‘मैं मायके चली जाऊंगी तुम देखते रहियो,’ टीवी पर आ रहे इस सीरियल की नायिका जब विवाह कर के अपनी ससुराल पहुंचती है, तो उस की मां उस की हर गतिविधि पर नजर रखने लगती है. मां वीडियो कौलिंग कर बेटी की घरगृहस्थी में घुसी रहती है, जो कतई उचित नहीं होता है.
भले मां बेटी को जन्म देती हैं, उसे पालपोस कर बड़ा करती हैं, हर पल बेटी का हित चाहती हैं, पर कई बार उन की जरूरत से ज्यादा फिक्रमंद रहने की आदत बेटी के लिए मुसीबत खड़ी कर सकती है. मांबेटी का रिश्ता प्यार की डोर से बंधा होता है.
शुरुआत में बरतें सावधानी
बेटी की सुरक्षा और उस के सुखद भविष्य के लिए मां हर मुमकिन प्रयास करती है. दोनों एकदूसरे की दुनिया होती हैं, पर जब बेटी की शादी हो जाती है तो बेटी एक दूसरी दुनिया में प्रवेश करती है. उस के जीवन में नए लोग और नए रिश्ते आते हैं. इन नए रिश्तों को प्यार से सींचने के लिए बेटी को काफी कंप्रोमाइज करने होते हैं और यह जरूरी भी है, क्योंकि रिश्तों का पौधा मजबूत बन सके, इस के लिए शुरुआती दिनों में ही ज्यादा सावधानी बरतने की जरूरत होती है.
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बेटी को संवारने दें अपनी दुनिया
बेटी जब बिदा हो कर ससुराल चली जाए तो मां को बाद में भी उस के साथ चिपके नहीं रहना चाहिए. बेटी को अपनी जिंदगी अपनी तरह से जीने दें. अपनी समस्याओं को स्वयं सुलझाने का मौका दें. अपनी परिस्थितियों के साथ एडजस्ट करने दें.
बातबात पर यदि मां बेटी को अपनी सलाह देती रहेगी तो बेटी कभी स्वतंत्र निर्णय लेना नहीं सीख पाएगी. वैसे भी जब मां उस घर में नहीं है, तो सारी परिस्थितियों को समझे बगैर दी गई सलाह एकतरफा ही रहेगी और बेटी की समस्याएं सुलझने के बजाय उलझती चली जाएंगी.
बेटी समझे ससुराल को अपना घर जब शादी कर के लड़की पति के घर आती है तो फिर वही उस का अपना घर बन जाता है. नए रिश्ते ज्यादा करीब हो जाते हैं और ससुराल का मानसम्मान उस का अपना हो जाता है. लड़की को सदैव इस हकीकत को समझना चाहिए.
हमेशा यह याद रखना चाहिए कि रिश्ता टूटने में एक भी पल नहीं लगता, अगर एक बार रिश्ते में दरार आ जाए तो फिर उसे पाटा नहीं
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जा सकता. यदि दरार भर भी जाए तो खटास फिर भी नहीं जाती. इसलिए रिश्ते की डोर को अपने प्रयासों से मजबूत बनाने का प्रयास करें. एक बार रिश्ता मजबूती से जुड़ जाए तो फिर उसे कोई नहीं तोड़ सकता.