करती हैं डेस्क जौब, तो जरूर करें ये एक्सरसाइज

डैस्क जौब आजकल की जिंदगी का अहम हिस्सा बन गई है, जिस वजह से बहुत सारी महिलाएं पीठ दर्द, गरदन का दर्द, फ्रोजन शोल्डर जैसी कई समस्याओं से ग्रस्त हो जाती हैं.

अगर आप भी डैस्क जौब में हैं, तो हम आप को कुछ आसान व्यायाम बता रहे हैं, जो आप के शरीर को अधिक समय तक डैस्क जौब करने से उत्पन्न तकलीफों से छुटकारा दिला सकते हैं:

गरदन के व्यायाम

– अपने दोनों हाथ सिर के पीछे रखें. हाथ के दबाव से रोकते हुए अपने सिर को पीछे की तरफ ले जाने का प्रयास करें. कुछ मिनट तक इसी मुद्रा में रहें. थोड़ी देर तक इस प्रक्रिया को जारी रखें.

– डैस्क के सामने कई घंटों तक बैठे रहने के बाद कुछ देर अपने सिर को बाएं, दाएं, ऊपर और नीचे की दिशा में घुमाएं और फिर दोनों तरफ झुकाएं. इस व्यायाम को कुछ देर तक दोहराती रहें.

कंधों के व्यायाम

– अपने सिर के पीछे एक पैंसिल या पैन रखें तथा उसे अपने स्थान पर संतुलित बनाए रखने के लिए कंधों का इस्तेमाल करें.

– अपनी बांहों को ऊपर की तरफ फैलाएं और फिर कुछ सैकंड उसी अवस्था में रखें. इस प्रक्रिया को दोहराती रहें.

– अपने दोनों हाथों को कंधों पर दोनों तरफ रखते हुए कंधों को घड़ी की सूई की दिशा और विपरीत दिशा में बारीबारी से घुमाएं.

शरीर को सीधी मुद्रा में रखें

– अपनी कुरसी को ऐडजस्ट करते हुए उसे इतनी ऊंचाई तक रखें जहां से आप आरामदेह स्थिति में सीधे तरीके से बैठ सकें तथा आप की कंप्यूटर स्क्रीन आप की आंखों के समानांतर रहे.

– पालथी मार कर बैठने की कोशिश करें. अपने शरीर को उसी मुद्रा में रखें जिस तरह आप बैठती हैं ताकि आप आराम महसूस कर सकें.

पैरों, बाजुओं और कलाइयों के व्यायाम

– अपने पैरों को दीवार की तरफ तानें. घुटनों को मोड़े बगैर बाजुओं से पैर छूने की कोशिश करें.

– इसी अवस्था में अपने पैरों को ऊपर तथा नीचे गतिशील रखते हुए जौगिंग करें.

– पोरों को बजाएं. आप स्टैपलर की मदद से भी ऐसा कर सकती हैं.

– फुरसत के वक्त हवा में पैर चलाएं ताकि पैरों और बाजुओं की मांसपेशियां मुक्त हो सकें.

पीठ दर्द से मिले राहत

– घूमने वाली कुरसी का इस्तेमाल करें और एक से दूसरी तरफ घूमते हुए अपने पेट के निचले हिस्से को घुमाएं, फिर इसी तरह उलटी दिशा में घुमाएं.

– नियमित अंतराल पर ब्रेक लेती रहें. अपने काम का बोझ हलका करने के लिए औफिस के गलियारे में थोड़ी देर चहलकदमी करें.

डा. राजीव के. शर्मा

इंद्रप्रस्थ अपोलो हौस्पिटल, दिल्ली

ज्यादा एक्सरसाइज करना आपके दिल की हेल्थ को पहुंचा सकता है नुकसान, पढ़ें खबर

जब एक्सरसाइज करने की बात आती है तो हम अपने शरीर और दिमाग पर एक गतिहीन जीवन शैली के नकारात्मक प्रभावों के बारे में बहुत कुछ सुनते है. लेकिन अत्यधिक एक्सरसाइज? “बहुत ज्यादा बहुत बुरा है,” और यह एक्सरसाइज के लिए भी सच है. जबकि कम एक्सरसाइज  भी एक गंभीर समस्या है, यह एक्सरसाइज का दूसरा पहलू भी है, जो अधिक एक्सरसाइज के साथ आता है. डॉ. सुब्रत अखौरी, निदेशक इंटरवेंशनल कार्डियोलॉजी एशियन हॉस्पिटल फरीदाबाद का कहना है- एक्सरसाइज, जब सही तरीके से किया जाता है, तो हमारे शरीर के लिए कई लाभ होते हैं – रक्त परिसंचरण में सुधार और आपके लसीका तंत्र को उत्तेजित करता है, हमारे शरीर से विषाक्त पदार्थ को बाहर निकालने में मदद करता हैं. लेकिन यहां, हमें ‘पर्याप्त’ शब्द पर ध्यान देने की आवश्यकता है क्योंकि अधिक प्रशिक्षण आपके संपूर्ण स्वास्थ्य को पंगु बना सकता है और आपके दिल को तनाव में डाल सकता है.

एक अध्ययन से पता चला है कि बहुत अधिक एक्सरसाइज आपके हृदय स्वास्थ्य के लिए हानिकारक हो सकता है.

इससे पता चलता है कि जो लोग लंबे समय तक उच्च-तीव्रता वाले वर्कआउट में शामिल थे, उन्हें मध्य आयु तक पहुंचने तक कोरोनरी धमनी कैल्सीफिकेशन (CAC) विकसित होने का खतरा था. यह बताता है कि इतने सारे युवा और मध्यम आयु वर्ग के फिटनेस उत्साही अचानक दिल के दौरे से क्यों मर रहे हैं. जहां पर्याप्त एक्सरसाइज हृदय स्वास्थ्य के लिए फायदेमंद होता है, वहीं अति-एक्सरसाइज आपके हृदय पर पूरी तरह से नकारात्मक प्रभाव डालता है.

जब आपके पास अपने स्वास्थ्य के लिए पर्याप्त समय नहीं है तो आप अपने शरीर के सबसे अच्छे होने की उम्मीद कैसे कर सकते हैं?  आज बहुत से युवा अति-प्रशिक्षण और कम खाने के प्रति जुनूनी हैं जो उनके शरीर को और अधिक क्षति पहुँचाता है.

नियमित एक्सरसाइज हमारे शारीरिक और मानसिक स्वास्थ्य की कुंजी है. हमारे शरीर के लिए इसके अनगिनत लाभ हैं –

फिटनेस के स्तर को बढ़ाता है, और हमारे हृदय स्वास्थ्य में सुधार के अलावा स्वस्थ वजन बनाए रखने में मदद करता है. इसके अलावा, यह हमारे मूड को को अच्छा करता है, नींद में सुधार करता है और हमारे दैनिक जीवन में तनाव को कम करता है. और इन सबसे बढ़कर यह हमारे शरीर को शेप में रखने का काम करता है.

बहुत अधिक एक्सरसाइज कितना है? यह एक ऐसा प्रश्न है जो कभी कभी एक्सरसाइज करने वालों और एथलीटों जैसे के मन में समान रूप से रहता है. हालांकि, ऐसा कोई एक उत्तर नहीं है जो सभी के लिए उपयुक्त हो. जो एक के लिए पर्याप्त हो, वह दूसरे के लिए नहीं हो सकता है. तो, आप कैसे जाने हैं कि आप सही दिशा में जा रहे हैं? कुछ संकेत हैं जिन पर ध्यान देना चाहिए.

सबसे पहले, अपनी हृदय गति पर कड़ी नज़र रखें –

यदि यह आराम करते समय भी सामान्य से अधिक है, तो यह एक संकेत है कि आपको ध्यानकरने की आवश्यकता है. इसके बाद, अपने हृदय गति परिवर्तनशीलता (एचआरवी) की निगरानी करें. यह प्रत्येक दिल की धड़कन के बीच के समय का एक माप है और आपके दिल के समग्र स्वास्थ्य को दर्शाता है

कम एचआरवी का मतलब है कि आपका दिल एक्सरसाइज से स्वस्थ नहीं हो पा रहा है जिससे आगे समस्याएं हो सकती हैं. अपने शरीर पर ध्यान दे, यदि आप अत्यधिक थका हुआ या असामान्य रूप से बीमार महसूस करते हैं, तो अपना एक्सरसाइज कम करें और अपने शरीर को ठीक होने दें.

बहुत अधिक एक्सरसाइज आपके दिल को तनाव में डाल सकता है –

तीव्र एक्सरसाइज आपके हृदय गति को बढ़ाता है जिसके परिणामस्वरूप तनाव हार्मोन का स्राव होता है जिसके परिणामस्वरूप दिल का दौरा और हृदय गति रुकने का खतरा बढ़ जाता है. इसके अलावा, यदि आप हृदय रोग से पीड़ित हैं, तो बहुत अधिक एक्सरसाइज आपके लक्षणों और प्रभावी उपचारों को खराब कर सकता है. इसके अलावा, अति-एक्सरसाइज करने से अनियमित दिल की धड़कन तेज  होने का खतरा बढ़ सकता है, जो घातक हो सकता है. इसलिए, किसी भी नए एक्सरसाइज को शुरू करने से पहले एक स्वास्थ्य देखभाल पेशेवर से परामर्श करना महत्वपूर्ण है.

एक्सरसाइज और आराम- स्वस्थ संतुलन बनाए रखें

हम सभी नियमित एक्सरसाइज के स्वास्थ्य लाभों से सहमत हैं, यह भी महत्वपूर्ण है कि आप अपने शरीर को आराम देने   के लिए समय निकालें. अपने एक्सरसाइज दिनचर्या के साथ ओवरबोर्ड जाने से स्वास्थ्य संबंधी गंभीर समस्याएं हो सकती हैं. एक्सरसाइज और आराम के बीच स्वस्थ संतुलन बनाए रखने के लिए कुछ सुझाव है

  • अपने शरीर को स्वस्थ रखने लिए अपने एक्सरसाइज दिनचर्या से कम से कम एक दिन की छुट्टी लें.
  • अपने आप को कगार पर न धकेलें. यदि आप थकावट महसूस करते हैं, तो कुछ दिनों के लिए ब्रेक लेना आपके शरीर के लिए अच्छा हो सकता है.
  • एक्सरसाइज के दौरान अपनी हृदय गति और एचआरवी पर नजर रखें. अगर आपको सांस लेने में तकलीफ या सीने में किसी प्रकार का दर्द महसूस होता है, तो यह एक संकेत है कि आपको ब्रेक लेने की जरूरत है.

एक्सरसाइज और आराम के बीच सही संतुलन खोजना हर किसी के लिए अलग होता है लेकिन ये टिप्स आपको स्वस्थ रहने और अधिक एक्सरसाइज से बचने में मदद कर सकते हैं.

 मुख्य बात

एक नियमित एक्सरसाइज दिनचर्या आपके हृदय स्वास्थ्य को लाभ पहुंचाती है, इसका बहुत अधिक वास्तव में अच्छे से अधिक नुकसान कर सकता है. यदि आप सुनिश्चित नहीं हैं कि आपको फिट रहने के लिए सही मात्रा में एक्सरसाइज की आवश्यकता है या आप अपने हृदय स्वास्थ्य को ट्रैक करना चाहते हैं और समय के साथ बदलाव देखना चाहते हैं, तो नियमित रूप से इसकी निगरानी करने पर विचार करें. यह न केवल आपको वर्कआउट करते समय सुरक्षित रहने में मदद करेगा बल्कि आपके संपूर्ण हृदय स्वास्थ्य पर विभिन्न प्रकार के एक्सरसाइज के प्रभाव को समझने में भी आपकी मदद करेगा.

जानें क्या हैं Exercise के सही नियम

‘मेरी जिम जाने की दिल से चाहत है, लेकिन क्या करूं समय ही नहीं मिलता,’ यह बात कुछ लोगों से अकसर सुनने को मिलती है. फिटनैस के लिए आज का युवावर्ग जितना जागरूक और सजग है, उतना ही दूसरा वर्ग भी हो जाए और काम के झमेले, काम के तनाव वगैरह में से अपनेआप पर ध्यान देने के लिए समय निकाले तो अपनी चाहत पूरी न होने और अपने स्वास्थ्य व फिटनैस को ले कर पछतावा नहीं रहेगा.

शरीर प्रकृति की एक सुंदर, परिपूर्ण रचना है. यह शरीर जितना चलताफिरता है उतना ही मजबूत, हट्टाकट्टा और लचीला बना रहता है. इस शरीर को अच्छे आहार और व्यायाम का जोड़ दे कर प्रकृति का दिया हुआ लचीलापन व हट्टाकट्टापन जिंदगी भर संभाला जाता है. सहज रूप से करीना के जीरो फिगर और सिक्स पैक एब्स का आकर्षण हर एक को होता है, लेकिन उस के लिए कितने लोग मेहनत करने को तैयार होते हैं? सभी लोग इस के पीछे भागें यह जरूरी नहीं है, लेकिन अपने शरीर की सुडौलता बनाए रखने और जिंदगी भर स्वस्थ रहने के लिए अपनी व्यस्त जीवनशैली से थोड़ा समय अपने लिए निकालने में क्या मुश्किल है?

‘अपनीअपनी डफली अपनाअपना राग’ यह कहावत व्यायाम के लिए भी खरी उतरती है. जबकि व्यायाम की रूपरेखा इंसान के स्वास्थ्य, जीवनपद्धति, व्यवसाय व उम्र इन सभी चीजों को ध्यान में रख कर तय करनी पड़ती है. किसी एक इंसान के द्वारा किया जाने वाला व्यायाम दूसरे व्यक्ति को भी सूट करेगा ऐसा नहीं है. अच्छी नहीं लगने वाली तनाव, कष्ट या क्लेशदायक गतिविधि को हम व्यायाम नहीं कह सके हैं. लेकिन योग, रनिंग, वेट ट्रेनिंग, स्विमिंग, कोई खेल खेलना या डांस करना इन में से कोई भी व्यायाम हमें जिंदगी भर स्वस्थ रख सकता है.

व्यायाम के तत्त्व

व्यायाम करते समय 5 चीजें ध्यान में रखनी चाहिए:

1. शरीर का खिंचाव बढ़ाना:

व्यायाम के सभी तत्त्वों में यह सब से महत्त्वपूर्ण तत्त्व है. व्यायाम करते वक्त हम शरीर को जो खिंचाव देते हैं, वह हमारी आम गतिविधियों के खिंचाव से ज्यादा होना चाहिए. धीरेधीरे उस की गति बढ़ानी चाहिए.

2. मांग के अनुसार निर्माण करना:

यह व्यायाम का बहुत ही महत्त्वपूर्ण तत्त्व है. अपना शरीर व उस के अवयव हम जैसी मांग करें वैसे काम करने लगते हैं. खुद को हालात से जोड़ने लगते हैं. उसी तरह व्यायाम के लिए भी बौडी उस के अनुकूल करनी पड़ती है. जैसे, अगर वेट ट्रेनिंग करनी है तो शुरुआत वार्मअप वेट ट्रेनिंग से करनी पड़ती है. मतलब यह कि प्रमुख व्यायाम में जो स्नायु काम करने वाले हैं वही स्नायु पहले व्यायाम के लिए तैयार करने होते हैं.

3. शरीर में कमजोरी न आने देना:

अच्छी तरह व्यायाम करने के बाद शरीर में कमजोरी नहीं आने देना चाहिए वरना शरीर सक्षम नहीं रहता है. ऐसा न हो इस के लिए सही आहार, ज्यादा पानी व नींद की जरूरत होती है.

4. निरंतरता:

व्यायाम में निरंतरता बनाए रखना जरूरी होता है, अन्यथा सब बेकार हो जाता है. व्यायाम नियमित रूप से नहीं करेंगे तो स्नायु व्यायाम के बारे में भूल जाएंगे. इस का सभी तत्त्वों पर नकारात्मक प्रभाव होता है.

5. व्यायाम में वैविध्य रखना:

लगातार एक ही तरह के व्यायाम की शरीर को आदत हो जाती है तो भी उस का सकारात्मक परिणाम दिखना बंद हो जाता है. इसलिए व्यायाम में वैविध्य रख कर उस का सुव्यवस्थित नियोजन कर व्यायाम विशेषज्ञ के मार्गदर्शन के अनुसार व्यायाम करना चाहिए.

कौन सा व्यायाम करें

हर एक के शरीर का स्ट्रक्चर और जरूरतें अलगअलग होती हैं. उन के अनुसार ही व्यायाम चुनना चाहिए. इस के लिए प्रशिक्षक की मदद लेनी चाहिए. व्यायाम का प्रकार,समय,

परिवर्तन आदि प्रशिक्षक की सलाह ले कर तय करना चहिए.

व्यायाम के लिए उपयुक्त टिप्स

– व्यायाम का प्रकार कोई भी हो व्यायाम के मूलभूत तत्त्वों का पालन करना चाहिए.

– कौन सा व्यायाम करना है यह विशेषज्ञ के मार्गदर्शन के बाद ही तय करना चाहिए.

– व्यायाम तकलीफ देने वाला न हो कर आनंददायी होना चाहिए.

– तालमेल बैठाने वाला व्यायाम करें, लेकिन उसे नियमित रूप से करें.

– हर दिन के व्यायाम का समय निश्चित करें और उसी समय का पालन करें.

– व्यायाम करना अपनी जीवनशैली बनाएं.

– व्यायाम से पहले कुछ हलका खाएं. जैसे, सलाद, फल या ड्राईफ्रूट.

– खाने के 3-4 घंटे बाद व्यायाम करें.

– व्यायाम के परिधान आकर्षक होने के साथ सूती और आरामदायी होने चाहिए.

– मौसम के अनुसार कपड़ों में बदलाव करें. ठंडी हवा में ऊपर से जैकेट पहनें.

– व्यायाम करते वक्त पसीना पोंछने के लिए पास में नैपकिन रखें.

– इस बात को समझें कि व्यायाम की शुरुआत में बदनदर्द होता है, लेकिन बाद में फायदा ही फायदा होता है.

– व्यायाम करते वक्त मन को तरोताजा व सोच सकारात्मक रखें.

चलती रहें दौड़ती रहें

चलना व्यायाम के रूप में इस्तेमाल करना चाहती हैं तो इन टिप्स पर ध्यान दें:

– चलते वक्त श्वसन क्रिया पर नियंत्रण रखें. दीर्घ श्वसन क्रिया से हृदय का भी व्यायाम होता है.

– व्यायाम बिना खर्चे का है, लेकिन शूज पर अच्छे पैसे खर्च करें और सही माप के शूज का चुनाव करें.

– मोजे सूती इस्तेमाल करें.

– आज के संघर्ष भरे जीवन में व्यायाम के लिए कोई भी समय अच्छा ही है, लेकिन चलने के लिए सुबह के समय का चुनाव करें, क्योंकि उस वक्त हवा में धूलमिट्टी, धुएं आदि का प्रभाव कम होता है.

दौड़ना एक परिपूर्ण व्यायाम

वजन कम होना, शारीरिक क्षमता बढ़ना आदि दौड़ने के महत्त्वपूर्ण फायदे हैं. इस के अलावा और भी कई फायदे दौड़ने से शरीर को होते हैं:

निरोगी हृदय: दौड़ने से हृदय के स्नायुयों को अच्छा फायदा होता है. हृदय की गति बढ़ती है. इस से स्नायुओं की ताकत बढ़ती है.

वजन कम होना: वजन कम करने के लिए दौड़ना एक सुंदर व्यायाम है. एक साधारण व्यक्ति दौड़ते वक्त लगभग 1 हजार कैलोरीज जलाता है. इस से वजन कम हो जाता है.

हड्डी की क्षमता बढ़ाना: व्यायाम न करने से हड्डियां कमजोर होती हैं. लेकिन नियमित रूप से दौड़ने से व्यायाम न करने पर भी हड्डियों की क्षमता बढ़ती है.

श्वसन क्रिया में सुधार: दौड़ने से श्वसन क्रिया में सुधार होता है. श्वसन को मदद करने वाले स्नायुओं की ताकत और श्वसन क्षमता बढ़ती है.

वसा कम होना: जल्दी दौड़ने के लिए ऊर्जा लगती है, जिस के लिए शरीर में जमे हुए फैट्स का ज्वलन होता है. इस में वेट कम हो कर शरीर सुडौल बनता है.

मानसिक तनाव से मुक्ति: नियमित दौड़ने से तनाव से दूर रहने में भी मदद मिलती है. इस से सकारात्मक मानसिकता तैयार होती है. दिन भर फ्रैश रहने के लिए मदद मिलती है और थकावट नहीं होती.

अच्छी नींद आना: दौड़ने पर पूरे शरीर को व्यायाम मिलने से अच्छी नींद आती है.

प्रसन्न रहना: दौड़ने से शरीर में बदलाव होते हैं. इस से इंसान प्रसन्न रहता है.

बीमारी से दूर रहना: नियमित रूप से दौड़ने से स्ट्रोक, रक्तचाप, डायबिटीज जैसी बीमारियों से दूर रहना संभव होता है.

– अली शेख, फिटनैस विशेषज्ञ

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