डैबिट कार्ड: क्या पत्नी सौम्या का हक समझ पाया विवेक

सौम्याके मोबाइल पर एक के बाद एक 2 मैसेज आए थे. उस ने चैक किया कि उस के उकाउंट से विवेक ने 15 हजार निकाल लिए हैं. यह आज की बात नहीं हमेशा की है. विवेक सौम्या के पैसों पर अपना हक समझता है.

सौम्या आज भी उस दिन को कोसती है जब प्यार में अंधी हो कर तन, मन और धन सबकुछ विवेक को शादी की पहली ही रात समर्पित कर दिया था.

विवेक और सौम्या शादी से पहले से एकदूसरे को जानते थे. दोनों ने जब एकसाथ जिंदगी गुजारने का फैसला किया तो उन के घर वालों ने भी कोई आपत्ति नहीं करी.

प्यार में भीगी सौम्या ने पत्नी का फर्ज निभाते हुए अपनी आर्थिक स्वतंत्रता की बागडोर विवेक के हाथों में थमा दी थी. यह वही सौम्या थी जो शादी से पहले नारी मुक्ति और भी न जाने कितनी बड़ीबड़ी बातें करती थी.

शुरू के कुछ महीनों में तो सौम्या को कोई फर्क नहीं पड़ा पर जब शादी के बाद वह पहली बार कुछ दिन रहने के लिए अपने घर जाने लगी तो उस ने विवेक से कहा, ‘‘विवेक मुझे कुछ पैसे चाहिए, अपने घर वालों के लिए मुझे गिफ्ट लेने हैं.’’

विवेक हंसते हुए बोला, ‘‘क्यों अपने घर वालों के ऊपर एहसान चढ़ा रही हो. बेटियों से कोई कुछ लेता थोड़े ही है. रही बात पैसों की तो जान अपने घर जा रही हो, वहां की तो तुम प्रिंसेस हो, तुम्हें क्या जरूरत पड़ेगी.’’

‘‘अरे यार मेरे भी तो कुछ खर्चे होंगे,’’ सौम्या बोली, ‘‘शादी से पहले तो मैं ने कभी अपने मम्मीपापा के आगे हाथ नहीं फैला, तो अब क्या हाथ फैलाना अच्छा लगेगा?’’

विवेक ने सौम्या को क्व5 हजार दे तो दिए थे, मगर ऐसे जैसे वह कोई एहसान कर रहा हो. पहली बार सौम्या को लगा कि शायद विवेक

को अपना डैबिट कार्ड दे कर उस ने गलती कर दी है.

मगर घर जा कर सौम्या मौजमस्ती में सब भूल गई. सौम्या अपने पापा की लाड़ली थी, इसलिए जब वह वापस आई तो उस का पर्स

नोटों से भरा था. कुछ दिनों तक जब तक सौम्या का पर्स नोटों से भरा हुआ रहा, यह बात आईगई हो गई थी. फिर अगले महीने जब सौम्या को पार्लर जाना हुआ तो उस ने विवेक से पैसे मांगे, तो विवेक ने क्व1 हजार पकड़ा दिए.

सौम्या ठुनकते हुए बोली, ‘‘यार इतने पैसों में तो कुछ भी नहीं होगा.’’

‘‘कोई भी फेशियल क्व1,200 से नीचे नहीं है और फिर मुझे वैक्सिंग, आईब्रोज, ब्लीच भी कराना है और मैं तो बालों को हाईलाइट कराने की भी सोच रही थी.’’

इस से पहले कि विवेक कुछ बोलता, सौम्या की सास कल्पना बोल पड़ीं, ‘‘अरे मेरा सौम्या बेटा वैसे ही इतना सुंदर है… पार्लर जा कर अपनी नैसर्गिक खूबसूरती को खत्म मत करो.’’

सौम्या ने विवेक की तरफ देखा तो वह बोला, ‘‘बस आईब्रोज और थोड़ा हेयर ट्रिम करा लो और बाकी पैसे तुम्हारे.’’

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सौम्या को कुछ समझ नहीं आया कि कैसे रिएक्ट करे. अत: वह चुपचाप पार्लर चली गई और थोड़ा सा काम करा कर, मार्केट चली गई. वेस्ट साइड पर बेहद खूबसूरत कुरते आए हुए थे. एक कुरते को देख कर सौम्या की नजर ठहर गई. ग्रे कुरते पर लाल फूल थे और लाल फूलों वाला प्लाजो व लाल और ग्रे रंग का दुपट्टा.

जब सौम्या ने रेट देखा तो क्व1,500 का टैग देख कर उस ने ठंडी आह भरी.

घर वापस आ कर जब सौम्या ने विवेक को सूट के बारे में बताया तो वह बोला, ‘‘तुम्हारी इसी फुजूलखर्ची को रोकने के लिए तुम्हारा डैबिट कार्ड मैं ने अपने पास रखा है.’’

कल्पना भी मीठी मुसकान बिखेरते हुए बोलीं, ‘‘बेटा, शादी के बाद तेरामेरा कुछ नहीं होता बस हमारा होता है. मेरी सारी साडि़यां तुम्हारी हैं… औफिस में बदलबदल कर पहना करो.’’

सौम्या मन मसोस कर रह गई. वह कैसे कहे कि वह इतनी चमकदमक के कपड़े पहनना पसंद नहीं करती है.

एक दिन सौम्या ने अपनी मम्मी से जब अपने डैबिट कार्ड के बारे में बात करी तो वे

बोलीं, ‘‘अरे तो क्या विवेक तुम्हें ऐब्यूज करता है? तुम्हें किसी चीज की कमी है क्या?’’

सौम्या ने कहा, ‘‘मम्मी बात मेरी फ्रीडम की है… मेरे पैसे हैं जैसे चाहे वैसे खर्च करूं.’’

मम्मी बोलीं, ‘‘तेरी इसी फुजूलखर्ची के कारण विवेक ने यह किया होगा.’’

सौम्या को लगने लगा था कि शायद वही गलत है, विवेक सही है. मगर रोज उसे विवेक के आगे हाथ फैलाना अच्छा नहीं लगता था. जब कभी भी वह विवेक से अपने डैबिट कार्ड को वापस करने को बोलती तो वह हमेशा कहता, ‘‘अगर मैं गलत कर रहा होता तो तुम्हारे मम्मीपापा क्या ऐसा होने देते?’’

मगर सौम्या को यह गुलामी वाला जीवन रास नहीं आ रहा था.

आज शुक्रवार है. सौम्या की पूरी टीम का बाहर शौपिंग और मस्ती करने का इरादा था. जयति ने सौम्या से पूछा, ‘‘चलोगी न तुम भी?’’

‘‘हां चलूंगी मगर आज मैं अपना वालेट घर भूल गई हूं’’ सौम्या ने कहा.

जयति खिलखिलाते हुए बोली, ‘‘अरे तो क्या मुश्किल है, मेरा कार्ड स्वाइप कर लेना.’’

उस दिन सौम्या ने खूब मजा किया. तय था कि सारा खर्च बराबर बांट लेंगे. सौम्या के हिस्से में क्व2 हजार खानेपीने का खर्च था और सौम्या ने क्व2 हजार की एक ड्रैस भी ले ली थी.

जब सौम्या रात को 11 बजे घर लौटी तो पूरा घर सो चुका था. विवेक सौम्या को देख कर बोला, ‘‘यह क्या तुम ने शराब पी रखी है?’’

सौम्या हंसते हुए बोली, ‘‘अरे यार भूल गए क्या पहले भी तो मैं तुम्हारे साथ हर फ्राइडे नाइट ऐसे ही पीती थी?’’

‘‘हां पर यार तब की बात और थी,’’

विवेक बोला.

‘‘अब हम शादीशुदा हैं… हम पर घर की जिम्मेदारिया हैं. तुम्हारी इसी फुजूलखर्ची के कारण मैं तुम्हारा डैबिट कार्ड नहीं देता हूं.’’

सौम्या बोली, ‘‘पर मैं ने तो जयति से ले कर क्व4 हजार खर्च कर दिए हैं आज.’’

विवेक गुस्से में बोला, ‘‘क्या जरूरत थी? जयति जैसी औरतों के आगेपीछे कोई नहीं है. उन्हें तो तितली बन कर उड़ने का शौक होता है ताकि नया शिकार फंसा सकें.’’

सौम्या को विवेक का जयति के बारे में ऐसा बोलना बिलकुल अच्छा नहीं लगा.

सोमवार को पूरा दिन सौम्या जयति से नजरें चुराती रही. सौम्या को ऐसे पाईपाई का मुहताज होना अच्छा नहीं लग रहा था.

सौम्या रोज विवेक से जयति को देने के लिए पैसे मांगती, विवेक रोज उसे एक लंबाचौड़ा लैक्चर देता. मगर आज जब सौम्या ने देखा कि विवेक उस के ही डैबिट कार्ड से अपने लिए शौपिंग कर रहा है तो उसे उस के दोगलेपन पर बहुत गुस्सा आया.

सौम्या ने जयति को पूरी बात बता दी. जयति बोली, ‘‘यार तुम इतना सब सह ही क्यों रही हो. आज मेरे साथ बैंक चलना और नए डैबिट कार्ड के लिए अप्लाई कर देना.’’

सौम्या बोली, ‘‘मगर क्या यह ठीक रहेगा?’’

‘‘अरे यह ठीकगलत नहीं बल्कि तुम्हारा मौलिक अधिकार है,’’ जयति बोली.

सौम्या ने जयति के साथ बैंक जा कर नए डैबिट कार्ड के लिए ऐप्लिकेशन दे दी.

अगले दिन जब सौम्या दफ्तर से आई तो विवेक गुस्से में बोला, ‘‘क्या तुम ने अपना डैबिट कार्ड ब्लौक करवाया है?’’

सौम्या बिना डरे बोली, ‘‘हां क्योंकि मैं अपनी कमाई को अपने तरीके से खर्च करना चाहती हूं.’’

विवेक की मम्मी कल्पना बोलीं, ‘‘किस चीज की कमी है तुम्हें सौम्या? विवेक तभी मैं ऐसी तेज लड़की के खिलाफ थी.’’

‘‘सौम्या मैं ने अपने परिवार वालों को बड़ी मुश्किल से मनाया था,’’ विवेक बोला, ‘‘बस इतना ही विश्वास है तुम्हें मुझ पर?’’

सौम्या बोली, ‘‘चलो अगर अपना डैबिट कार्ड दे कर ही विश्वास को जीत सकते हैं, तो तुम अपना डैबिट कार्ड दे दो, मैं अपना तुम्हें दे दूंगी.’’

विवेक पैर पटकते हुए अंदर चला गया और फिर पूरे घर ने सौम्या से बोलना छोड़ दिया. सौम्या के घर वालों को भी सौम्या की गलती लग रही थी.

सौम्या से जब और अधिक सहन नहीं

हुआ तो वह जयति के साथ रहने चली गई. जयति 35 वर्षीय तलाकशुदा महिला थी जो जिंदगी अपनी शर्तों पर जीती थी.

सौम्या को अपना नया डैबिट कार्ड मिल गया था. सब से पहले उस ने जयति के पैसे लौटाए और फिर जयति को डिनर पर ले गई.

विवेक वहां अपने क्लाइंट के साथ पहले से बैठा था. सौम्या को जयति के साथ देख कर उस के तनबदन में आग लग गई और सौम्या

के पास आ कर बोला, ‘‘इसी सैरसपाटे के लिए तुम्हें कार्ड चाहिए था. अभी भी समय है आंखें खोलो नहीं तो तुम भी जयति जैसी कैटेगरी में

आ जाओगी.’’

सौम्या चुपचाप सुनती रही और विवेक के जाने के बाद रोने लगी.

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जयति समझते हुए बोली, ‘‘क्या तुम्हें लगता है कि तुम वापस वही गुलामी वाला जीवन जी सकती हो? यदि हां तो बेशक वापस चली जाओ.’’

सौम्या रोआंसी आवाज में बोली, ‘‘मैं विवेक को क्या समझती थी और वह कैसा है.’’

जयति ने कहा, ‘‘खुद को खो कर अगर

तुम विवेक को पाना चाहती हो, तो आज ही

चली जाओ. मगर अपने लिए खुश होना है

तो कुछ असुविधा जरूर होगी, मगर परिणाम सुखद होगा.’’

सौम्या को विवेक ने पहले डरायाधमकाया मगर जब बात नहीं बनी तो उस ने

फिर से बहलायाफुसलाया मगर जब सौम्या टस से मस नहीं हुई तो विवेक भी डर गया.

विवेक भी अपनी शादी को एक डैबिट कार्ड के कारण दांव पर लगाना नहीं चाहता था. एक आम पति की तरह वह सौम्या की हर चीज पर अपना हक समझता था, मगर वह ऐसा करतेकरते भूल गया था कि वह सौम्या के मौलिक अधिकार का हनन कर रहा है.

विवेक ने सौम्या को फ्राइडे की रात फोन कर के डिनर के लिए बुलाया. सौम्या जब पहुंची तो विवेक पहले से ही वहां बैठा उस की प्रतीक्षा कर रहा था.

विवेक सौम्या से बोला, ‘‘सौम्या आई एम सौरी, मैं शादी के बाद अपनी सीमारेखा भूल गया था. सच पूछो तो जब तुम ने मुझे अपना डैबिट कार्ड खुद ही दे दिया था तो मुझे लगा कि शायद मैं तुम्हारी पूरी जिंदगी को अपने हिसाब से

कंट्रोल कर सकता हूं. बिना मेहनत करे तुम्हारे डैबिट कार्ड से पैसे निकलवाने में मुझे मजा आने लगा था. मगर मैं गलत था यह मुझे एहसास हो गया है.’’

सौम्या बोली, ‘‘इस के लिए हमें जयति का शुक्रिया अदा करना चाहिए जिस ने मुझे मेरे हक के लिए खड़ा होना सिखाया वरना मैं तो समझ रही थी कि तुम से अपनी कमाई पर अपना हक मांग कर मैं कुछ गलत कर रही हूं.’’

तभी वेटर बिल ले कर आया तो विवेक बोला, ‘‘मैडम क्या आप आज इस बिल को स्पौंसर करना पसंद करेंगी.’’

सौम्या ने मुसकराता हुए अपना डैबिट कार्ड स्वाइप कर दिया.

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इस साल से होंगे ये वित्तीय बदलाव, मिलेगा फायदा

नए साल की शुरुआत हो चुकी है. ऐसे में आपके लिए जरूरी है कि आज से होने वाले वित्तीय बदलावों के बारे में आप जान जाएं. 1 जनवरी से ना सिर्फ साल बल्कि आपकी जिंदगी से जुड़ी कई जरूरतों और सेवाओं में बदलाव होने जा रहा है. इन बदलावों का आपकी जिंदगी पर कहीं ना कहीं असर होगा. इसमें वस्तुओं की कीमतों से लेकर बैंक से जुड़ी कई सेवाएं शामिल हैं जिन्हें आपको जान लेना जरूरी है.

डेबिट और क्रेडिट कार्ड में बदलाव

आपको बता दें कि  आरबीआई ने सभी बैंकों को 31 दिसंबर से पहले मैग्नेटिक स्ट्रिप वाले डेबिट या क्रेडिट कार्ड बदलने के लिए कहा था. आरबीआई के मुताबिक 1 जनवरी से इस कार्ड को बदल कर ईएमवी चिप वाले कार्ड लागू होंगे. ऐसे में आपने अभी तक कार्ड नहीं बदला है तो तुरंत बदलवा लें.

पुराना चेक नहीं होगा मान्य

अगर आप पुराने चेक का इत्तेमाल करती हैं तो ध्यान रहे कि वो अब मान्य नहीं होगा. आप तुरंत उसे बैंक से बदल लें. अब आपको सीटीएस वाला चेक लेना होगा. सीटीएस चेक को क्लियर होने के लिए एक बैंक से दूसरे बैंक भेजने की जरूरत नहीं होगी.

इनकम टैक्स रिटर्न भरने की तारीख

जिन लोगों ने 2017-18 में इनकम टैक्स नहीं भरा है उनके लिए ये खबर जरूरी है. पिछले साल 21 जुलाई 2018 था, 5 हजार रुपये की फाइन के साथ इसे बढ़ा कर 31 दिसंबर 2018 कर दिया गया था. पर अगर ये डेडलाइन भी मिस हो जाए तो 31 मार्च 2019 तक 10 हजार के जुर्माने के साथ आयकर जमा करना होगा.

एक्सिडेंटल कवर में इजाफा

इस साल से वाहन दुर्घटना के बदले मिलने वाली बीमा की रकम अब 1 लाख से बढ़कर 15 लाख रुपये हो जाएगी. इस बात की जानकारी इंश्योरेंस रेग्युलेटरी अथौरिटी औफ इंडिया (IRDAI) ने एक सर्कुलर जारी दिया. इंश्योरेंस के लिए 750 रुपये का प्रीमियम तय किया जा चुका है.

जब आपके साथ हो साइबर फ्रौड तो इन बातों का रखें ध्यान

जैसे जैसे तकनीक का विकास हुआ है, बदलाव साथ में कई खतरे भी लाया है. चोरी और लूट के तरीके भी बदले हैं. जो लोग इन बदलावों को अच्छे से समझ नहीं पाते अक्सर ठगे जाते हैं. बीते कुछ दिनों में साइबर फ्रौड का का मामला तेजी से बढ़ा है. कई ऐसे मामले सामने आए जिसमें खाताधारक लेनदेन करता नहीं है फिर भी उसके खाते ले लाखों रुपये निकाल लिए जाते हैं. ई-मेल स्पूफिंग फिशिंग या कार्ड क्लोनिंग के जरिये डेबिट कार्ड या क्रेडिट कार्ड या नेटबैंकिंग फ्रौड किया जा सकता है.

इस खबर में हम आपको ऐसी कुछ जानकारियां देंगे जो ऐसे फ्रौड के दौरान आपके लिए फायदेमंद होंगे.

डेबिट या क्रेडिट कार्ड फ्रौड होने पर क्या करें?
जैसे ही आपको संदिग्ध लेनदेन के  बारे में पता चले, आपको तत्काल अपने कार्ड जारीकर्ता या बैंक को इस बारे में सूचित करना चाहिए. बैंक में इस लेनदेन के बाबत शिकायत दर्ज करें और अपने खाते को ब्लौक करा दें. ताकि और ज्यादा पैसों की निकासी ना हो सके.

कहां दर्ज कराएं शिकायत?
सबसे पहले बैंक के कस्टमर केयर को कौल करें और उसे सारी बात समझाएं. बैंक को सूचना देने के बाद आपको अपने नजदीकी पुलिस थाने में शिकायत दर्ज करानी चाहिए. कई बार पुलिस आपकी शिकायत दर्ज नहीं करती है. ऐसे में सीआरपीसी की धारा 156(3) के तहत कोर्ट में मामला दर्ज कराया जा सकता है.

घर बैठे एक्टिवेट करें स्टेट बैंक का नया डेबिट कार्ड

भारतीय स्टेट बैंक ने अपने सारे समान्य कार्डों को ईवीएम चिप वाले कार्ड से रिप्लेस कर रही है. ये कदम एटीएम फ्रौड पर रोक थाम के मद्देनजर उठाया गया है. अगर बैंक ने आपके पास एटीएम कार्ड भेज दिया है और उसे एक्टिवेट करना आपके लिए सिरदर्द बन रहा है तो हम आपकी ये परेशानी का हल दे रहे हैं. हम आपको वो तरीका बताएंगे जिससे आपके बिना बैंक जाए आप कार्ड एक्टिवेट कर लेंगी.

इसके लिए कुछ सबसे जरूरी है तो वो है इंटरनेट बैंकिंग की सुविधा. आपके खाते में इंटरनेट बैंकिंग एक्टिवेट होनी चाहिए. इंटरनेट बैंकिंग में लैगइन करने के बाद आपको 16 अंकों का डेबिट कार्ड नंबर डालना होगा. बैंक के इंटरनेट बैंकिंग पोर्टल के जरिए आपको अपना यूजर नेम और पासवर्ड डालकर लौग-इन करना होगा. एक बार लौग-इन हो जाने पर आप एटीएम कार्ड सर्विस की सुविधा को ई सर्विस के जरिए एक्सेस कर सकेंगी. इसके बाद ‘एटीएम कार्ड सर्विसेज’ लिंक पर क्लिक करना होगा. इसमें कई विकल्प मिलेंगे. यहां आपको को नया एटीएम कार्ड एक्टिवेशन का विकल्प मिलेगा. इसके बाद आपको को उस खाते का चयन करना होगा, जिसपर एटीएम कार्ड जारी किया गया है.

आपसे आपके एटीएम पर दिए 16 अंको को दर्ज करने के लिए कहा जाएगा. इसके बाद आपको बैंकिंग पोर्टल की ओर से मांगी गई जानकारी जैसे खाता के प्रकार, ब्रांच संबंधी जानकारियों को डाल कर पुष्टि करनी होगी. फिर बैंक की ओर से ग्राहक के रजिस्टर मोबाइल नंबर पर एक वन टाइम पासवर्ड दिया जाएगा.

इबाद एक स्लौट में आपसे पिन भरने को कहा जाएगा. इसे कन्फर्म करने के बाद आप आगे बढ़ेंगी. सारी जानकारी को सही दर्ज करने का बाद बैंक की ओर से आपको बताया जाएगा कि आपका नया कार्ड एक्टिवेट हो गया है.

एबीआई के ओर से दी गई जानकारी के अनुसार नए एटीएम का इस्तेमाल आप तभी कर सकते हैं जब यह एक बार एक्टिवेट हो जाएगा. एक बार एटीएम कार्ड एक्टिवेट होने के बाद पिन जेनरेट करने के लिए आप ऑनलाइन मदद ले सकते हैं. इसके अलावा आप चाहें तो कस्टमर केयर से बात करके या बैंक के ब्रांच में जाकर एक्टिवेट कर सकते हैं.

डेबिट कार्ड का करती हैं इस्तेमाल तो रखें इन बातों का ध्यान

डेबिट कार्ड आपके डिजिटल और एटीएम लेनदेन के लिए बेहद जरूरी है. कुछ दिनों पहले ही भारतीय स्टेट बैंक ने आधिकारिक ट्वीटर हैंडल से ट्वीट कर डेबिट कार्ड के बारे में कई बातें कही. इसमें डेबिट कार्ड की सुरक्षा के निर्देश की बातें बताई गई. आपको बता दें कि डेबिट कार्ड एक भुगतान कार्ड होता है जो कि उपभोक्ता के खाते से विभिन्‍न प्रकार के जरुरतों के लिए डायरेक्‍ट पैसे डिडक्‍ट करता है. जब आपके पास ये कार्ड है तो आपको कैश रखने की जरूरत नहीं है.

इससे भुगतान के बाद किसी भी तरह के ईएमआई या किसी भी तरह का ब्याज देने की जरूरत नहीं है, जो की क्रेडिट कार्ड में होती है.

ग्राहकों के लिए जरूरी है कि अपने लेनदेन के बाद एटीएम मशीन से जेनरेट हुई रसीद को नष्ट कर दें. इससे आप कई तरह के फ्रौड से बच सकेंगी.

tips for the use of debit card

उपयोगकर्ताओं को नियमित रूप से अपने कार्ड के लेनदेन की सारी जानकारी रखनी चाहिए. इसकी सारी जानकारी रखनी चाहिए.

बहुत बड़े लेनदेन के लिए डेबिट कार्ड आदर्श माध्यम नहीं हो सकता. क्योकि उसमें डेली ट्रांजेक्शन की एक सीमा होती है. जिसके कारण बहुत बड़ी राशि का भुगतान नहीं हो पाता.

किसी भी अन्य व्यक्ति के साथ आप अपने कार्ड की जानकारी साझा ना करें.

बैंक हमेशा अपने ग्राहकों को ये बताते हैं कि किसी भी तरह के लेन देन के बाद आप एसएमएस जरूर देखें. इसमें लेनदेन की सारी जानकारी होती है.

tips for the use of debit card

लिहाजा बैंक ट्रांजेक्शन या डिजिटल ट्रांजेक्शन के लिए बेहद जरूरी डेबिट कार्ड के लिए बेहद जरूरी है इसलिए जरूरी है कि इसकी सुरक्षा के बारे में भी जानकारी हो आपको.

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