कोरोना वायरस से आज पूरी दुनिया परेशान हो रही है. इससे बचने के लिए लोग स्वच्छता और सोशल डिस्टेंगसिंग का पूरी तरह से पालन कर रहे है. जिससे इस वायरस से बचा जा सके, लेकिन क्या हम महिलाओं ने सोचा की कोविड-19 के समय में क्या करें, जब मासिक धर्म की तारीख के बाद ज्यादा रक्तस्राव हो या बिल्कुल नहीं हो, भले ही यह गर्भावस्था की स्थिति न हो, क्योंकि कोविड-19 महामारी के दौरान लड़कियां जांच कराने के लिए अस्पताल जाने में असमर्थ है. ऐसे समय में सी के बिरला होस्पिटल, गुरुग्राम की स्त्री रोग एवं प्रसूति विशेषज्ञ डाॅ. अरुणा कालरा असंतुलित हार्मोनल स्वास्थ्य के बारे में जानकारी दे रही हैं.

मासिक चक्र

हर महीने मासिक रक्तस्राव हमारी हार्मोनल अवस्था का एक स्वस्थ संकेत है. सामान्य मासिक चक्र हमें हमारी शारीरिक फिटनेस, मानसिक स्वास्थ्य और संतुलित जीवनशैली से अवगत कराता है.

यह हमारे प्रजनन स्वास्थ्य, हड्डियों की मजबूती, त्वचा की सूजन, बाल और दिल एवं दिमाग की सुचारू गतिविधि बनाए रखने वाले हार्मोनल ग्लैंड्स का एक बेहद महत्वपूर्ण नेटवर्क है।

हमारा मासिक चक्र ओवरियन और पिट्यूटरी हार्मोन से नियंत्रित होता है। मासिक चक्र की पहली आधी अवधि मुख्य तौर पर एस्ट्रोजेनिक चरण से जुड़ी होती है और बाद की अवधि में प्रोजेस्टेराॅन हार्मोन का असर देखा जाता है और हार्मोन कर स्राव हमारे शारीरिक और मानसिक स्वास्थ्य से प्रभावित होता है। हार्मोनल स्थिति बेहद नाजुक होती है.

मौजूदा समय में, कोविड-19 की वजह से पैदा हुई गंभीर स्थिति में कुछ भी सामान्य नहीं है और जिंदगी काफी बदल गई है और हमारे ऊपर दबाव बढ़ सकता है. यह दबाव न सिर्फ हमारे मानसिक स्वास्थ्य को, बल्कि हमारे हार्मोनल स्वास्थ्य को भी प्रभावित कर सकता हैं। अवसाद और चिंता हमारे मासिक चक्र को प्रभावित करते हैं और इस मौजूदा महामारी के दौरान हमारे लिए यह सामान्य बात है कि अगली तारीख में विलंब हो जाए या फिर मासिक चक्र की तारीख के बाद ज्यादा रक्तस्राव हो जाए.

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