मेरे मुंह से हमेशा बदबू आती है, जिस कारण मुझे कई बार शर्मिंदा होना पड़ता है, क्या करूं?

सवाल

मैं 22 साल का हूं. मेरे मुंह से हमेशा बदबू आती है, जिस कारण मुझे कई बार शर्मिंदा होना पड़ता है. कई उपाय अपनाए, लेकिन समस्या से राहत नहीं मिली. कृपया इस का इलाज बताएं?

जवाब

हमारा मुंह एक प्रकार से फूड प्रोसैसर की तरह होता है, जहां भोजन लार के संपर्क में आ कर घुलतामिलता है. वहां से भोजन पेट तक पहुंचता है, जहां वह छोटेछोटे टुकड़ों में बंट जाता है. दरअसल, लार में ऐंजाइम्स मौजूद होते हैं, इसलिए अगर खाना ढंग से न चबाया जाए तो उसे हमारा शरीर ठीक से ग्रहण नहीं कर पाता है, जिस के कारण बदबू की समस्या होती है.

हर कोई स्वस्थ चमकीले दांत तो चाहता है, लेकिन डाक्टर की सलाह के बाद भी दांतों की सफाई कराने से डरता है. कई लोगों का मानना है कि दांतों की सफाई कराने से वे कमजोर पड़ जाते हैं और भविष्य में और कई समस्याएं पैदा हो सकती हैं. स्कैलिंग यानी दांतों की सफाई की प्रक्रिया सुनने में ही खतरनाक लगती है, जबकि असल में यह आराम से पूरी हो जाती है. अगर आप इस डर से बाहर आ कर दांतों की सफाई करा लेते हैं, तो इस से बेहतर कुछ और नहीं. दांतों की नियमितरूप से सफाई करना जरूरी है. कुछ भी खाने के बाद कुल्ला करें और रात को सोने से पहले ब्रश करना न भूलें.

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सवाल

मैं 25 वर्षीय कामकाजी महिला हूं. मेरे कई दांत हिलने लगे हैं. ऐसा क्यों है और इस का इलाज क्या है?

जवाब

दांतों का ढीलापन एक प्रकार की बीमारी है, जिसे पेरियोडोंटल के नाम से जाना जाता है. दांतों के हिलने की समस्या तब होती है जब दांतों के आसपास के टिशू यानी मसूढ़े ढीले पड़ने लगते हैं. ओरल हाइजीन में कमी होने से दांतों में कीड़ा लग जाता है, जो अन्य कई प्रकार की बीमारियों को जन्म देता है. ये सभी चीजें मसूढ़ों को प्रभावित करती हैं, जिस से दांतों के हिलने की समस्या होती है.

इस समस्या से राहत पाने के लिए घरेलू उपायों की मदद ली जा सकती है, लेकिन सब से पहले डैंटल ऐक्सपर्ट से चैकअप कराना जरूरी है. जब तक बीमारी की जड़ न पकड़ में आ जाए, तब तक खुद से कोई इलाज नहीं अपनाना चाहिए.

दांतों के हिलने की समस्या को घरेलू उपायों से ठीक करना चाहती हैं, तो नमक के पानी से कुल्ला करें. ऐसा करने से दांत और मसूढ़े मजबूत बनते हैं. नियमितरूप से कालीमिर्च और हलदी के पेस्ट से दांतों की मालिश करने से भी समस्या दूर होगी. लहसुन में रोगाणुरोधी गुण होते हैं, इसलिए इसे दांतों के बीच दबा कर रखने से उन्हें मजबूती मिलती है.

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मदहोश कर देगी सांसों की खुशबू

‘सांसों को सांसों में ढलने दो जरा, धीमी सी धड़कन को बढ़ने दो जरा, लम्हों की गुजाइश है ये पास आ जाएं, हम तुम…’

हम तुम तुम हम टीवी पर चले रहे फिल्म ‘हमतुम’ के इस गाने में सैफ अली खान और रानी मुखर्जी बहुत ही रोमांटिक अंदाज में करीब आते हुए दिलों की धड़कनें बढ़ा रहे थे. रिया को गाने सुनने का शौक नहीं था. इस गाने के बोल उसे कुछ इस कदर भा गये कि वह पूरा गाना सुनने लगी.

वह सोचने लगी कि अपने हनीमून में वह खुद भी कुछ इसी तरह खुल कर रोमांटिक होगी और पति के साथ मजे लेगी, वह अपनी शादी की सारी तैयारियां कर चुकी थी. हनीमून में क्या पहनेगी, कैसे रहेगी सब सोच लिया था.

इस गाने को सुनने के बाद रिया को लगा कि सब से जरूरी काम तो रह ही गया. वह अपनी सांसों की खुशबू को ऐसे महकाना चाहती थी कि उस का पति सांसों की खुशबू में मदहोश हो कर पूरी दुनिया भूल जाये. रिया ने कुछ समय पहले अपने दांतों में कैविटी की फिलिंग करवाई थी. इस में उसे कई बार अजीब सी गंध महसूस होती थी.

फिल्म ‘हमतुम’ के गाने को सुनने के बाद रिया को लगा कि जब तक सांसों की परेशानी दूर नहीं होगी तब तक उस की फस्ट नाइट की तैयारी अधूरी रहेगी.

बात केवल रिया की ही नहीं है. ऐसे बहुत सारे लड़केलड़कियां होते है, जो शादी की हर तैयारीकर लेंगे केवल सांसों की खुशबू की तरफ ध्यान नहीं देंगे. सही मानों में देखें तो फर्स्ट नाइट की शुरुआत सब से पहले इसी करीबी से शुरू होती है. शारीरिक संबंधों की शुरुआत ही चुबन यानी किस से होती है.

किस करते समय अगर मुंह से बदबू आती है तो रोमांस का पूरा मजा ही जाता है. ऐसा किसी के भी मुंह से आने वाली बदबू से हो सकता है. यही वजह है कि रात में सोने से पहले सौंफ, मीठा पान या इलायची खाने का रिवाज बहुत पहले से चला आ रहा है. बदलते समय में माउथ फ्रैशनर आदि से सांसों में ताजगी का एहसास हो जाता है.

फ्रैशनैस से आती है करीबी

कई विज्ञापनों में यह देखने को मिलता है कि करीब आने के लिए फ्रैशनैस की जरूरत होती है. कई विज्ञापनों में तो इस तरह से दिखाया जाता है कि फ्रैशनैस से दोस्ती और करीबी होती है. माउथवाश के विज्ञापनों में भी इस करीबी को बहुत ही सैक्सुअल तारीके से दिखाया जाता है.

इन विज्ञापनों देखने से कई बार लगता है कि फ्रैशनैस से ही रिश्ते मजबूत होते हैं, नए संबंध बनते हैं. इस तरह के विज्ञापनों को देखने से सांसों की ताजगी का एहसास हो जाता है, जिस से पता चलता है कि संबंधों में करीबी के लिए सांसों की ताजगी कितनी जरूरी होती है.

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मुंह के अंदर की सफाई

टूथपेस्ट के बिजनैस में माउथ फ्रैशनैस का बड़ा रोल होता है. हर टूथपेस्ट इस बात का प्रचारकरता है कि उस के टूटपेस्ट के प्रयोग से सांसों में जो फ्रैशनैस आएगी वह रिश्तों में आने वाली दूरियों को भी खत्म कर देगी.

‘रियलटूथ डैंटल क्लीनिक’ लखनऊ के डाक्टर अमित आनंद करते हैं, ‘‘शादी से पहले कई युवा अपनी सांसों की परेशानी ले कर आते हैं. इन में घबराहट होती है कि कहीं पहली रात को सांसों की बदबू इन के साथी के मूड को औफ न कर दे. सांसों की परेशानी के चलते इस में आत्मविश्वास की कमी आती है. आमतौर पर सांसों में बदबू के 3 कारण होते हैं- मुंह की ठीक से सफाई न होना, दांतों में सड़न और पानमसाला खाने से होने वाली गंदगी. सामान्यतौर पर डैंटल स्पा के द्वारा इसे ठीक किया जाता है.

‘‘डैंटल स्पा में मुंह के अंदर की सफाई कैमिकल से की जाती है. बाद में फ्रैशनैस के जरीए होने वाली दुर्गंध को ठीक किया जाता है. इस का असर कुछ दिनों तक रहता है. अगर डैंटल स्पा के बाद माउथ फ्रैशनैस का सही तरह से रोज प्रयोग किया जाये तो सालभर तक यह प्रभावी बना रहता है.’’

सांसों की ताजगी

डाक्टर अमित आनंद आगे कहते हैं, ‘‘कई बार हम कैविटी होने, मसूढ़ों में सूजन, खून आना और ऐसी ही तमाम अन्य बीमारियों को भूल जाते हैं. ये बीमारियां ही मुंह से दुगंर्ध आने का कारण बनती है. दांतों में होने वाली परेशानी का इलाज समय पर न किया जाए तो यह बढ़ती है और दूसरी परेशानियों को जन्म देती है.

बड़ी संख्या में लड़के पान मसाले का सेवन करते हैं. पान मसाले के सेवन से मुंह में गंदगी बढ़ती है. शादी के समय लड़के को इस बात का अफसोस होता है कि उस के मुंह से बदबू आ रही है. वह दांतों की इस गंदगी को दूर कर के सांसों में ताजगी लाना चाहता है. पहले यह संभव नहीं था मगर अब डैंटल की तमाम सुविधाएं आने के बाद दांतों की हर तरह की बीमारी को दूर कर के सांसों में तजागी लाई जा सकती है. फर्स्ट नाइट के लिए केवल लड़की ही नहीं लड़के को भी सांसों की ताजगी का खयाल रखना चाहिए. सांसों की बदबू निजी क्षणों में बाधा न बने इस का पूरा खयाल रखना चाहिए.

ट्रीटमैंट फौर ब्राइड ऐंड ग्रूम

दूल्हादुलहन की वैडिंग स्माइल के लिए कई तरह के ट्रीटमैंट उपलब्ध हैं, जिन्हें जरूरत के हिसाब से लिया जाता है. ये 4 तरह के पैकेज होते हैं:

सिल्वर पैकेज में ₹15 सौ से ₹25 सौ का खर्च होता है. इस में दांतों की स्कैलिंग और पौलिशिंग शामिल होती है.

गोल्ड पैकेज में ₹25 सौ से ₹35 सौ के बीच खर्च आता है. गोल्ड पैकेज में दांतों की स्कैलिंग और पौलिशिंग के साथसाथ ब्लीचिंग भी की जाती है.

डायमंड पैकेज में ₹9 हजार तक का खर्च आता है. इस में स्कैलिंग, पौलिशिंग और ब्लीचिंग के साथसाथ होती है.

प्लैटिनम पैकेज में ₹10 से ₹20 हजार से ऊपर खर्च आता है. इस में स्कैलिंग, पौलिशिंग, ब्लीचिंग, डैंटल ज्वेलरी के साथसाथ स्माइल डिजाइनिंग भी की जाती है.

परफैक्ट स्माइल फौर परफैक्ट डे

सांसों की खुशबू के साथ ही साथ यह भी जरूरी होता है कि उस खास दिन आप की स्माइल उन के साथ दूसरे लोगों के दिल में भी उततर जाए. शादी का यह दिन जिंदगी का सब से खास दिन होता है. ऐसे में जब आप की ड्रैस और ब्यूटी परफैक्ट रहे तो स्माइल फीकी क्यों लगे? डाक्टर अमित आनंद कहते हैं, ‘‘दुलहन ही नहीं दूल्हा भी चाहता है कि यह दिन सब से खास रहे. इस के लिए वह डैंटल डाक्टर के पास जा कर अपना सही इलाज कराता है.

सब से ज्यादा लोग चाहते हैं कि शादी के दिन उन के दांत चमकदार पौलिश किए नजर आएं. चाय, कौफी और पान मसाला से बदरंग हो चुके दांत उस दिन खराब लगते हैं. शादी करने जा रहे दूल्हादुलहन चाहते हैं कि उन के दांत पहले की तरह चमकदार दिखे.’’

कई लोगों के दांत परमानैंट गंदे होते हैं. लेजर ब्लीचिंग के द्वारा इन का इलाज किया जाता है. कुछ लोगों के मसूढ़ों में खाली जगह बन जाती है. यह भी देखने में खराब लगती है. इस का इलाज भी संभव होने लगा है.

इसी तरह मसूढ़ों का कालापन, हंसते समय मसूढ़ों का ज्यादा दिखना और टूटे दांतों का इलाज भी संभव हो गया है. इन का इलाज कराने के बाद परफैक्ट दिन पर आप की स्माइल परफैक्ट दिखेगी. शादी में हरकोई खूबसूरत दिखना चाहता है. ऐसे में मुंह की साफसफाई और दांतों को ठीक करना भी जरूरी हो जाता है.

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चमक बिखेरती डैंटल ज्वैलरी

चमकते दांतों के बीच ज्वैलरी का चलन अब तेजी से बढ़ने लगा है. क्रिस्टल सी चमक बिखेरने वाली ज्वैलरी आप की मुसकान को और भी कातिल बना देती है. यह ज्वैलरी दांतों में लगाने के बाद इसे निकाला भी जा सकता है. लगाने और निकालने का काम डैंटल ऐक्सपर्ट के द्वारा ही हो सकता है. डैंटल ज्वैलरी का चलन सभी उम्र की महिलाओं में समान रूप है.

इस ज्वैलरी की चमक स्माइल को और भी मादक बना देती है. इसे लगाने और हटाने में 15 मिनट का समय लगता है. ज्वैलरी लगाने के बाद कुछ सावधानियां बरतने की जरूरत होती है. डैंटल ज्वैलरी आप की स्माइल को नया रंग देती है.

ताकि सांसें महकती रहें

कोई व्यक्ति भले चेहरे से कितना भी सुंदर क्यों न हो, अगर बात करते या हंसते दौरान उस के मुंह से दुर्गंध आए तो सारी सुंदरता धरी की धरी रह जाती है. सांस की दुर्गंध की समस्या का सामना अकसर लोगों को करना पड़ता है.

मुंह से आने वाली दुर्गंध को मैडिकल भाषा में हेलिटोसिस कहते हैं. सांस की दुर्गंध कई कारणों से हो सकती है जैसेकि मुंह का सूखापन, खाने में प्रोटीन, शर्करा या अम्ल की अधिक मात्रा, धूम्रपान, प्याज और लहसुन खाना, कोई लंबी बीमारी, कैंसर, साइनस इन्फैक्शन, कमजोर पाचनशक्ति, किडनी में समस्या, पायरिया या दांत की सड़न आदि. अच्छी ओरल हैल्थ आदतों को अपनाने से और अपने आहार एवं जीवनशैली बदलने से दुर्गंध से छुटकारा पा सकते हैं:

मुंह की अच्छी तरह सफाई

रोज दांतों को अच्छी तरह साफ करें. दिन  में 2 बार कम से कम 2 मिनट के लिए ब्रश करें. ध्यान रखें कि ब्रश ज्यादा हार्ड न हो. ब्रश को  2-3 महीनों में बदलते रहें. सिर्फ दांत ही नहीं, बल्कि जीभ की साफसफाई भी बेहद जरूरी है. खानेपीने की वजह से जीभ पर एक परत जम जाती है, जो सांस की बदबू का कारण बन  सकती है.

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अत: रोजाना टंग क्लीनर की मदद से जीभ भी जरूर साफ करें. जीभ के ऊपर पीछे से आगे की तरफ ब्रश करें और जीभ के कोनों को भी साफ करना न भूलें.

दांतों को फ्लौस करें

फ्लौस करने से दांतों के बीच से प्लैक और बैक्टीरिया निकल जाते हैं जो ब्रश से नहीं निकलते. दिन में कम से कम 1 बार फ्लौस जरूर करें. फ्लौस करने से मुंह में फंसे भोजन के कण और अवशेष भी निकल जाते हैं. ऐसा न करने से दांत सड़ सकते हैं.

माउथवाश का इस्तेमाल

सांस की दुर्गंध दूर करने के लिए माउथवाश का इस्तेमाल करना एक बेहतर औप्शन है. ऐंटीसैप्टिक माउथवाश मुंह में मौजूद हानिकारक बैक्टीरिया को खत्म कर देता है और गंदी दुर्गंध को छिपाने में भी मददगार होता है.

ऐसे माउथवाश का इस्तेमाल करें, जिस में क्लोरहेक्सिडाइन, सैटिलपिरीडिनियम क्लोराइड, क्लोरीन डाइऔक्साइड, जिंक क्लोराइड और ट्राइक्लोसैन मौजूद हों. ये बैक्टीरिया को खत्म करते हैं. माउथवाश से अच्छी तरह कुल्ला व गरारे करें.

सांसों को महकाने और बदबू दूर करने के लिए बाजार में कई तरह के माउथ फ्रैशनर्स उपलब्ध हैं, जिन में प्रमुख हैं, कौलगेट वेदशक्ति माउथ प्रोटैक्ट स्प्रे, लिस्ट्रीन फ्रैश बर्स्ट माउथवाश, लिस्ट्रीन कूलमिंट माउथवाश, एलबी ब्रीथ हर्बल शुगर फ्री बे्रथ फ्रैशनर स्पे्र, कौलगेट प्लाक्स पेपरमिंट माउथवाश, बायोआयुर्वेदा ऐंटी बैक्टीरियल जर्म डिफैंस माउथवाश, स्प्रमिंट माउथ फ्रैशनर, लीफोर्ड फैदर ग्लोबल जियोफ्रैश आयुर्वेदिक इंस्टैंट कूल, मिंट माउथ फ्रैशनर, जिओफ्रैश आयुर्वेदिक इंस्टैंट माउथ फ्रैशनर, पतंजलि माउथ फ्रैशनर, बायोटिन ड्राई माउथवाश, त्रिसा डबल ऐक्शन टंग क्लीनर आदि.

शुगर फ्री गम या मिंट का इस्तेमाल

शुगर फ्री गम या मिंट आप के मुंह में लार तैयार कर हानिकारक बैक्टीरिया बाहर निकालने में मदद करते हैं. ये आप की दुर्गंधयुक्त सांस को कुछ समय के लिए छिपा भी सकते हैं.

बेकिंग सोडा का इस्तेमाल

दांतों को बेकिंग सोडा से हफ्ते में एक बार ब्रश करने से बैक्टीरिया काफी हद तक खत्म हो जाते हैं. ब्रश के ब्रिसल पर हलका बेकिंग सोडा लगा कर सामान्य रूप से ब्रश कर सकते हैं या फिर बेकिंग सोडा का इस्तेमाल माउथवाश के तौर पर भी किया जा सकता है.

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खानपान में सुधार

अधिक मसालेदार खाना, प्याज, लहसुन, अदरक, लौंग, कालीमिर्च आदि का सेवन मुंह की बदबू का कारण बन सकता है. इन का प्रयोग कम करें और जब भी करें तब कुल्ला या ब्रश कर के मुंह को साफ रखें. कौफी और शराब का सेवन न करें. नाश्ते में साबुत अनाज का प्रयोग करें. स्मोकिंग से बचें व तंबाकू से बचें.

क्या आप भी मास्क के अंदर सांस की बद्बू से परेशान हैं?

कोरोना वायरस एक ऐसी महामारी है जिसमें हम बिना मास्क लगाए बाहर निकलने की सोच भी नहीं सकते.  क्योंकि यह आपको और दूसरों को सुरक्षित रखेगा. लेकिन अब जब आप फेस मास्क पहन रहे हैं, तो क्या आप अक्सर अप्रिय गंध का शिकार होते हैं? हैरान हैं ?

अरे यह आपकी दुर्गंध वाली सांस है. हालांकि आपने पहले इस पर ध्यान नहीं दिया होगा. लेकिन अब जब आपकी सांस आपके चेहरे से टकरा रही है, तो गंध को नज़रअंदाज़ करना मुश्किल है.

शोध बताते हैं कि लगभग 80 मिलियन से अधिक लोग सांस की दुर्गंध से पीड़ित हैं. ज्यादातर मामलों में इसकी वजह  मसूड़ों और दांतों की सड़न है.

वैसे यह एक सामान्य स्थिति है और इसे रोकने के कई तरीके हैं. इन सुझावों के पालन से आप सांसों की बदबू से छुटकारा पाने में मदद मिल सकती हैं और साथ ही अपने मुंह को दैनिक रूप से स्वस्थ रख सकते हैं.

हमारी सांसों से बदबू आने के क्या क्या कारण हो सकते हैं

  • अपने दांतो की अच्छे ढ़ंग से सफाई न करना भी बद्बूदार सांस का एक मुख्य कारण हो सकता है.
  • यदि आप कम पानी पीते हैं तो भी आप के मुंह की अच्छे से सफाई नहीं होती है जिस वजह से आपकी सांसों से बदबू आने लगती है.
  • आपके गले का बार बार सूखना.
  • स्वच्छता में कमी रखना.

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इन  कारणों की वजह से आपके मुंह में पेथॉजेनिक कीटाणु बहुत तेजी से बनने लगते हैं. जो आपकी सांसों को बदबूदार बनाते हैं. जब आप दिन में कई बार अपने मुंह को धोते हैं या ब्रश करते हैं तो आप उन सारे कीटाणुओं को भी अपने मुंह से बाहर निकाल देते हैं. जिसकी वजह से आपका मुंह व सांस स्वच्छ रहती हैं. लेकिन यदि आप ब्रश और कुल्ला करना बार बार पसंद नहीं करते हैं तो इन्हीं कीटाणुओं की अधिकता के कारण आपके मुंह से बद्बू आने लगती है.

इन टिप्स का करे पालन

बार बार पानी पिएं : आप को इस महामारी के दौरान यह सुनिश्चित करना है कि क्या आप पर्याप्त पानी पी रहे हैं? आप को एक दिन में 6 से 8 लीटर पानी पीना होता है. इससे आपका गला भी नहीं सूखेगा. जिस वजह से आपकी सांसों से दुर्गंध भी नहीं आएगी और आपको मास्क लगाना भी मुश्किल नहीं लगेगा. यदि आप कोई ऐसे दवा खाते हैं जिससे आपका गला सूखता है तो आपको अवश्य ही पानी अधिक से अधिक पीना चाहिए.

अधिक मीठा या तला हुआ भोजन न खाएं : यदि आप जंक फूड या ज्यादा मीठा खाना पसंद करते हैं तो यह भी आपकी सांसों को बद्बूदार बना सकता है. इसलिए जितना हो सके उतना तले हुए व मीठे खाने को अवॉइड करे. क्योंकि इनमें मौजूद कीटाणु आपके लिए हानिकारक हो सकते हैं. ये न केवल मास्क में आपको सांस लेने में परेशान करते हैं बल्कि आपके स्वास्थ्य के लिए भी बहुत नुकसान दायक हैं.

धूम्रपान न करें : धूम्रपान व तंबाकू न केवल आपकी सांसों में बदबू उत्पन्न करते हैं बल्कि आपके स्वास्थ्य के लिए भी हानिकारक होता है. आपको कम से कम धूम्रपान करना चाहिए या बिल्कुल ही नहीं करना चाहिए. इससे आपको कैंसर, दांतो में समस्या व और भी बहुत तरह के जानलेवा रोग हो सकते हैं. स्वयं को इस वायरस से बचाने के लिए तंबाकू का सेवन बिल्कुल ही न करें.

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