4 टिप्स: बेबी की स्किन रहेगी हमेशा सौफ्ट

नवजात और बड़ों की स्किन में कुछ खास अंतर होते हैं जैसे नवजात की एपिडर्मिस यानी बाह्य स्किन बड़ों की तुलना में काफी पतली होती है. नवजात की पसीने की ग्रंथियां बड़ों की तुलना में कम काम करती हैं, जिस से स्किन नमी जल्दी सोखती भी है और जल्दी खो भी देती है. इस के अलावा नवजात की स्किन बहुत कोमल भी होती है. आइए, जानते हैं कि शिशु की कोमल स्किन को इन समस्याओं से कैसे सुरक्षित रखा जा सकता है:

1. उत्पादों के लेबल जरूर पढ़ें

यदि किसी बेबी स्किन केयर प्रोडक्ट पर हाइपोऐलर्जिक लिखा है तो इस का मतलब यह है कि हो सकता है कि उत्पाद के इस्तेमाल से शिशु को ऐलर्जी हो जाए. जरूरी नहीं कि ऐसा उत्पाद शिशु की स्किन के लिए सुरक्षित हो. ऐसे में नैचुरल उत्पादों को प्राथमिकता दें. यदि उत्पाद की सामग्री में थैलेट और पैराबीन हो तो उसे बिलकुल न खरीदें.

यों तो नैचुरल बीबी केयर उत्पाद नवजात के लिए सुरक्षित होते हैं, लेकिन यदि परिवार में किसी को ऐलर्जिक अस्थमा इत्यादि की समस्या रही हो तो संभव है कि शिशु को भी किसी खास हर्ब से ऐलर्जी हो. ऐसे में डाक्टर की सलाह से ही बेबी स्किन केयर उत्पाद खरीदें.

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2. गरमी में बेबी मसाज

कई नई मांएं इस डर से गरमी में शिशु की मालिश करना बंद कर देती हैं कि कहीं उसे हीट रैशेज न हो जाएं. ऐसा कतई न करें, क्योंकि मालिश हड्डियों को मजबूत बनाने के साथसाथ शिशु के नर्वस सिस्टम को भी फायदा पहुंचाती है. हां, इस मौसम में मालिश के लिए नारियल तेल, औलिव औयल या फिर बाजार में मौजूद कोई भी हलका मसाज औयल इस्तेमाल करें, साथ ही यह भी सुनिश्चित करें कि उसे नहलाते समय तेल उस के शरीर से पूरी तरह निकल जाए. ऐसा न होने पर उस के रोमछिद्र बंद हो सकते हैं और उसे हीट रैशेज की समस्या हो सकती है.

3. बेबी ड्रैस ऐंड रूम टैंपरेचर

आप को यह नई बात लग सकती है, मगर इस का ध्यान रखना जरूरी है. इस के लिए बारबार रूम टैंपरेचर चैक करने की जरूरत नहीं है, बस उसे ब्रीदिंग फैब्रिक वाले कपड़े पहनाएं. शिशु हैड और फेस के जरीए हीट रिलीज कर बौडी टैंपरेचर को नियंत्रित करता है, इसलिए उसे सुलाते समय उस का सिर और चेहरा कवर न करें. ऐसा करने से वह ओवरहीट हो सकता है. इस का शिशु की स्किन पर भी गहरा असर पड़ता है. सौफ्ट फैब्रिक न होने से जहां शिशु को स्किन इरिटेशन की समस्या हो सकती है, वहीं कमरा ज्यादा ठंडा होने से उस की स्किन ड्राई भी हो सकती है.

4. स्किन हाइजीन के लिए वाइप्स

ज्यादातर मांएं नवजात को ब्रैस्ट फीड कराने, डायपर बदलने या उस का मलमूत्र साफ करने के लिए कपड़े का इस्तेमाल करती हैं. ऐसा करना न सिर्फ शिशु के हाइजीन के लिए खतरनाक है, बल्कि उस की कोमल स्किन को भी नुकसान पहुंचाता है. कई बार तो सुबह से ले कर शाम तक शिशु के गले में एक ही बिब बंधा रहता है, जिस का इस्तेमाल दिनभर उस का मुंह साफ करने के लिए किया जाता है. ये सभी विकल्प शिशु की स्किन से कोमलता को छीन लेते हैं और उसे बैक्टीरिया के संपर्क में ला देते हैं. आजकल बाजार में खासतौर पर नवजात के लिए तैयार किए गए बेबी वेट वाइप्स उपलब्ध हैं, जो उस की स्किन को बिना नुकसान पहुंचाए उसे साफ करते हैं. इन के इस्तेमाल से शिशु की स्किन पर रैशेज भी नहीं पड़ते.

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ध्यान रखें कि जन्म से 1 साल तक नवजात की स्किन बेहद कोमल होती है और छोटीमोटी स्किन संबंधी समस्याओं के लिए स्किन बैरियर बना रही होती है. अत: इस दौरान उस की स्किन की ऐक्स्ट्रा केयर न की जाए तो उसे स्किन से जुड़ी कौमन प्रौब्लम्स का शिकार होना पड़ सकता है.

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