पत्नियों द्वारा पतियों की हत्याओं के मामले कम नहीं होते पर जब भी होते हैं तो थोड़ा आश्चर्य पैदा करते हैं. सितंबर के पहले सप्ताह में हैदराबाद के डाक्टर लैफ्टिनैंट कर्नल की उस की पत्नी ने रसोई के चाकू से हत्या कर दी और पुलिस को सूचना जोड़े की 23 वर्षीय बेटी ने दी.
पत्नी की शिकायत थी कि पति मानसिक व शारीरिक प्रताड़ना देता है और एक रात उस का सब्र खत्म हो गया और उस ने पति की हत्या कर डाली. रसोई के चाकू से किसी की हत्या करना आसान नहीं है, क्योंकि उस के लिए बहुत ताकत चाहिए होती है और यदि कई बार चाकू घोंपा न जाए तो मौत नहीं होती. पत्नी ने आवेश में कई बार वार किया होगा और पति को बचने का मौका भी नहीं मिला होगा.
आमतौर पर पत्नी पति पर हाथ नहीं उठाती, क्योंकि उसे समझ होती है कि उस का बहुत बुरा असर बच्चों पर पड़ेगा. मांओं को अपने बच्चों का खयाल पिताओं से ज्यादा होता है और यह प्राकृतिक गुण है जो हर जीव में होता है. औरतों के इसी गुण का लाभ उठा कर सदियों से उन्हें दबाया जाता रहा है. समाज का गठन इस तरह का कर डाला गया है कि संतान के पैदा होते ही उस की सारी मिल्कीयत पिता के हाथों में चली जाती है, मां सिर्फ उसे दूध पिलाने या पालने वाली हाड़मांस की जीव रह जाती. बच्चों के नाम पर उसे पीढ़ी दर पीढ़ी कुरबानी देनी पड़ती है.
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