REVIEW: जानें कैसी है अक्षय कुमार, धनुष और सारा अली खान की फिल्म Atrangi Re

रेटिंगः दो स्टार

निर्माताः आनंद एल राय, केप गुड फिल्मस, टीसीरीज

निर्देशकः आनंद एल राय

लेखकः हिमांशु शर्मा

कलाकारः अक्षय कुमार, धनुष, सारा अली खान, सीमा बिस्वास, अशोक बांठिया,

अवधिः दो घंटा 17 मिनट

ओटीटी प्लेटफार्मः हॉटस्टार डिजनी

पिछली फिल्म ‘‘जीरो’’ में बुरी तरह से मात खाने के बाद फिल्म सर्जक आनंद एल राय अपने पुराने ढर्रे यानी कि प्रेम व शादी के भंवर में उलझी कहानी लेकर ‘‘अतरंगी रे ’’ में वापस आए हैं. मगर तेज गति से भागती पटकथा के बावजूद अंततः फिल्म निराश करती है. फिल्मकार आनंद एल राय ने इस फिल्म में जिस तरह की गलतियां की हैं, कम से कम उनसे तो ऐसी उम्मीद नहीं थी.

कहानीः

फिल्म की कहानी सिवान (  बिहार) से शुरू होती है, जहां रेलवे स्टेशन पर ट्रेन से डॉ. वेंक्टेश विश्वनाथ उर्फ विशु(धनुष ) अपने मित्र व मनोचिकित्सक डॉ.  मधुसूदन (आशीश वर्मा ) के साथ ट्रेन से उतरते हैं, तो देखते हैं कि एक लड़की प्लेटफार्म पर भाग रही है, फिर वह लड़की साफ्ट ड्रिंक की बोटलें कुछ लोगों पर फेंकती है. अंतिम बोटल खुद पीती है और अंततः उन्ही लोगों के साथ कार में आकर बैठ जाती है. यह लड़की रिंकू(सारा अली खान) है, जो कि अपनी नानी (सीमा बिस्वास) और मामा गजेंद्र(अशोक बांठिया) के साथ रहती है. अब तक वह कई बार अपने प्रेमी के साथ भाग चुकी है. हर बार घर वाले उसे पकड़कर वापस ले आते हैं. मगर रिंकू अपने प्रेमी का नाम नही बताती. इस बार रिंकू की नानी सभी को आदेश देती है कि बिहार के बाहर का कोई लड़का पकड़कर लाओ, जिसके संग रिंकू की जबरन शादी करा दी जाए. यह लोग मूलतः तमिलनाडु निवासी और दिल्ली में मेडिकल की पढ़ाई कर रहे, पर किसी काम से सिवान पहुंचे वेंक्टेश विश्वनाथ उर्फ विशु को पकड़ लाते हैं. विशु को हंसने वाली गैस सुंघाकर उसके साथ बेहोश रिंकू की शादी करा कर दूसरे दिन दिल्ली की ट्रेन में बैठा देते हैं. ट्रेन में विशु व रिंकू दोनों एक दूसरे से कहते हैं कि वह इस शादी को नही मानते. विशु बताता है कि चेन्नई में उसकी प्रेमिका मंदाकिनी( डिंपल हयाथी) है, जिसके साथ अगले सप्ताह उसकी सगाई है. तो वहीं रिंकू एक अखबार में छपी तस्वीर दिखाकर बताती है कि यह उसका प्रेमी जादूगर सज्जाद अली खान(अक्षय कुमार) है. जब तक सज्जाद अली खान दिल्ली उसे लेने नहीं आता, तब तक विशू, रिंकू को अपने मेडिकल कालेज के होस्टल के कमरे में रखेगा. जब विशु अपनी प्रेमिका के साथ सगाई करने चेन्नई जाता है, तो रिंकू भी साथ में जाती है. जहां पर विशु व रिंकू की शादी का वीडियो वायरल होता है और विशु की शादी टूट जाती है. विशू दुखी मन रिंकू के साथ ही दिल्ली वापस आ जाता है. दोनों साथ में रहते हैं. कुछ दिन में रिंकू का प्रेमी सज्जाद अली खान वापस आ जाता है. पर इधर विशु व रिंकू में भी प्रेम पनपने लगता है. फिर कहानी एक नया व अजीबोगरीब मोड़ लेती है. क्लायमेक्स में पता चलता है कि रिकू की मां ने मुस्लिम लड़के सज्जद अली खान के साथ विवाह किया था, इसलिए उसकी आंखो के सामने साजिश कर उसकी नानी व मामा ने उसके माता पिता को जिंदा जला दिया था. खैर, अंत में रिंकू व विशु एक दूसरे को पति पत्नी स्वीकार लेते हैं.

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लेखन व निर्देशनः

इस फिल्म में भी आनंद एल राय की निर्देशकीय प्रतिभा पर प्रश्नचिन्ह नहीं लगाया जा सकता. मगर कहानी व पटकथा के स्तर पर काफी खामियां है. लेखक व निर्देशक ने फिल्म में इस बात को उठाने का असफल प्रयास किया है कि ‘कुछ लड़कियां अपने साथी में अपने पिता के प्रतिबिंब की तलाश करती हैं. ’’

फिल्म मानवीय कमजोरियों और निस्वार्थ प्रेम की बात करने के ेसाथ ही अतीत भूल वर्तमान को अपनाने की बात करती है, मगर जिस तरह से कहानीकार ने रूपक का उपयोग करते हुए कहानी गढ़ी, वह काफी जटिल हो गयी है. कई जगह कहानी भ्रमित करती है. शायद फिल्म ‘जीरो’ की असफलता उन्हे इस कदर परेशान कर रही थी कि इस बार ‘अतरंगी’ में ऐसे तत्व डाल दिए, जो कि गले नहीं उतरते. फिल्म में कुछ दृश्य बेमानी हैं. फिल्म को एडीटिंग टेबल पर कसे जाने की जरुरत थी. फिल्म में कई जगह तमिल संवाद हैं, जो कि दर्शकों को फिल्म से दूर ले जाते हैं. सारा अली खान के किरदार रिकू को गहराई देने में लेखक व निर्देशक दोनों विफल रहे हैं. फिल्मकार ने ‘सिजोफ्रेनिक्स और बाइपोलर‘ नामक मानसिक बीमारी का मजाक बनाकर रख दिया गया है. मानसिक बीमारी या दिमाग की बीमारी के इलाज की बातें करते समय लेखक व निर्देशक को सावधान रहना चाहिए. इस तरह के मुद्दे पर ‘सिनेमाई स्वतंत्रता’के नाम पर कुछ भी नही परोसा जा सकता. रिंकू या उसके प्रेमी के रूप में मुस्लिम धर्मावलंबी ही क्यों?मुहर्रम के जुलूस में मुस्लिम चरित्र क्यों  है? सिर्फ इसलिए कि एक और चरित्र खुद को उन्माद में कोड़ा मार सकता है?फिल्म में श्रेष्ठ मानवीय गुण करूणा का घोर अभाव है.

अभिनयः

देसी गर्ल ओर दिलेर नायिका रिंकू के किरदार में सारा अली खान का अभिनय बेहतरीन है. उन्होने अपने किरदार के साथ पूरा न्याय किया है. सारा अली खान बिहार की भाषा को पकड़ने में सफल रही है. धनुष ने अपनी पहचान के अनुरूप अच्छा काम किया है. इसमें उनकी कॉमिक टाइमिंग काफी अच्छी रही. अक्षय कुमार ने कहानी में अपने किरदार की नजाकत को समझते हुए इसे निभाया है. धनुष के दोस्त के रूप में आशीष वर्मा ने अपनी भूमिका मजबूती से निभाई है. अन्य कलाकार अपनी अपनी जगह ठीक हैं.

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