डॉक्टर उत्कर्ष गंगेरा , साइकोलोजिस्ट , यूनाइटेड वी केयर
इस चिंता से ज्यादा डरावना और बुरा कुछ नहीं हो सकता कि आपको बारबार आत्महत्या के विचार आते हैं. दुनिया भर में हर 40 सेकंड में एक व्यक्ति आत्महत्या कर लेता है. अमेरिका में की कई एक नई स्टडी के आंकड़ों से पता चलता है कि आत्महत्या की दर 30 साल में सबसे ज्यादा है, जिसमें 15 वर्षों में 24 प्रतिशत की बढ़ोतरी हुई है. एक ऐसा व्यक्ति जिसमें आत्महत्या के लक्षण दिखाई दे रहे हैं, उसे एक दोस्त, करीबी परिवार के सदस्य की ज़रुरत होती है, जो उसकी देखभाल कर सके. इसलिए यह जानना बहुत आवश्यक है कि हम क्या कर सकते हैं.
सुसाइडियल बिहेवियर या आत्महत्या की सोच के कुछ संकेत
मृत्यु या आत्महत्या के बारे में बात करना.
आत्महत्या करने के तरीकों के बारे में बात करना.
ज़्यादा डिप्रैशन, निराशा या खुद को जिम्मेदार समझना.
लापरवाह, हिंसक या खुद को नुकसान पहुंचाने वाला व्यवहार करना.
शराब या नशीली दवाओं का आदी हो जाना.
बिना किसी वजह के अचानक बहुत ज्यादा खुश दिखाई देना.
बिना वजह के ही किसी को भी अपना निजी सामान दे देना.
खुशी के मौकों पर भी खुश न रहना या कुछ पसंद न आना.
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आत्महत्या का विचार आने पर क्या करना चाहिए?
चाहें आप जिनती निराशा या दर्द महसूस कर रहे हों, हमेशा यह याद रखिए कि आप अकेले नहीं हैं. आपकी निराशा या दर्द का इलाज पूरी तरह संभव है और आपको एक नई दिशा दी जा सकती है. इस बात से कोई फर्क नहीं पड़ता कि आपकी कंडिशन क्या है. दुनिया में ऐसे बहुत से लोग हैं जिन्हें आपकी जरूरत है, ऐसी कईं जगह हैं, जहां आप अच्छा महसूस कर सकते हैं. आपके पास अपनी ऐसी यादें जरूर होंगी जो आपको याद दिलाएंगी कि जिंदगी कितनी खूबसूरत और कीमती है. आप अपने जीवन का सामना पूरी ईमानदारी और हिम्मत से किजिए. यह आपको यह अहसास कराएगा कि डिप्रैशन, चिंता या कोई और मानसिक रोग से आप कैसे लड़ सकते हैं.