तनिष्क के हिंदूमुसलिम परिवारों में एकजुटता दिखाने के प्रयास को कट्टरपंथियों ने ‘लव जेहाद’ से जोड़ कर उस का विरोध किया. सोशल मीडिया पर उभरे विरोध के सामने टाटा जैसा बड़ा कारोबारी समूह घुटने टेकने को मजबूर हो गया.
धर्म के प्रचारक दूसरे धर्म वाले को शत्रु साबित करने पर तुले हुए हैं. देश के विचारक, बुद्धिजीवी, पत्रकार चुपचाप न केवल देख रहे हैं, बल्कि तमाम लोग इस दुष्प्रचार का हिस्सा भी बन गए हैं, क्योंकि धर्र्म के दुकानदारों से भिड़ने की हिम्मत किसी में नहीं बची है.
धर्म का कट्टरपन शादी के बहाने औरतों की आजादी और स्वतंत्र सोच को दबाना चाहता है. इस की वजह यह है कि धर्म औरतों को स्वतंत्र सोच लायक नहीं सम झता है. तनिष्क के विज्ञापन के विरोध से शुरू हुई लड़ाई ‘लव जेहाद’ और ‘गैर धर्म में शादी’ के मसले तक पहुंच गई है. इस विवाद की जड़ में प्रेम विवाह की खिलाफत भी है, जिस से सभी शादियां पंडित ही कराएं और इन के कर्मकांड कराने की आड़ में उन का रोजगार चलता रहे.
फैस्टिवल सीजन की शुरुआत में ज्वैलरी के प्रचारप्रसार के लिए टाटा गु्रप के तनष्कि ब्रैंड ने ‘एकत्वम’ नाम से विज्ञापन फिल्म यूट्यूब चैनल पर अपलोड किया थी. 43 सैकंड की इस विज्ञापन फिल्म को 9 अक्तूबर को रिलीज किया था. विज्ञापन में हिंदू लड़की की मुसलिम लड़के से शादी को दिखाया गया था.
क्या है विडियो में
वीडियो फिल्म में महिला की गोदभराई यानी बेबी शावर का फंक्शन दिखाया गया. मुसलिम परिवार हिंदू रीतिरिवाजों के हिसाब से सभी रस्मों को करता है. कार्यक्रम के अंत में गर्भवती महिला अपनी सास से पूछती है कि मां यह रस्म तो आप के घर में होती भी नहीं है न? तो इस पर उस की सास जवाब देती है कि बिटिया को खुश रखने की रस्म तो हर घर में होती है न?