अगर हमारे हार्मोन संतुलित न हों तो हमें इसका अहसास होने लगता है, हालांकि हम इसके कारण से अनजान होते हैं. मूड में बदलाव, रोशनी के लिए संवेदनशीलता, औयली त्वचा और बाल, कुछ खाने का मन करना, नींद न आना, चिंता, तनाव और चिड़चिड़ापन ये सब हार्मोनल बदलावों के संकेत हो सकते हैं. महिलाओं में हामोनल संतुलन बदलने की संभावनाएं अधिक होती हैं, खासतौर पर जब वे गर्भवती हों, तनाव में हों या विशेष उम्र के बाद महिलाओं में हार्मोनल संतुलन बदलने लगता है. लेकिन हार्मोनों को फिर से सामान्य करना कोई मुश्किल बात नहीं. आइए कुछ तरीके जानें, जिनके द्वारा आप प्राकृतिक तरीकों से अपने हार्मोनों को संतुलित रख सकती हैं.
1. अलसी के बीज का सेवन करें
अलसी के बीज अच्छे स्वास्थ्य के लिए महत्वपूर्ण हैं. इनमें फाइबर, लिगनान, ओमेगा-3 फैटी एसिड पर्याप्त मात्रा में होता है, ये ब्लड शुगर और दिल के स्वास्थ्य को सामान्य बनाए रखने में मदद करते हैं. अनुसंधानों से साफ हो गया है कि वे महिलाएं जो अपने आहार में अलसी के बीज का सेवन करती हैं, उनके प्रोजेस्टेरोन और एस्ट्रोजन स्तर में सुधार आता है. जो महिलाओं में हार्मोनों का संतुलन बनाए रखने के लिए ज़रूरी है.
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2. पेय पदार्थों का सेवन सावधानी से करें-
एल्कोहल, कैफीन और चीनी युक्त पेय पदार्थ हमारे शरीर में हार्मोनों का संतुलन बिगाड़ सकते हैं, क्योंकि इनसे कार्टिसोल का उत्पादन बढ़ता है, जिसका असर अण्डाश्यों की कार्य प्रणाली पर पड़ता है. अगर आपको प्यास लगे, तो सादा, मिनरल या नारियल पानी पीएं. अगर आप एनर्जी चाहती हैं तो ग्रीन टी पीएं. इसमें कैफीन की सही मात्रा और एमिनो एसिड एल-थिएनिन होता है, जो दिमाग की कार्यप्रणाली को चुस्त बनाता है.
3. तनाव का बेहतर प्रबंधन करें
अक्सर हम तनाव में अपने स्वास्थ्य की अनदेखी करते हैं, प्रोसेस्ड खाद्य पदार्थों का सेवन करने लगते हैं और नींद पूरी नहीं करते. तनाव से शरीर में कार्टिसोल ज़्यादा बनता है जिससे थकान होती है. ऐसा होने पर शरीर की बीमारियों की लड़ने की क्षमता कम हो जाती है और आपका हाॅर्मोनल संतुलन बिगड़ने लगता है. तनाव को दूर करने के लिए शावर लें, सैर करें या योगा करें.
4. धूम्रपान छोड़ दें
तंबाकू का कई हार्मोनों पर बुरा असर पड़ता है. युनिवर्सिटी औफ रीडिंग के शोधकर्ताओं ने साफ कर दिया है कि तंबाकू के सेवन से थायराईड का स्तर बिगड़ जाता है, यह पिट्युटरी हार्मोन को स्टिमुलेट करता है और कोर्टिसोल को बढ़ाता है. अगर आप धूम्रपान छोड़ने की योजना बना रहे हैं तो यह सबसे अच्छा समय है.
5. डेयरी उत्पादों का सेवन सोच समझ कर करें
डेयरी उत्पाद पोषकों का अच्छा स्रोत हैं. हालांकि अगर आप सेक्स हार्मोनों को लेकर चिंतित हैं तो आपको डेयरी उत्पादों खासतौर पर योगहर्ट और क्रीम के सेवन से पहले दो बार सोचना चाहिए. एक अध्ययन से पता चला है कि डेयरी उत्पादों के सेवन से कुछ विशेष हार्मोंनों का स्तर कम हो जाता है. अध्ययनों में योगहर्ट एवं क्रीम तथा एनोवुलेटरी साइकल के बीच का संबंध भी बताया गया है.
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6. पूरक आहार और हब्र्स का सेवन करें
विटामिन सी, बी5, इल्युथेरो और रोडिओला ऐसे हब्र्स हैं जो एनर्जी देते हैं. ये न्यूरोट्रांसमिटर्स को सपोर्ट करते हैं और तनाव दूर करने वाले हाॅर्मोन बढ़ाते हैं. ये शरीर में हाॅर्मोंनों का प्राकृतिक संतुलन बनाने में मदद करते हैं. मैका एक और शक्तिशाली बूटी है जो मेनोपाॅज़ के लक्ष्यों से राहत देती है जैसे रात मंे पसीना आना, अचानक गर्मी लगना. यह सेहतमंद लिपिडो को बढ़ाने में मदद करती है. मैका पाउडर को अपनी ग्रीन टी में मिलाएं और हार्मोनों को प्राकृतिक रूप से संतुलि बनाएं.
7. योगासन व्यायाम
योगा / नियमित व्यायाम के फायदों को नकारा नहीं जा सकता. इससे शरीर में बेहतर सर्कुलेशन बनता है, एंडोर्फिन रिलीज़ होते हैं, शरीर का वज़न सामान्य बना रहता है और दिल का स्वास्थ्य भी ठीक रहता है. व्यायाम एक व्यक्ति के लिए प्राकृतिक दवा है. इससे शरीर में कोर्टिसोल की मात्रा कम होती है और तनाव दूर करने में मदद मिलती है. सप्ताह में कम से कम 150 मिनट के लिए हल्का एरोबिक व्यायाम करें.
8. पूरी नींद लें
जब आप सो रहे होते हैं तो दिमाग शरीर को डिटाॅक्सिफाय करता है. इसलिए रोज़ाना कम से कम आठ घण्टे की नींद ज़रूर लें. इससे शरीर में कोर्टिसोल, मेलाटोनिन, सोमाट्रोपिन हाॅर्मोन संतुलित रहते हैं. हमेशा अंधेरे कमरे में सोंएं जहां फोन, लैपटाॅप या टीवी स्क्रीन की नीली रोशनी न हो. इन आसान से उपायों के द्वारा आप तीन सप्ताह से भी कम समय में प्राकृतिक रूप से अपने हाॅर्मोनों को संतुलित कर सकती हैं. फिर भी अगर समस्या बनी रहे तो एक अच्छे न्यूरोपैथ और योगा अध्यापक से मिलें, जो आपकी ज़रूरत के अनुसार आपको सही सलाह देंगे.
डॉ श्रीविद्या नंदकुमार . सीनियर नेचुरोपैथ — जिंदल नेचरक्योर इंस्टीट्यूट, से बातचीत पर आधारित.
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