सोशल मीडिया Etiquette का पालन करें कुछ इस तरह

सोशल मीडिया की भूमिका और महत्व को आज शायद ही कम करके आंका या अनदेखा किया जा सकता है, इस बात से इनकार नहीं किया जा सकता है कि हर कोई सोशल मीडिआ प्लेटफार्म के ज़रिये अपनी बहुत अच्छी इमेज सामने रखना चाहता है और इमेज कॉन्शीयसनेस के दौर में हर कोई इस बात का भी ध्यान रखना चाहता है की वो किस तरह खुद के ओपिनियन सोशल मीडिया के ज़रिये रखते हैं और या फिर खुद को प्रेजेंट करते हैं. आये दिन हमें ऐसे भी किस्से देखने को मिलते हैं जब किसी पुरुष द्वारा सोशल मीडिया पर किसी महिला फ्रेंड की लुक्स या फिर व्यक्तित्व पर जाने अनजाने में की गयी टिप्पड़ी या तो किसी अप्रिय घटनाक्रम और या फिर अलग ही प्रतिस्पर्धा को पैदा कर देती हैं और या फिर एक विचित्र स्थिति उत्पन्न कर देते हैं.

सावधानियाऔर एटिकेट्स का ध्यान

इसके अतिरिक्त कई और ऐसी सावधानिया हैं और एटिकेट्स हैं जिनका ध्यान हमें रख कर कई बार हम अपने सोशल मीडिया पर किए गए व्यवहार और तालमेल से भी अपनी छवि खराब कर लेते हैं. हम जो भी छवि अपनी बनाते हैं, उसका असर हमारे आत्मसम्मान पर भी पड़ता है. सोशल मीडिया खासकर जेंडर बुलिंग पर धमकाना आज के दौर में आम बात हो गई है और सोशल मीडिया पर व्यक्त भावनाओं का मजाक सिर्फ इमोजी के जरिए ही उड़ाया जा सकता है. सोशल मीडिया पर की गयी शरारते, अनुचित व्यवहार, अवांछित टैगिंग, कमेंट्स, हैकिंग आदि के मामले भी सामने आ रहे हैं, जेंडर बुलिंग एक ऐसी समस्या है जो एक महिला के लिए ही नहीं बल्कि पुरुषों के लिए भी परेशान करने वाली है.

इसलिए कुछ सोशल मीडिया शिष्टाचार का पालन करके अपने आप को व्यक्त करना बहुत महत्वपूर्ण है जिसे हर आदमी को सोशल मीडिया पर पालन करना चाहिए, मूल बातें सभी को पता हैं, फिर भी कई पुरुष उनका पालन नहीं करते हैं और अनजाने में उन्हें अनदेखा कर देते हैं.

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सोशल मीडिया शिष्टाचार –

श्री विमल और प्रीति डागा से – प्रौद्योगिकी विशेषज्ञ और युवा कोच ऐसे ही महत्वपूर्ण टिप्स आपसे शेयर कर रहे हैं- जो सोशल मीडिया पर आपके छवि को निखारने में आपकी मदद करेंगे.

खास टिप्स

सोशल मीडिया पर महिलाओं के पर्सनल स्पेस का सम्मान करें, यह जरूरी नहीं है कि अगर किसी महिला ने आपकी फ्रेंड रिक्वेस्ट को स्वीकार कर लिया है, तो आप किसी भी समय और समय पर उन्हें मैसेज करना शुरू कर दें, या उन्हें स्टॉक करना शुरू कर दें. गोपनीयता के उल्लंघन से बचें.

यदि आपको भेजे गए संदेश का कोई उत्तर नहीं मिलता है, तो आप संदेश की प्रतीक्षा करें और फिर दुबारा से संदेश न भेजें, थोड़े को बहुत समझे और वहा से खुद का ध्यान हटा दें.

किसी को भी कॉल करने या मीटिंग के लिए समय का ध्यान रखना बहुत ज़रूरी होता है , और सोशल मीडिआ पर भी यह रूल अप्लाई होता है , समय का ध्यान रखें, जहा तक मुमकीन हो देर रात तक फेसबुक कॉल आदि न करें. हां यदि आपका सोशल मीडिया फ्रेंड बहुत खास है या आपका सम्बन्ध बहुत अटूट है वहा यह नियम अप्प्लाई नहीं होता है. कहा जाता है कि इज्जत दोगे तो इज्जत मिलेगी, सोशल मीडिया पर भी वैसा ही व्यवहार करो.

आपका लहजा न केवल फोन पर, बल्कि आपकी भाषा से भी पता चलता है, चाहे वह ट्विटर हो या फेसबुक अपनी भाषा और शब्दों के साथ विनम्र और चयनात्मक रहें.

अपनी प्रोफाइल पिक्चर को ओरिजिनल ही रखें, और अपनी जानकारी भी ओरिजिनल के रूप में दर्ज करें, कई बार पुरुष अपनी प्रोफाइल पिक्स पोस्ट करने के बजाय बॉलीवुड स्टार्स या उनकी पसंदीदा हस्तियों की तस्वीरें लगाते हैं. इसका मतलब यह नहीं है कि आप अपने बारे में सब कुछ वैसे ही साझा करें जैसे वह है, लेकिन वास्तविक बनें और अपने बारे में सही जानकारी दर्ज करें.

किसी के साथ जहा तक हो सोशल मीडिआ पर सार्वजनिक टूर पर चैट न करें, चाहे वह पेशेवर हो या व्यक्तिगत, सार्वजनिक.

जब तक आप नहीं जानते, आपको अनावश्यक संदेश भेजने और टिप्पणियों को इंडेंट करने से बचना चाहिए, या सिर्फ इसलिए कि आपके संदेश का उत्तर नहीं दिया गया था, खराब टिप्पणी नहीं करनी चाहिए.

किसी को टैग करने से पहले सोचें, हो सकता है कि कई लोग आपको सीधे तौर पर बाधित न करें लेकिन टैग किया जाना हर किसी को पसंद नहीं होता है, बेहतर है की टैगिंग से पहले आप मैसेज कर के टैग करने की परमिशन ले लें.

जहां तक संभव हो, शराब पीते समय अपनी बहुत सारी व्यक्तिगत तस्वीरें, पार्टी की तस्वीरें और अपनी तस्वीरें पोस्ट करने से बचें.

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जहां तक संभव हो सोशल मीडिया पर वाद-विवाद से बचें, आप अपने विचार रख सकते हैं लेकिन जानबूझ कर किसी से वाद-विवाद में न पड़ें, जरूरी नहीं कि आप उनसे हर विवाद को जीत लें, भले ही वाद-विवाद का मंच किसी के साथ आ जाए, तो पूरी शालीनता से अपनी बात और दूसरे व्यक्ति की बात के साथ तर्क से बाहर निकलें और अपनी बात समझाएं और उसका सम्मान करें.

अपनी भाषा के साथ-साथ सोशल मीडिया पर अपने व्याकरण का ध्यान रखें, हमेशा वर्तनी और व्याकरण की जांच करें.

अगर कोई आपकी पोस्ट पर टिप्पणी या ट्वीट करता है, तो बातचीत शुरू करने के लिए धन्यवाद कहना न भूलें, सोशल मीडिया पर किसी को भी नजरअंदाज करना पसंद नहीं है.

कुछ लोग सोशल मीडिया पर बहुत लंबे कमेंट करते हैं या लंबी पोस्ट डालते हैं, उन्हें भी ऐसी लंबी पोस्ट या कमेंट पढ़ना पसंद नहीं है, कोशिश करें कि आपकी पोस्ट सटीक हो और आप कम समय में अपनी बात कह सकें.

जानें क्या हैं Whatsapp ग्रुप के 7 एटिकेट्स

आजकल तकनीक का जमाना है और उसी का एक हिस्सा है सोशल मीडिया. फेसबुक, व्हाट्स एप, ट्विटर, यू ट्यूब जैसे अनेकों प्लेटफॉर्म आज मौजूद हैं जिनसे जिंदगी काफी आसान भी हुई है. कोरोना काल में जब मेल मुलाकातों का सर्वथा अभाव था तो व्हाट्स एप पर ही लोगों ने एकदूसरे का सम्बल बढ़ाया.

व्हाट्स एप पर ग्रुप बनाना आजकल बड़ी ही आसान और सहज बात है. आजकल व्हाट्स पर ग्रुप बनाकर बड़े बड़े ऑफिसेज के क्रिया कलाप किये जाते हैं. यहां पर ग्रुप बनाने से लाभ यह होता है कि एक साथ आप कई लोगों तक अपनी बात पहुंचा पाते हैं. यद्यपि आजकल टेलीग्राम पर भी ग्रुप बनाकर चर्चा की जाती है परन्तु टेलीग्राम की अपेक्षा व्हाट्स एप अधिक चलन में है. ग्रुप में जुड़ना तो आसान है परन्तु वहां के नियम कायदों को फॉलो करना अत्यंत आवश्यक होता है. यहां पर प्रस्तुत है व्हाट्स एप ग्रुप के 7 एटिकेट्स जिन्हें हम सबको आवश्यक रूप से अपनाना चाहिए-

1. -पूछना है जरूरी

किसी भी प्रकार का ग्रुप बनाते समय सम्बंधित सदस्यों को ग्रुप में जोड़ने से पहले पूछ अवश्य लें कि वे ग्रुप में जुड़ना चाहते हैं अथवा नहीं क्योंकि कई बार आपके परिचित ही एक दूसरे को आपस में जानते नहीं है ऐसे में वे ग्रुप में स्वयम को असहज अनुभव करते हैं और ग्रुप को छोड़ देते हैं इसलिए पूछना अत्यंत आवश्यक है हां परिवार के सदस्यों को आप बिना पूछे जोड़ सकते हैं.

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2. -नियमों का करें पालन

पारिवारिक के अलावा अक्सर ग्रुप किसी व्यवसाय, किसी गतिविधि या चर्चा के लिए बनाए जाते हैं. यदि आप ऐसे किसी ग्रुप के सदस्य हैं तो उस ग्रुप एडमिन के द्वारा बनाये गए नियमों का पालन अवश्य करें. उदाहरण के लिए सोसाइटी के ग्रुप आवश्यक सूचनाओं के लिए तो किसी प्रकाशन संस्थान का ग्रुप विभिन्न मुद्दों पर चर्चा के लिए बनाया जाता है और ऐसे ग्रुप्स पर इमोजी, गुडमार्निंग और अन्य कोई भी सन्देश भेजना मना होता है इसी प्रकार के नियम प्रत्येक ग्रुप के होते हैं.

3. -निजी बातें न करें

अक्सर लोग ग्रुप पर ऐसे व्यक्ति के बारे में बात करना प्रारम्भ कर देते हैं जो उस ग्रुप में एड नहीं होता है. बाद में किसी अन्य से जब उसे पता चलता है तो वह दुखी होता है. इसलिए ग्रुप पर किसी भी निजी चर्चा को करने से बचें और यदि कोई कर भी रहा है तो भी उसे रोक दें.

4. -पोस्ट करने से पहले पढ़ लें

आप किसी भी प्रकार के ग्रुप से जुड़ें हों वहां पर हो रही चर्चा के बारे में कुछ भी पोस्ट करने से पहले पूर्व के संदेशों को भली भांति पढ़ लें फिर अपना मत पोस्ट करें. अक्सर लोग बिना पढ़े बस अपना मत व्यक्त कर देते हैं जिससे कई बार बात बिगड़ जाती है.

5. -ग्रुप का नाम न बदलें

ग्रुप का नाम एडमिन अपने अनुसार रखता है. इसलिए एडमिन द्वारा रखे गए नाम, फोटो या सन्देश को बदलने का प्रयास न करें. यदि आप उसमें कुछ बदलाव चाहते ही हैं तो एडमिन के व्यक्तिगत नम्बर पर जाकर सजेस्ट कर सकते हैं.

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6. -@का करें प्रयोग

यदि आप ग्रुप के किसी एक ही व्यक्ति के लिए कुछ मैसेज करना चाहते हैं तो उस व्यक्ति के नाम से पूर्व @का प्रयोग करें इससे जब भी वह व्यक्ति ग्रुप खोलेगा तो उसे स्वयम को टैग किये जाने का नोटिफिकेशन दिखेगा और वह आसानी से जबाब दे सकेगा.

7. -व्यक्तिगत पोस्टिंग न करें

ग्रुप पर कभी भी अपने व्यवसाय, चैनल या किसी समारोह आदि की व्यक्तिगत जानकारी पोस्ट न करें. आपके द्वारा इस प्रकार किया गया अपना प्रचार दूसरों के लिए आपत्तिजनक हो सकता है इसके अतिरिक्त आपको देखकर दूसरे भी अपना प्रचार प्रसार करना प्रारम्भ कर देते हैं जिससे ग्रुप की गरिमा ही समाप्त हो जाती है.

नैटिकेट्स का रखें ध्यान

नैटिकेट्स शब्द नैट और ऐटिकेट्स से मिल कर बना है और इस का मतलब है औनलाइन बिहेवियर के नियमों का पालन करना. जैसे रियल लाइफ में ऐटिकेट्स का पालन करना जरूरी होता है वैसे ही नैटिकेट्स, औनलाइन शिष्टाचार का पालन न करने से भी आप परेशानी में पड़ सकते हैं. इन नियमों का पालन करने से आप अपना औनलाइन टाइम ज्यादा अच्छी तरह ऐंजौय कर सकते हैं.

हाल ही की एक डिजिटल रिपोर्ट के अनुसार हम रोज लगभग 6 घंटे 42 मिनट औनलाइन बिताते हैं. हम अपने स्मार्टफोन, लैपटौप में चैटिंग, गेम्स, फोटो लेने, उन्हें शेयर करने और भी बहुत कुछ करने में व्यस्त रहते हैं. इतना औनलाइन रहने पर हमारा औनलाइन बातों में व्यस्त रहना स्वाभाविक है. हो सकता है ऐसे बहुत से लोग हों जो नैटिकेट्स न जानते हों और कई गलतियां कर रहे हों. उन्हीं के लिए हैं ये टिप्स:

– जब आप औनलाइन बात कर रहे हों तो अपनी भाषा का ध्यान रखें. यह न सोेचें कि आप को कोई देख नहीं रहा है तो आप कैसी भी भाषा का प्रयोग कर सकते हैं.

– बात को लंबा न खींचें. मतलब कि जरूरी बात करें. बेकार की लंबी, बोरिंग बातचीत से बचें.

– ईमेल, चैट, टैक्स्ट या सोशल मीडिया पोस्ट के कमैंट्स हों, सैंड बटन दबाने से पहले एक  बार हर चीज अच्छी तरह पढ़ें.\

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– टाइप करते हुए कैपिटल्स यूज न करें. इस से चिल्लाने की फीलिंग आती है. जैसे आप को अगर नेवर लिखना हो तो आप उसे कैपिटल में न लिखें. इस से जोर से बोलने वाली फीलिंग आती है और वह इन्सल्टिंग लगता है. आप किसी पर नैट पर चिल्लाएं या रियल लाइफ में सामने बैठ कर उसे अच्छा नहीं लगेगा.

– ईमल भेजते हुए सब्जैक्ट लाइन चैक कर लें. यह काम से संबंधित मेल्स के लिए जरूरी है, क्योंकि अगर आप सब्जैक्ट लाइन में हाय लिखती हैं तो हो सकता है उसे अर्जेंट न सम झा जाए और बाद में देखने के लिए छोड़ दिया जाए.

– न तो किसी के प्राइवेट फोटो या बातचीत शेयर करें और न ही पोस्ट. इस से किसी के साथ आप के रिश्ते खराब हो सकते हैं.

– औनलाइन दुनिया में स्पीड का ध्यान रखें. ईमेल्स और मैसेज का जवाब टाइम से दें, भले ही टौपिक अर्जेंट न हो, पर हफ्ते के अंदर जवाब जरूर दे दें. इग्नोर न करें.

– किसी को लगातार मेल्स न भेजें. किसी से अपने मेल्स पढ़वाने के लिए जबरदस्ती न करें. यह अशिष्टता है.

– शेयरिंग करें पर अपनी पर्सनल लाइफ की हर छोटी डिटेल शेयर करने से बचें.

– गौसिप न करें, जिन बातों पर आप को पूरी तरह विश्वास न हो कि वे सच हैं, उन की कहानियां न सुनाएं और कई बार अगर कोई सच बात आप को पता भी हो तो जरूरी नहीं होता कि आप शेयर करें ही.

– आप को कितनी भी जरूरत हो आप वैब से फोटो न चुराएं. हो सकता है उन का कौपीराइट हो और किसी ने इस पर बहुत मेहनत और टाइम लगाया हो. परमिशन लें और क्रैडिट भी दें.

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– कमैंट्स छोटे रखें, औनलाइन डिस्कशन के समय अपनी बात साफसाफ रखते हुए पोस्ट करें.

– किसी की फ्रैंड रिक्वैस्ट ऐक्सैप्ट करने से पहले अच्छी तरह सोच लें. फ्रैंड लिस्ट में ऐड करने के बाद अनफ्रैंड करना इन्सल्टिंग होता है.

जब तक रिश्ता बहुत खराब न हो जाए, अनफ्रैंड न करें.

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