हार्ट अटैक के केस बहुत बढ़ रहे है. ऐसे में मुझे जानना है हार्ट अटैक आने पर क्या करें?

सवाल

आजकल हार्ट अटैक के मामले बहुत बढ़ गए हैं. मैं जानना चाहती हूं कि हार्ट अटैक आने पर क्या करना चाहिए?

जवाब

हार्ट अटैक के समय धमनियों में जो अवरोध/ब्लौकेज होती है वह थक्का बनने के कारण पूरे 100% तक हो जाती है. इस से रक्त का प्रवाह रुक जाता है और हृदय की मांसपेशियां नष्ट होने लगती हैं. अधिकतर मामलों में मरीज को छाती में तेज दर्द या सांस फूलने की समस्या होती है. अत: जैसे ही मरीज सांस उखड़ने या छाती में दर्द होने की शिकायत करे तो उसे तुरंत अस्पताल ले जाना चाहिए. इस के पहले सोर्बिट्रेट टैबलेट को जीभ के नीचे रखना चाहिए, एहतियात के तौर पर मरीज को एक डिस्प्रिन की गोली भी दी जा सकती है. मरीज को तुरंत अस्पताल ले जाना चाहिए ताकि शीघ्र ब्लौकेज को निकाला जा सके और हृदय को क्षतिग्रस्त होने से बचाया जाए.

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मैं 56 वर्षीय घरेलू महिला हूं. मुझे एक बार हार्ट अटैक आ चुका है. क्या मेरे लिए सैकंड हार्ट अटैक का खतरा बहुत बढ़ गया है?

जवाब

जिन्हें पहले हार्ट अटैक आ चुका है उन्हें दोबारा आने का रिस्क सामान्य लोगों से बहुत ज्यादा होता है. हर साल यह खतरा 10-15% बढ़ जाता है. 5 साल में 50% लोगों को दूसरा अटैक आ जाता है. पहले हार्ट अटैक के बाद जीवनशैली में बदलाव लाएं, तलेभुने खाद्यपदार्थों का सेवन न करें, बाहर का खाना खाने से बचें, घर पर बना सादा खाना खाएं.

अपने रक्त में शुगर और कोलैस्ट्रौल के स्तर और रक्तदाब को नियंत्रित रखें. नियत समय पर अपनी दवा लें. धूम्रपान और सैकंड हैंड स्मोकिंग भी सैकंड हार्ट अटैक आने के खतरे को बढ़ा देता है इसलिए अगर आप के परिवार में कोई धूम्रपान करता है तो उस से दूर रहें.

डा. आनंद कुमार पांडेय

डाइरैक्टर ऐंड सीनियर कंसल्टैंट, इंटरनैशनल कार्डियोलौजी, धर्मशिला नारायणा सुपर स्पैश्यलिटी हौस्पिटल 

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इन छोटे संकेतों से पहचाने दिल की बीमारी का खतरा

 आम तौर पर ह्रदय रोग के लिए कोरोनरी आर्टर बीमारी प्रमुख कारण होता है. हृदय की अन्य बीमारियों में पेरिकार्डियल रोग, हृदय की मांसपेशियों से संबंधित समस्या, महाधमनी की समस्या हार्ट फेल होना, दिल की धड़कन का अनियमित होना हार्ट के वौल्व से संबंधित बीमारी जैसी कई बीमारियां हैं. इन परेशानियों से बचने के लिए जरूरी है कि आप इनके लक्षणों के बारे में जान लें. और जब भी आपको इनका आभास हो आप तुरंत डाक्टर से मशवरा लें.

ह्रदयघात के लक्षणों में छाती में भारीपन, भुजाओं या कंधों में, गले, जबड़े, पीठ या गर्दन में दर्द होना इसके प्रमुख लक्षण हैं. इसके अलावा धड़कन का बढ़ना, सांस लेने में परेशानी, चक्कर आना, पसीना आना जैसे अन्य लक्षण भी अहम हैं.

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यदि आपको आपकी छाती पर भार महसूस हो रहा है या छाती की मांसपेशियों में खिंचाव महसूस हो रहा है इसका मतलब है कि आपका ह्रदय स्वस्थ नहीं है. वो अच्छे से काम नहीं कर रहा है.

वहीं आप कसरत करने के बाद छाती में दर्द महसूस करते हैं या आपको कुछ ज्यादा थकान महसूस होती हो तो इसका अर्थ है कि आपके हृदय के रक्त प्रवाह में कुछ गड़बड़ी है.

यदि आपको हल्का फुल्का काम करने के बाद भी सांस लेने में परेशानी हो रही है, या जब आप लेटें तब आपको सांस लेने में परेशानी हो रही हो, तो समझ जाइए कि आपके ह्रदय में कुछ परेशानी है.

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इसके अलावा थोड़ा काम करने के बाद भी आपको थकान या चंचलता महसूस होती है तो ये ह्रदय ब्लाकेज के लक्षण हो सकते हैं.

यदि आप ज्यादातर वक्त थका हुआ महसूस करते हैं, इसके अलावा आपको अच्छे से नींद भी ना आती हो, अचानक से आपको थकान हो जाए, उल्टी का मन हो तो समझ जाइए कि आपको ह्रदय संबंधित परेशानी है.

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