बदलते फैशन के साथ इस बार चेंजिंग कैम्पस फैशन ट्रेंड्स का बोलबाला है. आजकल हर तरफ कॉलेज गोइंग छात्राओं में फैंसी जूट बैग्स का टशन खूब सिर चढ़ कर बोल रहा है. छात्राओं को केवल डिजाइनदार ब्रांडेड कपड़े ही नहीं बल्कि विभिन्न डिजाइन्स के बैग्स वो भी लेटेस्ट फैशन के जो कि लेटेस्ट कपड़ों और स्लीपर्स के साथ स्टाइल कर सकें चाहिए. उनको इनके बिना हर स्टाइल अधूरा लगता है. फैशनेबल, ट्रेंडी, फैंसी और क्लासिक बैग्स के जरिए भी अब अधिकांश स्टूडेंट्स अपना स्टाइल स्टेटमेंट देने लगे हैं.
1. फैशन
लेकिन आजकल सबसे ज्यादा जोर कंधे पर लटकाने वाले जूट बैग्स का है. इन दिनों जूट बैग्स स्टाइल स्टेटमेंट हैं व फैशनेबल, ट्रेंडी, फैंसी और क्लासिक बैग्स के रूप में आ रहे हैं और अब प्लास्टिक बैग्स बंद होने के बाद लोगों की जरूरत बन गए हैं. यदि आप भी शापिंग पर जाने की सोच रही हैं तो जूट बैग एक बेहतर विकल्प है.
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2. डिस्पोजेबल
जूट बैग अत्याधिक चलते हैं एवं जैविक रूप से डिस्पोजेबल भी है. जिसके बिना न तो घर की सब्जी आती है और न ही बच्चों के कपड़े. लंच पैकेट भी जाता है तो इसी बैग में और ऑफिशियल डॉक्यूमेंट को ले जाने के लिए भी इसी का सहारा लेना पड़ता है.
3. आरामदायक
मतलब जूट बैग हमारी रूटीन लाइफ में बहुत आराम देते है. बीच में पॉलिथीन का चलन बढ़ गया था लेकिन पॉलीथीन के नालियों में जमा हो जाने और इसके नष्ट नहीं होने के कारण वातावरण के प्रदूषित होने के साथ-साथ यह कई तरह की समस्या खड़ी कर रहा है.
4. हाइजैनिक
एक तरफ पॉलीथीन के ढ़ेर पर जो गंदगी पैदा होती है उस पर मच्छर अपना घर बनाते हैं और हमें मलेरिया, डेंगू जैसी गंभीर बीमारी देते है. इसलिए अब कई जगह पॉलीथीन को बैन किया जा रहा है और इसकी जगह जूट या कागज को बढ़ावा दिया जा रहा है.
5. बायोडिग्रेडेबल
जूट शब्द संस्कृत के जटा रूप से निकला है. जूट एक बायोडिग्रेडेबल आइटम है और इसका दोबारा से इस्तेमाल किया जा सकता है .जो पर्यावरण के अनुकूल है. खरीदारी करने के उपयोग में लाए जाने वाले जूट बैग लैमिनेटेड होते हैं.
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6. उत्पादन
जूट बैग मार्केट बिजनेस या इंडस्ट्री से जुड़ा हुआ बिजनेस है. इसलिए इसमें नई इकाइयों के लिए अवसर भी है. जूट बैग के निर्माण से लघु एवं कुटीर उद्योगों को भी बढ़ावा मिलता है.विश्व में सबसे ज्यादा जूट का उत्पादन भारत में ही होता है यह पॉलीबैग के मामले में सौ प्रतिशत जैव निम्नीक है.जूट बैग कागज की तुलना में बहुत अधिक वजन ले सकता है. पर्यावरण की दृष्टि से जूट बैग का इस्तेमाल करना बहुत जरूरी है.
7. नये डिजाइन
प्लास्टिक थैलियों की पैकेजिंग से पर्यावरण को होने वाले नुकसान को कम करने की दिशा में इसे क्रांतिकारी कदम माना जा रहा है. प्लास्टिक की थैलियां कूड़े का पहाड़ खड़ा कर रही हैं और वे नष्ट नहीं होतीं जबकि जूट से बना सामान कूड़ेदान में पहुंचते ही नष्ट हो जाता है. ये अलग अलग साइजेस और अलग-अलग हैंडिल्स में उपलब्ध हैं.
8. फंकी यूनीसेक्स बैग्स
इन दिनों फंकी और चीक यूनीसेक्स कॉलेज बैग्स का भी चलन है. ये लाइटवेट होते हैं और इन्हें इस्तेमाल करना आसान होता है. इन दिनों न्यूज प्रिंट्स की डिजाइन वाले बैग्स भी दिखाई देने लगे हैं. ये आपको कुछ अलग स्टाइल देते हैं. जिसमें सीधी धारियों वाला सिंपल बैग बदलते और करियर ओरिएंटेड स्टूडेंट्स की जरूरतों के मुताबिक न केवल डिजाइन किए जाते हैं बल्कि ये कई तरह के मटेरियल, पैटर्न्स और रंगों में उपलब्ध हैं. कॉलेज में बड़े बैग का फैशन भी दोबारा लौट कर आ गया है. छात्राओं का कहना है कि ऐसे बैग देखने में तो सुंदर होते ही हैं, साथ में इसमें जरूरत का सभी सामान भी समा जाता है.
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