बच्चों को सिखाएं ये 15 सोसाइटी एटिकेट्स

एक सोसाइटी में रहने वाली रवीना के बेटे को स्वीमिंग पूल में किसी बच्चे ने इतनी जोर से मारा कि उसके कान से खून ही निकलने लगा. मेरे बगल के फ्लैट में रहने वाली मेरी सहेली का 13 वर्षीय बेटा अक्सर बिना कॉलबेल बजाए ही घर के अंदर तक घुसा चला आता है. फ्लैट कल्चर के इस युग में एक कैम्पस में सैकड़ों परिवार एक साथ एक परिवार की भांति रहते हैं. यहां पर कैम्पस में ही सभी सुविधाएं होती हैं ऐसे में बच्चों को सोसाइटी में रहने के एटिकेट्स सिखाना अत्यंत आवश्यक है यूं भी  कोरोना के कारण लंबे समय तक घर में रहने के कारण आजकल बच्चे जरूरी एटिकेट्स तक भूल गए हैं ऐसे में उन्हें कैम्पस में रहने के तौर तरीके सिखाना अत्यंत आवश्यक है  क्योंकि  बच्चों की आदतें, स्वभाव और गतिविधियां उनके माता पिता की  परवरिश को ही परिलक्षित करते हैं इसलिए सोसाइटी में निवास करते समय उन्हें निम्न जरूरी एटिकेट्स सिखाना अत्यंत आवश्यक है-

1. किसी के भी घर में जाकर यहां वहां ताका झांकी न करें साथ ही भले ही दरवाजा खुला हो कॉलबेल बजाकर ही घर में प्रवेश करें.

2. सोसाइटी में निवास करने वाले बच्चे  खेल खेल में अपने आसपास के फ्लैट्स की कालबेल बजाकर भाग जाते हैं, आप उन्हें ऐसा न करने की सख्त हिदायत दें.

3. सोसाइटी की एमिनिटीज को सभ्यतापूर्वक प्रयोग करने की हिदायत दें.

4. सोसाइटी के बच्चों के साथ मित्रतापूर्वक व्यवहार करने और परस्पर लड़ाई झगड़ा न करने को कहें.

5. सोसाइटी की लिफ्ट, वेटिंग एरिया आदि में स्कैच पेन से चित्रकारी करके गन्दा न करने की हिदायत दें.

6. अक्सर बच्चे सोसाइटी की पार्किंग में खड़ी गाड़ियों के कांच तोड़ देते हैं या फिर स्क्रैच कर देते हैं उन्हें इस प्रकार की हरकतें न करने को कहें.

7. लिफ्ट और पैसेज एरिया में जोर जोर से न चीखें चिल्लाएं.

8. सोसायटी में सभी परिवार एक परिवार के समान रहते हैं इसलिए बच्चों को भी बड़ों के साथ सम्मान और छोटों के साथ प्यार से पेश आने की समझाइश दें.

9. सोसाइटी के जिम की मशीनों को अनावश्यक रूप से चलाने या वेट को उठाकर इधर उधर न पटकें.

10. सोसाइटी के गार्ड और अन्य कर्मचारियों के साथ सम्मान के साथ पेश आएं.

11. कई बार स्वीमिंग पूल में नहाते समय आपस मारपीट कर बैठते हैं ऐसे में उन्हें परस्पर झगड़ने की जगह किसी बड़े को सूचित करने को कहें.

12. अक्सर खेलते समय बच्चे बड़े पत्थर या ईंट को मार्क के तौर पर प्रयोग करते हैं फिर उसे वहीं छोड़कर भाग जाते हैं जिससे मार्ग अवरुद्ध हो जाता है आप उन्हें चीजों को प्रयोग करने के बाद यथास्थान रखने की हिदायत दें.

13. घर से बाहर निकलते समय आसपड़ोस के फ्लैट्स में ताका झांकी न करें.

14. गार्डन के पेड़ पौधों से फूल पत्ती न तोड़े और न ही बेवजह उन्हें रौंदे.

15. जिम, स्वीमिंग पूल आदि के निर्धारित समय सीमा का पालन करने को कहें.

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नैटिकेट्स का रखें ध्यान

नैटिकेट्स शब्द नैट और ऐटिकेट्स से मिल कर बना है और इस का मतलब है औनलाइन बिहेवियर के नियमों का पालन करना. जैसे रियल लाइफ में ऐटिकेट्स का पालन करना जरूरी होता है वैसे ही नैटिकेट्स, औनलाइन शिष्टाचार का पालन न करने से भी आप परेशानी में पड़ सकते हैं. इन नियमों का पालन करने से आप अपना औनलाइन टाइम ज्यादा अच्छी तरह ऐंजौय कर सकते हैं.

हाल ही की एक डिजिटल रिपोर्ट के अनुसार हम रोज लगभग 6 घंटे 42 मिनट औनलाइन बिताते हैं. हम अपने स्मार्टफोन, लैपटौप में चैटिंग, गेम्स, फोटो लेने, उन्हें शेयर करने और भी बहुत कुछ करने में व्यस्त रहते हैं. इतना औनलाइन रहने पर हमारा औनलाइन बातों में व्यस्त रहना स्वाभाविक है. हो सकता है ऐसे बहुत से लोग हों जो नैटिकेट्स न जानते हों और कई गलतियां कर रहे हों. उन्हीं के लिए हैं ये टिप्स:

– जब आप औनलाइन बात कर रहे हों तो अपनी भाषा का ध्यान रखें. यह न सोेचें कि आप को कोई देख नहीं रहा है तो आप कैसी भी भाषा का प्रयोग कर सकते हैं.

– बात को लंबा न खींचें. मतलब कि जरूरी बात करें. बेकार की लंबी, बोरिंग बातचीत से बचें.

– ईमेल, चैट, टैक्स्ट या सोशल मीडिया पोस्ट के कमैंट्स हों, सैंड बटन दबाने से पहले एक  बार हर चीज अच्छी तरह पढ़ें.\

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– टाइप करते हुए कैपिटल्स यूज न करें. इस से चिल्लाने की फीलिंग आती है. जैसे आप को अगर नेवर लिखना हो तो आप उसे कैपिटल में न लिखें. इस से जोर से बोलने वाली फीलिंग आती है और वह इन्सल्टिंग लगता है. आप किसी पर नैट पर चिल्लाएं या रियल लाइफ में सामने बैठ कर उसे अच्छा नहीं लगेगा.

– ईमल भेजते हुए सब्जैक्ट लाइन चैक कर लें. यह काम से संबंधित मेल्स के लिए जरूरी है, क्योंकि अगर आप सब्जैक्ट लाइन में हाय लिखती हैं तो हो सकता है उसे अर्जेंट न सम झा जाए और बाद में देखने के लिए छोड़ दिया जाए.

– न तो किसी के प्राइवेट फोटो या बातचीत शेयर करें और न ही पोस्ट. इस से किसी के साथ आप के रिश्ते खराब हो सकते हैं.

– औनलाइन दुनिया में स्पीड का ध्यान रखें. ईमेल्स और मैसेज का जवाब टाइम से दें, भले ही टौपिक अर्जेंट न हो, पर हफ्ते के अंदर जवाब जरूर दे दें. इग्नोर न करें.

– किसी को लगातार मेल्स न भेजें. किसी से अपने मेल्स पढ़वाने के लिए जबरदस्ती न करें. यह अशिष्टता है.

– शेयरिंग करें पर अपनी पर्सनल लाइफ की हर छोटी डिटेल शेयर करने से बचें.

– गौसिप न करें, जिन बातों पर आप को पूरी तरह विश्वास न हो कि वे सच हैं, उन की कहानियां न सुनाएं और कई बार अगर कोई सच बात आप को पता भी हो तो जरूरी नहीं होता कि आप शेयर करें ही.

– आप को कितनी भी जरूरत हो आप वैब से फोटो न चुराएं. हो सकता है उन का कौपीराइट हो और किसी ने इस पर बहुत मेहनत और टाइम लगाया हो. परमिशन लें और क्रैडिट भी दें.

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– कमैंट्स छोटे रखें, औनलाइन डिस्कशन के समय अपनी बात साफसाफ रखते हुए पोस्ट करें.

– किसी की फ्रैंड रिक्वैस्ट ऐक्सैप्ट करने से पहले अच्छी तरह सोच लें. फ्रैंड लिस्ट में ऐड करने के बाद अनफ्रैंड करना इन्सल्टिंग होता है.

जब तक रिश्ता बहुत खराब न हो जाए, अनफ्रैंड न करें.

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