हिस्टेरेक्टोमी के बाद मैं सो नहीं पाती, क्या करुं?

सवाल-

मैं ने कुछ महीने पहले हिस्टेरेक्टोमी (गर्भाशय को काट कर निकाल देना) करवाई थी. इस के बाद मेरे सोने का चक्र बदल गया. मैं सो नहीं पाती. मुझे क्या करना चाहिए?

जवाब-

जिन महिलाओं के गर्भाशय को सर्जरी से निकाल दिया जाता है उन्हें  वर्चुअल रूप से रातोंरात मेनोपौज (रजोनिवृत्ति यानी माहवारी बंद होना) हो जाता है. इन मामलों में नींद में बाधा आना आम बात है. संभावित रूप से हौट फ्लशेज या रात में पसीना आने के अलावा यह मेनोपौज का सब से आम लक्षण है. मेनोपौज के बाद ज्यादा से ज्यादा आराम करें, सोने के दौरान साफसफाई का पूरा ध्यान रखें. कौफी कम से कम पीएं, सही खानपान लें, नियमित रूप से व्यायाम करें और सोने का एक निश्चित समय तय करें. सर्जरी के कारण होने वाले मेनोपौज में महिलाओं को नींद आने में काफी मुश्किल आती है और वे रात में ज्यादा बार जागती हैं. मेनोपौज के साइड इफैक्ट्स को कम करने के लिए हारमोन रिप्लेसमैंट थेरैपी पर विचार करने की भी सलाह दी जाती है.

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गर्भाशय फाइब्रोइड्ससुसाध्य (गैरकैंसर) ट्यूमर है, जो गर्भाश्य की मांसपेशीय परत पर अथवा उसके भीतर विकसति होता है.इसमें तंतुमय टिश्यू और चिकने मांसपेशी सेल्स होते है, जिनका पोषण रक्तवाहिनी के सघन नेटवर्क से होता है. फाइब्रोइड्स महिलाओं में होने वाला बहुत ही सामान्य सुसाध्य ट्यूमर है. अनुमान है कि 30 से 50 वर्ष के बीच की महिलाओं में करीब 25 से 35 प्रतिशत में फाइब्रोइड्स का इलाज सापेक्ष हो गया है. सामान्यतया जिस महिला में गर्भाशय फाइब्रोइड्स की समस्या है, उनमें एक से अधिक फाइब्रोइड्स है और वे बडे़ आकार के हो सकते है. कुछ मटर से बडे़ नहीं होते है, जबकि अन्य बढ़कर खरबूजे के आकार का हो सकते है.

लक्षण

एक महिला मासिक धर्म में अधिक रक्तस्राव, दर्दभरा मासिकधर्म, मासिकधर्म के दौरान रक्तस्राव और पीठशूल या पीठदर्द जैसे लक्षणों से इसका अनुभव करती है. अधिकतर मरीजों में रक्तस्राव इतना अधिक होगा किउनमें यह खून की कमी का कारण बन जाता है. खून की कमी से थकान,सिरदर्द हो सकता है.जब फाइब्रोइड्स आकार में बड़ा होता है, तब यह अन्य पेल्विक अंगो पर दबाव बनाने लगता है. इसके फलस्वरूप पेट के नीचले हिस्से में भारीपन, बार-बार पेशाब लगना, पेशाब होने में कठिनाई और कब्ज महसूस हो सकता है. ये लक्षण किसी को हल्का, कम आकर्षक लग सकते है और चिड़चिड़ापन आगे चलकर कामेच्छा घटा सकती है और इसका असर लोगों की जिंदगी पर पड़ सकता है. ओबेस्ट्रिक्स एंड ग्यानकोलाजी जर्नल तथा वुमेन हेल्थ जर्नल में प्रकाशित एक रिसर्च के अनुसार गर्भाशय फाइब्रोइड से काफी भय एवं रूग्णता हो सकती है और वर्कप्लेस प्रदशर्न से समझौता करना पड़ सकता है.

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