Winter Special: इस तरह करें आंखों की देखभाल

आंखों को स्वस्थ व चमकदार बनाए रखने के लिए उन की नियमित देखभाल जरूरी है. इन की छोटी से छोटी परेशानी भी सीधे हमारी दूर व पास की चीजें देखने की क्षमता को प्रभावित करती है. परिणामस्वरूप हम अपने रोजमर्रा के काम उतनी फुरती और दक्षता से नहीं कर पाते जितना कि पहले कर पाते थे. आंखों की उचित देखभाल न होने पर कुछ लोग अंधेपन के शिकार भी हो जाते हैं.

अगर आप की आंखें पूर्णतया स्वस्थ हैं, तो भी आप को उन की देखभाल करने की जरूरत है ताकि नजर कमजोर होने पर महंगे उपकरणों यानी चश्मा व कौंटैक्ट लैंस वगैरह व महंगे उपचार जैसे कि सर्जरी आदि से बचा जा सके. वरिष्ठ नेत्र रोग विशेषज्ञ डा. विष्णु गुप्ता से हुई बातचीत के आधार पर हम आप को नेत्र रोगों से बचने के कुछ टिप्स बता रहे हैं:

पढ़ते समय

पढ़ते समय सब से ज्यादा काम आंखों को करना पड़ता है. इसलिए पढ़ते समय निम्न बातों का ध्यान रखें ताकि आप की आंखों पर अतिरिक्त दबाव न पड़े:

कभी भी कमर के बल सीधे लेट कर या फिर अधलेटी मुद्रा में न पढ़ें. यह पोस्चर हमारी आंखों को प्रभावित करता है.

किताब और आंखों के बीच की दूरी कम से कम 25 सैंटीमीटर होनी चाहिए.

ध्यान रहे, पढ़ने के लिए पर्याप्त रोशनी होनी आवश्यक है. धुंधली रोशनी में पढ़ने का प्रयास न करें. इस से आंखों पर अधिक जोर पड़ता है.

चलती बस या ट्रेन में पुस्तक या अखबार न पढ़ें.

पढ़ते समय हमारी आंखें अधिक सक्रिय रहती हैं. इसी सक्रियता के चलते पढ़ते समय हमारी पलकें झपकने का औसत सामान्य औसत से काफी कम हो जाता है. सामान्य स्थिति में हम प्रति मिनट 22 बार पलक झपकाते हैं, लेकिन पढ़ते समय यह औसत सिर्फ 10-12 ही रह जाता है. पलक झपकाने का औसत घटते ही आंखों में आने वाले आंसुओं की परत उड़ने लगती है और वे सूखेपन का शिकार हो जाती हैं. जिस के परिणामस्वरूप आंखों में खुजली और जलन के साथसाथ पानी आने की शिकायत भी हो सकती है.

अगर आप को लगतार कई घंटे पढ़ना है तो बीचबीच में 5 से 10 मिनट तक पढ़ाई रोक कर आंखों को आराम अवश्य दें. आंखों को कई बार झपकें. आंखों को बंद रखते हुए आईबौल्स (नेत्रगोलक) को गोलगोल घुमाएं.

किसी दूर रखी वस्तु को टारगेट बना कर उसे देर तक देखें, इस से आप की फोकस करने की शक्ति बढ़ेगी.

टैलीविजन देखते समय

टैलीविजन देखने के लिए कम से कम 6 फुट की दूरी पर बैठें.

अगर आप को अधिक समय कंप्यूटर पर काम करना होता है, तो ऐंटीरिफ्लैक्शन कोटेड ग्लासेज का प्रयोग करें. इस से आंखों पर अधिक जोर नहीं पडे़गा.

टैलीविजन देखते व कंप्यूटर पर काम करते समय भी हमारा पलकें झपकाने का औसत बहुत कम हो जाता है, जिस से आंखें सूखेपन का शिकार हो सकती हैं. इस से बचने के लिए खाने में चिकनाई का प्रयोग अधिक करें.

बीचबीच में काम रोक कर आंखें बंद कर थोड़ी देर के लिए उन्हें आराम दें.

दुपहिया वाहन चलाते समय धूल व मिट्टी के कणों व तेज रोशनी से आंखों को बचाने के लिए ऐंटीग्लेयर चश्मा जरूर पहनें.

अगर आप कैमिकल से जुड़ा कोई काम करते हैं, तो काम करते समय अपनी आंखों पर हमेशा गौगल्स पहनें और कैमिकलों के बहुत पास न जाएं.

थकान दूर करने के लिए

दिन में 2-3 बार आंखों पर ठंडे पानी से छींटे मारें.

अपनी दोनों हथेलियों को तब तक रगड़ें जब तक कि वे गरम न हो जाएं और फिर उन्हें 60 सैकंड तक अपनी आंखों पर रखें. इस दौरान अपने मन में 1 से 60 तक गिनती गिनें. इस क्रिया को 2-3 बार दोहराएं. इस से आप की थकी हुई आंखों को राहत मिलेगी.

जब भी घर से बाहर जाएं, हरेभरे पेड़पौधों को एकटक देखें. हरा रंग आंखों को बहुत सुकून देता है.

अगर आप ज्यादा समय तक ऐयरकंडीशन में बैठती हैं तो पानी की कमी से आंखें सूजीसूजी सी लगती हैं, इसलिए ज्यादा से ज्यादा पानी पीएं. दिन में कम से कम 10 गिलास.

हर प्रकार से स्ट्रैस से बचें, क्योंकि यह सीधा आंखों पर असर करता है.

खानपान

आंखों में चमक लाने के लिए भोजन में विटामिन ए, सी और ई अधिक मात्रा में लें. यानी रसदार फल, पपीता, हरी पत्तेदार सब्जियां, टमाटर, गाजर, खीरा, अंडे, मछली, दूध आदि.

खाने में कार्बोहाइड्रेट अधिक मात्रा में लें. कम कार्बोहाइड्रेट वाली डाइट लेने से शरीर में पानी की मात्रा कम हो जाती है, जिस से आंखों की चमक पर असर पड़ता है. अगर आप कम कार्बोहाइड्रेट वाली डाइट ले रही हैं तो दिन में कम से कम 10 गिलास पानी अवश्य पीएं.

घरेलू नुसखे

आंखों पर कच्चे आलू के गोल टुकड़े रख कर 20 मिनट तक आंखें बंद कर लेटें. इस से आंखों के आसपास के काले घेरे भी दूर हो जाएंगे.

2 वेस्ट टी बैग्स प्रयोग के बाद सुबह काम पर निकलते समय फ्रिज में रख दें. घर लौटने पर उन टी बैग्स को बंद आंखों पर रख कर थोड़ी देर आराम करें, कम से कम 15 मिनट तक.

दिन भर की थकी आंखों को आराम देने के लिए ठंडे दूध में भीगे व निचुड़े हुए कौटन पैड आंखों पर रखें. ठंडे पानी में या फिर कुनकुने पानी में भीगे कौटन पैड भी निचोड़ कर आंखों पर रख सकती हैं.

खीरे के गोल टुकड़े भी 20 मिनट तक आंखों पर रखे जा सकते हैं.

1 चम्मच सूखा आंवला रात भर पानी में भिगो कर रखें और अगले दिन सुबह मलमल के कपड़े से छान कर इस पानी में 1 कप पानी और मिला कर इस पानी से रोज आंखें धोएं.

अगर आप की आंखें सूजी रहती हैं, तो एक आलू को छिलके सहित रगड़ कर बंद आंखों पर 20 मिनट तक रखें.

अगर आप की आंखें लाल हैं और उन में जलन महसूस हो रही है, तो सिर की दही से मालिश करें.

मेकअप

वैसे तो जहां तक संभव हो, आंखों में सुरमा, काजल, आईलाइनर, मसकारा आदि नहीं लगाना चाहिए. लेकिन आजकल तो मेकअप के बिना जैसे जीवन अधूरा है, इसलिए मेकअप का सामान खरीदते व लगाते समय निम्न बातों का ध्यान रखें:  आंखें बहुत संवेदनशील होती हैं, इसलिए आई मेकअप के सामान को ले कर कोई समझौता न करें. हमेशा किसी अच्छी कंपनी का सामान ही उपयोग करें.

परफ्यूम आंखों को नुकसान पहुंचाता है. इसलिए उसे लगाते समय ध्यान रखें कि उस के छींटे आंखों में न पड़ें. कानों के पीछे परफ्यूम का प्रयोग न करें.

सोने से पहले अपने चेहरे को अच्छी तरह से धोएं. ध्यान रहे कि सोते समय आप के चेहरे पर कोई मेकअप नहीं होना चाहिए, क्योंकि मेकअप में प्रयोग क्रीम, आईशैडो, आईलाइनर, काजल आदि हमारी त्वचा व आंखों को नुकसान पहुंचाते हैं. इसलिए घर पहुंचते ही तुरंत मेकअप को हटा दें. सोते समय चेहरा धोने के बाद सिर्फ अच्छी किस्म की नाइटक्रीम का ही प्रयोग करें.

अन्य ध्यान देने योग्यबातें

आंखों का कोई भी ड्रौप खरीदते समय उस की ऐक्सपाइरी डेट अवश्य चैक करें.

आंखों की दवा की शीशी का प्रयोग खोलने की तिथि से 1 महीने के भीतर ही करें.

अगर आप की आंखें स्वस्थ हैं तब भी साल में 1 बार उन्हें आंखों के विशेषज्ञ से अवश्य चैक करवाएं. अगर आप की दूर की या फिर नजदीक की नजर कमजोर है, आप चश्मे या फिर कौंटैक्ट लैंस का प्रयोग करती हैं तो हर 6 महीने बाद अपनी आंखें टैस्ट करवाएं. नंबर बदलने पर तुरंत चश्मा बदलें.

#lockdown: डिजिटल स्क्रीन का बढ़ा इस्तेमाल, रखें अपनी आंखों का ख्याल

कोरोना काल में अभी ज्यादातर लोग घर से काम कर रहे हैं. सुरक्षा के लिए यह जरूरी कदम है. मगर इस बात से भी इनकार नहीं किया जा सकता कि इस दौरान हमारे डिजिटल स्क्रीन के इस्तेमाल के घंटे भी काफी बढ़ गए हैं. हर काम डिजिटली करना पड़ रहा है. भले ही वह मीटिंग हो कम्युनिकेशन हो या फिर दूसरे काम. आजकल तो बच्चों की पढ़ाई भी वर्चुअल ही हो रही है. ऐसे में लंबे समय तक मोबाइल, लैपटॉप या कंप्यूटर पर आंखें गड़ाए रखना आप की आंखों पर भारी पड़ सकता है.

ड्राई आंखें, आंखों से पानी आना, आंखों में लाली, दूर का दिखाई न देना, धुंधला दिखना, आंखों में जलन आदि समस्याएं पैदा हो सकती हैं.

आंखों को डिजिटल स्क्रीन से होने वाले नुकसान से बचाने के लिए किन बातों का खास ध्यान रखना चाहिए, इस संदर्भ में सेंटर फॉर साइट के डायरेक्टर डॉ महिपाल सिंह सचदेव बताते हैं;

1. पलकों को झपकाते रहें

जब हम लैपटॉप या मोबाइल पर काम करते हैं तो हमारा सारा ध्यान उसी पर होता है. इस कारण देर तक हम पलकें झपकाना भूल जाते हैं. इस से आंखों पर जोर पड़ता है. पलकों को जल्दीजल्दी झपकाने से आंखों पर ज्यादा तनाव नहीं पड़ता है.

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2. स्क्रीन की ब्राइटनेस कम रखें

अक्सर लोग स्क्रीन की ब्राइटनेस बढ़ा कर रखते हैं जिस से आंखों को काफी नुकसान पहुंचता है. अधिक ब्राइटनेस के कारण आंखों में दर्द, जलन और लाली की समस्याएं पैदा होती हैं. आंखों को सुरक्षित रखने के लिए स्क्रीन की ब्राइटनेस को बैलेंस मोड में रखें. इस के अलावा यदि आप डिस्प्ले को पावर सेविंग मोड में रखते हैं तो इस से न सिर्फ आंखों को कम नुकसान पहुंचता है बल्कि डिवाइस की बैटरी भी लंबे समय तक चलती है.

3. एंटी ग्लेयर चश्मा लगाएं

डिजिटल स्क्रीन पर अधिक देर काम करना हो तो काम करते समय एंटीग्लेयर चश्मा लगा कर रखें. यह चश्मा आप की आंखों को स्क्रीन से निकलने वाली रेडिएशन से बचाता है.

4. आंखों के आराम का ख्याल

स्क्रीन पर लगातार काम करने से बचें. हर 20 मिनट में ब्रेक जरूर लें. स्क्रीन से कुछ देर के लिए नजरें हटा कर इधरउधर देखें या हौले से आंखें बंद कर लें. इस से आंखों की मांसपेशियों को आराम मिलेगा.

5. ठंडे पानी के छीटे मारें

काम के बाद आंखों में होने वाले दर्द को दूर करने के लिए आंखों पर ठंडे पानी से छीटे मारें. इस से आंखों को ठंडक मिलती है और आंखों की थकावट और लाली दूर होती है.

6. अच्छी नींद जरूरी

लैपटॉप, मोबाइल या कंप्यूटर पर काम करते समय अक्सर लोगों को समय का ख्याल नहीं रहता. ऐसे में स्वस्थ रह कर काम किया जाए इस के लिए अच्छी और भरपूर नींद लेनी आवश्यक होती है. नींद पूरी न करने से आंखों की समस्याएं गंभीर होती जाती हैं. इसलिए 7-8 घंटे की नींद जरूर लें.

7. आंखों का व्यायाम

काम के बीचबीच में आंखों का व्यायाम करते रहें. इस के लिए पहले अपनी बाईं ओर देखें फिर दाहिनी ओर देखें. इस के बाद ऊपर की ओर फिर नीचे की ओर देखें. इस व्यायाम को दिन में कम से कम 4 बार अवश्य करें.

8. कमरे की रौशनी को संतुलित रखें 

घर से काम करते समय अक्सर कुछ लोग छत पर तो कुछ अंधेरे कमरे में बैठकर आराम से काम करने को प्राथमिकता देते हैं. मगर याद रखें कि तेज़ धूप या खिड़कियों से आ रही तेज रौशनी से आंखों पर बुरा असर पड़ता है. इसी तरह अंधेरे कमरे में बैठकर काम करना भी नुकसानदेह है.
इसलिए कमरे में बैठे और कुछ पर्दों को गिरा कर रखें जिस से कमरे की रौशनी भी बनी रहे और आंखों को नुकसान भी न पहुंचे. इस के अलावा कमरे में बड़ी फ्लोरसेंट लाइट का उपयोग न करें.

9. कॉन्टेक्ट लेंस की जगह चश्मे का इस्तेमाल करें:

कोरोना के इस समय में काम करते वक्त कॉन्टेक्ट लेंस की जगह चश्मे का उपयोग बेहतर होगा. दरअसल चश्मा आंखों के बचाव के लिए एक अतिरिक्त प्रॉटेक्शन लेयर का काम करता है.

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10. पौष्टिक आहार:

आंखों की सेहत के लिए संतुलित आहार लेना जरूरी है. ऐसा भोजन लें जिस में विटामिन ए, विटामिन सी और फोलिक एसिड भरपूर मात्रा में मौजूद हों. विटामिन ए से युक्त संतरे, पालक, धनिया की पत्ती, पुदीना, मेथी, कद्दू और गाजर आंखों के लिए पोषण प्रदान करने वाले आहार हैं. इन के अलावा विटामिन सी युक्त शिमला मिर्च, हरी मिर्च, अमरूद और आंवला तथा फोलिक एसिड युक्त हरी पत्तेदार सब्जियां, पालक, अखरोट आदि खाना लाभप्रद होता है.

11. घर पर रखें आवश्यक दवाएं 

लॉकडाउन में आंखों की किसी भी समस्या से संबंधित दवाइयों की कमी न हो इस के लिए घर में आई ड्रॉप और जरूरी दवाइयां पहले ही खरीद कर रख लें.

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