माइंड कोच के तौर पर अपनी अलग पहचान बनाई : श्रुति सेठ

Shruti Seth : सीरियल ‘शरारत’ की जिया और ‘कौमेडी सर्कस’ की ऐंकर श्रुति सेठ को कौन नहीं जानता. अवार्ड्स इवेंट में श्रुति ने भी एक अवार्ड अपने नाम किया. लेकिन यह अवार्ड उन्हें ऐक्टिंग के लिए नहीं बल्कि डिजिटल क्रिएटर की कैटेगरी के लिए दिया गया था.

जी हां, टीवी और सिनेमा में 25 साल काम करने के बाद श्रुति डिजिटल की दुनिया में आ चुकी हैं, जहां वे पेरैंटिंग, मदरहुड और फैमिली मैंटल वैल बीइंग से जुड़े कौंटैंट बनाती हैं. वे माइंड कोच के तौर पर भी अपने फौलोअर्स को पेरैंटिंग से जुड़े मिथ्स बताती हैं और उन का सौल्यूशन भी देती हैं.

बढ़ती गई खोज

श्रुति ‘क्यों होता है प्यार,’ ‘ब्लडी ब्रदर,’ ‘रिश्ता डौट कौम,’ ‘श्श्श् कोई है,’ ‘बालवीर’ जैसे कई सीरियलों में नजर आईं. श्रुति ने करिश्मा कपूर के साथ ‘मैंटरहुड’ जैसी सीरीज में भी काम किया है. आमिर खान और काजोल की सुपरहिट फिल्म ‘फना’ में श्रुति ने काजोल की दोस्त का रोल निभाया था. इस के अलावा श्रुति यशराज की फिल्म ‘तारा रम पम’ में और प्रकाश झा की फिल्म ‘राजनीति’ में भी नजर आईं.

अब इस अदाकारा ने माइंड कोच के तौर पर भी अपनी पहचान बनाई है. जब उन से पूछा कि उन्हें यह कोर्स कैसे मिला और उन्होंने इसे क्यों चुना, तो उन्होंने कहा, ‘‘मैं ने महामारी के दौरान जिज्ञासा और आत्मजांच की आवश्यकता के कारण अचानक अध्ययन करना शुरू कर दिया. मुझे एहसास नहीं था कि मैं एक कभी न खत्म होने वाली यात्रा पर निकलने वाली हूं. प्रत्येक अगले कोर्स के साथ गहराई से जानने की मेरी खोज बढ़ती ही गई. मानव मन और मानवीय स्थिति की प्रकृति ऐसी ही है.’’

ऐसे पहुंचाया लाभ

श्रुति कहती हैं, ‘‘जैसेजैसे मैं ने खुद को शिक्षित किया, मुझे एहसास हुआ कि मैं दूसरों को भी लाभ पहुंचा सकती हूं ताकि वे अधिक संतुष्टिदायक जीवन जी सकें, पुरानी आदतों को तोड़ सकें और अपने कार्यों के प्रति अधिक सजग हो सकें. कला आधारित थेरैपी में पीजी डिप्लोमा और माइंडफुलनैस मैडिटेशन में प्रमाणन प्राप्त करने के बाद से मैं ने जोखिम में पड़े बच्चों, शिक्षकों, छात्रों और कौरपोरेट सीईओ के लिए कई कार्यशालाएं आयोजित की हैं.’’

हार नहीं मानी

श्रुति ने टीवी से ले कर फिल्मों तक अपने काम को खूब मजे से निभाया और इसे ले कर वे खुश भी हैं. अवार्ड लेने समय उन्होंने हंसते हुए कहा कि फिल्मी दुनिया में उन्हें 25 सालों के काम के बाद भी कोई अवार्ड नहीं मिला. लेकिन आज मेरी नई भूमिका को गृहशोभा ने अवार्ड के रूप में नई पहचान दी है. आज के दौर में जहां कई कलाकार कम काम मिलने की वजह से अवसाद का शिकार बन जाते हैं वहीं श्रुति जैसे लोग अपने लिए नए रास्ते बनाते हैं. वह भी ऐसे रास्ते जो न सिर्फ खुद को मंजिल दिला सकें बल्कि दूसरों को भी सही दिशा दे सकें.

नई भूमिका में खुश

श्रुति को उन की बेहतरीन अदाकारी के लिए तो जाना ही जाता है लेकिन अब वे एक बेहतरीन पेरैंटिंग और माइंड कोच भी हैं. अपनी इस भूमिका में वे पहले से?भी ज्यादा व्यस्त हैं. अब वे अपनी लाइफ की स्क्रिप्ट राइटर होने के साथसाथ डाइरैक्टर भी हैं. अपनी नई भूमिका को वे अच्छी तरह से निभा भी रही हैं. श्रुति ने लोगों को यह भी बता दिया कि यदि सोशल मीडिया का इस्तेमाल सही तरह से किया जाए तो यह सभी के लिए लाइफ चैंजिग मीडियम साबित हो सकता है. श्रुति का मानना है कि हर महिला के अंदर एक टैलेंट होता है बस जरूरत होती है खुद में खुद को ढूंढ़ने की. जिस दिन आप ने ऐसा कर लिया उस दिन आप से बेहतर शायद कोई नहीं होगा.

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