इन बातों को भूलकर भी अपने बौयफ्रैंड से न करें शेयर, टूट सकता है लंबे समय का रिश्ता

अविनाश और रश्मि करीब 2 सालों से रिलेशनशिप में थे. वो दोनों एकदूसरे से बहुत प्यार करते थे. रश्मि अपने लाइफ से जुड़ी हरेक बात अविनाश से शेयर करती थी. जब वह कालेज से घर वापस लौटी तो उस ने देखा कि मां और पापा किसी लड़के को ले कर लड़ाई कर रहे हैं. बाद में उसे पता चला कि उस की मम्मी अपने ऐक्स बौयफ्रैंड से मिलने गई थी इसलिए उस के पापा ने लड़ाई की थी.

रश्मि इस बात को ले कर बहुत उदास थी. अविनाश उसे कौल और व्हाट्सऐप किए जा रहा था, लेकिन वह उस का जवाब नहीं दे रही थी. बाद में रश्नि ने अविनाश को व्हाट्सऐप पर मैसेज किया और अपने मम्मीपापा के लड़ाई की भी बातें बता दीं. उस ने यह भी बताया कि उस की मां का कोई बौयफ्रैंड था, जिसे वे भूल नहीं पाई हैं.

अविनाश ने रश्मि को समझाया. उस ने यह भी कहा कि उसे अपनी मम्मीपापा के इस झगड़े को खत्म करने की कोशिश करनी चाहिए वरना उन के रिश्ते टूट भी सकते हैं.

अविनाश के इस बात से रश्मि को काफी मदद मिली और उस का मन भी हलका हुआ. लेकिन कुछ दिनों बाद रश्मि ने जो सुना, उस के तो होश ही उड़ गए.

दरअसल, रश्मि के पास कुछ पुराने दोस्तों ने मैसेज किए और पूछा कि तुम्हारी मम्मी का बौयफ्रैंड लौट आया है क्या? यह सुन कर रश्मि के पैरों तले जमीन खिसक गई.

उस ने पूछा,”यह सब बातें तुम लोगों को कैसे पता?”

उन लोगों ने मैसेज के स्क्रीनशौट भेजे. रश्मि ने देखा कि मैसेज अविनाश ने किया है और उस में लिखा था,”रश्मि की मां का बौयफ्रैंड है और उस के घर में रोजाना इस बात को ले कर रश्मि के पापा उस की मां के साथ मारपीट करते हैं.”

मैसेज पढ़ते ही रश्मि को तगङा झटका लगा. वह कुछ देर के लिए सोचती रह गई. जिस लड़के पर उस ने आंख बद कर के भरोसा किया. उस लड़के ने मेरी रिस्पैक्ट नहीं की? दोस्तों के बीच मेरे और मेरे पेरैंट्स का मजाक बना कर रख दिया. उस ने तुरंत ही अविनाश का फोन नंबर ब्लौक किया और उस से सारे रिश्तेनाते तोड़ लिए.

जब कोई लड़की अपने बौयफ्रैंड से कोई भी बड़ा सीक्रेट शेयर करती है, तो उस पर यह भरोसा करती है कि वह किसी से नहीं कहेगा. लेकिन आंख बंद कर भरोसा करना गलत साबित हो सकता है. कई बार बौयफ्रैंड अपनी गर्लफ्रैंड की सीक्रेट बातें भी शेयर कर देते हैं, जिस की वजह से उन के रिश्ते में दरार आ जाती है.

जब आप किसी से प्यार करते हैं, तो उस पर विश्वास करना चाहिए, लेकिन उस से वहीं बातें शेयर करें, जिस में मस्तीमजाक हो, नकि आप अपनी फैमिली या खुद से जुड़े कोई बड़ा सीक्रेट आप अपने बौयफ्रैंड को न बता दें. इस से आप के ही रिश्ते को नुकसान होगा.

तो चलिए जानते हैं, बौयफ्रैंड से कौन सी बातें शेयर न करें :

परिवार से जुड़ा सीक्रेट

आप अपने बौयफ्रैंड से भले ही कितना प्यार करती हों, लेकिन उस से अपने परिवार से जुड़ी सीक्रेट न बताएं. कई बार हम अपनी ही फैमिली में किसी को पसंद नहीं करते हैं. कई बार लड़कियां इमोशनल हो कर इस तरह की बातें अपने बौयफ्रैंड से शेयर कर देती हैं. लेकिन बाद में उन्हें पछताना पड़ता है. जब किसी तीसरे व्यक्ति को यह सब पता चलता है तो कपल के बीच झगड़े होने लगते हैं.

बैंक अकाउंट की जानकारी

बौयफ्रैंड पर भरोसा करना सही है, पर कई बार कुछ लड़कियां जानेअनजाने अपने बैंक की भी सारी जानकारी बौयफ्रैंड को दे देती हैं. इस से बैंक अकाउंट का एक्सैस उन के पास आ जाता है. लड़कियों को ध्यान रखना चाहिए कि कई बार इस से फ्रौड या ठगी की संभावना बढ़ जाती है. इसलिए बेहतर है कि बौयफ्रैंड को बैंक से जुड़ी हुई जानकारी न बताएं.

अपनी कमजोरियों को न करें जाहिर

हर व्यक्ति के अंदर कुछ न कुछ कमजोरियां होती हैं. कई बार लड़कियां इतनी इमोशनल हो जाती हैं कि बिना सोचेसमझे वे अपने बौयफ्रैंड से अपनी वीकनैस को भी बता देती हैं. कई बार लड़के इस का फायदा उठाते हैं और अपनी गर्लफ्रैंड का ही इस्तेमाल करने लगते हैं.

दोस्त की बीवी मुझ से संबंध बनाना चाहती है…

अगर आपकी भी ऐसी ही कोई समस्या है, तो ये लेख अंत तक जरूर पढ़ें…

सवाल

मुझे अपने कलिग से अच्छी दोस्ती हो गई और हमारी यह दोस्ती पारिवारिक भी होती जा रही है. वह भी अपनी पत्नी और बच्चों के साथ रहता है और मेरी भी कुछ दिनों पहले ही शादी हुई है, तो मैं भी अपने पत्नी के साथ रहता हूं. हम दोनों का अकसर एकदूसरे के घर आनाजाना लगा रहता है.

मेरे दोस्त की पत्नी 2 बच्चों की मां है, लेकिन उस ने अपने फिगर को बहुत खूबसूरती से मैंटेन किया है. वह जिम भी जाती है. वह दिखने में बहुत खूबसूरत है. अभी कुछ दिनों पहले मेरी पत्नी मायके गई थी। ऐसे में मैं रात का खाना खाने अपने दोस्त के घर गया था. जब मैं उस के घर गया तो भाभीजी ने मुझे खाना खिलाया। मेरा दोस्त कहीं बाहर गया था. किचन में कुछ सामान गिरने की आवाज आई. मैं इसी बहाने भाभीजी के करीब गया. वह मना नहीं की और हम दोनों बच्चों से छिप कर एक कमरे में चले गए। भाभीजी ने बताया कि पति को घर आने में समय लगेगा. मैं ने उन्हें किस किया.

मैं इंटिमेट होने के लिए फोरप्ले कर ही रहा था कि तभी दरवाजे की घंटी बजी. हम दोनों चौंक गए और खुद को संभाला. भाभीजी तो कमरे से बाहर निकल कर दरवाजा खोलने चली गईं, मैं अभी कमरे से बाहर जा ही रहा था कि मेरे दोस्त ने मुझे देख लिया, लेकिन उसे शक नहीं हुआ. उस ने बस इतना ही पूछा कि मेरा कमरा कैसा लगा? मैं ने बात बनाते हुए कहा कि भाभीजी ने कमरे को काफी अच्छे तरीके से सजाया है. वह भी बस मुझे ही देखे जा रही थी.

अब जब भी मैं दोस्त के घर जाता हूं मेरी निगाहें भाभीजी पर होती हैं। वे भी उसी निगाह से मुझे देखती हैं. मेरी पत्नी भी मेरे पास आ गई है. मैं जब भी उस के साथ सैक्स करता हूं तो मुझे भाभीजी की याद आती है. सोचता हूं कि कब मैं अपनी अधूरी इच्छा पूरी कर पाऊंगा. इसी वजह से किसी भी काम में मन नहीं लगता. आप ही बताएं मैं क्या करूं?

जवाब

देखिए, आप शादीशुदा हैं और जिस महिला से आप संबंध बनाना चाहते हैं, वह आप के दोस्त की पत्नी है जिस के 2 बच्चे भी हैं. कोई भी किसी के प्रति आकर्षित हो सकता है, लेकिन शादीशुदा जिंदगी को अनदेखा कर अपने सुख के लिए मन में ऐसी इच्छा पालना गलत साबित हो सकता है.

अभी आप की नईनई शादी हुई है. आप की पत्नी को आप से ढेर सारी उम्मीदें होंगी. ऐसे में आप अपनी पत्नी को प्यार और सम्मान दें. उन की इच्छाओं को पूरी करें. आप कहीं घूमने जाएं। जो प्यार आप अपने दोस्त की पत्नी को देना चाहते हैं, वह प्यार आप अपनी पत्नी को दें. इस से आप की भी जिंदगी बेहतर होगी और दोनों दोस्त का घर भी टूटने से बच जाएगा.

व्हाट्सऐप मैसेज या व्हाट्सऐप औडियो से अपनी समस्या इस नम्बर पर 9650966493 भेजें. 

 हमें इस ईमेल आईडी पर भेज सकते हैं- submit.rachna@delhipress.biz   सब्जेक्ट में लिखे…  गृहशोभा-व्यक्तिगत समस्याएं/ Personal Problem

रिश्ते को बिगाड़ने का काम करते हैं ये झूठ, ‘हैसियत के मामले में बढ़ाचढ़ा कर न बोलें’

मेहनती युवती सावी के साथ अजीब सी बात हुई. उस ने नए दफ्तर के अपने सहकर्मी सौनिक को अपने बारे में बस यही बताया था कि उस का किसी भी पुरुष से कोई संबंध नहीं रहा. न कोई मित्रता न कुछ और. मगर दफ्तर की ही एक पार्टी मे सब खुलासा हो गया. सावी का ऐक्स बौयफ्रैंड वहां किसी के संग आया और जरा सी पी कर बहक गया. बहुत कुछ कह गया.

यह सच सुन कर सौनिक को इतना सदमा लगा कि वह 2 दिन दफ्तर नहीं आया. सावी का झूठ उस से सहन न हुआ. सौनिक ने बाद में उस से कहा कि सावी हम सब इंसान हैं. महिला का अगर एक पुरुष मित्र है तो यह होना स्वाभाविक है. मगर ?ाठ बोलना नहीं. एक ?ाठ वह भी इतनी सफाई से. मैं तुम्हें अपनी अचछी दोस्त मानने लगा था. आगे की भी योजना थी. मन की बात कहनी थी. मगर अब नहीं. सावी खुद भी सौनिक को अपना हमसफर बनाना चाहती थी मगर ?ाठ ने सब बिगाड़ दिया.

तकि भविष्य में दिक्कत न हो

सावी की ही तरह अगर आप का किसी और के साथ अफेयर है तो अपने नए पार्टनर को इस के बारे में अवश्य बता दें और अगर आप शादी के बंधन में बंधने वाले हैं तो शादी से पहले जरूर बता दें वरना भविष्य में कोई बड़ी दिक्कत हो सकती है. आजकल सोशल मीडिया सब उगल देता है.

रिश्ते हमेशा विश्वास पर टिके होते हैं और अगर हम उस में झूठ बोलने लगते हैं तो रिश्तों में खटास आना शुरू हो जाती है, इसलिए कहा जाता है कि कभी भी रिश्ते में झूठ नहीं बोलना चाहिए. वैसे तो किसी भी रिश्ते को बनाने के लिए ?ाठ बोलना ठीक नहीं है लेकिन कई ऐसे झूठ होते हैं जोकि बिलकुल नहीं बोलने चाहिए. इस से एक बार तो रिश्ते बन जाते हैं, लेकिन बाद में बड़ी मुश्किल हो जाती है.

इसी तरह कभी भी पैसों को ले कर कोई ?ाठ न बोलें. वित्तीय हैसियत से संबंधित झूठ दिखाना भी गलत है. कई लोग पैसों को ले कर कहते हैं कि मैं बहुत अमीर हूं और मेरे पास इतना पैसा है कि मेरी 7 पीढि़यां बैठ कर खा सकती हैं. मोनिका ने अपने मंगेतर को अपनी तनख्वाह बढ़चढ़ कर बताई. मगर जब खुलासा हुआ कि मोनिका की क्व50 हजार नहीं क्व30 हजार ही कमाई है तो दोनों के बीच कड़वाहट बढ़ती गई.

हैसियत के मामले में झूठ न बोलें

युवकों को भी यह याद रखना चाहिए कि पैसों के जरीए लड़कियों को आकर्षित करना बेकार है और इस पैतरे से केवल लालची लड़कियां आप के करीब आएंगी. अगर आप सच में किसी से रिश्ता जोड़ना चाहते हैं तो हैसियत के मामले में ?ाठ न बोलें.

परिवार को ले कर ?ाठ. कई बार हम किसी से रिश्ते बनाने के लिए कुछ ज्यादा ही झूठ बोल देते हैं. परिवार से जुड़े सच के बारे में कुछ दिनों बाद तो पता चल ही जाता है, इसलिए कभी भी ऐसा न करें. जब किसी को बाद में पता चलता है तो पार्टनर के लिए विश्वास कम हो जाता है, जोकि बहुत गलत है.

बीमारी से जुड़ा ?ाठ भी बहुत बुरा है. अनुजा को विवाह से कुछ समय पहले टीबी हुई थी. मगर उस ने ससुराल में नहीं बताया. जब उस के पति को टीबी हुई तब उस का बीमारी से जुड़ा झूठ सामने आया.

यह बताना भी जरूरी

बीमारियां कभीकभी जिंदगीभर तक जुड़ी रहती हैं. अत: यदि आप किसी ऐसी बीमारी से पीडि़त हैं जो पीढ़ी दर पीढ़ी चली आ रही है तो अपने पार्टनर को इस के बारे में बताना बेहद जरूरी है.

कभीकभी ?ाठ बोलना ठीक होता है. मान लीजिए किसी का भला हो रहा है तो फिर भी वह ?ाठ सहन किया जा सकता है लेकिन अगर आप हर बात पर झूठ बोलेंगे तो पार्टनर के मन पर गलत असर पड़ेगा.

धीरेधीरे शायद वह आप की किसी बात पर विश्वास न करे और हर बात की पहले पड़ताल करे. इसलिए कभी ऐसा न करें. जिस रिश्ते की बुनियाद झूठ पर रखी गई हो वह रिश्ता ज्यादा देर तक नहीं चलता है.

रिश्तों की गणित में अप्लाई करें 3+1 रूल, जिंदगीभर निभाना है साथ तो ये आएगा काम

अखिल को अक्सर घर काटने को दौड़ता पत्नी बच्चे सब पराएपराए से लगते थे. उसका मन करता,घर से कहीं बाहर निकल जाये और सड़कों पर तब तक घूमता रहे,जब तक थक कर टूट न जाए और फिर घर लौटकर आये तो गहरी नींद सो जाए,ताकि उसकी पत्नी के ऊंचे बोलने की आवाज और बच्चों की चिल्लपे उसे सुनाई ही न दें. उसे लगता उसके अपने परिवार के लोग ही उसके सबसे बड़े दुश्मन हैं. उसके परिवार ने ही उसकी सुख शांति छीन ली है .

उसे अपने मित्र समर से ईर्ष्या होती. सोचता कितनी सुशिक्षित,और सभ्य पत्नी मिली है समर को,जिसकी एक मुस्कान और झलक देखकर ही मन खिल उठता है. फिर सोचता,उसकी पत्नी भी देखने में तो बुरी नहीं है.लेकिन दो बच्चों की मां बनते ही अपनी दुनिया में ऐसे खो गयी है,जैसे और किसी काम से उसका वास्ता ही न हो.थक जाए तो अपनी खीझ बच्चों पर उतारती है.

अखिल ऐसा अनुभव करता , जैसे उसने शादी करके बहुत बड़ी मुसीबत मोल ले ली है. शादी से पहले उसने जो भी सपने देखे थे,वो सब मिट्टी में मिल गये हैं. अब तो मौत ही उसे इस जीवन से छुटकारा दिला सकती है.

समर के समझाने पर अखिल साइकैटरिस्ट से मिला. अखिल ने जब अपने दिल की बात उन से कही तो उन्होंने अखिल को समझाया और फिर जीवन के प्रति अखिल का नजरिया बदल गया. आइए जानते हैं उन्होंने अखिल से क्या कहा.

एक समय था जब शादी को सात जन्मों का बंधन माना जाता था. प्यार के रिश्ते को मरते दम तक निभाने की कसमें खाई जाती थीं. लेकिन आज के समय में प्यार, साथ और अपनेपन के ये रिश्ते बदल गए हैं. अब कपल्स इतने प्रैक्टिकल हो गए हैं कि थोड़ा सा भी मतभेद या मनभेद उनके रिश्ते पर हावी हो जाता है. वे स्थितियों को संभालने की जगह, उनसे पीछा छुड़वाना बेहतर समझते हैं. रिश्ता निभाने की जगह, उससे दूर जाना अच्छा समझते हैं. हालांकि रिश्तों की गणित में अगर आप गुणा और जोड़ करना सीख लें तो जिंदगी बेहतर हो सकती है. ऐसे में सवाल ये है कि क्या कोई ऐसा फार्मूला है, जो प्यार और रिश्ते दोनों को संभाल सके. तो इसका जवाब है, जी हां. यह शानदार फार्मूला है 3+1 रूल.

जानिए क्या है 3+1 का रूल

मशहूर मोटिवेशनल स्पीकर और लेखक साइमन सिनेक ने रिश्तों का यह अनोखा रूल बनाया है. सिनेक का कहना है कि अगर कोई भी कपल चाहे वो पति-पत्नी हो या गर्लफ्रेंड-बौयफ्रैंड 3+1 रूल को फौलो करता है तो रिश्ता निभाने की संभावना काफी हद तक बढ़ जाती है. इस रूल में तीन बातें मुख्य हैं और एक उनका सार है.

भावनात्मक अनुकूलता है जरूरी

कोई भी रिश्ता भावनाओं के बिना अधूरा है. भावनाएं रिश्ते के हरे भरे पेड़ की जड़ों की तरह हैं. ये जड़ें जितनी गहरी और मजबूत होंगी, रिश्तों की हरियाली उतनी ही ज्यादा होगी. इसलिए रिलेशनशिप में पार्टनर्स को एक दूसरे की फीलिंग समझनी चाहिए और उनका सम्मान भी करना चाहिए. साथ ही जरूरत के समय आपस में इमोशनल सपोर्ट भी देना चाहिए. इससे रिश्ते में मजबूती आती है.

बौद्धिक अनुकूलता से बढ़ेगा सम्मान

जब पार्टनर एकदूसरे की महत्वाकांक्षाओं, करियर, गोल्स को समझ कर, उन्हें पाने के लिए साथ कोशिश करते हैं तो ऐसा करना आपके रिश्ते को मजबूती देता है. एक दूसरे से ​कुछ सीखने और कुछ सिखाने की प्रवृति आपके रिश्ते के जोड़ को मजबूती देगी. इससे रिश्ते में हमेशा नयापन बना रहता है. साथ ही सम्मान की भावना भी बढ़ती है.

आकर्षण नहीं नजदीकी पर करें फोकस

रिश्ते में कई बार आकर्षण को लोग प्यार समझ लेते हैं. लेकिन ऐसा रिश्ता लंबे समय तक नहीं चल पाता है. इसलिए रिलेशन में सेक्शुअल कंपैटिबिलिटी होना जरूरी है. एक दूसरे की जरूरतों को समझें, उनका सम्मान करें और इस मुद्दे पर खुलकर बात करें. इससे आपका रिश्ता मजबूत होगा.

यह है सबसे बड़ा गुरु मंत्र

इन तीनों रूल्स के अलावा एक और रूल है, जो रिश्तों के घरोंदे को खूबसूरती देता है. दरअसल, हर कपल की परिस्थितियां, प्राथमिकताएं, समय और जरूरतें अलग-अलग होती हैं. इसलिए ये जरूरी नहीं है कि सब पर एक ही रूल लागू हो. इसलिए +1 रूल की जरूरत है. इसका मतलब है कि आप रिश्ते को अपने अनुसार संभालें और संवारें. एक-दूसरे का साथ देने के साथ ही एक दूसरे का सम्मान करें, प्यार करें और परिस्थितियों को समझने का प्रयास करें.

मेरा बौयफ्रैंड दूसरी लड़की के साथ घूम रहा था, कहीं वह मुझे धोखा तो नहीं दे रहा?

अगर आप भी अपनी समस्या भेजना चाहते हैं, तो इस लेख को अंत तक जरूर पढ़ें..

सवाल

मैं 3 सालों से रिलेशनशिप में हूं, मेरा बौयफ्रैंड जौब करता है, इसलिए वह शहर से बाहर रहता है. मैं पीजी में रहती हूं और वह पहले मुझसे हर हफ्ते मिलने आया करता था लेकिन इधर कुछ दिनों से वह अब मिलने भी नहीं आ रहा है. फोन पर भी हमारी बातें कम होने लगी हैं. मैंने इस बदलाव का कारण भी जानने की कोशिश की, लेकिन उसने यह कह कर मना कर दिया कि उसे औफिस के काम का ज्यादा प्रैशर है.

मैंने उसे बिना बताए दो दिनों की छुट्टी लेकर उससे मिलने उसके शहर गई, वहां उसके औफिस जा ही रही थी कि वह उधर एक लड़की के साथ घूमते दिखाई दिया. मैं वापस अपने शहर चली आई, अब मैं भी उससे कम ही बात करती हूं. लेकिन अंदर से टूटती जा रही हूं. मुझे कभीकभी ये लगता है कि वह कि कहीं वह दूसरे लड़की के साथ रिलेशनशिप में तो नहीं है या फिर वह मुझे धोखा दे रहा है, समझ नहीं आ रहा क्या करूं ? कृपया इस समस्या का कोई समाधान बताएं.

जवाब

कपल्स के बीच दूरियों का कारण है, एकदूसरे को अनदेखा करना.. ये रिश्ते कमजोर होने का सबसे बड़ा कारण है. देखिए आपके बौयफ्रैंड में ये बदलाव अचानक से आए हैं. जैसा कि आपने बताया कि आप अपने बौयफ्रैंड के औफिस तक गई थी, वहां आपने उन्हें एक लड़की के साथ देखा और फिर वापस आ गए. ये आपने गलती की. जब आप वहां गई थी, तो आपको अपने बौयफ्रैंड से मिलना चाहिए.

जरूरी नहीं है कि अगर कोई लड़कालड़की साथ में घूम रहे हैं, तो वो दोनों रिलेशनशिप में ही हों. आपका 3 साल का रिलेशनशिप है, तो आपको अपने बौयफ्रैंड के मूड के बारे में पता होगा, उसे क्या पसंद और क्या नहीं ? अगर आप अपने रिश्ते को आगे बढ़ाना चाहते हैं , तो आप दोनों मिलकर बात करें, रोमांटिक डेट पर जाएं, अगर ये भी करने से बात नहीं बनती है, तो बेहतर है कि आप ब्रेकअप कर लें. किसी रिश्ते में बने रहने के लिए दोनों को प्रयास करना चाहिए. किसी रिश्ते में घुटघुट कर जीने से बेहतर है, उस रिश्ते को तोड़ देना…

जब बौयफ्रैंड अनदेखा करने लगे

  • अगर आपको लग रहा है कि आपका पार्टनर इग्नोर कर रहा है, तो उसे अपने प्यार का इजहार करें, सरप्राइज गिफ्ट्स दें या डेट पर जाएं.
  • रिश्ते में कम्यूनिकेशन गैप न आने दें.
  • अगर किसी बाते से साथी परेशान है, तो उससे कारण जानने की कोशिश करें और अपनी भी राय दें.
  • ये छोटेछोटे कन्सर्न रिश्ते को मजबूत बनाते हैं.

व्हाट्सऐप मैसेज या व्हाट्सऐप औडियो से अपनी समस्या इस नम्बर पर 9650966493 भेजें.

क्या आपका पार्टनर रहता है चुपचुप सा, तो दिल की बात जानने के लिए अपनाएं ये टिप्स

पति के औफिस से घर आते ही नेहा बहुत ही उत्सुकता से उसे अपने दिनभर की बातें बताने लगती.वहीं उसका पति चुपचाप सब सुनता रहता. धीरेधीरे नेहा की उत्सुकता और जोश भी ठंडा हो गया. वह अपने पति का ये रवैया समझ नहीं पा रही थी. उसे लगने लगा कि उसका पति उसे पसंद नहीं करता. लेकिन जरूरी नहीं है कि ऐसा ही हो. दरअसल, नेहा का ​पति स्वभाव से चुप रहने वाला है. वह बहुत ही कम बोलता है. इसका मतलब ये नहीं है कि वह गुस्सा है या उससे प्यार नहीं करता. आइए जानते हैं क्या है साइलेंट पर्सनैलिटी-

क्या है साइलैंट पर्सनैलिटी

हर किसी की पर्सनैलिटी अलग होती है.कोई खुलकर बात करता है तो कोई चुप रहकर ही अपनी भावनाओं का एहसास करवाता है.लेकिन जब बात पार्टनरशिप यानी शादी की आती है तो चुप रहना कभीकभी अजीब स्थिति पैदा कर सकता है.अगर आपके पति अक्सर चुप रहते हैं तो स्थिति और भी विकट हो जाती है.पति का चुप रहना पत्नी के लिए किसी बड़ी चुनौती से कम नहीं है.कई बार पत्नी अपने आपको अलगथलग महसूस करने लगती है. नए माहौल में एडजस्ट करना उसके लिए और भी मुश्किल हो जाता है.अगर आपके पति भी अक्सर चुप रहते हैं या बहुत कम बोलते हैं तो कुछ बातों का ध्यान रखना जरूरी है.

रिश्ता खराब कर सकती है चुप्पी

दरअसल, चुप रहने का मतलब सिर्फ कम बातें करना ही नहीं है.बल्कि ऐसे लोगों की भावनाओं को समझना भी काफी मुश्किल होता है.पति की चुप्पी को अक्सर पत्नी उदासीनता समझ लेती है.यह उसके लिए बहुत ही दुखी करने वाला एहसास होता है.कभी-कभी ये चुप्पी आपके रिश्ते को भी खराब कर सकती है.

चुप्पी के पीछे मनोवैज्ञानिक कारण

आपने देखा होगा कि चुप रहने का स्वभाव महिलाओं के मुकाबले पुरुषों में अधिक होता है.इसका बहुत बड़ा कारण है हमारी सामाजिक कंडीशनिंग.भारत में खासतौर पर बच्चे को बचपन से ही अपनी भावनाएं दबाना सिखाया जाता है.आपने भी अक्सर सुना होगा, लड़के रोते नहीं हैं…, लड़के ऐसी बातें नहीं करते…, तुम लड़के हो क्या बात-बात पर इमोशनल होते हो…ये बातें बहुत ही आम हैं.लेकिन ये रूढ़िवादी सोच बच्चों को अपनी भावनाएं दबाना सिखा देती हैं.ऐसे में बच्चे बचपन से ही चुप रहना सीख जाते हैं.उन्हें लगता है कि अगर वे अपनी भावनाएं किसी को बताएंगे तो उसकी बेइज्जती होगी.यही उनके जीने का तरीका बन जाता है.कई शोध भी इस बात को स्वीकारते हैं कि कुछ पुरुष अपने विचारों और भावनाओं को बताने के लिए शब्द ही नहीं खोज पाते हैं और चुप रहने लगते हैं.इसका यह मतलब बिलकुल नहीं है कि वे किसी से प्यार नहीं करते.

ऐसे तोड़ें चुप्पी की दीवार

अगर आपके हसबैंड भी अक्सर चुप रहते हैं और अपनी भावनाएं बता नहीं पाते तो कुछ तरीके आपके काम आ सकते हैं.

1. बनाएं अपना संसार

मान लिया कि आपके पति चुप रहते हैं, लेकिन आप उन्हें बातें करने के लिए प्रोत्साहित करें.सबसे बेहतर है कि आप अपने पार्टनर को ऐसा माहौल दें जहां वो दिल खोलकर अपनी बातें आपसे कर सके.इस जगह पर उन्हें​ झिझक महसूस न हो.एक ऐसी जगह जहां उन्हें ये डर न हो कि कोई उन्हें सुनेगा तो क्या कहेगा.

2 . बिना बोले समझें बातें

सच्चा साथी वो है जो बिना बोले अपने पार्टनर की बात समझ जाए.अगर आपका पार्टनर चुप रहता है तो भी आप उनके चेहरे और हावभाव से उसकी फीलिंग्स समझने का प्रयास करें.उनके हर काम की सराहना करें.जिससे उनमें कौन्फिडेंस आएगा. धीरेधीरे ही सही वो आपसे बातें करने लगेंगा.

3. चमत्कार की उम्मीद न करें

बचपन से जो बातें बच्चों को बताई या सिखाई जाती हैं वो उनमें गहराई तक समाहित हो जाती हैं.दिल के किसी कोने में सालों से जमी इन जड़ों को हिलाने में समय लग सकता है.ऐसे में आप चमत्कार की उम्मीद न करें.धैर्य के साथ आप अपनी कोशिशे जारी रखें.एक न एक दिन आपके प्यार की जीत जरूर होगी.

रिश्ते में कितने सिक्योर हैं आप, इन संकेतों से लगाएं इसका अंदाजा

“दुनिया की सबसे खूबसूरत फीलिंग है सिक्योर रिश्ता,”, कहते हुए नीलेश ने सिया के हाथों को अपने हाथ में लिया. फिर कुछ देर बाद दोबारा कहा,” अगर हम दोनों को एक दूसरे पर ट्रस्ट है तो जिंदगी आराम से कट जायेगी.” नीलेश की ये बात भी काफी हद तक सही है.

 

कोई भी रिश्ता उस समय दोगुना खूबसूरत और प्यारा लगने लगता है, जब आप उसमें अपने आपको सुरक्षित महसूस करते हैं. एक सुरक्षित रिश्ता, खूबसूरत जिंदगी की नींव है. इसी नींव पर आपके प्यार का आशियाना बनता है. ऐसे में बहुत जरूरी है कि आप अपने रिश्ते को सिक्योर बनाने पर पूरा ध्यान दें. समय-समय पर आपको ऐसे कई संकेत मिलते हैं जो आपको यह बताते हैं कि आप एक हेल्दी और सिक्योर रिलेशनशिप में हैं. कौनसे हैं ये संकेत, आइए जानते हैं.

कितना खुलकर बात करते हैं आप

बातें, दो लोगों के रिश्ते में वह मजबूत पुल है जो इस सफर को और भी खूबसूरत बनाती हैं. जिस दिन आप अपने पार्टनर से बिना कुछ डरे, निसंकोच अपनी सारी फिलिंग्स, राय और समझ को साझा करने में सहज महसूस करते हैं, उस दिन आप मान लीजिए कि आपका रिश्ता सिक्योर है. एक ऐसा रिश्ता, जहां आपका पार्टनर आपको किसी भी बात के लिए जज नहीं करेगा, ना ही आपकी बात से नाराज होगा. यह है सिक्योरिटी का पहला संकेत है.

एक दूसरे पर विश्वास जरूरी

विश्वास, वह मजबूत शब्द है जो रिश्ते की नाजुक डोर को मजबूती देता है. इसके बिना दुनिया का हर रिश्ता बेईमानी है. खासतौर पर एक कपल के रिश्ते में विश्वास बहुत मायने रखता है. जब आप महसूस करें कि आपका पार्टनर आपके लिए पूरी तरीके से समर्पित है और आपके अलावा वह किसी और का ख्याल अपने दिल और दिमाग में नहीं लाता तो ऐसा रिश्ता सुरक्षित कहलाता है.

एक दूसरे को स्पेस देना सीखें

यह बात सही है कि जब दो लोग प्यार में होते हैं तो वह सारा समय एक दूसरे के साथ बिताना चाहते हैं, लेकिन अगर आपका रिश्ता मजबूत है और आप इसे लंबी दूरी तक ले जाना चाहते हैं तो ऐसे में पार्टनर को स्पेस देना भी जरूरी है. आप अपने पार्टनर की आजादी का पूरा ध्यान रखें. अगर आपका पार्टनर भी आपको यह आजादी दे रहा है तो इसका साफ मतलब है कि आप दोनों इस रिश्ते को दिल से निभा रहे हैं. साथ ही एक दूसरे की इच्छाओं का सम्मान कर रहे हैं.

निखारें एक दूसरे का साथ

प्यार और रिश्ते का मतलब सिर्फ साथ समय बिताना या घूमना फिरना नहीं है. एक मजबूत रिश्ता वही है जिसमें पार्टनर एक दूसरे के विकास में साथी बनें. वे एक-दूसरे को समझें और उनकी खूबियों को निखारने की कोशिश करें. साथ ही एक अच्छा पार्टनर वो है जो अपने साथी का उसके गोल पूरे करने में सपोर्ट करे. अगर आपका पार्टनर आपको ऐसा सपोर्ट दे रहा है तो इसका साफ मतलब है कि वह आपको बेहद प्यार करता है.

प्यार ही नहीं सम्मान भी जरूरी

रिश्ते में सिर्फ प्यार ही नहीं, एक दूसरे के प्रति सम्मान भी बहुत जरूरी होता है. जब आपका पार्टनर आपकी बातों को समझेगा और उन्हें अपनी जिंदगी का हिस्सा भी बनाएगा तो यह साफ इशारा है कि आप उसके लिए बहुत मायने रखते हैं. आपके पार्टनर के दिल में आपके लिए इतना सम्मान होना चाहिए कि मुसीबत, परेशानियां, गुस्से के समय भी वह अपनी सीमाएं ना लांघे.

मिलकर निकालें समस्याओं का हल

लड़ाई-झगड़ा, असहमति और गुस्सा, ये सभी रिलेशनशिप के ही हिस्से हैं. कोई भी रिश्ता ऐसा नहीं है जिसमें पार्टनर्स में मनमुटाव ना हो. लेकिन रिश्ते में अगर हर बार आप ही झुक रहे हैं और आपका पार्टनर अपनी गलती मानने को तैयार नहीं है तो यह स्थिति बहुत ही खराब है. ऐसा रिश्ता बहुत लंबी दूरी तक नहीं चलाया जा सकता. इसलिए आपसी मनमुटावों को आप साथ बैठकर सुलझाएं ना कि झगड़ कर उन्हें बढ़ाएं. जब आप रिश्ते को इस समझदारी के साथ आगे बढ़ाएंगे तो उसमें अपने आप ही आपको सुरक्षा की भावना महसूस होगी

मिलकर करें फ्यूचर प्लानिंग

अपने रिश्ते को लेकर आप कितने सीरियस हैं ये आपकी फ्यूचर प्लानिंग भी बता देती है. जब कोई कपल जिंदगीभर साथ रहने के लिए अपने भविष्य की प्लानिंग करता है, लॉन्ग टर्म प्लान, म्यूचुअल फंड, एसआईपी, पॉलिसी लेता है. तो ऐसे में यह साफ है कि वह अपनी पूरी जिंदगी आपके साथ बिताना चाहता है. यह रिश्तों को दी जाने वाली एक बड़ी सिक्योरिटी है.

लौंग डिस्टैंस रिलेशनशिप को कैसे मजबूत बना सकते हैं?

सवाल- 

मेरी उम्र 24 वर्ष है. डेटिंग ऐप के जरिए मेरा एक बौयफ्रैंड बना. हमारी आपस में खूब बातें, चैट होती हैं. वह बेंगलुरु का रहने वाला है. दिल्ली वह मुश्किल से 2 बार ही आया है. मु झे उस से बातें करना, उस का स्टाइल, इंटैलिजैंस बहुत पसंद है. उस का कहना है कि जो बातें वह अपनी गर्लफ्रैंड में चाहता था, मु झ में वे सब हैं. मैं अपना यह रिलेशनशिप इतना मजबूत बनाना चाहती हूं कि वह मु झे शादी के लिए प्रपोज कर दे. पहल मैं उस की तरफ से चाहती हूं. लेकिन डरती रहती हूं कि हमारी लौंग डिस्टैंस रिलेशनशिप कहीं कमजोर न पड़ जाए और मु झे उसे खोना न पड़ जाए. अगर ऐसा होगा तो मैं सह नहीं पाऊंगी. आप सु झाएं, मैं क्या करूं कि हमारा रिश्ता मजबूती से बना रहे?

जवाब-

लौंग डिस्टैंस रिलेशनशिप में ज्यादा परेशानी आती है, यह बात तो सही है लेकिन आपसी बातचीत और एकदूसरे के लिए समर्पण-  इन 2 चीजों का अच्छा तालमेल हो तो लौंग डिस्टैंस रिलेशनशिप नजदीकी रिश्तों को भी मात दे सकती है.

आप दोनों के बीच बातचीत में कमी नहीं आनी चाहिए. रैगुलर टच में रहें. जरूरी नहीं कि अपने दोनों के रिश्ते और भविष्य को ले कर ही बात की जाए. दुनिया में क्या हो रहा है या जानपहचान के लोगों की बात भी की जा सकती है, यदि बात करने के लिए कुछ नहीं है. बस ध्यान रखें, पार्टनर कहीं आप की बातों से बोर तो नहीं हो रहा.

लौंग डिस्टैंस में एकदूसरे पर विश्वास रखना बेहद जरूरी है. अपनी हर बात उस से शेयर करें. इस से पार्टनर का विश्वास आप पर बना रहेगा. कोई भी काम करें तो उसे बता दें. यदि किसी काम के लिए वह आप को मना करे तो उसे न करें. इस से आप दोनों के बीच लड़ाई नहीं होगी.

बौयफ्रैंड से कहें कि 3-4 महीने में मिलने का समय निकाले. बेंगलुरु से दिल्ली फ्लाइट से ढाईतीन घंटे से ज्यादा समय नहीं लगता. कहीं घूमने का प्लान बना सकते हैं. वह आप के पास नहीं आ सकता तो आप उस के पास जाने का प्लान बना सकती हैं, उसे स्पैशल फील कराने के लिए.

इमोशनली वह आप से अटैच है ही, फिजिकली आप को देख कर हो सकता है, उस के लिए अपनी फीलिंग्स को कंट्रोल करना मुश्किल हो जाए और वह आप से शादी के लिए प्रपोज कर दे, जो आप चाहती भी हैं. ट्राई करने में क्या जाता है. लडके कई बार कुछ बातें बोल नहीं पाते, उन से बुलवानी पड़ती हैं. आखिर में आप से यही कहेंगे कि रिश्ते को बनाए रखने के लिए जितने प्रयास करेंगी, उतना ही रिश्ता मजबूत बनेगा.

अगर आपकी भी ऐसी ही कोई समस्या है तो हमें इस ईमेल आईडी पर भेजें- submit.rachna@delhipress.biz   सब्जेक्ट में लिखे…  गृहशोभा-व्यक्तिगत समस्याएं/ Personal Problem

लौंग डिस्टैंस रिलेशनशिप को कहें हां या न

साल 2010 में अपर्णा सेन की एक इंडियन-जापानी रोमांटिक ड्रामा बेस्ड बंगालीहिंदी फिल्म आई थी जिस का नाम था ‘जैपनीज वाइफ.’ इस का मुख्य प्लौट लौंग डिस्टैंस लव पर था. इस में मुख्य पात्र स्नेह्मोय चटर्जी (राहुल बोस) को प्यार हो जाता है दूर स्थित जापानी मूल की लड़की मियागु (चिगुसा टकाकु) से. दोनों में लैटर्स से बातचीत होती है और इन्हीं लैटर्स के आदानप्रदान में वे एकदूसरे के साथ शादी के बंधन में बंधने का वचन भी ले लेते हैं. लंबी दूरी होने के कारण 17 साल बाद भी वे एकदूसरे से मिल नहीं पाते, लेकिन उन के बीच रिश्ता फिर भी मजबूत ही रहता है. फिल्म के अंत में स्नेह्मोय चटर्जी की मौत के बाद उस की जापानी मूल की पत्नी भारत लौट आती है और चटर्जी की विधवा बन कर जीने लगती है.

फिल्म चाहे कई लूपहोल्स के साथ रही हो लेकिन इस फिल्म की कहानी की खासीयत लौंग डिस्टैंस लव था जो काफी अच्छे से दिखाया गया. खैर, अब बात फिल्म के एक दशक बाद की है. 2010 की तुलना में आज काफी चीजें बदल गई हैं. आज एकदूसरे से चिट्ठियों के माध्यम से कम्युनिकेट करने का तरीका लगभग खत्म हो गया है.

आज जमाना डिजिटल युग का है जिस में दुनिया एक फोन के भीतर समा चुकी है. गांव में बैठा युवक मीलों दूर शहर या दूसरे देश में किसी से आसानी से कम्युनिकेट कर सकता है. फिर ऐसे में आशंका तो कई गुना बढ़ जाती है कि लंबी दूरी के रिश्ते अपने पंख डिजिटल के माध्यम से फैला रहे होंगे.

ये भी पढ़ें- जब डेटिंग किसी से और शादी किसी और से

आनंद पर्वत इलाके में रहने वाला सनी एक आम परिवार का लड़का है जिस के पिताजी कारपैंटर का काम करते हैं. सनी की कहानी भी कुछ ‘जैपनीज वाइफ’ फिल्म से मिलतीजुलती है. लेकिन यह आज की बात है तो मामला चिट्ठीपत्री से हट कर डिजिटल हो गया. अपना कैरियर बनाने के लिए इंग्लिश सीखने की चाहत में सनी ने पास के एक एनजीओ में फ्री कोर्स सीखने का मन बनाया. कोर्स इंस्ट्रक्टर ने उसे सुझव दिया कि अगर इंग्लिश सीखनी है तो विदेशी मूल के लोगों से कम्युनिकेट करना शुरू करो. बस, फिर क्या, सनी ने औनलाइन साइट विजिट की जहां उस की मुलाकात इंडोनेशिया की एक लड़की से हुई. दोनों एकदूसरे से लगातार बात करते रहे और धीरेधीरे एकदूसरे को पसंद भी करने लगे. लेकिन, उस के सामने यह सवाल खड़ा हो गया है कि उस का यह लौंग डिस्टैंस रिलेशनशिप कितना सफल होगा. मुश्किल यह है कि इस रिश्ते में कितनी ‘हां’ और कितनी ‘न’ की गुंजाइश है.

जाहिर है आज डिजिटल टैक्नोलौजी के बढ़ते दायरे और पूरी दुनिया के फोन में सिकुड़ जाने से हमारे सामने लोगों से मेलजोल बढ़ाने व सीखने का अवसर बढ़ गया है. इन अवसरों के साथसाथ आज मौका अपने लिए प्यार चुनने का भी मिल गया है. फिर चाहे बात करने वाला या वाली कितनी ही दूर क्यों न हो. जहां पहले लौंग डिस्टैंस रिलेशनशिप के मौके किसी खास सिचुएशन में ही आ पाते थे, जैसे पढ़ाई या नौकरी के लिए सैकड़ों मील दूर जाना हो. आज ऐसी सिचुएशन घर बैठे सोशल मीडिया प्रोवाइड करवा देता है जिस में इंटरनैट ने चीजों को बहुत आसान कर दिया है. लेकिन लौंग डिस्टैंस रिलेशनशिप यानी एलडीआर सुनने में जितनी रूहानी लगती है उतना ही वह अपने साथ कुछ समस्याएं ले कर भी चलती है.

-सब से बड़ी समस्या फाइनैंशियल उभर कर आती है. इस समस्या को अगर आंका जाए तो भारत में आधे से ज्यादा एलडीआर वाले कपल एकदूसरे से मिलने की उम्मीद लगा ही नहीं पाते. यह सही है यंग एज में किसी से औनलाइन बात करना और बात का आगे बढ़ जाना सामान्य हो सकता है लेकिन उस रिश्ते को मुकाम तक पहुंचाने में सब से बड़ी अड़चन पैसों की आती है. यही बड़ा कारण इस समय सनी जैसे एलडीआर में है जिस में उन का एकदूसरे से मिलना फिलहाल असंभव दिखाई दे रहा है.

इस कारण वह चाह कर भी कोई कमिटमैंट करने की कंडीशन में नहीं है.

–  रिऐलिटी परियों की कहानियों से अलग है. हर किसी की अपनी जरूरतें होती हैं. खासकर तब जब आप रिलेशनशिप में होते हैं, तब आप की अपने पार्टनर के साथ फिजिकल होने की इच्छा प्रबल हो जाती है. लेकिन लौंग डिस्टैंस वाले रिश्तों में सिंपल टच तक के लिए तरसना पड़ता है तो सैक्स और किस करना तो दूर की बात है. शुरुआत में लगता है कि सब ठीक है लेकिन जैसे ही रिलेशन कुछ महीने आगे बढ़ता है तब इंटिमेसी लैवल भी हाई होने लगता है, जिस के पूरा न होने के कारण फ्रस्ट्रैशन लैवल भी बढ़ने लगता है.

-लौंग डिस्टैंस रिलेशन में हमेशा इनसिक्योरिटी बनी रहती है. ज्यादातर रिश्तों में यह तब होता है जब आप किसी को जानते तो हों लेकिन उस के तौरतरीकों को फेसटूफेस औब्जर्व नहीं कर पाते. लौंग डिस्टैंस रिलेशन की यही समस्या है कि सारा रिलेशन कम्युनिकेशन पर टिका रहता है. इस में ओब्जर्व करने के लिए सिर्फ बात ही एक रास्ता होता है, इसलिए डेटूडे लाइफ में आप के पार्टनर का किन से मिलना, कितने फ्रैंड, कहां विजिट किया जैसे सवाल कई शंकाओं को जन्म दे सकते हैं.

-इस तरह के रिश्तों में सब से बड़ी समस्या कम्युनिकेशन पर टिकी होती है. यानी आप किसी तकनीक की सहायता से ही एकदूसरे के रिश्ते में बंधे हैं. सोशल मीडिया या टैलीफोन से कम्युनिकेशन एक लिमिट तक ही अंडरस्टैंडिंग लैवल बढ़ा सकता है. आमतौर पर एलडीआर में डेटूडे बातचीत ही मुख्य होती है. इस का बड़ा कारण कपल के बीच फ्रैश मैमोरीज न के बराबर होती हैं. किसी मैमोरी के बनने का तरीका किसी घटना या इवैंट से जुड़ा होता है, और इवैंट ऐसा जो दोनों को रिलेट करे. किंतु ऐसी कंडीशन में इस तरह की मैमोरीज न के बराबर होती हैं, तो कम्युनिकेशन में एक समय के बाद ठहराव आ जाता है जो इरिटेट भी करने लगता है.

-ऐसे रिश्तों में ट्रस्ट लैवल कम रहता है. किसी लव रिलेशन में पार्टनर के प्रति ट्रस्ट या भरोसा होना बहुत बार सैक्सुअल रिलेशन से निर्धारित होता है, जिस में आमतौर पर यह समझ जाता है कि आप तन और मन से समर्पित हैं या नहीं. जाहिर सी बात है, पार्टनर का मन समर्पित है यह माना जा सकता है लेकिन तन समर्पित न होना, विश्वास की लकीर को कमजोर करता है. ऐसे में हमेशा अपने पार्टनर के क्लोज फ्रैंड्स को ले कर इनसिक्योरिटी रहती है, जिसे ले कर हमेशा संदेह लगा रहता है.

खैर, कुछ समस्याएं हैं जिन से एक लौंग डिस्टैंस कपल को दोचार होना पड़ता है. लेकिन, भारत में यह प्रौब्लम इस से कई गुना आगे बढ़ जाती है. भारत देश डाइवर्सिटी से घिरा हुआ है. कुछ लोग इस पर प्राउड करते हैं, वहीं कुछ डाइवर्सिटी के होने के अनेक एक्सपीरियंस तो मानते हैं लेकिन इस के साथ इसे सोशल बैरियर भी मानते हैं, जो आपस में आसानी से कनैक्ट करने से रोकते हैं. इन्हीं बैरियर्स में कास्ट, रिलीजन, एरिया, लैंग्वेज और कल्चर आता है. हमारे देश में किसी रिश्ते में बंधने का मतलब पारिवारिक मंजूरी का होना जरूरी हो जाता है. इतने सारे बैरियर्स पार करना अपनेआप में चुनौती होता है. फिर लौंग डिस्टैंस रिलेशन तो एक कदम और दूर की बात है.

ये भी पढ़ें- तो नहीं सताएगा उन से दूरी का एहसास

अगर आप भी लौंग डिस्टैंस रिलेशनशिप में हैं या आना चाहते हैं तो जरूरी है कि आप इन पौइंट्स को कंसीडर करें. जरूरी नहीं कि ये चीजें हर किसी के लिए समस्या हों, अगर आप इन्हें ध्यान में रखते हुए इन से टैकल कर सकते हैं तो चीजें बेहतर होंगी. लेकिन ध्यान रहे ऐसे रिश्ते ज्यादातर कंडीशन में असफल ही होते हैं. अगर लौंग डिस्टैंस में ही जाने का मन हो तो कोशिश करें कि आप का/की पार्टनर भले पास का न हो लेकिन उसी शहर से हो जहां से आप बिलोंग करते हैं. ऐसी स्थिति में इन बिंदुओं को आसानी से टैकल किया जा सकता है और संभव है कि भविष्य में आप के एकदूसरे को जीवनसाथी चुनने की संभावना भी बढ़ जाएगी.

5 टिप्स: इन तरीकों से बनाए रखे लौन्ग-डिस्टेन्स रिलेशनशिप में करीबियां

अक्सर ऐसा होता है की आप अपने पार्टनर के साथ रहना चाहते हैं पर पढ़ाई, जॉब या किसी और मजबूरी के कारण आप ऐसा नहीं कर पाते. ये दूरी आपके रिश्ते में दूरी ना बना पाए इस बात पर आपको ध्यान देना चाहिए. वो लोग जो लौन्ग-डिस्टेन्स रिलेशनशिप में हैं वो भी अपने रिश्ते का आनंद उठा सकते हैं. रात-रात भर चैट करना या बहुत दिन के बाद मिलना भी रोमांटिक हो सकता है. अगर आपके साथ भी यहीं स्थिति है और आप परेशान हैं कि रिश्ते को कैसे बना के रखें कि दूरियां ना आएं तो ये 5 टिप्स आपकी मदद कर सकते हैं.

  1. रोजाना करे बात….

अगर आप अपने रिश्ते को टूटने नहीं देना चाहते हैं तो आप हमेशा एक-दूसरे से संपर्क में रहें. आप अपने साथी से हर रोज बात करें चाहे मैसेज के जरिये, वीडियो कॉल के जरिये या फिर फोन के जरिए. जितना हो सके एक-दूसरे से बात करते रहें. बात करने का ये मतलब भी नहीं है कि आप हर मिनट उन्हें फोन करके परेशान करें इससे आपका और उनका दोनों के काम में बाधा पड़ेगी इसलिए जब भी आप दोनों फ्री हों तो एक दूसरे से बात करके खुश रहें.

ये भी पढ़ें- क्यों बनते हैं विवाहेत्तर संबंध

2. समय-समय पर मिलते रहें…

लौन्ग-डिस्टेन्स रिलेशनशिप में ऐसा होता है कि बहुत समय तक आपका मिलना नहीं हो पाता है. समय-समय पर मिलने कि योजना बनाते रहें और ध्यान रहे कि जब भी मिले तो कुछ नया करें या फिर कुछ अच्छा सरप्राइज दें जिससे आपका पार्टनर खुश हो जाएं. किसी अच्छी जगह पर जाएं और खूबसूरत पल साथ में बिताए जो आपके दूर होने पर भी याद आए.

3. हर बात शेयर करें…

दिनभर में आपने क्या किया, वो शेयर करें और अपने साथी से भी पूछें. इससे आप अपने साथी के साथ होने का एहसास कर पाएंगे. छोटी-छोटी बातें शेयर करना भी बहुत अच्छा है इससे आप अपने पार्टनर को ये एहसास दिलाते हैं कि आप उनके लिए कितने जरूरी हैं. अगर आपके पास समय नहीं है फोन पर बात करने का तो ईमेल या मैसेज क जरिये अपनी बातों को शेयर करें.

4. मुश्किल समय में साथ दें…

अगर आपको पता है कि आपका पार्टनर परेशान है तो आप ऐसा कुछ करें कि उससे उनकी परेशानी कम हो जाए और वो थोड़ा रिलैक्स हो जाए. ऐसे समय में आपका उनको समझना बहुत जरूरी है. अगर आप पार्टनर कि परेशानी में साथ नहीं देंगे तो धीरे-धीरे वो अपनी परेशानी शेयर करना भी बंद कर देंगे. उन्हें लगेगा कि वो अकेले हैं इसलिए उन्हें ऐसा महसूस कराएं कि आप उनके साथ हैं.

ये भी पढ़ें- आखिर अच्छे लोग ही क्यों हमेशा रिश्तों में मात खाते हैं, जानें 5 कारण

5. भरोसा बनाए रखें…

एक रिश्ते में भरोसे का होना बहुत जरूरी है. अगर आपके रिश्ते में भरोसा न हो तो वो रिश्ता किसी काम का नहीं होता है. अगर आपसे कभी कोई गलती हो भी जाए तो भी आप हिम्मत करके अपने पार्टनर को सब सच बता दें. थोड़ी देर के लिए उन्हें बुरा जरूर लगेगा पर भरोसा नहीं टूटेगा. हर समय आप अपने पार्टनर के बारे में पता नहीं करते रहें, कि वह कहां है, किसके साथ है, कॉल क्यों नहीं कर रहा या कुछ और भी. ऐसा करने से आप अपने पार्टनर के नजदीक जाने के बजाय और दूर हो जाएंगे.

अनलिमिटेड कहानियां-आर्टिकल पढ़ने के लिएसब्सक्राइब करें