आजकल की भागदौड़ भरी दिनचर्या में सभी को बस एक ही शिकायत है कि यह काम करने समय का ही नहीं मिला यानी आज समय कम और काम ज्यादा हैं जिस के कारण कुछ काम अधूरे ही छूट जाते हैं. इसे आजकल की शब्दावली में कौग्निटिव ओवरलोड कहा जाता है.
कौग्निटिव ओवरलोड एक तरह की मानसिक थकावट की एक स्थिति है जो तब होती है जब हमारी वर्किंग मैमोरी पर लोड उस की क्षमता से अधिक हो जाता है और वह चीजों को याद नहीं रख पाती.
आजकल बच्चे हों या बड़े सभी दबाव में हैं. सभी के पास सूचनाओं और जानकारी की भरमार है. दिनभर इंटरनैट, सोशल मीडिया पर आती खबरें, जानकारी, अलर्ट और नोटिफिकेशन उन की मैमोरी को भरने का काम करते रहते हैं और दिमाग को पूरा समय व्यस्त रखते हैं जिस के कारण हमारी मैमोरी ओवरलोड हो रही है और हमें चीजों को याद करने में परेशानियों का सामना भी करना पड़ रहा है.
सिर्फ वही जानकारी या काम याद रख पा रहे हैं जो हमारी दिनचर्या का हिस्सा हैं या जिन कामों को हम रोज कर रहे हैं जैसे कंप्यूटर को शटडाउन करना, औफिस जाते समय घर को लौक करना, लाइट्स बंद करना, औफिस से घर लौटते समय दूध, ब्रैड आदि सामान लेना और व्यवस्थित रखना. यदि इस के आलावा कोई और ऐक्स्ट्रा काम यदि बीच में आ जाए तो उसे करने और याद रखने में परेशानी हो रही है क्योंकि यह ऐक्स्ट्रा काम हमारी औटोमैटिक मैमोरी का हिस्सा नहीं है.
अपनी मस्तिष्क यानी दिमाग की संरचना के हिसाब से हम एक बार में एक काम ही अच्छे से कर सकते हैं और यदि एक से ज्यादा काम करते हैं तो काम प्रभावित होता है और वह अच्छे से पूरा नहीं हो पाता है. ठीक इसी तरह जब किसी को एक बार में बहुत अधिक जानकारी दी जाती है या एकसाथ बहुत सारे कार्य दिए जाते हैं, जिस के परिणामस्वरूप जानकारी को मैमोराइज करने और फिर उस के अनुसार काम को करने में परेशानी का सामना करना पड़ता है या हम कार्य को अच्छे से कर पाने में सक्षम नहीं होते हैं.
अमूनन जानकारी और सूचना की अधिकता के कुछ लक्षण देखने को मिलते हैं. जैसे काम अच्छे से न कर पाना, भ्रम, निर्णय लेने में देरी, जानकारी, सूचना सही है या गलत उस की आलोचना का मूल्यांकन सही न कर पाना, सूचना पर नियंत्रण की हानि, जानकारी प्राप्त करने से इंकार, काम में गलती के प्रति अधिक सहनशीलता, चिंता, तनाव, आत्मविश्वास में कमी, नकारात्मकता बढ़ना आदि. इसलिए मैमोरी के ओवरलोड और कौग्निटिव ओवरलोड से बचने के लिए अनावश्यक कंटैंट से बनाएं दूरी. आजकल इंटरनैट आसानी से उपलब्ध है और इस पर जानकारी का असीमित भंडार है. ऐसे में धैर्य रखते हुए केवल वही कंटैंट देखना चाहिए जो आप के काम का हो. अनावश्यक कंटैंट और जानकारी से दूर रहने की कोशिश करना चाहिए ताकि अपने दिमाग को कुछ आराम दे सकें और मैमोरी ओवरलोड से बच सके.
करें डिस्कनैक्ट
कुछ समय के लिए दिन में कम से कम 1-2 घंटों के लिए खुद को मोबाइल और इंटरनैट की दुनिया से डिस्कनैक्ट करें और सारा फोकस या ध्यान खुद पर केंद्रित करें ताकि आत्मावलोकन कर सकें. इस के लिए मैडिटेशन और योग को अपनी दिनचर्या का हिस्सा बनाए रखें. ऐसा करने से निर्णय लेने की क्षमता में सुधार होगा और रचनात्मकता बढ़ेगी.
रुकावटें कम करें
एक समय में एक ही चीज पर काम करें. ईमेल, फोन कौल और अन्य संदेशों के जवाब देने के लिए प्रत्येक दिन एक समय निर्धारित करें. अपने साथ वालों को बताएं कि तुरंत रिप्लाई की अपेक्षा न करें. ऐसे अलर्ट को बंद करें जो आप की एकाग्रता को बाधित करते हों. ऐसा करने से कार्य करने की क्षमता में वृद्धि होगी साथ ही आत्मविश्वास भी बढ़ेगा.
सूचनाओं को करें फिल्टर
एक अच्छी मैमोरी के लिए हमें अपने मस्तिष्क को आराम देने की आवश्यकता होती है ताकि हम प्राथमिकता वाले अपने सारे कामों पर अच्छे ढंग से ध्यान केंद्रित कर सकें क्योंकि आजकल जानकारी की अधिकता के कारण हम मैमोरी में बहुत अधिक मात्रा में जानकारी संग्रहित करने की कोशिश करते हैं और ऐसा कर के लगातार सिस्टम और मस्तिष्क पर भार डालते हैं जिस की वजह से मस्तिष्क को आराम नहीं मिलता और वह धीरेधीरे याद रखने की क्षमता को खोने लगता है. इस से बचने के लिए अपनी सूचनाओं को फिल्टर करें यानी वही जानकारी पढ़ें या देखें जो आप के काम की हो.
काग्निटिव ओवरलोड से बचने के लिए करें ये उपाय
जटिल कामों के बीच में ब्रेक लेते रहें ताकि दिमाग को आराम मिल सके. द्य सूचनाओं और जानकारी को छोटेछोटे हिस्सों मे बांट लें ताकि उन्हें याद रखने में परेशानी न हो और आप उन पर अच्छे से काम कर पाएं.
द्य अनुशासित और व्यवस्थित दिनचर्या अपनाएं ताकि सारे काम समय पूरा हो सकें और आप कुछ समय सुकून से बैठ सकें एवं तनाव से दूर रहें और रात में भरपूर नींद ले सकें ताकि अगले दिन ऊर्जा से भरे हुए रहें और अपना पूरा फोकस काम पर अच्छे से लगा पाएं.
कामों की प्राथमिकता तय करें
अपने कामों की प्राथमिकता के अनुसार उन की सूची बनाएं और उस के अनुसार काम करें. यदि कुछ काम ऐसे हों जिन्हें आप एकसाथ कर सकते हों उन्हें करें जैसे महिलाएं खाना बनाते हुए किसी से बात कर सकती हैं या कुछ और काम जैसे कपड़ों की तह लगाना, बरतन जमाना, सब्जी धोना आदि पूरे कर सकती हैं, बच्चों को होमवर्क कराते हुए बीच में चाय आदि बना सकती हैं.
ऐसा कर आप समय की बचत कर सकती हैं
और बचे हुए समय में उन कामों को कर सकती हैं जो एकसाथ नहीं किए जा सकते जैसे सिलाईबुनाई, पेंटिंग, कपड़े धोना, औफिस का कोई काम करना आदि, साथ ही उन कामों को पहले करें जो जल्दी हो जाएं और कम थकाने वाले हों.
करें समय का सही प्रबंधन
अपने कामों की सूची उसे पूरा करने की समय सीमा और काम को करने में कितना समय लगेगा के अनुसार बनाएं ताकि आप के पास जो समय है और जो काम पहले पूरा करना है उसे दे सकें. कुछ काम एकसाथ करना संभव हो तो कामों को उन की जटिलता के हिसाब से बांटें और उस के अनुसार उन्हें समय दें.