अपने परिवार को आर्थिक सुरक्षा देने के लिए इंश्योरेंस प्लान बेहतर विकल्प होते हैं. ऐसा इसलिए क्योंकि यह आपके न रहने पर परिजनों को सम एश्योर्ड दिलवाने का एक किफायती और सुरक्षित माध्यम है. इन प्लान्स के एनुअल प्रीमियम रेट्स काफी कम होते हैं. लेकिन क्या आपने कभी सोचा है कि अगर आप समय पर प्रीमियम का भुगतान करने से चूक जाते हैं तो पौलिसी का क्या हो सकता है? क्या इससे आपकी पौलिसी बंद कर दी जाएगी? हम अपनी इस खबर में आपके इन्हीं सवालों के ही जवाब देने जा रहे हैं.
कब लैप्स होती है इंश्योरेंस पौलिसी?
किसी भी तरह की इंश्योरेंस पौलिसी को खरीदने के बाद हर साल एक निश्चित अवधि तक इसके लिए प्रीमियम का भुगतान किया जाता है. अगर किसी कारणवश आप समय पर इसका भुगतान नहीं कर पाते हैं तो पौलिसी टर्मिनेट कर दी जाती है. इसे शुरु करवाने का कोई और विकल्प नहीं होता. ऐसे में नई पौलिसी खरीदने का औप्शन रह जाता है. यह पुरानी पौलिसी से महंगी पड़ती है क्योंकि इसमें आवेदक की उम्र ज्यादा हो जाती है.
एक्सपर्ट राय
फाइनेंशियल प्लानर्स का मानना है कि इंश्योरेंस पौलिसी लैप्स होने की स्थिति में एक निश्चित ब्याज के साथ प्रीमियम भुगतान कर पौलिसी को रिवाइव कराया जा सकता है. वहीं, अगर आप भुगतान नहीं करते हैं और यह एक ट्रैडिशनल पौलिसी है तो लैप्स पीरियड के खत्म होने पर यह पेड अप पौलिसी बन जाती है. पेड अप पौलिसी में सम एश्योर्ड घट जाता है. यह आपकी ओर से भुगतान किये गये प्रीमियम पर निर्भर करता है. साथ ही सम एश्योर्ड पौलिसी के मैच्यौर होने पर ही मिलता है.
ये भी पढ़ें- Saving Tips In Hindi- ये हैं निवेश के बैस्ट औप्शन
जानिए पौलिसी लैप्स होने की स्थिति में क्या करें
इस तरह करें लैप्स पौलिसी को रिवाइव
जब आप इंश्योरेंस प्रीमियम का भुगतान करने से चूक जाते हैं तो पौलिसी को ग्रेस पीरियड स्टेट में ट्रांस्फर कर दिया जाता है. इसके तहत इंश्योरेंस कंपनी की जिम्मेदारी बनती है कि पौलिसीधारक की मृत्यु के बाद वह बेनिफिशयरी को सम एश्योर्ड का भुगतान करे. आमतौर पर इंश्योरर छमाही और एक साल की अवधि के प्रीमियम के लिए 30 दिन और मासिक भुगतान के लिए 15 दिनों का ग्रेस पीरियड देता है. हालांकि, यह हर कंपनी के लिए यह अवधि अलग-अलग हो सकती है. इस ग्रेस पीरियड के दौरान पौलिसीधारक प्रीमियम का भुगतान कर अपनी इंश्योरेंस पौलिसी को फिर से एक्टिव कर सकता है. जानकारी के लिए बता दें कि पौलिसी ग्रेस पीरियड के समाप्त होने के बाद लैप्स मानी जाती है.
पौलिसी लैप्स होने पर क्या होता है
अगर इंश्योरेंस कंपनी की ओर से दिया गया ग्रेस पीरियड खत्म हो जाता है और इसे एक्टिव करने के लिए किसी प्रीमियम का भुगतना नहीं किया जाता तो पौलिसी लैप्स हो जाएगी. ऐसे में बेनिफिशयरी को पौलिसीधारक की मृत्यु के बाद सम एश्योरेड नहीं मिलेगा.
उदाहरण से समझें
अगर किसी व्यक्ति की दुर्घटना में मृत्यु हो जाती है और वह टर्म प्लान के प्रीमियम भुगतान से चूक जाता है. ऐसे में अगर दुर्घटना ग्रेस पीरियड के दौरान हुई है तो परिवार के सदस्य क्लेम फाइल कर सकते हैं और इंश्योरेंस कंपनी को सम एश्योर्ड का भुगतना करना ही पड़ेगा. वहीं, अगर दुर्घटना पौलिसी के लैप्स हो जाने के बाद हुई है तो इंश्योरेंस कंपनी परिवार को किसी भी तरह के सम एश्योर्ड का भुगतान नहीं करेगी.
ये भी पढ़ें- Travel Special: रंगीलो राजस्थान का दिल है जोधपुर
हालांकि, लैप्स पौलिसी बिल्कुल बेकार नहीं होती. इसे एक्टिव भी कराया जा सकता है. इसके लिए पॉलिसीधारक को रीइंस्टेटमेंट प्रक्रिया से गुजरना पड़ता है. अधिकांश कंपनियां लैप्स पौलिसी को रिवाइव करने का विकल्प देती हैं. यह प्रकिया थोड़ी महंगी साबित हो सकती है. ऐसा इसलिए क्योंकि इसमें मेडिकल चेकअप या पेनल्टी देनी पड़ सकती है.
लैप्स हो चुकी पौलिसी को रिवाइव करने की प्रकिया को रीइंस्टेटमेंट कहा जाता है. इसका लाभ तभी उठाया जा सकता है जब ग्रेस पीरियड खत्म हो जाता है. लैप्स पौलिसी की रीइंस्टेटमेंट प्रक्रिया हर कंपनी की अलग होती है. साथ ही यह बीते हुए समय पर, प्रोडक्ट टाइप और इंश्योरेंस कौस्ट पर निर्भर करता है.