महिलाओं की शारीरिक बनावट ऐसी है, जिस में उन्हें कई चक्रों से हो कर गुजरना पड़ता है. जैसे पीरियड्स, प्रैगनैंसी, फीडिंग आदि. साथ ही अगर जरूरी मिनरल्स न मिलें तो महिलाओं का शरीर कमजोर होता जाता है. क्योंकि, आयरन शरीर में हीमोग्लोबिन बनाने का काम करता है और अगर आयरन की कमी हो जाए तो हीमोग्लोबिन ठीक से बन नहीं पाता है.
न करें इन बातों को इग्नोर
अकसर देखा जाता है कि महिलाएं अपनी हैल्थ को गंभीरता से नहीं लेतीं. छोटीछोटी बातों को इग्नोर कर देती हैं. अगर आप काम करते हुए थक जाती हैं या दफ्तर में अपने काम पर फोकस नहीं कर पातीं तो अपना ब्लड टैस्ट जरूर करवाएं. आयरन की कमी से आप का चेहरा पीला पड़ सकता है. क्योंकि हीमोग्लोबिन के कारण ही खून को लाल रंग मिलता है, जिस से आप के चेहरे पर निखार आता है और गुलाबी रंगत मिलती है. अगर आयरन हीमोग्लोबिन ही नहीं बनाएगा तो रंगत कहां से आएगी.
क्यों जरूरी है आयरन
शरीर में आयरन की कमी होने लगे तो कई बीमारियां घर करने लगती हैं. सब से पहले तो आयरन की कमी से शरीर में खून की कमी हो जाती है और व्यक्ति एनीमिया नामक बीमारी से ग्रसित हो जाता है. हमारे शरीर में खून बनाने के लिए आयरन की जरूरत होती है. आयरन फेफड़ों और शरीर के बाकी हिस्सों में जरूरी आक्सीजन पहुंचाने का काम करता है. इस की कमी के कारण आप कई बीमारियों की चपेट में आ सकती हैं. साथ ही आयरन आक्सीजन का उपयोग मांसपेशियों में करता है और उसे स्टोर करने का काम भी करता है ताकि आप का शरीर हैल्दी बना रहे.
ऐसे पहचानें आयरन की कमी
थकान: थोड़ा काम कर के अगर आप थक जाती हैं जैसे अगर आप सीढि़यां चढ़ रहीं हैं और थोड़ी ही देर में आप की सांस फूलने लगती है तो इस का मतलब आप के शरीर में आयरन की कमी हो सकती है. कई बार तो ऐसा होता है कि आप ने नींद पूरी की हो फिर भी आप को थकान महसूस होने लगती है, इस से जाहिर होता है कि आप के शरीर में हीमोग्लोबिन की कमी हो रही है. मतलब कि आप के शरीर में आयरन की कमी है.
पीरियड्स में असहनीय दर्द: अगर आप को मासिक चक्र के समय ज्यादा ब्लीडिंग हो रही है तो आप के शरीर में हीमोग्लोबिन की कमी हो सकती है. इसलिए अगर आप को ऐसी समस्या है तो डाक्टर से जरूर मिलें और इस दौरान खाने में फल, सब्जी और दाल की मात्रा को बढ़ाएं.
सांस फूलना: अगर थोड़ाबहुत ही काम करते समय सांस फूलने लगे तो समझ लें कि आप के शरीर में अब आयरन की कमी होने लगी है. सामान्य तौर पर पुरूषों में हीमोग्लोबिन की मात्रा 13.5 से 17.5 और महिलाओं में 12.0 से 15.5 ग्राम प्रति डीएल होनी चाहिए. जबकि इस का आंकड़ा गर्भवती महिलाओं में 11 से 12 के बीच में ही रहता है.
धड़कनों का तेज होना: हीमोग्लोबिन शरीर में आक्सीजन को सही मात्रा में पहुंचाता है. लेकिन इस की जब कमी हो जाती है तो आक्सीजन दिल तक ठीक से पहुंच नहीं पाती जिस के कारण हमारी सांस फूलने लगती है और धड़कनें तेज हो जाती हैं.
टांगें हिलाना: अकसर हम देखते हैं कि कुछ महिलाएं अपनी टांगों को हिलाती रहती हैं. कुछ शोधों में सामने आया है कि जिन लोगों में आयरन की कमी होती है ऐसा करना उन की आदत होती है.
सिर दर्द: आक्सीजन का सिर्फ दिल ही नहीं दिमाग तक उचित मात्रा में पहुंचना भी जरूरी है. अगर आक्सीजन सही मात्रा में दिमाग तक नहीं पहुंचती है तो तेज सिर दर्द होता है जो किसी भी पेन किलर से जल्दी ठीक नहीं होता.
घबराहट होना: जब शरीर को आक्सजीन नहीं मिलती तो घबराहट होने लगती है. ऐसे में आयरन की गोलियां खानी चाहिए और संतरा लेना चाहिए. याद रहे विटामिन सी के बिना आयरन खून में अवशोषित नहीं होता.
प्रैगनैंसी में अजीब सी ललक: अकसर देखा जाता है कि जब महिलाएं प्रैगनैंट होती हैं तो अजीब सी चीजों की डिमांड करती हैं जैसे मिट्टी के बरतन खाना, आइस चबाना और चाक खाना. ऐसा शरीर में आयरन की कमी के कारण ही होता है.
बालों का झड़ना: महिलाएं अपने बालों को ले कर बहुत संजीदा रहती हैं. कोई भी महिला यह नहीं चाहेगी कि उसे बालों के झड़ने की समस्या हो. सभी महिलाएं चाहती हैं कि उन के बाल लंबे, घने, मुलायम और चमकदार रहें. लेकिन अगर शरीर में आयरन की कमी हो तो बालों के झड़ने की समस्या बढ़ जाती है. क्योंकि, ऐसे में शरीर को लगता है कि बाल और नाखून उतने जरूरी नहीं जितना दिल और दिमाग, और फिर प्राथमिकता के आधार पर वह काम करना शुरू कर देता है जिस से शरीर बाल और नाखून पर ध्यान देना बंद कर देता है.
अन्य लक्षण: आयरन की कमी के लक्षणों में कमजोरी और थकावट, चिड़चिड़ापन, आंखों के आगे अंधेरा, चक्कर, सिर दर्द, सांस लेने में समस्या, अनियमित पीरियड्स, बालों का झड़ना, नाखून का टूटना और चेहरे का पीला पड़ना आदि शामिल हैं.
आयरन की कमी को पूरा करने के उपाय
अगर आप के शरीर में आयरन की कमी का पता चले तो घबराएं नहीं. आप अपने डेली रूटीन में पौष्टिक और संतुलित भोजन को शामिल करें. साथ ही अपनी दिनचर्या भी संतुलित रखें. जरूरत पड़ने पर डाक्टर से संपर्क कर आयरन सप्लीमैंट जैसे लीवोजिन भी ले सकती हैं.
इस के साथसाथ अपनी डाइट में चोकरयुक्त आटा, मल्टीग्रेन आटा, चुकंदर, अनार, काबुली चना, अंकुरित अनाज, हरी पत्तेदार सब्जियां, राजमा, संतरे का रस, सोयाबीन, हरी मूंग व मसूर दाल, सूखे मेवे, गुड़, अंगूर, अमरूद, अंडा और दूध, मेथी, रैड मीट, सरसों का साग, पालक, चौराई, मछली को शामिल करें.
गर्भावस्था में आयरन का महत्त्व
गर्भवती महिलाओं के लिए आयरन लेना नियमित रूप से जरूरी है. अगर इस की कमी हुई तो जच्चा और बच्चा दोनों के लिए खतरा बढ़ जाता है. हीमोग्लोबिन की मात्रा भी घट जाती है जिस से मां और बच्चा दोनों को एनीमिया का खतरा बढ़ जाता है. इसलिए जब महिला प्रैगनैंट हो तो उसे पौष्टिक व आयरनयुक्त आहार दिया जाता है.