हर जरूरत को पूरा करने के लिए आपके पास पर्याप्त पैसे होते तो क्या बात होती! पर ऐसा दुनिया में कुछ ही लोगों के पास है. असल जिन्दगी में हममें से कई लोगों को अपनी कुछ खास जरूरतें पूरी करने के लिए कर्ज लेना पड़ता है. बैंक आपको सस्ते लोन के ऐड, फोन कॉल्स से लुभाते हैं.
बैंक के प्रतिनिधि तरह-तरह के आकर्षक ऑफर का लालच देकर आपको लोन लेने के लिए आकर्षित करते हैं. लोन मिलना जितना आसान है, उसे चुकाना उतना ही महंगा पड़ जाता है. हर चीज की तरह लोन लेने के भी कुछ फायदे हैं और कुछ नुकसान.
इसलिए कर्ज लेने से पहले आपको कुछ बातों का खास ख्याल रखना चाहिए, ताकि लोन चुकाते वक्त आपको कम से कम परेशानियां हो.
1. जितना चुका से लें उतना ही लोन
तैते पांव पसारिए जैते लांबी सौर, जितनी लंबी चादर हो उतने ही पांव पसारने चाहिए. विशेषज्ञों का कहना है कि लोन चुकाने के लिए आपकी मासिक किश्त आपकी आय के 50% से अधिक नहीं होनी चाहिए. लोन लेना आसान है केवल इसलिए लोन न लें.
2. लोन चुकाने की मियाद कम रखें
लोन चुकाने की मियाद कम रखने में ही समझदारी है. जितना लंबी मियाद, ईएमआई उतनी ही कम. इससे आप 25-30 साल के लिए लोन लेने के बारे में सोच सकती हैं. हालांकि लोन की मियाद जितनी कम होगी, आपके लिए उतना ही अच्छा है. उधार की किश्त ज्यादा होगी, पर उधार जल्दी चुक जाएगा.
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3. नियमित किश्त चुकाने की आदत डालें
जितना जल्दी आप कर्ज चुका देंगी उतना अच्छा है. चाहे क्रेडिट कार्ड बिल जैसा शॉर्ट टर्म कर्ज हो या होम लोन जैसा लॉन्ग टर्म कर्ज, पेमेंट नियमित तौर पर करना चाहिए. ईएमआई चुकाने में चूक या पेमेंट में देरी से आपकी क्रेडिट प्रोफाइल पर निगेटिव असर पड़ सकता है.
4. खर्च करने के लिए न लें लोन
यह इनवेस्टमेंट का बेसिक रूल है. कभी भी पैसा उधार लेकर इनवेस्ट नहीं करनी चाहिए. फिक्स्ड डिपॉजिट और बॉन्ड्स जैसे बेहतर सुरक्षित इनवेस्टमेंट से उतना रिटर्न नहीं मिलता, जितना आपको लोन की किश्त होती है. डिस्क्रिशनरी एक्सपेंडिचर के लिए भी लोन नहीं लेना चाहिए.
5. जब लोन हो बड़ा, इंश्योरेंस है जरूरी
अगर आप बड़ा होम या कार लोन ले रही हैं तो इसके लिए इंश्योरेंस कवर लेना न भूलें. लोन की रकम के बराबर रकम का टर्म प्लैन लीजिए ताकि अगर आपको कुछ हो जाए तो परिवार पर इसका बोझ न पड़े.
6. जब लिए हों एक साथ कई लोन
अगर आपने कई लोन एक साथ ले रखें हैं तो उन सबको एक सस्ते लोन में बदलना चाहिए. जो सबसे महंगा लोन है उसे सबसे पहले चुकायें. इसके बाद सस्ते लोन भी धीरे-धीरे चुकायें.
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7. अलग रखें रिटायरमेंट फंड
हम सब की कुछ फाइनेंशियल प्रायोरिटी होती हैं. जहां बात बच्चों की आए हम कोई समझौता नहीं करते, जो कि सही है. पर बचेचों के भविष्य के साथ साथ आपको अपने भविष्य के बारे में भी सोचना चाहिए. अपने बच्चों के भविष्य के लिए रिटायरमेंट फंड से समझौता करना समझदारी नहीं है. कोई भी फाइनेंशियल डिसीजन भावनाओं में बह कर न लें.
8. घर के लोगों को हो लोन की जानकारी
लोन लेने से पहले इस बारे में अपने पति और परिवारवालों से राय लें. आपके किसी भी निर्णय से आपके परिवार वालों के फाइनेंशियल पोजिशन पर असर पड़ता है. अगर आप अपने पति से फाइनेंशियल मैटर्स छुपायेंगी तो इसका असर आपके रिलेशन पर भी पड़ सकता है.