सारी बातचीत करते हैं, क्योंकि इस समय बारबार घर बुलाना या बाहर मिलना सेफ जो नहीं है. ऐसे में औनलाइन ही सारी शादी की तैयारी की जाती है, जबकि पुराने तरीके में हर चीज के लिए आमनेसामने बैठ कर बात करना ही उचित समझा जाता था. ऐसे में नया तरीका हमारे बीच नए रूप में सामने आ रहा है. जिस में कदमकदम पर सावधानी बरतने की भी जरूरत है.

औनलाइन सर्च में रिस्क आप ही

कहते हैं न कि जोडि़यां पहले से ही बनी होती हैं, इसलिए कौन किस के लिए बना है, इस बारे में समय आने पर ही पता चलता है. जरूरी नहीं कि आप जिस शहर में रह रहे हों आप का पार्टनर भी उसी शहर में हो. ऐसे में जब पार्टनर सर्चिंग का औनलाइन चलन चल गया है तो सर्च के दौरान आप को नहीं पता कि आप का पार्टनर आप को किस जगह, किस देश में मिले. अगर इस दौरान दिल मिल गए, लेकिन दोनों के बीच जगह की दूरियां हैं तो शादी तक चैटिंग से ले कर डेटिंग तक सब औनलाइन के माध्यम से ही होगा. ऐसे में रिस्क तो ज्यादा है, क्योंकि आप उसे औनलाइन माध्यम से ही जो देख रहे हैं. हो सकता है कि आप को जो वीडियो कौलिंग के दौरान अच्छा लगे, वह सामने नहीं, क्योंकि आज ढेरों ऐसे ऐप्स आ गए हैं, जिन के जरीए आप अपने लुक को चेंज कर सकते हैं. हो सकता है कि कौलिंग के दौरान भी इसी के जरीए अपने लुक में बदलाव लाया गया हो. ऐसे में बाद में समझौता भी करना पड़ सकता है. इसलिए सोचसमझ कर ही आगे बढ़ें. आमनेसामने इन चीजों को करीब से देखने का मौका मिलता है.

फोटो में रूप बदलते हैं

अकसर फोटो से असली चेहरे को छिपाने की कोशिश की जाती है. तभी तो फोटो में पसंद आने वाले चेहरे सामने आने पर कई बार पसंद नहीं आते, क्योंकि फोटो में वास्तविक रूप को छिपाने की कोशिश जो की जाती है, जबकि असलियत में रूप अलग होता है. तभी तो शादी के मामले में आमनेसामने आने पर कई बार हां न में बदल जाती है. लेकिन औनलाइन में नजदीक से देखने का औप्शन जो नहीं है, इसलिए गड़बड़ के चांसेज ज्यादा रहते हैं.

वर्चुअल रिश्तेदारों में वह बात कहां

एक बार शादी तय हो जाने के बाद परिवार के हर सदस्य को ऐक्साइटमैंट रहती है कि हम होने वाले ब्राइड या ग्रूम को देखें. इस के लिए फोन या वीडियो कौल या कौन्फ्रैंस के जरीए ही बातचीत की जा सकती है. ऐसे में दूर से बात कर के एकदूसरे के करीब आने वाली फीलिंग थोड़ी कम होती है. उस में भले ही सामने से थोड़ा सा बातों का तड़का भी लगा दिया जाए, फिर भी वह बात नहीं आ पाती जो आनी चाहिए. ऐसे में आमनेसामने कंफर्टेबल जोन नहीं मिलने के कारण सब बस यही मौका ढूंढ़ते हैं कि जल्दी से कौल खत्म हो और हमारा पीछा छूटे. ऐसे में फोन पर करीब से दिल के तार नहीं जुड़ पाते, जबकि आमनेसामने परिवार के लोग जब बातें करते हैं तब एकदूसरे को करीब से देखने के कारण ज्यादा करीबी महसूस होती है, जो एकदूसरे को करीब लाने का काम करती है, क्योंकि फेस ऐक्सप्रैशन से व आमनेसामने होने से चीजें ज्यादा अच्छी तरह समझ आ पाती हैं.

रिटर्न का कोई चांस नहीं

यह मान लें कि यह कोई सामान नहीं है कि पसंद नहीं आने पर बदल जाएगा. एक बार घर में आ गया फिर तो आप को उसे एडजस्ट ही नहीं, बल्कि परिवार का सदस्य भी मानना ही होगा. उस की हर बुराई को अपनाना होगा, उस का लुक चाहे आप को अच्छा न भी लगे फिर भी उसे अपनाना होगा. उस की ईटिंग हैबिट्स आप के मुताबिक न भी हों तो भी उसे हंस कर स्वीकारना ही होगा, क्योंकि भले ही आप ने उस से औनलाइन ही सही, लेकिन साथ जीनेमरने के वादे किए होते हैं और यह बात लड़कालड़की दोनों पर ही लागू होती है, साथ ही उस के परिवार को भी स्वीकार करना होगा वरना आए दिन घर में कलह का माहौल बनने में देर नहीं लगेगी.

मजेदार डेटिंग नहीं औनलाइन मिलाप

एक बार शादी तय होने के बाद कपल्स के दिल उफान पर होते हैं. बस हर दम यही मौका तलाशते हैं कि कब एकदूसरे के करीब आएं, इस के लिए रोज डेटिंग प्लान होती है ताकि खुल कर मस्ती के पल बिता सकें. एकदूसरे की आंखों में आंखें डाल कर खो सकें. अपनी बातों को शेयर कर सकें ताकि सामने से आई प्रतिक्रिया से जानने में आसानी हो कि हमारा पार्टनर किस हद तक हमें सपोर्ट कर सकता है. एकदूसरे के स्वभाव को जान पाएं, क्योंकि आमनेसामने होने पर भले ही आप शब्दों पर कंट्रोल कर जाएं, लेकिन आंखें तो सब बयां कर देती हैं. ऐसे में समझने में काफी आसानी होती है, जबकि औनलाइन डेटिंग में गपशप पर कोई पाबंदी नहीं होती, लेकिन सही ऐक्सप्रैशन के पता नहीं चलने के कारण बाद में काफी दिक्कत हो सकती है. इसलिए इस में रिस्क तो है.

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सीक्रेट्स पता लगाने में भी मुश्किल

एक बार शादी तय होने के बाद जब मिलनाजुलना शुरू होता है, तब बहुत सारे ऐसे पहलू भी उजागर हो जाते हैं, जिन पर अभी तक परदा डाला हुआ होता है जैसे डेटिंग के दौरान बारबार कौल आना और फिर एकदम से फोन की स्क्रीन को छिपाते हुए काट देना और पूछने पर घबराहट के साथ जवाब देना कि औफिस से कौल थी. 1-2 बार तो ये बहाना चलता है, लेकिन बारबार आप के सामने ऐसा होने पर आप के मन में जब शक पैदा होगा तो हो सकता है कि बातबात में या गुस्से में कोई राज सामने आ ही जाए. ऐसे में तब आप इस रिश्ते में बंधने से बच सकते हैं. लेकिन औनलाइन डेटिंग में इस तरह की चीजों पर बड़ी आसानी से परदा डाल कर आप को बेवकूफ बनाया जा सकता है और फिर जब राज खुलेगा तब तक बहुत देर हो चुकी होती है.

वापस किया तो भुगतना पड़ेगा

शादी कोई मजाक नहीं है, जो मन बहलाने के लिए कुछ पलों के लिए ले आए और जब मन नहीं किया तो वापस करने का मूड बना लिया. ऐसा करने से जहां भावनाओं को ठेस पहुंचती है वहीं आप को इस का भारी भुगतान भी करना पड़ा सकता है. इस के लिए आप को जेल भी जाना पड़ सकता है और मोटी रकम भी देनी पड़ सकती है. इसलिए सोचसमझ कर फैसला लेने की जरूरत है.

इस संबंध में सारथी काउंसलिंग सर्विसेज की फाउंडर, डाइरैक्टर शिवानी मिश्री साधु का कहना है, ‘‘अगर हम बात करें औफलाइन और औनलाइन पार्टनर सर्च करने की तो दोनों में ही गारंटी नहीं है कि सैपरेशन न हो या फिर तलाक तक बात न पहुंचे, क्योंकि ये सब आपसी समझदारी या पहले से चीजों की जांचपड़ताल पर निर्भर करता है. हां, बस औफलाइन पार्टनर सर्च करने में रिस्क थोड़ा कम होता है, क्योंकि पूछताछ के साथसाथ मिलनेजुलने से थोड़ी चीजें समझ आ जाती हैं कि जिस परिवार से हम जुड़ने जा रहे हैं उस से हमारा मेल हो पाएगा या नहीं, क्योंकि बातों के तरीकों से काफी हद तक आप सामने वाले के नजरिए को जान पाते हैं. लेकिन औनलाइन प्लेटफौर्म में वीडियो और वैब कौल से यह ज्यादा संभव नहीं है.’’

‘‘आज जिस तरह का समय है उस में औनलाइन सर्चिंग में फिजिकल वैरिफिकेशन करना काफी मुश्किल है, क्योंकि इस समय कोई भी अपनी जान जोखिम में डालना पसंद नहीं करेगा. ऐसे में सोशल प्लेटफौर्म के जरीए ही संबंधित विरक्ति और परिवार की जानकारी जुटाने का प्रयास किया जा रहा है. और अगर सोशल मीडिया पर कोई डीटेल हासिल नहीं होती तो उसे रैड फ्लैग ही समझें यानी जानकारी छिपाने की कोशिश की जा रही है और अगर बात आगे बढ़ती है तो उन के सोशल प्लेटफौर्म के जरीए उन के फ्रैंड्स से भी उन के कैरियर, उन की जौब व उन के व परिवार के बारे में जानकारी लेने की कोशिश करें और इस में जरा भी झिझकें नहीं कि पता चलेगा कि हम उन की पड़ताल कर रहे हैं तो कैसा लगेगा. आखिर यह पूरी जिंदगी का सवाल है.

‘‘अगर सोशल मीडिया पर लेनदेन संबंधित मैसेज दिखते हैं तो वे सही संकेत नहीं होते. ऐसे में उस परिवार से वहीं बात खत्म कर देनी चाहिए ताकि आगे कोई दिक्कत न हो, क्योंकि ये जीवन का बहुत ही अहम फैसला होता है, जिस के लिए आप खुद ही जिम्मेदार होते हैं. इसलिए बारबार जितना हो सके क्रौस चैक करना सही रहता है.’’

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