क्रैडल कैप से कैसे डील करें यह प्रोब्लम बहुत ही छोटे बेबीज में देखने को मिलती है, जिस के कारण आप को उन की स्कैल्प पर यलो या फिर ग्रीसी पैच दिखने लगते हैं. कई बार ये आप को अपने बेबीज के माथे, आईब्रो व कानों के आसपास भी देखने को मिल जाएंगे. ये वैसे तो धीरेधीरे कुछ समय में निकल जाते हैं, लेकिन अगर आप अपने बच्चे की स्कैल्प को क्लीयर व साफसुथरा देखने के लिए हाथ से उसे निकालेंगी तो उस की सैंसिटिव स्किन को नुकसान हो सकता है. यह समस्या अकसर हेयर फौलिकल्स के आसपास स्किन ग्लैंड्स के द्वारा अत्यधिक औयल का उत्पादन करने के कारण पैदा होती है. यह समस्या वैसे तो खुदबखुद ठीक हो जाती है, लेकिन अगर स्थिति में कोई सुधार न आए तो तुरंत डर्मैटोलौजिस्ट को दिखाएं.
बच्चों की स्किन बहुत सैंसिटिव होती है, इसलिए हम उस पर बिना सोचेसमझे कोई भी प्रोडक्ट यूज नहीं कर सकते खासकर के वे प्रोडक्ट्स जिन्हें हम अपनी स्किन पर इस्तेमाल करते हैं क्योंकि उन की कोमल स्किन को तो सौफ्ट, कैमिकल फ्री व जैंटल प्रोडक्ट्स की जरूरत होती है.
इस संबंध में जानते हैं एशियन इंस्टिट्यूट औफ मैडिकल साइंसेज के डर्मैटोलौजिस्ट डाक्टर अमित बांगया से:
शावर में नो मिस्टेक
बेबी को जब भी आप नहलाएं तो हलके कुनकुने पानी से ही नहलाएं. इस से आप का बेबी सेफ रहने के साथसाथ उस की स्किन को भी कोई नुकसान नहीं पहुंचेगा क्योंकि बेबी की स्किन व सिस्टम दोनों ही सैंसिटिव जो होते हैं. इस बात पर भी ध्यान दें कि बेबी को सिर्फ 4-5 मिनट का ही बाथ देना है वरना ज्यादा देर बाथ देने से स्किन पर रैशेज, ड्राइनैस व उस के ज्यादा सैंसिटिव होने के कारण उस के पील होने के चांसेज ज्यादा रहते हैं.
अगर आप बेबी बाथ के समय इन बातों का ध्यान रखती हैं तो आप के बेबी की स्किन सौफ्ट रहने के साथसाथ हैल्दी भी बनी रहती है.
आफ्टर बाथ मौइस्चराइजर
अब सवाल यह है कि बेबी का मौइस्चराइजर कैसा हो? इस के लिए आप अच्छी गंध देख कर मौइस्चराइजर का चयन न करें किसी की देखादेखी नहीं और न ही यह सोचें कि पिछली बार हम ने अपने फर्स्ट बेबी के लिए यह प्रोडक्ट यूज किया था तो इस बार भी यही करेंगे. यह जान लें कि हर बच्चे की स्किन अलग होती है और वह अलग तरह से रिएक्ट करती है.
ऐसे में आप जब भी अपने बेबी के लिए मौइस्चराइजर का चयन करें तो वह कैमिकल, पैराबिन व फ्रैगरैंस फ्री होना चाहिए. कोशिश करें कि आप जिंक औक्साइड वाला मौइस्चराइजर या फिर जैंटल मौइस्चराइजर का ही इस्तेमाल करें क्योंकि यह बेबी की स्किन पर बैरियर का काम करता है ताकि स्किन को ऐक्स्ट्रा केयर के साथसाथ ऐक्स्ट्रा प्रोटैक्शन भी मिल सके.
बेबी पाउडर चूज करें रिसर्च के साथ
अपने बेबी के लिए किसी भी बेबी पाउडर का चयन कर लेना सही नहीं है. मार्केट में आप को कई ब्रैंड की बेबी पाउडर देखने को मिल जाएगा, लेकिन आप के लिए सही यही है कि खुद रिसर्च कर के या फिर डर्मैटोलौजिस्ट की सलाह के बाद ही अपने बच्चे के लिए बेबी पाउडर का चयन करें.
आप बेबी के लिए जिंक औक्साइड वाले जैंटल बेबी पाउडर का चयन कर सकती हैं क्योंकि इस में हैं आप के बेबी की स्किन को कूल, फ्रैश और हैप्पी फील करवाने वाली प्रौपर्टीज, साथ ही इस में हीलिंग प्रौपर्टीज होने के कारण यह स्किन को स्मूद बनाने का भी काम करता है. वहीं अगर बेबी पाउडर में नैचुरल ऐक्टिव जैसे राइस स्टार्च हों तो वे बेबी की सैंसिटिव स्किन को प्रोटैक्ट करने का काम करता?है. यह स्किन पर ब्रीदेबल लेयर बनाता है, जिस से पोर्स के क्लोग होने की समस्या नहीं होती है.
एलैनटोइन करे स्किन को रिपेयर
बेबी चैन की नींद सोए, इस के लिए कारण पेरैंट्स अपने बेबी को हमेशा डायपर पहना कर रखते हैं जो स्किन पर रैशेज, रैडनैस व इचिंग का कारण बनता है. ऐसे में जरूरी है कि थोड़ीथोड़ी देर में नैपी बदलती रहें और जितना हो सके, उस की स्किन को ड्राई रखें. आप बेबी की स्किन पर एलैनटोइन इनग्रीडिएंट युक्त मौइस्चराइजर, लोशन या फिर पाउडर का इस्तेमाल करें क्योंकि ये सैंसिटिव स्किन के लिए भी परफैक्ट होने के साथ स्किन को ऐक्सफौलिएट कर उसे हील करने का काम करता है, जिस से स्किन सौफ्ट व स्मूद बनी रहती है.