बेहतरीन टीवी शो की हिस्सा बन चुकी अभिनेत्री संजीदा शेख मुंबई की है. उसने अपने कैरियर की शुरुआत टीवी शो ‘क्या होगा निम्मो का’ से की. इसके बाद क़यामत, क्या दिल मेंहै, एक हसीना थी, इश्क का रंग सफ़ेद आदि कई धारावाहिकों में काम किया है. वह हमेशा नयी कहानी और चुनौती वाली भूमिका पसंद करती है. उसकी ड्रामा फिल्म ‘तैश’ जी5 पर रिलीज हो चुकी है. उससे उसकी जर्नी के बारें में बात हुई,पेश है कुछ अंश.
सवाल- इस फिल्म को करने की वजह क्या है? आपकी भूमिका क्या है?
मेरी ये पहली फिल्म है, इसके अलावा निर्देशक विजय नाम्बियार के साथ काम करना भी मेरे लिए अच्छी बात रही है. उन्होंने बहुत अच्छा मौका मुझे अभिनय के लिए दिया और अच्छी तरह से इसे प्रेजेंट भी किया है. मैंने टीवी पर बहुत काम किया है. फिल्म के लिए एक अच्छे मौके की तलाश थी,जो मुझे मिली. सही वक्त में सही काम मिला है. इसमें मैं जहान की भूमिका निभाई है, जो बहुत ही इंटेंस और चैलेंजिंग था, क्योंकि इसमें मुझे पंजाबी में बात करनी थी, जो मुश्किल थी. निर्देशक ने वर्कशॉप रखा था. शूट में जाने से पहले सभी कलाकार अपने किरदार में घुस चुके थे. इसलिए अभिनय करने में कोई मुश्किल नहीं हुई.
सवाल- क्या निर्माता, निर्देशक के लिए जरुरी नहीं कि ओ टी टी प्लेटफॉर्म पर अच्छी कंटेंट डालें, ताकि पूरा परिवार साथ बैठकर उसे देख सकें?
सब निर्देशक की एक अपनी सोच होती है. विजॉय नाम्बियार कहानी को बहुत अच्छी तरीके से कहते है. इसमें थ्रिलर, इमोशन, एक्शन सब कुछ है. ये सही है कि परिवार के साथ बैठकर देखने वाली फिल्मों के कंटेंट अच्छे होने चाहिए. साथ ही किसी बोल्ड दृश्य को अच्छी तरह से अगर फिल्माया गया हो तो मुझे परिवार के साथ देखने में कोई ऐतराज नहीं होगा. कहानी के हिसाब से दृश्य होने चाहिए. इसके अलावा आज के दर्शकों की सोच बदली है. पहले अगर किसी सीन में ‘किस’ होता था, तो मेरी माँ टीवी के आगे खड़ी हो जाती थी. आज तो 3 साल के बच्चे को मोबाइल चलाना आता है. आप कितना उसे रोक सकते है. अभी मोबाइल फ़ोन सबका बेस्ट फ्रेंड बन चुका है. उसपर वे कुछ भी देख सकते है.
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सवाल-क्या आपका अभिनय में आना एक इत्तफाक था या बचपन से सोचा था?
मैं एक डांस टीचर थी, एकता कपूर ने मुझे डांस करते हुए देखा और उन्होंने मेरी पहली शो का ऑफर दिया, इसके बाद मैं लगातार टीवी पर काम करती रही. मेरी सफलता का श्रेय एकता कपूर को ही जाता है, क्योंकि अगर आपमें पोटेन्सियल है और किसी ने आपको कुछ करते हुए देखा है, तो आपको काम मिलेगा. वैसे भी आजकल सबको काम मिलते है. कुछ साल पहले ऐसा नहीं था.
सवाल- जब पहली बार आपने अभिनय के बारें में परिवार से कहा तो उनका रिएक्शन क्या था?
आज मैं जहाँ हूं, परिवार की वजह से हूं. उन्होंने बहुत सहयोग दिया है. मुझे बहुत ख़राब लगता है, जब मैं नए आये कलाकार को उनका परिवार सहयोग नहीं देते हुए सुनती हूं. एक इमोशन होता है, जिसे परिवार का साथ चाहिए. मेरे परिवार ने तो हमेशा साथ दिया है और वे मेरी कामयाबी से बहुत खुश है.
सवाल-आप एक्टर डांसर और टीवी प्रेजेंटर भी है, किसमें अधिक काम करने में मज़ा आता है?
मज़ा अच्छा परफॉर्म करने में आता है. मुझे कुछ भी दिया जाय, मैं उसे अच्छा करने की कोशिश करती हूं. दर्शकों का मेरे काम को देखकर अच्छा कहना मुझे बहुत ख़ुशी देती है.
सवाल-आप इस जर्नी से कितनी संतुष्ट है, क्या कोई रिग्रेट रह गया है?
मुझे कोई रिग्रेट नहीं. मैं अपनी जर्नी से बहुत खुश हूं. फिर चाहे वह रिलेशनशिप के साथ हो या कैरियर के साथ, मैंने अपनी जर्नी को बहुत एन्जॉय किया है. आगे भी करना चाहती हूं. सकारात्मक सोच के साथ काम करने की इच्छा है. पेंडेमिक ने सबको सिखा दिया है कि लाइफ में आपकी जरूरतें बहुत कम होती है. खुश रहना है, कल क्या होने वाला है, किसी को कुछ पता नहीं है.
सवाल-किस शो ने आपकी जिंदगी पर प्रभाव डाला है?
मैंने एक शो ‘एक हसीना थी’ किया था. मैंने उसमें दुर्गा ठाकुर की भूमिका निभाई थी. उस शो ने मेरी कैरियर को बदल दिया, क्योंकि इससे पहले लोग मुझे एक डांसर ही समझते थे, उस शो ने मुझे एक अच्छी एक्टर का ख़िताब दिया.
सवाल-कोई सामाजिक काम जिसे आप करना चाहती है?
सामाजिक काम घर से शुरू होता है. घर में ड्राईवर, कुक ,मेड आदि को अगर आप सहायता करते है तो वही बड़ी बात होती है. पेंड़ेमिक में बहुत सारे लोगों को भरपेट खाना नहीं मिला, ऐसे में जो मेरे पास है उन्हें ही अगर मैं दो वक़्त की रोटी दे सकूँ, तो वही मेरे लिए बड़ी बात होती है.
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सवाल-क्या कोई मेसेज देना चाहती है?
मैं महिला और पुरुष को हमेशा समान समझती हूं. मुझे वुमन पॉवर कहने वाली महिलाएं भी पसंद नहीं. मैं हर चीज को एक संतुलित तरीके से देखती हूं. महिलाओं से मेरा कहना है कि आप मजबूत रहिये और आप जो करना चाहती है, करें. साथ में अच्छी सोच रखिये ताकि आपके बच्चों की सोच भी अच्छी हो.