हिंदी फिल्म ‘ओम शांति ओम’ से कैरियर की शुरुआत करने वाली एक्ट्रेस दीपिका पादुकोण सबसे पौपुलर और अट्रेक्टिव एक्ट्रेस है. उसने मेहनत के बल पर अपनी एक खास जगह बौलीवुड और हौलीवुड में बनायीं है. वह अपने काम पर हमेशा फोकस्ड रहती है. उसने हमेशा जो सोचा उसे ही किया, इसमें उनका आत्मविश्वास हमेशा झलकता है, जो बहुत स्ट्रोंग है. दीपिका पादुकोण की शादी रणवीर सिंह के साथ हो चुकी है और वे दोनों इस बार पहली दीवाली मनाने वाले है, जिसे लेकर वह बहुत खुश है.
फैमिली के साथ ऐसे मनाती है दीपिका फेस्टिवल
त्यौहार को सेलिब्रेट करना कितना जरुरी है और दीवाली इस बार रणवीर के साथ कैसे मनाने वाली है पूछे जाने पर दीपिका बताती है कि बचपन से ही मैंने त्यौहार को मनाते हुए देखा है, इसमें बचपन की यादें होती है, साथ ही परिवार और उसकी संस्कृति के साथ जुड़ाव को महसूस करते है. ये कम्युनिटी की फीलिंग को ताज़ा करती है. इस दौरान मिठाइयां बनाना, सबको बांटना, रिश्तेदारों से मिलने जाना आदि संभव होता है. इससे रिश्तों में गहराई आती है. गणपति से लेकर दिवाली तक लगातार उत्सव मनाने का दौर चलता रहता है. अच्छा माहौल होता है और मुझे बहुत पसंद है.
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रंगोली बनाना पसंद करती हैं दीपिका
दीवाली पर बचपन से मेरी मां ने मुझे रंगोली बनाना सिखाया है और मैं आज तक भी इसे अपने दरवाजे के बाहर बनाती आ रही हूं और दिए जलाती हूं. इस बार दिवाली को हम दोनों अपने परिवार और दोस्तों के साथ मनाने वाले है. मैंने खुद का एक अपना घर लिया हुआ है. घर को सजाना और सम्हालना मुझे पसंद है, इसमें जो नारी सुलभ टच मैं देती हूं. वह रणवीर को अच्छा लगता है. मसलन दिया जलाना, फ्रेश फूल लेकर सजाना, कैंडल जलाना आदि.
रणवीर के साथ स्क्रीन शेयर करेंगी दीपिका
दीपिका ने हर फिल्म को सच्चे दिल से किया है यही वजह है कि उनकी फिल्में बौक्स औफिस पर सफल रही है. आज भी वह किसी चुनौती को लेने से घबराती नहीं है. दीपिका फिल्म ‘83’ में शादी के बाद एकबार फिर रणवीर सिंह के साथ अभिनय किया है. जिसमें वह क्रिकेटर कपिलदेव (रणवीरसिंह) की पत्नी रोमिदेव की भूमिका निभा रही है.
‘एसिड एटैक का कैरेक्टर निभाना है मुश्किल’
इसके अलावा फिल्म ‘छपाक’ में दीपिका एसिड एटैक से प्रभावित लक्ष्मी अग्रवाल की भूमिका निभा रही है, जो उसके लिए बड़ी चुनौती रही है. वह कहती है कि ये बहुत बड़ी दायित्व सिर्फ मेरे लिए नहीं ,पूरी टीम के लिए होती है, क्योंकि उस व्यक्ति की रहन-सहन, चाल-ढाल सब कुछ सही तरीके से दिखाई जानी चाहिए. इसी वजह से जिस व्यक्ति पर ये कहानी आधारित है, उसे नजदीक से समझने की कोशिश करनी पड़ती है. वैसा दिखना मेरे लिए बहुत बड़ी इमोशनल चुनौती रही है. इसके अलावा लक्ष्मी के साथ ये सब कैसे हुआ. मैं अगर वहां होती, तो परिस्थिति क्या होती आदि छोटी-छोटी बातों का ध्यान देना पड़ा, क्योंकि अपने आप को उस परिस्थिति में डालना और भावनात्मक पहलू को दिखाना बहुत ही मुश्किल होता है.
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फैमिली है सबसे पहले
दीपिका एक सफल एक्ट्रेस होने के साथ-साथ अपने परिवार के बेहद करीब है. उसके अनुसार अगर फिल्म सफल नहीं होती, तो दुःख होता है कि वह दर्शकों अनुरूप काम नहीं कर पायी. ऐसे में परिवार का सहयोग उन्हें हमेशा रहता है. दीपिका अपनी कामयाबी का श्रेय फैशन स्टाइलिस्ट और इमेज कंसलटेंट प्रसाद बिदप्पा,जिसने उसे समझाया कि वह एक्टिंग कर सकती है.इसके बाद फरहा खान, जिसने अभिनय का मौका दिया, ड्राईवर, हेयर ड्रेसर, मेकअप आर्टिस्ट आदि सभी को देती है.
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आत्मविश्वास और आत्मनिर्भर महिलाओं की तरह रहना पसंद करती हैं दीपिका
दीपिका को आज की महिलाओं का आत्मविश्वास और आत्मनिर्भर होना बहुत पसंद है.वह कहती है कि ऐसी महिलाओं के बारें में पढ़ना और मिलना पसंद करती हूँ. महिलाएं हमेशा से ही घर की प्रमुख होती है, उन्हें जिंदगी में उसी काम को करनी चाहिए, जिससे उन्हें ख़ुशी मिले. महिलाएं जब अपने लिए कुछ करती है ,तो उन्हें अपराधबोध होता है, क्योंकि उन्होंने शुरू से अपने पति, बच्चे, माता-पिता, दोस्तों आदि के लिए काम किया है. खुद के लिए उनके पास समय नहीं होता. खुद का ख्याल शारीरिक और मानसिक रूप से बिना अपराधबोध के रखना जरुरी है.
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