9 महीने तक एक मां के गर्भ में रहने के बाद, एक नवजात शिशु का बाहरी दुनिया में ख़ुशी और पूरे दिल से स्वागत किया जाता है. एक नवजात शिशु की स्किन और आंखें बहुत नाजुक और संवेदनशील होती हैं, नए वातावरण में आने के बाद, शिशु को रिएक्शंस और एलर्जी का खतरा हो जाता है. इसमें कोई आश्चर्य नहीं, कि शिशु की स्किन को अत्यधिक देखभाल की आवश्यकता होती है.
अपने बच्चे की कोमल स्किन और कोमल गालों पर आप सर्दियों के महीनों में कुछ रूखापन देख सकते हैं. सर्दियों के महीनों में हवा बहुत खुश्क हो जाती है, यह अक्सर स्किन की नमी को नुकसान पहुंचा सकती है, विशेष रूप से बच्चे की स्किन पर.
सभी शिशुओं की स्किन बहुत नाजुक और कोमल होती है, और बड़ो की तुलना में अधिक संवेदनशील है. इसलिए, शिशु की स्किन को उन प्रोडक्ट्स के साथ सुरक्षित करने की आवश्यकता है जो कोमल स्किन पर रूखेपन को रोक सकते हैं. कुछ सरल विंटर केयर टिप्स के साथ, नए माता-पिता अपने शिशु के साथ किसी भी चिंता के बिना सर्दियों के मौसम का आनंद ले सकते हैं.
मॉइस्चराइजेशन पहली चीज है जो हमारे दिमाग में आती है जब हम रूखी स्किन के बारे में बात करते हैं, पर हम अक्सर उन प्रोडक्ट्स को अनदेखा करते हैं जो हम शिशु की स्किन को धोने के लिए उपयोग करते हैं ताकि स्किन की नमी और स्वास्थ्य बना रहे . नीचे कुछ शिशु को नहलाने के लिए सही प्रोडक्ट्स बताये गए है:
बाथिंग जेल –
यह 100% साबुन मुक्त फार्मूला से बनाया गया है जो शिशु की नाजुक स्किन को जेंटली साफ करता है. यह नो टियर्स फार्मूला इस तरह बनाया जाता है की यह शिशु की नाजुक आंखों को कोई नुकसान नहीं पहुंचाएगा. यह मैरीगोल्ड और ग्लिसरीन जैसी प्राकृतिक चीज़ो से मिलकर बना है और यह हर रोज शिशु की नाजुक स्किन के लिए प्रयोग किया जा सकता है जिससे शिशु की स्किन सॉफ्ट और मॉइस्चरीज़ड बनी रहे.
- बेबी सोप –
एक साबुन जो हाइड्रेटिंग, सूथिंग और मॉइस्चरीसिंग हो, वो शिशु कि रुखी स्किन में नमी बनाए रखने के लिए सबसे अच्छा है. ग्लिसरीन, एलो-वेरा और ओलिव फ्रूट आयल जैसे नेचुरल तत्वों से बने साबुन एक लम्बे समय तक नमीयुक्त और स्वस्थ स्किन बनाए रखने में सहायक होते है और याद रखें की शिशु की स्किन को रगड़े नहीं, धीरे से धोएं, थपथपाएं और नर्म टॉवल से उनका शरीर पोछें.
- बॉडी वॉश और शैम्पू –
शिशु के बालों और स्किन की देखभाल करना एक बहुत ही महत्वपूर्ण नियम है और शिशु की स्किन को सही मॉइस्चराइजेशन प्रदान करने के लिए ग्लिसरीन और ओट्स जैसे प्राकृतिक गुणों वाले प्रोडक्ट्स का इस्तेमाल करना चाहिए क्योंकि कभी-कभी शिशु को नहलाने से स्किन की नमी को नुकसान होता है. ओट्स गंदगी और तेल को हटाने के लिए प्राकृतिक कंडीशनर और क्लींजर के रूप में काम करता है और ग्लिसरीन नमी की कमी को रोकता है. ओट्स में एंटी-ऑक्सीडेंट गुण भी होते हैं जो स्किन को मुलायम और नमीयुक्त बनाता है.
शिशु की कोमल स्किन के लिए उन प्रोडक्ट्स को इस्तेमाल में लाएं जो 100% डर्मटोलॉजिकली टेस्टेड हो, पैराबेन मुक्त हो,SLS / SLES, मिनरल आयल, सिलिकॉन , रंग और डाई मुक्त हो.
नए माता-पिता को चाहिए कि वे अपने नवजात शिशुओं की देखभाल के लिए इन बातो को ध्यान में रखें.
बेबी को का बाथ-टाइम कम रखें – टब में लंबे समय तक शिशु को न बैठाये और स्नान का समय शिशु के लिए सीमित रखें जिससे उसकी स्किन खुश्क और रूखी न हो. अधिक ठंड के दिनो आप एक गर्म वॉशक्लॉथ की मदद से शिशु को क्लीन कर सकती है . स्किन में नमी बनाये रखने के लिए पानी गुनगुना रखें.
सही मॉइस्चराइजर का उपयोग करें-
बहुत रूखी या सेंसिटिव स्किन वाले शिशुओं के लिए, उन प्रोडक्ट्स का प्रयोग करे जिनमें बिना रासायनिक योजक के मॉइस्चराइजिंग गुणों के साथ पानी और रिच आयल दोनों होते हैं. सर्वोत्तम परिणामों के लिए, नहाने के समय के बाद जब आप एक टॉवल के साथ स्किन को पोंछते हैं, तो उसके तुरंत बाद, बच्चे की स्किन को मॉइस्चराइज करें ताकि स्किन इसे अच्छी तरह से सोक कर ले.
हीटर का प्रयोग ज्यादा न करें –
ठंड के मौसम में, आपको अपने घर में हीटर इस्तेमाल करने की सलाह दी जाती है, लेकिन गर्म हवा से स्किन और भी अधिक रूखी हो सकती है इसीलिए हीटर का प्रयोग ज्यादा न करे.
राजेश वोहरा, चीफ एग्जीक्यूटिव ऑफिसर, आर्ट्साना ग्रुप, इन एसोसिएशन विथ कीको ऑब्जर्वेटरी से बातचीत पर आधारित