रेटिंगः तीन स्टार
निर्माताः जेम्स कैमरून और जॉन लैंडयू
लेखक: जेम्स कैमरून , रिक जफा , अमांडा सिल्वर , जोश फ्रीडमैन और और शेन सलेरनो
निर्देशकः जेम्स कैमरून
कलाकारः सैम वर्थिंगटन , जो सल्डाना , सिगरनी वीवर , स्टीफन लैंग और केट विंसलेट व अन्य
अवधिः तीन घंटे 15 मिनट
2009 में हौलीवुड के मशहूर निर्देषक जेम्स कैमरुन की फिल्म ‘‘अवतार’’ के साथ भारतीय दर्शकों ने भी एक नाता जोड़ लिया था,क्योंकि इस फिल्म में पारिवारिक मूल्यों के मानवीय भावनाओं और अद्भुत स्पेशल इफेक्टस था.इसी वजह से जब भारतीय दर्शकों को पता चला कि जेम्स कैमरून तेरह वर्ष बाद अपनी फिल्म ‘अवतार’ का सिक्वअल ‘‘अवतार द वे आफ वाटर’’ लेकर आ रहे हैं,तो भारतीय दर्शक इस फिल्म का बेसब्री से इंतजार करने लगे थे.इसका अंदाजा इसी बात से लगाया जा सकता है कि वीकेंड की एडवांस बुकिंग में तकरीबन चार लाख से भी ज्यादा के टिकट बिक चुके हैं.अब यह फिल्म सोलह दिसंबर को भारतीय सिनेमाघरों में अंग्रेजी के साथ ही हिंदी, तमिल, तेलुगु, मलयालम व कन्नड़ भाषा में पहंुच रही है.अफसोस जिन्हे 2009 की ‘‘अवतार’’ याद है,उन्हें ‘‘अवतार द वे आफ वाटर’’ देखकर थोड़ी निराशा होगी.फिर भी कुछ कमियों के बावजूद लगभग 3500 करोड़ रुपये की लागत वाली इस फिल्म को थ्री डी में देखने पर रोमांचक अनुभव होते हैं.
कहानीः
‘अवतार‘ के दूसरे भाग यानी कि ‘अवतार द वे आफ वाटर’ की कहानी दस साल आगे बढ़ चुकी है. ‘अवतार’ में पेंडोरा पर इंसानों को मूल्यवान खनिज की खोज थी.इस फिल्म में नीली चमड़ी, सुनहरी आंखें, बंदरों की तरह पूंछ और लंबी चैड़ी कद काठी वाले नावी समुदाय के लोग शांति से अपने पेंडोरा ग्रह पर रह रहे हैं.लेकिन इस बार पेंडोरा पर पृथ्वी वासियों,जिन्हें पेंडोरा के लोग आकाशीय प्राणी कहते हैं,का आतंक बढ़ गया है.परिणामतः पेंडोरा के इंसानों को लग रहा है कि इस धरती पर रहना मुश्किल है और वह अपने दुश्मन का मुकाबला करने की बजाय परिवार को सुरक्षित रखने के लिए एक नए गृह की तलाश में हैं पेंडोरा पर नावी समुदाय के जैक सुली (सैम वर्थिंगटन) एक परिवारिक इंसान की तरह अपनी प्यारी पत्नी नेतिरी (जो सलदाना) और चार बच्चों के साथ खुशहाल जीवन बिता रहा है.उनके चार बच्चों में दो बेटे नेतेयम (जैमी फ्लैटर्स), लोक (ब्रिटेन डाल्टन) और एक बेटी टुक (ट्रिनिटी जो ली ब्लिस) है.उन्होंने एक बेटी कीरी (सिगर्नी वीवर) को गोद भी लिया है.वह हंसी खुशी अपना जीवन व्यतीत कर रहे हैं.साथ ही इंसानी बच्चा स्पाइडर (जैक चैंपियन) है. दिन प्रति दिन अपने बच्चों को बढ़ते देखना माता-पिता के रूप में सली और नेतिरी के लिए सुखद अहसास है.मगर उनकी हंसती-खेलती जिंदगी पर उस वक्त नजर लग जाती है,जब धरती के लोग मृत कर्नल माइल्स की समृतियों और डीएनए से बनाए गए कर्नल क्वारीच के अवतार को सुली से प्रतिशोध लेने के मिशन पर लगा देते हैं.कर्नल क्वारीच के साथ
आधुनिक हथियारों से लैस टुकड़ी का एकमात्र मकसद है सुली से बदला लेना है.वह सुली के बच्चों पर हमला करके स्पाइडर को बंधक बना अपने साथ ले जाता है.इससे सुली का परिवार और नावी समुदाय खुद को खतरे पाता है.पिछली फिल्म की तरह इस बार सुली युद्ध को न चुनकर अपने परिवार की रक्षा के लिए अपनी सरदारी छोड़ देता है. और सुरक्षित जगह की तलाश अपने समुदाय के साथ निकल पड़ता है. फिर ख्ुाद को जल जीव मानने वाले मेटकायनासमुदाय के टोनोवारी (क्लिफ करटिस) की शरण में पहुॅच जाता है.वहां के निवासी जलक्रीडा में माहिर हैं.यानी समुद्र के अंदर वह उतनी ही सहजता से रहते हैं, जितनी सहजता से सुली का परिवार घने जंगल में रहता था.अब नावी समुदाय के लोग वहां के रहने के तौर तरीके सीखते हैं. यॅूं तो शुरुआत में सुली और टोनावरी के बच्चों के बीच तीखी झड़प होती हैं, मगर टोनावरी की बेटी हमेशा ही सली के बच्चों के प्रति सहयोगी रवैया अपना कर उन्हें नए माहौल में ढलने में मदद करती है.अभी सुली और उसका परिवार सागर के साथ रहने के तौर-तरीके सीख ही रहा था कि कर्नल क्वारीच, स्पाइडर और हथियारांे से सुसज्जित अपनी टुकड़ी के साथ आ धमकता है.इतना ही नही क्वारीच के साथ पृथ्वी का वैज्ञानिक भी है, जो पायकन नामक विशालकाय व्हेल मछली के मस्तिष्क से ऐसा द्रव्य निकालने के मिशन पर है, जो इंसानों को अमरत्व दे सकता है.इस
बीच सुली के बेटे लोक की दोस्ती पायकन से हो जाती है.कुल मिलाकर सुली के कारण टोनोवरी समुदाय पर भी खतरा मंडराने लगता है.तो अब सुली या टोनोवरी समुदाय क्या करेगा?
लेखन व निर्देशनः
मैं कनाडियन फिल्म निर्देशक जेम्स कैमरून का प्रशंसक हॅूं.मुझे उनकी कई फिल्में काफी पसंद हैं.जिनमें ‘टर्मिनेटर 2’,‘टू लाइज’,‘टाइटानिक’ व ‘अवतार’ का समावेष है.उनकी इन फिल्मों में भगोड़ों की कहानी नही रही.पहली बार उन्होने ‘अवतार द वे आफ वाटर’ में सुली को अपने समुदाय को पैंडोरा रहकर पृथ्वी वासियो से लड़ने की बजाय परिवार की सुरक्षा के नाम पर पैंडोरा यानी कि जंगल छोड़कर सागर के किनारे बसे जल जीवियों की शरण में पहुंचकर भटक जाते हैं.और उनका सारा ध्यान शत्रु की गतिविधियों पर नजर की बजाय सागर अर्थात जल जीवी बनने की तरफ हो जाता है.तीन घंटे 15 मिनट की फिल्म में से एक घ्ंटे से अधिक फिल्म में नावी समुदाय के बच्चों जल में तैरना सीखते रहते हैं.लेखक व निर्देशक की यह सबसे बड़ी चूक है.पानी के भीतर के दृश्यों में काफी दोहराव है.इसे एडीटिंग टेबल पर कसे जाने की जरुरत थी.अब जबकि दो घ्ंाटे की अवधि वाली फिल्मों का दौर चल रहा है,उस दौर में
सवा तीन घंटे लंबी फिल्म दर्शकों के सब्र का इम्तहान लेने वाला ही है.सुली व नावी समुदाय के लोग जानते है कि स्पाइडर,जो कि उनके हर राज से वाकिफ होने के साथ ही नावी समुदाय की भाषा में बातें भी करता है,कर्नल क्वारीच का बेटा है.ऐसे में सुली व नावी समुदाय का सतर्क न रहना भी लेखक व निर्देशक की कहानी के स्तर पर कमजोर कड़ी है.‘अवतार’ की तरह ‘अवतार द वे आफ वाटर’ में पारिवारिक रिश्तों को ठीक से बुना नहीं गया है.लेकिन फिल्मकार ने नेतिरी के शोक और पायकन की कहानी से करुणा को उकेरा है.विभत्स और भयानक रस को लाने के लिए जेम्स कैमरून इंसानी फितरत का सबसे घृणित रूप भी सामने लाते हैं. निर्देशक जेम्स कैमरून ,मेटकायना कबीले पर रहने के लिए वहां के लोगों की स्वीकृति हासिल करने की दिक्कतों को बहुत अच्छी तरह से चित्रण करने में सफल रहे हैं.इस फिल्म का सशक्त पक्ष इसका वीएफएक्स है.यह फिल्म मूल फिल्म ‘अवतार’ की यादों को भी ताजा करती है. हवा में पक्षीराज के साथ कलाबाजियां जहां मूल फिल्म का आकर्षण थीं वहीं पानी के तलहटी में प्राकृतिक सुंदरता, कबीलेवासियों की कलाबाजियां, पानी के बीच उनकी अठखेलियां, दुश्मन
के साथ लड़ाई इस बार का विशेष आकर्षण हैं. फिल्म में जल की अहमियत पर रोषनी डालने वाले संवादो में से एक संवाद -‘‘हमारे जन्म से पहले और हमारे मरने के बाद समुद्र हमारा घर है.’ कई बार दोहराया गया है.मगर पृथ्वी पर जल की निरंतर हो रही कमी पर यह फिल्म खामोश रहती है. फिल्म के क्लायमेक्स के फिल्मांकन में भी निर्देशक मार खा गए हैं.क्लायमेक्स में जब कर्नल क्वारीच व उसकी
टुकड़ी आती है,तब सुली व नेतिरी के साथ मेटकायना समुदाय के राजा, रानी और उनके समुदाय के लोग भी आते हैं,पर कुछ देर बाद वह कहीं भी नजर नहीं आते? वजह पता नही चलती.
अभिनयः
सैम वर्थिंगटन और जोई सलदाना ने मूल फिल्म की तरह यहां पर भी अपने पुराने चरित्र की लय को बरकरार रखा है.इस बार का खास आकर्षण जेक का बेटा लोक (ब्रिटेन डेल्घ्टन) है.किरी का पात्र काफी रहस्यमय है.केट विंसलेंट और क्लिफ करटिस अपनी भूमिका में जंचते हैं.