फेस लिफ्ट सर्जरी कराने से पहले ध्यान रखें कुछ ज़रूरी बातें

डॉ कुलदीप सिंह, सीनियर कन्सलटेन्ट, डिपार्टमेन्ट ऑफ प्लास्टिक,
रीकन्सट्रक्टिव एण्ड एस्थेटिक सर्जरी, इन्द्रप्रस्थ अपोलो हॉस्प्टिल्स,
नई दिल्ली

अक्सर देखा जाता है कि उम्र बढ़ने और तनावपूर्ण जीवनशैली के साथ, लोगों के चेहरे की त्वचा के टिश्यूज़ ढीले पड़ने लगते हैं. धीरे-धीरे नाक और मुंह के आस-पास झुर्रियां और फाईन लाईन्स बनने लगती हैं, त्वचा के ढलकने के साथ लोगों का आत्मविश्वास कम होने लगता है. हाल ही के वर्षों में कॉस्मेटिक एंटी-एजिंग प्रक्रियाएं बहुत अधिक लोकप्रिय हुई हैं. कुछ लोग अपने चेहरे की त्वचा को बेहतर बनाने के लिए कम इनवेसिव तकनीकें चुनते हैं जैसे इंजेक्शन और डर्मल फिलर. ये प्रक्रियाएं शुरूआती अवस्था में उपयोगी होती हैं. किंतु कुछ लोग फेशियल रेजुवनेशन सर्जरी जैसे फेस लिफ्ट सर्जरी का विकल्प चुनते हैं.

फेसलिफ्ट क्या है

फेसलिफ्ट या र्हाईटिडेक्टोमी, एक तरह की कॉस्मेटिक सर्जरी है, जो चेहरे की त्वचा को अधिक जवां और स्वस्थ बनाती है. पहले इस सर्जरी में चेहरे और गर्दन की त्वचा को टाईट किया जाता था, लेकिन आधुनिक सर्जरी से चेहरे एवं गर्दन की त्वचा की ढीली मांसपेशियों को टाईट किया जा सकता है, साथ ही चेहरे की त्वचा से अतिरिक्त फेशियल फैट को भी निकाला जाता है.

उम्र के कारण होने वाले बदलाव जिन्हें फेसलिफ्ट सर्जरी से कम किया जा सकतका है

o नीचले जबड़े की शेप में सध्ुार

o नाक से लेकर मुंह के कोने तक की फाईन लाईन्स को हल्का करना

o गालों में कसावट

o त्वचा में कसावट और गर्दन से अतिरिक्त फैट निकालना (डबल चिन और वीक बैण्ड्स)

शोधकर्ताओं का कहना है कि फेशियल इंजेक्शन का असर आठ महीने से दो साल तक
रहता है, जबकि फेस लिफ्ट सर्जरी कई सालों तक चलती है.

कौन इसे करवा सकता है?

जिन लोगों के चेहरे के त्वचा में उम्र बढ़ने के साथ उपरोक्त लक्षण दिखाई
दें, वे इसे करवा सकते हैं. निम्नलिखित लोग ही फेसलिफ्ट सर्जरी करवा सकते
हैं

o सेहतमंद लोग जिन्हें कोई बीमारी न हो.

o वे लोग जो धूम्रपान या शराब का सेवन न करते हों.

o वे लोग जिन्हें सर्जरी से सही उम्मीद ही हो.

फेसलिफ्ट सर्जरी के फायदे

o चेहरे की मांसपेशियों को टाईट करती है और त्वचा में कसावट लाती है.

o जबड़े और गर्दन की शेप में सुधार लाती है.

o यह पुरूषों के लिए भी फायदेमंद है.

o व्यस्कों के लिए उम्र की कोई सीमा नहीं.

o इसे अन्य रेजुवनेशन प्रक्रियाओं जैसे ब्रो लिफ्ट के साथ करवाया जा सकता है.

o सर्जरी के कारण होने वाले निशान छिपा दिए जाते हैं जो दिखाई नहीं देते.

o प्राकृतिक दिखने वाले परिणाम-जिससे त्वचा लम्बे समय तक जवां दिखती है.

फेसलिफ्ट सर्जरी के जोखिम या साईड-इफेक्ट

हर सर्जरी के कुछ जोखिम या साईड-इफेक्ट होते हैं. फेसलिफ्ट सर्जरी के भी
कुछ जोखिम हो सकते हैं.

o एनेस्थेसिया का गलत रिएक्शन

o खून बहना

o इन्फेक्शन

o ब्लड क्लॉट

o दर्द

o लम्बे समय तक सूजन

o घाव भरने में परेशानी

उचित देखभाल, दवाओं या सर्जिकल सुधार द्वारा इन समस्याओं को ठीक किया जा
सकता है. हालांकि कुछ स्थायी और दुर्लभ जटिलताओं के कारण लुक में बदलाव
भी आ सकते हैं, जैसे

o हीमेटोमा

o घाव के निशान

o तंत्रिकाओं को चोट पहुंचना

o चीरा लगने के स्थान पर बाल न रहना

o त्वचा में नुकसान

कुछ बीमारियों और जीवनशैली की आदतें भी जटिलताओं का कारण बन सकती हैं.
निम्नलिखित कारणों से कुछ प्रतिकूल परिणाम भी हो सकते हैंः

o अगर मरीज़ ब्लड थिनर दवाएं या सप्लीमेन्ट लेता हो- ये दवाएं खून को
पतला करती हैं, जिसका असर ब्लड क्लॉटिंग की क्षमता पर पड़ता है और सर्जरी
के बाद हीमेटोमा की संभावना बढ़ जाती है.

o अन्य बीमारियां- अगर मरीज़ को डायबिटीज़, ब्लड प्रेशर आदि समस्याएं हों
तो घाव भरने में मुश्किल आ सकती है, हीमेटोमा या दिल की बीमारियों की
संभावना बढ़ जाती है.

o धूम्रपान एक गंभीर कारक है, अगर आप धूम्रपान करते हैं, तो सर्जरी से दो सप्ताह पहले धूम्रपान बंद कर दें और सर्जरी के बाद भी 2 सप्ताह तक धूम्रपान न करें.

o वज़न में उतार-चढ़ाव-अगर आपके वज़न में उतार-चढ़ाव होते रहते हैं, तो सर्जरी के बाद चेहरे की शेप पर प्रभाव पड़ सकता है, हो सकता है कि सर्जरी से आपको मनचाहे परिणाम न मिलें.

प्रक्रिया- पहले और दौरान

कॉस्मेटिक सर्जन सुझाव देते हैं कि पूरी प्रक्रिया जाने-माने अस्पताल में की जानी चाहिए. सर्जरी शुरू करने से पहले मरीज़ को जनरल एनेस्थेसिया दिया जाता है, कई बार सीडेशन के साथ लोकल एनेस्थेसिया देना पड़ता है.

त्वचा को टाईट करने की प्रक्रिया के दौरान, टिश्यूज़, मसल्स में मौजूद फैट को सुधार कर सही तरीके से फैलाया जाता है. चेहरे के नए बनाए कंटूर पर त्वचा को री-ड्रेप किया जाता है, इसके बाद अतिरिक्त त्वचा को निकाल कर घाव को सिल दिया जाता है या टेप से बंद कर दिया जाता है. आमतौर पर ऐसी सर्जरी के लिए मरीज़ को एक रात अस्पताल में रूकना पड़ता है.

फेस-लिफ्ट सर्जरी में दो से चार घण्टे लगते हैं, अगर इसके साथ ओवरस्किन कॉस्मेटिक प्रक्रिया भी करनी हो तो ज़्यादा समय लग सकता है.

प्रक्रिया के बाद

फेस लिफ्ट के बाद आपको निम्नलिखित लक्षण हो सकते हैंः

o हल्का दर्द (दर्द में आराम के लिए दवाएं दी जाती हैं)

o घाव से रिसाव

o सूजन

o घाव

o सर्जरी वाले हिस्से का सुन्न पड़ना

अगर आपमें निम्नलिखित लक्षण हों, तो डॉक्टर से तुरंत संपर्क करेंः

चेहरे या गर्दन के एक तरफ़ बहुत ज़्यादा दर्द जो 24 घण्टे तक रह सकता है

o सांस फूलना

o छाती में दर्द

o हार्ट बीट्स अनियमित होना

सर्जरी के बाद कुछ दिनां तक डॉक्टर आपको ऐसा करने की सलाह दे सकता हैः

o सिर उंचाई पर रखते हुए आराम करें

o डॉक्टर की सलाह के अनुसार दर्द की दवाएं लें.

o चेहरे पर कूल पैक लगाएं, इससे दर्द और सूजन में आराम मिलेगा

सर्जरी के बाद अगले दो महीनों में फॉलो-अप की ज़रूरत होती है. इस दौरान बैंडेज निकालना, टांके निकालना, घाव पर निगरानी रखना और मरीज़ की प्रगति रखना जैसे काम किए जाते हैं.

सर्जरी के बाद अपनी देखभाल

सर्जरी के बाद के सप्ताह में उचित निर्देशों का पालन करें, ताकि जटिलताओं की संभावनाओं को कम किया जा सके. इनमें शामिल हैं:

o सर्जरी की सलाह के अनुसार घाव की देखभाल

o घाव पर बनी पपड़ी को न छुएं/ न निकालें.

o ऐसे कपड़े पहनें जो सामने से खुलें हों, ताकि आपको सिर के उपर से कपड़े
न पहनने पड़ें.

o ध्यान रखें कि घाव के आस-पास दबाव न पड़े/ ज़्यादा मुवमेन्ट न हो.

o मेकअप का इस्तेमाल न करें.

o साबुन/ शैम्पू का इस्तेमाल करते समय दिए गए निर्देशों का पालन करें.

o भारी व्यायाम/ खेल न खेलें.

o कम से कम 6-8 सप्ताह तक धूप के सीधे संपर्क में न आएं. एसपीएम 50 या
इससे अधिक वाला सनस्क्रीन इस्तेमाल करें.

o कम से कम छह सप्ताह तक कलर, ब्लीच, या हेयर पर्मिंग का इस्तेमाल न करें.

फेसलिफ्ट से त्वचा अधिक जवां दिखने लगती है, लेकिन ये परिणाम स्थायी नहीं होते. ये कुछ साल तक ही चलते हैं, जो व्यक्ति की जीवनशैली पर निर्भर करता है. अगर आप यह सर्जरी कराने जा रहे हैं, तो पहले इसक बारे में पूरी जानकारी हासिल कर लें.

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