टीकाकरण और जांच में उत्तर प्रदेश ने पकड़ी रफ्तार

लखनऊ . उत्तर प्रदेश के जनपदों में कराए गए सीरो सर्वे के शुरुवाती नतीजे सकारात्मक आए हैं. प्रदेश में कराए गए सीरो सर्वे के शुरुआती नतीजों के मुताबिक सर्वेक्षण में लोगों में हाई लेवल एंटीबॉडी की पुष्टि हुई है. बता दें कि प्रदेश में चार जून से सभी जनपदों में सीरों सर्वे को शुरू किया गया था  सीरो सर्वे प्रदेश के सभी 75 जिलों में किया गया. सर्वे के जरिए किस जिले के किस क्षेत्र में कोरोना का कितना संक्रमण फैला और आबादी का कितना हिस्सा संक्रमित हुआ इसकी पड़ताल इस सर्वे से की गई. इसके साथ ही इस सर्वे के जरिए कितने लोगों में कोरोना से लड़ने के लिए एंटीबाडी बन चुकी है इसकी जानकारी एकत्र की गई है. ऐसे में सीरो सर्वे के शुरुवाती नतीजे सकारात्मक आना प्रदेशवासियों के लिए राहत भरी खबर है.

टीकाकरण और जांच में रफ्तार पकड़ते हुए नए वेरिएंट डेल्टा प्लस की जांच को अनिवार्य करते हुए युद्धस्तर पर कोरोना की तीसरी लहर से निपटने के लिए जमीनी स्तर पर तैयारियों को अंतिम रूप प्रदेश में दिया जा रहा है. प्रदेश में एक्टिव केस की संख्या में कमी होने की बावजूद भी प्रदेश में ट्रिपल-टी की रणनीति पर कार्य किया जा रहा है. प्रदेश में संक्रमण दर 0.1 प्रतिशत से भी कम स्तर पर आ चुकी है, जबकि रिकवरी रेट 98.5 प्रतिशत पहुंच गया है. बता दें कि ज्यादातर जिलों में संक्रमण के नए केस इकाई की संख्या  में दर्ज किए जा रहे हैं, तो 50-52 से अधिक जिलों में 50 से कम एक्टिव केस ही रह गए हैं. प्रदेश में अब कुल एक्टिव केस की संख्या 3,423 है.

पिछले 24 घंटों में एक ओर जहां दो लाख 69 हजार 272 सैम्पल की जांच की गई, वहीं मात्र 226 नए पॉजिटिव केस सामने आए. उत्तर प्रदेश में अब तक 05 करोड़ 65 लाख 40 हज़ार 503 कोविड टेस्ट किए जा चुके हैं. प्रदेश में अब तक कुल 16 लाख 79 हजार 416 प्रदेशवासी कोरोना से लड़ाई जीत कर स्वस्थ हो चुके हैं.

सितंबर में हुआ था सीरो सर्वे

कोरोना की पहली लहर के दौरान पिछले साल सितंबर में 11 जिलों में सीरो सर्वे कराया गया था. यह सर्वे लखनऊ, कानपुर, वाराणसी, गोरखपुर, आगरा, प्रयागराज, गाजियाबाद, मेरठ, कौशांबी, बागपत व मुरादाबाद में हुआ था.

मिशन जून के तहत निर्धारित समय से पाया यूपी ने लक्ष्य

मिशन जून के तहत एक माह में एक करोड़ प्रदेशवासियों के टीकाकरण के निर्धारित लक्ष्य को यूपी सरकार ने 24 जून को ही प्राप्त कर लिए. निशुल्क टीकाकरण अभियान के तहत प्रदेश में अब  प्रतिदिन सात लाख से अधिक डोज दी जा रही हैं. अब तक 02 करोड़ 90 लाख से अधिक वैक्सीन डोज लगाए जा चुके हैं. करीब 42 लाख लोगों ने टीके के दोनों डोज प्राप्त कर लिए हैं. एक जुलाई से हर दिन न्यूनतम 10 लाख लोगों को टीका-कवर देने का लक्ष्य यूपी सरकार ने निर्धारित किया है. विकास खंडों को क्लस्टर में बांटकर वैक्सीनेशन की नीति के अच्छे परिणाम प्रदेश में देखने को मिले हैं. पायलट प्रोजेक्ट के तौर पर यह एक तिहाई विकास खंडों में लागू है  अब सरकार जल्द ही एक जुलाई से इसे पूरे प्रदेश में लागू करेगी.

डेल्टा प्लस पर यूपी के विशेषज्ञ डॉक्टरों रहे तैयार : सीएम योगी

सुनियोजित नीति से कोरोना की पहली और दूसरी लहर पर लगाम लगाने वाले सीएम योगी आदित्यनाथ ने नई चुनौतियों का सामना करने के लिए यूपी में व्येवस्थातओं को सुनिश्चित करने के निर्देश दिए हैं. दूसरे कई राज्यों में कोरोना वायरस के नए वैरिएंट ‘डेल्टा प्लस’ से संक्रमित मरीजों की पुष्टि होने से सीएम ने अधिकारियों को अलर्ट मोड पर काम करने के निर्देश दिए हैं. जिसके तहत अब प्रदेश में कोविड के डेल्टा प्लस वैरिएंट की गहन पड़ताल के लिए अधिकाधिक सैम्पल की जीनोम सिक्वेंसिंग की जाएगी. प्रदेश में जीनोम सिक्वेंसिंग की सुविधा के लिए केजीएमयू और बीएचयू में सभी जरूरी व्यवस्थाएं उपलब्ध कराने के निर्देश सीएम ने आला अधिकारियों को दिए हैं. बता दें कि साल 2021 की शुरुवात में ही सरकार ने कोरोना संक्रमण के नए स्ट्रे न को ध्यान में रखते हुए लखनऊ के किंग जॉर्ज चिकित्सार विश्वमविद्यालय (केजीएमयू) में जीन सीक्वेंरसिंग की जांच को शुरू करने का फैसला लिया था. वायरस के नए स्ट्रेयन की पहचान समय से करने के लिए जीन सीक्वेंोसिंग की जांच केजीएमयू में जनवरी में ही शुरू कर दी गई थी.

प्रदेश में आने वाले सभी यात्रियों के आरटीपीसीआर टेस्ट के सैंपल से जीन सिक्वेंसिंग कराई जाएगी. रेलवे, बस , वायु मार्ग से प्रदेश में आ रहे लोगों के सैम्पल लेकर जीन सिक्वेंसिंग टेस्ट किया जाएगा. इसके साथ ही प्रदेश के जिलों से भी कोरोना वायरस के नए वैरिएंट ‘डेल्टा प्लस’ के सैंपल लिए जाएंगे. रिपोर्ट के परिणाम स्वरूप डेल्टा प्लस प्रभावी क्षेत्रों की मैपिंग कराई जाने के आदेश सीएम ने दिए हैं.

डेल्टा प्लस पर विशेषज्ञ डॉक्टरों ने तैयार की रिपोर्ट

उत्तर प्रदेश में विशेष सतर्कता बरतते हुए समय रहते ही सरकार ने ठोस रणनीति बना ली है. विशेषज्ञों के अनुसार इस बार का वैरिएंट पहले की अपेक्षा कहीं अधिक खतरनाक है. राज्य स्तरीय स्वास्थ्य विशेषज्ञ परामर्श समिति ने इससे बचाव के लिए विस्तृत अनुशंसा रिपोर्ट तैयार की है. राज्य स्तरीय स्वास्थ्य विशेषज्ञ परामर्श समिति की रिपोर्ट के अनुसार दूसरे आयु वर्ग के लोगों की अपेक्षा इस नए वैरिएंट का दुष्प्रभाव बच्चों पर कहीं अधिक हो सकता है. सीएम ने विशेषज्ञों के परामर्श के अनुसार बिना देर किए सभी जरूरी कदम उठाए जाने के आदेश अधिकारियों को दिए हैं. राज्य स्तरीय स्वास्थ्य विशेषज्ञ परामर्श समिति के सदस्यों व अन्य वरिष्ठ चिकित्सकों के जरिए जनजागरूकता का कार्य भी किया जाएगा.

बीएचयू और केजीएमयू ने संभाली कमान

किंग जॉर्ज चिकित्सान विश्वनविद्यालय केजीएमयू के साथ ही बनारस के बीएचयू में जीन सीक्वेंरसिंग की जांच शुरू की गई है. यूपी में अभी तक जीन सीक्वेंनसिंग जांच के लिए सैंपल को पुणे भेजा जाता था पर अब प्रदेश में जांच शुरू होने से प्रदेश के बाहर स्थ्ति दूसरे संस्थाजनों में सैंपल नहीं भेजने पड़ेंगे. बता दें कि यूपी की पहली कोरोना टेस्टि लैब भी केजीएमयू में शुरू हुई थी.

जीन सीक्वेंसिंग अनिवार्य, दो हफ्तों में आएगी रिपोर्ट

अभी तक यूपी में आने वाले यात्रियों की एंटीजन और आरटीपीसीआर जांच कोरोना वायरस की पुष्टि के लिए कराई जा रही थी पर अब प्रदेश के सभी यात्रियों के आरटीपीसीआर सैंपल से जीनोम सिक्वेंसिंग कर ‘डेल्टा+’ की जांच को अनिवार्य कर दिया गया है. पॉजिटिव मरीज में कौन सा स्ट्रेसन मौजूद है इसकी जांच के लिए जीन सीक्वेंासिंग की जांच को अनिवार्य किया गया है. ‘डेल्टा प्लस’ की रिपोर्ट दो हफ्तों में आती है.

11 देशों में पाए गए 197 केस, भारत में आठ

जून 16 तक दुनिया के 11 देशों में 197 केस सामने आए जिसमें ब्रिटेन, भारत, कनाडा, जापान,नेपाल, पोलैंड,तौरकी यूएस समेत अन्य देश शामिल हैं. जिसमें भारत में आठ केस की पुष्टि की गई है.

माइक्रोबायोलॉजी विभाग की अध्येक्ष डॉ अमिता जैन ने बताया कि प्रदेश में मुख्य मंत्री योगी आदित्यानाथ के निर्देशानुसार लैब को एडवांस बनाते के लिए पहले से उपलब्ध संसाधनों के जरिए नई जांच को सबसे पहले केजीएमयू में शुरू किया गया था. संस्था न की जीन सीक्वें सर मशीन से इस जांच से सिर्फ वायरस के स्ट्रेोन की पड़ताल की जाएगी. इसके लिए लैब में कोरोना पॉजिटिव आए मरीजों के रैंडम सैंपल लिए जाएंगे.

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