Monsoon Special: बारिश में भीग गए हैं आपके बाल, तो इस तरह रखें ख्याल

मौनसून में बालों के बारबार पानी से भीगने पर उन का चिपचिपा होना, उलझना, झड़ना आदि समस्याएं आम हो जाती हैं. वैसे तो यह सीजन सभी किस्म के बालों के लिए समस्याएं ले कर आता है, मगर औयली बालों में समस्याएं कहीं अधिक होती हैं. औयली हेयर वातावरण की गंदगी, प्रदूषण को आसानी से आकर्षित करते हैं. इन्हीं कारणों से वे झड़ने लगते हैं. इस बारे में हेयर ऐक्सपर्ट कांता मोटवानी कहती हैं कि बारिश के मौसम में बाल अकसर भीग जाते हैं. बारिश का प्रदूषण और ऐसिड मिला पानी बालों को नुकसान पहुंचाता है. इसलिए जहां तक हो सके बारिश में भीगने के बाद तुरंत बालों को साफ पानी से धो कर सुखा लें. इस से उन्हें कम नुकसान होगा.

इस मौसम में किसी भी किस्म के हेयर जैल और हेयर स्टाइलिंग प्रोडक्ट का इस्तेमाल न करें. इस समय कैमिकल फ्री हेयर प्रोडक्ट्स का प्रयोग उपयुक्त रहता है. नियमित कंडीशनिंग और शैंपू से सिर की त्वचा से अतिरिक्त तेल निकल जाता है, जिस से बाल ड्राई हो कर झड़ने लगते हैं.

हेयर स्टाइलिस्ट असगर साबू कहते हैं कि स्वस्थ बाल पाने के लिए पुराने समय के हेयर रूटीन को छोड़ कर नए रूटीन को फौलो करें, जो इस तरह है:

– अगर आप रोज शैंपू करती हैं, तो माइल्ड शैंपू का प्रयोग करें. लेकिन बारबार शैंपू करने से बालों का प्राकृतिक तेल बाहर निकल जाता है. जिस से डैंड्रफ होने का खतरा रहता है. लेकिन बारिश की वजह से बाल गीले और चिपचिपे हो जाते हैं, इसलिए सप्ताह में 2-3 दिन शैंपू जड़ों में लगाएं.

– स्मूथ कैराटिन युक्त शैंपू इस मौसम में लाभदायक होता है. इस से बाल साफ, सिल्की और चमकदार लगते हैं. कैराटिन बालों को पोषण देता है, जिस से वे उलझते नहीं. इस के अलावा बालों की कंडीशनिंग, सिरम लगाना आदि लाभदायक रहता है.

– शैंपू के बाद बालों में मास्क लगाना आवश्यक है. अगर आप के बाल फिजी हैं, तो ऐंटीफिजी मास्क प्रयोग करें. मास्क अधिक समय तक न लगाए रखें वरना आप के बाल औयली हो जाएंगे. केवल 5-7 मिनट लगाए रखना ही काफी है.

– मौनसून में बालों में तेल लगाना आवश्यक है. कोकोनट औयल, औलिव औयल आदि में बालों को पोषण प्रदान करने की क्षमता होती है. शैंपू से पहले सप्ताह में 1-2 बार तेल को हलका गरम कर पोरों से बालों की जड़ों में लगाएं. समय की कमी हो तो 5 मिनट से ले कर आधे घंटे तक तेल लगाने के बाद तौलिए से सिर को ढक लें. शैंपू के बाद बालों को हलके ड्रायर से सुखा लें ताकि बाल चमकदार दिखें.

– जब बाल गीले हों तो उन्हें कभी न बांधें. बड़े दांतों वाले ब्रश से कंघी करें. हैल्दी हेयर के लिए प्रोटीन अधिक मात्रा में आवश्यक है. अगर आप शाकाहारी हैं तो हरी सब्जियां, बींस होलग्रेन्स, लो फैट डेयरी प्रोडक्ट्स आदि ले सकती हैं और अगर नौनवैजिटेरियन हैं, तो मछली, अंडे का सेवन अधिक करें. वर्किंग हैं, तो अपने साथ तौलिया अवश्य रखें ताकि बालों के गीला हो जाने पर उन्हें तौलिए से अच्छी तरह सुखा सकें. बीचबीच में हेयर कट करवा कर उन्हें अच्छा लुक अवश्य दें.

– मौनसून में बालों के लिए प्रोटीन ट्रीटमैंट भी जरूरी होता है. एग, हनी व कर्ड पैक बालों के लिए बहुत ही लाभदायक प्रोटीन पैक है. विधि इस प्रकार है:

2 अंडों में 2 बड़े चम्मच दही मिलाएं. आधे नीबू का रस और कुछ बूंदें शहद की डाल कर अच्छी तरह मिलाएं और फिर बालों की जड़ों में लगाएं. आधे घंटे बाद बालों को साफ पानी से धो लें.

– कुनकुने पानी में 2 बडे़ चम्मच विनेगर डाल कर बालों में लगाने से उन में चमक आ जाती है और वौल्यूम भी बढ़ता है.

– बारिश के मौसम में छाता अवश्य साथ रखें ताकि बालों को भीगने से बचाया जा सके और मौनसून में भी उन की बारिश में खूबसूरती बरकरार रहे.

केयर औफ कलर्ड हेयर

– बाल गीले होने पर बाहर न निकलें, क्योंकि उस दौरान क्यूटिकल्स खुले होेते हैं और बाहरी प्रदूषण की वजह से कई मिनरल्स जैसे सल्फेट, फासफोरस, पोटैशियम व सोडियम नमी में शामिल हो जाते हैं, जो बालों को कमजोर बना देते हैं और कलर को फीका कर देते हैं.

– हेयर वाश करने के बाद बालों में सीरम जरूर लगाएं. ऐसा करने से क्यूटिकल्स बंद हो जाएंगे, साथ ही बाल सौफ्ट व सिल्की भी हो जाएंगे. इस के अलावा सीरम के इस्तेमाल से कलर में शाइन भी आएगी.

– अगर आप गौर्जियस लुक के लिए बालों में कलर करवाने की सोच रही हैं या फिर कलर चेंज करवाना चाहती हैं, तो जरा ठहर जाएं, क्योंकि मौनसून के सीजन में कलर जल्दी फेड होने का डर बना रहता है.

– बालों को नरिशमैंट देने के लिए सप्ताह में 1 बार हेयर मास्क भी लगा सकती हैं. इस के लिए नीम की पत्तियों को सुखा कर क्रश कर लें और फिर इस में मेयोनीज व अंडा मिला कर बालों में लगाएं और कुछ घंटों बाद पानी से धो लें. इस पैक में शामिल नीम के ऐंटीसैप्टिक गुण आप के बालों को हर प्रकार के इन्फैक्शन से बचाएंगे. अंडे में युक्त प्रोटीन से बालों को मजबूती मिलेगी, साथ ही कलर भी लंबे समय तक टिका रहेगा. इस के अलावा मेयोनीज से कलर में शाइन भी नजर आएगी.

– अपने कलर को स्टाइलिश अंदाज में दिखाने के लिए आप चोटियां भी बना सकती हैं. स्टाइलिश व फैशनेबल ब्रैड्स के बीच कलरफुल स्ट्रैंड्स बेहद खूबसूरत दिखेंगी. इस के अलावा आप बालों में मैसी साइड लो बन भी बना सकती हैं. चेहरे पर मेकअप लुक के बजाय नैचुरल लुक लाने के लिए बन में कुछ स्ट्रैंड्स जरूर निकाल दें. ऐसा करने से चेहरे पर रियल लुक नजर आएगा.

– भारती तनेजा

इंटिमेट हाइजीन के लिए फौलो करें ये टिप्स, नहीं होगा वजाइनल इंफेक्शन का खतरा

Intimate Hygiene Tips: बारिश के मौसम में गर्मी से राहत तो मिलती है, लेकिन यह मौसम कई सारी बीमारियां लेकर आता है.  इस मौसम में लोग इंफेक्शन के कारण परेशान रहते हैं. खासकर महिलाओं को वजाइना में संक्रमण का खतरा बढ़ जाता है.

 

कई बार इंटिमेट हाइजीन पर ध्यान न देने के कारण ज्यादा तकलीफ हो सकती है. ऐसे में हम आपको इस आर्टिकल में कुछ टिप्स बताएंगे, जिन्हें अपनाकर आप वजाइनल इंफेक्शन से बच सकती हैं.

भीगे कपड़े न पहनें

मानसून में गीले कपड़े इंफेक्शन का कारण बनते हैं. भींगे कपड़े पहनने से स्किन या प्राइवेट पार्ट में संक्रमण और रैशेज बढ़ने की संभावना ज्यादा होती है. गिले कपड़े से बहुत सारे बैक्टीरिया जन्म लेते हैं, जो इंफेक्शन का कारण हैं.

टाइट कपड़ें पहनना Avoid करें

मानसून में टाइट कपड़े पहनने से बचें. इस मौसम में जितना हो सके कम्फर्टेबल कपड़े पहनें. ज्यादा टाइट कपड़े पहनने से पसीना निकलता है. जिससे चकत्ते, वेजाइनल इन्फेक्शन, यूटीआई की प्रौब्लम महिलाओं को होती है. ऐसे में महिलाएं कोशिश करें कि कौटन का कपड़े पहनें, इससे कम्फर्टेबल महसूस करेंगी और प्राइवेट पार्ट के इंफेक्शन से बच सकती हैं.

मानसून में सेनेटरी पैड के बजाय मैन्स्ट्रुअल कप का करें इस्तेमाल

बारिश के मौसम में महिलाओं को वैजाइन इन्फेक्शन का खतरा बना रहता है. पीरियड्स के दौरान ये प्रौब्लम और बढ़ जाती है, ऐसे में आपको सेनेटरी पैड के बजाय मेन्स्ट्रूयल कप का इस्तेमाल करना चाहिए. क्योंकि इस मौसम में सेनेटरी पैड से नमी बढ़ सकती है, जिसके कारण रैशेज हो सकते हैं.

वजाइना की साफ सफाई पर ध्यान रखें

बारिश के मौसम में नमी बढ़ने से वजाइना का पीएच लेवल काफी कम होता है, जिससे महिलाओं में फंगल इन्फेक्शन का खतरा बढ़ जाता है. इसलिए वजाइना की हाइजीन बनाए रखें. इंफकेशन से बचने के लिए रोजाना कम से कम दो बार पानी से वजाइना को धोएं और साफ सूती के कपड़े से सूखा लें.

स्पाइसी खाना करें परहेज

बारिश के मौसम में हर कोई चटपटा और तीखा खाना पसंद करता है, लेकिन मसालेदार खाने से आपको कई समस्याएं हो सकती हैं. ज्यादा तीखा और मसालेदार खाने  से वजाइना के पीएच लेवल में कमी आती है और फंगल इन्फेक्शन बढ़ने लगता है. जिससे प्राइवेट पार्ट में खुजली और जलन की समस्या होती है.

सेक्स करने के बाद वजाइना साफ करें

सेक्स करने के बाद वजाइना को पानी से जरूर साफ करें और पेशाब करने की आदत डालें.

रूखे और बेजान बालों की समस्या से पाएं निजात, अपनाएं ये टिप्स

Monsoon आते ही काफी सारी दिक्कतें होने लगती हैं. वहीं महिलाओं के बोलों की समस्या सबसे ज्यादा होती है, जिसे लेकर वो काफी परेशान हो जाती है लेकिन आपको बिलकुल भी टेंशन में नहीं लेना है. इससे बचने के लिए हम आपको कुछ टिप्स बताएंगे जिससे आप अपने बालों की देखभाल कर सके और उनका अच्छे से ख्याल रखकर मौनसून में बाल झड़ने से बचा सके. इस तरह रूटीन को करें फॉलो.

  1. दही का इस्तेमाल करें

मौनसून में उमस की वजह से हेयर ड्राई हो जाते है. दही का इस्तेमाल बालों के लिए काफी फयादेमंद होता है. दही में काफी सारे पोषक तत्व होते है. दही का सेवन करने से बालों के लिए बेहद लाभकारी होता है. मौनसून में आप अपने बालों पर दही जरूर लगाए और फिर 15-20 मिनट बाद बालों को शैंपू से धो लें. इसे सप्ताह में 2-3 बार लगाए. आप खुद महसूस करेंगे की बाल अच्छे हो रहे हैं.

2. कंडीशनर का इस्तेमाल करें

मौनसून में बाल रूखे हो जाते है जिसके बाद इन्हें सुलझाने में भी काफी समय लग जाता है. इससे बचने के लिए आपको कंडीशनिंग करनी चाहिए जिससे आप बाल एक दम सॉफ्ट बने रहे. और बाल बांधने में भी किसी भी तरह की कोई परेशानी नहीं हो. कंडीशनिंग लगभग 10 मिनट तक करनी हैं इसके बाद आप खुद अपने बालों में बदलाव देखेंगे.

3. हेयर ड्रायर का इस्तेमाल ना करें

मौनसून में जाहिर सी बात है कि बारिश में भीगने के बाद ठंड लगती हैं और जिस दिन सिर धुला हो, उस दिन तो क्या ही कहना. बारिश में भीगने के बाद तुरंत ड्रायर का इस्तेमाल करते है जिससे हमारे बाल जल्दी सुख जाए और हमें ठंड नहीं लगे. लेकिन आपका ऐसा करना हानिकारक हो सकता है. इसलिए कोशिश करे की ड्रायर का इस्तेमाल नहीं करे. ये आपके बालों को सुखा तो देगा लेकिन इन्हें रूखा बना कर देगा जिससे आपके हेयर फॉल ज्यादा होने लगेंगे.

4. हेयर सीरम का इस्तेमाल करें

मौनसून में ड्राई बालों को बचाने और सिल्की बालों के लिए आपको सीरम का उपयोग करना चाहिए. इससे आपके बाल घने होते हैं और बेहद ही सिल्की होते है.

बारिश में जा रही हैं घूमने, तो पढ़ें ये खबर

तपती गर्मी के बाद बारिश की पहली बौछार से किसी को भी प्‍यार हो सकता है. भीषण गर्मी के बाद जब मानसून की पहली फुहार पड़ती है, तो पेड़ पौधों, जीवजंतुओं से ले कर मनुष्यों तक सभी खुश हो जाते हैं.

हालांकि मानसून की बौछार का मजा ही अलग होता है. इस मौसम में चाय-पकौड़े खाना, भीगना और दोस्तों के साथ घूमना हर किसी को पसंद होता है. यह कहना गलत नहीं होगा की बारिश का मौसम एक ऐसा मौसम है जब प्रकृति का असल रूप और सुंदरता देखने को मिलती है. बारिश में घूमना रूमानी और उत्‍साहित करने वाला एहसास है.

बारिश में रुमानियत तो है साथ ही मस्‍ती से जुड़ी कुछ परेशानी भी. बारिश में घूमने से पहले कुछ तैयारियां करनी पड़ती है. इसलिए आज हम आपको कुछ टिप्‍स बता रहे हैं जिन्हें ध्यान में रख कर लें मानसून में घूमने का मजा.

छाता और बरसाती के बिना बाहर नहीं निकलें

बारिश के मौसम में कभी भी मेघा रानी बरस सकती हैं इसलिए अगर आप कहीं घूमने जा रही हैं या जाने की सोच भी रही हैं तो अपने साथ छाता, रेनकोट जरूर रखें. मानसून ट्रिप पर जाने से पहले एक वाटरप्रूफ बैग खरीदें, जिसमें बेफीक्री से अपना रख सकती हैं और घूम सकती हैं.

जिप लौक बैग रखें साथ

सामान पैक करते समय अपने बैग में जिप लौक बैग जरूर रखें. इस जिप लौक बैग में आप अपना पर्स, मोबाइल फोन, कोमरा, लेंस आदी चीजें रख सकती हैं. इस बैग के अंदर आपकी सभी चीजें सुरक्षित रहेंगी.

मच्छरों से निजात

मानसून विभिन्न बीमारियों, संक्रमण, मौसमी सर्दी और फ्लू का भी मौसम है. और मानसून में बेपरवाही के कारण बीमारियां भी जल्‍द घर बनाने लगती है. बीमारियों से बचने के लिए मच्छर भगाने वाली क्रीम, क्वायल, पाउडर सब साथ ले कर चलें.

सिंथेटिक कपड़े ही पहनें

सिंथेटिक कपड़े आसानी से सूख जाते हैं और प्रेस किए बिना भी पहने जा सकते हैं. इसलिए मानसून में सफर पर जाते समय ज्‍यादा से ज्‍यादा ऐसे कपड़े ही पैक करें.

चप्पल और जूते

बरसात के मौसम में फिसलने का डर रहता है इसलिए ऐसे फुटवियर रखें जो फिसलने से बचाये. लेदर के जूते चप्‍पलों की बजाय रबड़ और कैनवस के बने फुटवियर लेकर चलें.

खाना और पानी का रखें खास ख्याल

स्ट्रीट फूड को विशेष तौर पर अवाइड करें. इससे गैस, अपच और डिहाइड्रेशन जैसी प्राब्‍लम्‍स हो सकती हैं. ज्यादा औयली खाना खाने से भी बचें. ठंडे और लिक्‍वेड फूड जूस, तरबूज खाना प्रेफर करें. पानी भी सोच समझ कर पिएं. ढाबा, होयल का खूला पानी पीने की जगह बौटल का पानी पिएं.

फर्स्ट एड बाक्स

इस मौसम में पेट और स्‍किन की प्राब्‍लम्‍स बहुत होती हैं, साथ ही भीगने से सर्दी जुकाम और बुखार भी होने का खतरा रहता है. ऐसे में जरूरी है कि कि आप सामान के साथ कुछ एंटी सेप्‍टिक क्रीम और जरूरी दवा साथ रख लें.

मौसम रिपोर्ट की जानकारी

अगर आप कहीं दूर घूमने जा रही हैं तो अपने डेस्‍टिनेशन पर पहुंच कर घूमने निकलने के पहले मौसम की जानकारी ले लें. इसके लिए वेदर रिपोर्टस और भविष्‍यवाणियों के बारे में पता रखें.

एडवांस टिकेट और प्लानिंग

इस मौसम में ट्रेन और दूसरे यात्रा के साधनों में काफी भीड़ भाड़ होती है. इसलिए एडवांस प्‍लानिंग के साथ एडवांस में टिकट भी बुक करा लें. बाकी कहां ठहरेंगे और कहां कहां जाना है इसकी भी व्‍यवस्‍था पहले ही कर लें.

फोन रखें चार्ज

बारिश के मौसम में लाइट कटने की समस्या भी आम है इसलिए अपना फोन हमेशा चार्ज रखें, टार्च ले कर चलें. पावर बैंक साथ ले कर चलना आपके लिए फायदेमंद हो सकता है.

बारिश के मौसम का आनंद घर के चार दीवारी में बंद हो खिड़की के पास खड़े होकर बारिश के बूंदो को देखकर नहीं लिया जा सकता. बारिश का असल आनंद तो खुले आसमान के नीचे भीग कर ही है. बेशक बारिश के मौसम में भीगे और घूमें भी लेकिन हमारे दिए गए टिप्स को जरूर फौलो करें.

Monsoon Skincare Tips: बारिश में स्किन पर होती है चिपचिपाहट तो इस्तेमाल करें, ये होममेड टोनर

बरसात के मौसम में हवा में नमी, उमस, पसीना और हल्की गर्मी से स्किन चिपचिपाहट महसूस करती है. Monsoon के सीजन में स्किन की देखभाल करना बेहद जरूरी है. इस मौसम में उमस की वजह से स्किन चिड़चिड़ी महसूस करती है. बारिश में स्किन प्रॉब्लम होना आम बात है. स्किन पर पिंपल के अलावा रैशज या फिर लालपन तक दिखने लगता है. बारिश में अगर भीग जाए तो खुजली समेत कई फंगल इंफेक्शन संबंधित स्किन प्रॉब्लम होने लगती है. इस Monsoon स्किन पर होने वाली चिपचिपाहट से बचना है तो कुछ घरेलू टिप्स आजमा सकते हैं. जानें आप किन तरीकों से घर पर ही होममेड टोनर तैयार कर सकते हैं.

  1. चावल का टोनर

हर भारतीय किचन में चावल जरुर मिलेगा. जो चावल भूख मिटाने के साथ-साथ स्किन केयर के लिए बेस्ट है. आप घर पर चावल का टोनर भी इस्तेमाल कर सकते है. इसके लिए चावल को अच्छे से धोने के बाद इसे भिगो दें. अगले दिन चावल को निकालकर इसकी स्मूदी बना लें और इसमें पानी में मिलाकर एक बोतल में डाल लें. रात में सोने से पहले इसे स्किन पर लगाएं और फर्क देखें.

2. ग्रीन टी टोनर

घर पर ग्रीन टी का टोनर बनाना बहुत आसान है, इसके लिए सबसे पहले आप पैन में पानी लें और इसमें ग्रीन टी बैग शामिल करें. थोड़ी देर गर्म करने के बाद इसे ठंडा होने दें. अब एक बोतल में इसे शामिल करें. रात में सोने से पहले चेहरे को अच्छे से वॉश करें और मॉइस्चराइजर लगाने के बाद इस टोनर को जरूर अप्लाई करें.

3. एलोवेरा टोनर

चिपचिपाहट को दूर करने के लिए एलोवेरा सबसे बढ़िया है. इसके लिए आधा कप गुलाब जल लें और इसमें एलोवेरा जेल के पल्प को मिलाएं. इसे अच्छे से मिक्स करके एक टाइट कंटेनर में स्टोर करें. सुबह उठने के बाद और रात में सोने से पहले इसे स्किन पर अप्लाई करें. ये आपकी स्किन को फ्रेश रखेगा.

4. खीरे का टोनर

खीरे में अधिक मात्रा में पानी होता है और ये स्किन को रिपेयर और कूल करने में भी कारगर होता है. खीरे में पोषक तत्वों के साथ ही एंटीबैक्टीरियल गुण भी होते हैं. खीरे से बनी टोनर स्किन को फ्रेश भी फील कराता है. इसका टोनर बनाने के लिए एक खीरे को कद्दूकस कर लें और एक बोतल में डाल लें. इसमें पानी डालें और रोज वाटर भी ऐड करें. रोज रात में इसे चेहरे पर स्प्रे करना न भूलें.

सेलिब्रिटीज का मानसून वार्डरोब सीक्रेट

बरसात के मौसम के लिए कपड़े पहनने के लिए स्टाइल और आचरण के बीच संतुलन होना बहुत जरुरी है, लेकिन भारी बारिश में खुद को सुरक्षित रखते हुए अपनी फैशन समझ को बनाए रखना काफी चुनौतीपूर्ण हो सकता है.

हालांकि, Monsoon सीजन में, इन बॉलीवुड डीवाज ने Monsoon की ड्रेसिंग कला में जैसे महारत हासिल कर रखी है, बॉलीवुड डीवाज ने काफी सरल और सुंदर तरीके से Monsoon सीजन में खुद को कैरी किया है. इसलिए, हमने इन बी-टाउन डीवाज़ से प्रेरित मानसून लुक का एक कलेक्शन तैयार किया है, जिसे आप इस सीज़न में आत्मविश्वास से पहन सकते हैं.

  1. तारा सुतारिया

अगर बाहर बारिश हो रही हो तो वाइट डैस पहनना एक फैशन आपदा हो सकता है, लेकिन तारा सुतारिया साबित करती हैं कि बारिश के दिन सफेद पोशाक पहनना वर्जित नहीं है. मुंबई की बरसात में तारा सुतारिया ने सफेद रंग की क्लासिक बैकलेस मिडी-ड्रेस पहन रखी थी. सिंगल स्ट्रैप ड्रेस में तारा सुतारिया बेहद खूबसूरत लग रही है.

वाइट डैस के साथ तारा ने लुई वुइटन ( Louis Vuitton) चेन बैग और ग्लेडिएटर सैंडल के साथ डैस को पूरा किया. लाइट मेकअप और सुंदर झुमके पहने हुए तारा बेहद खूबसूरत लग रही है. इसी के साथ उन्होंने एक प्लेड छाते के साथ खुद को बारिश से बचाया.

 

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2. जान्हवी कपूर

अपने मानसून वॉर्डरोब के लिए जान्हवी कपूर का लुक आप ट्राई कर सकते. अपने सामान्य ग्लैमर से हटकर, जान्हवी ने सफेद टी और नीली जींस के ऊपर एक पीले रंग का रेनकोट पहना. आपमें से जो लोग मानसून के दौरान बेसिक्स पर टिके रहना पसंद करते हैं, उनके लिए यह लुक परफेक्ट रहेगा.

 

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3. सारा अली खान

हर कोई जानता है कि सारा अली खान को अपना कुर्ता-पायजामा बहुत पसंद है, लेकिन वह मौनसून के दौरान इस आरामदायक जैकेट और शॉर्ट्स कॉम्बो के लिए अपना पसंदीदा पहनावे को छोड़ देती हैं. सारा मौनसून में कलरब्लॉक्ड विंडचीटर का शॉर्ट्स और कलरफुल स्नीकर्स के साथ पेयर किया.

आपमें से जो लोग अपने कपड़ों पर बारिश की एक भी बूंद गिरने से नफरत करते हैं, आप भी अपने आउटफिट को सुरक्षित और स्वस्थ रखने के लिए इस मानसून में सारा जैसा विंडचीटर  लुक चुन सकते हैं.

 

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4. कैटरीना कैफ

कैटरीना कैफ भी बारिश के दिनों में सफेद रंग को मजबूती से सपोर्ट करती नजर आई. कैटरीना ने बारिश के दौरान खूबसूरत बने रहने के लिए शॉर्ट्स के साथ एक सफेद हुडी में मोनोक्रोम सफेद पहनावा पहना हुआ है.

 

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आपमें से जिन लोगों को बरसात मे ठंड लगने का खतरा है, उनके लिए अपने आउटफिट के साथ हुडी या जैकेट भी पहन सकते हैं. मोनोक्रोम लुक आपके पहनावे को अलग दिखाने का एक शानदार तरीका है और आप कैटरीना की तरह रंगीन छतरी के साथ वाइट कपडें पहन सकते है.

Monsoon Special: बरसात में कीड़ेमकोड़ों की होगी NO ENTRY

बारिश के मौसम में चायपकौड़ और गरमगरम जलेबियों जो का स्वाद आता है वह स्वाद किसी और मौसम में कहां. हर तरफ मानो इस स्वादिष्ठ व्यंजन की खशबू महकने लगती है.

लेकिन बारिश सिर्फ यह स्वाद ही अपने साथ नहीं लाती बल्कि कुछ मुसीबतें भी साथ लाती हैं जैसे इस मौसम में आने वाले कीड़े.  इन कीड़ों की वजह से खाना बनाते समय बहुत परेशानी होती है क्योंकि ये शाम होते ही हमारे भोजन में गिरने लगते हैं और जिस कारण हमारा भोजन दूषित हो जाता है. हम बीमार भी हो सकते हैं.

अगर आप भी बरसात के मौसम में घर में आने वाले कीड़ेमकौड़ों से  परेशान रहते हैं, तो रोजाना की सफाई की आदत में शामिल करें इन चीजों को:

 कीटनाशक का प्रयोग

घर की साफसफाई तो हम रोज करते ही हैं लेकिन सफाई को बैक्टीरियाफ्री सफाई तभी मान सकते हैं जब हम सफाई के समय उस में फ्लोर क्लीनर का प्रयोग करते हैं क्योंकि ये फ्लोर क्लीनर न सिर्फ हमें चमचमाता फर्श देते हैं, बल्कि हमारे घर को कीटाणु से मुक्त भी रखते हैं.

फर्श की सफाई के लिए आप लाइजौल, नीमली, प्योर कल्ट जैसे फ्लोर क्लीनर का इस्तेमाल कर के घर को खुशबूदार व कीटाणुमुक्त बना सकते हैं. बाजार में ये प्रोडक्ट्स अलगअलग खुशबुओं में मौजूद हैं.

 1.इनसैक्टिसाइड दिखाएं तुरंत असर   

बरसात के मौसम में डेंगू मच्छर, कौकरोच आदि बड़ी परेशानी बन कर आते हैं और लोगों को गंभीर रूप से बीमार कर सकते हैं. डेंगू मच्छर अधिकतर साफ पानी व अधिक आबादी वाली जगह पर ज्यादा पाया जाता है. वहीं कौकरोच का मल ऐलर्जी पैदा करने वाला होता है, जिस की वजह से सांस से जुड़ी बीमारियां होने का खतरा बढ़ जाता है. ये कीड़े किचन की सतह पर, गैसस्टोव पर, खाने पर ऐसे बेक्टैरिया छोड़ देते हैं, जिन की वजह से पेट से जुड़ी गंभीर समस्याएं हो सकती हैं.

इन्हें खत्म करने के लिए जरूरी है कि हिट, खटनील, बायगौन, फिनाइल जैसे इनसैक्टिसाइड का प्रयोग करें. ये मच्छर व कौकरोच के लिए अलगअलग आते हैं. इन का 3-4 दिन रोजाना रात में सोने से पहले स्प्रे करें लेकिन सुनश्चित करें कि कोई भी खानेपीने की चीजें खुली हुई न रखी हों. कौकरोच के लिए आप बोरिक ऐसिड का पेस्ट बना कर कौकरोच वाली जगहों पर भी लगा सकते हैं.

 2.औयल का करें प्रयोग

कीड़ेमकौड़ों से छुटकारा पाने के लिए आप औयल का इस्तेमाल कर सकते हैं। बाजार में कई तरह के औयल उपलब्ध हैं जैसे नीम का औयल, टी ट्री औयल, नीलगरी औयल, पेपरमिंट औयल. जब भी आप इन में से किसी भी औयल का प्रयोग करते हैं तो आधा बालटी पानी में 10 एमएल औयल डाल कर आप घर में पोंछा लगा सकते हैं और यदि स्प्रै के रूप में इस्तेमाल करना चाहते हैं तो 10 बङे चम्मच तेल को 2 गिलास पानी में मिला कर स्प्रे बौटल में भर लें. फिर समयसमय पर घर में इस का छिड़काव करते रहें। इन में मौजूद ऐंटीफंगल और ऐंटीबैक्टीरियल तत्व कीड़ेमकौड़ों को घर से दूर भगाने में मदद करते हैं।

3.ध्यान रखने योग्य बातें

कोशिश करें कि आप अपने घर के खिड़कीदरवाजों को बंद रखें, खासकर शाम के वक्त जरूर ऐसा करें. हफ्ते में 1 बार घर को अच्छे से झाडें व पानी में कीटनाशक डाल कर धुलाई करें.

घर में गमले या पौधे हैं तो वहां पर सफाई रखें और सीलन न आने दें क्योंकि ज्यादा गीले में बारिश के मौसम में काईयां जम जाती हैं जिस से मच्छर पैदा होने लगते हैं. 1 हफ्ते में कुलर की सफाई अवश्य करें या बारिश के मौसम में बिना पानी के चलाएं तो बेहतर होगा. खानेपीने की चीजों को ढंक कर रखें.अगर ज्यादा परेशानी है तो पेस्ट कंट्रोल जरूर कराएं.

 

Monsoon Hair care Tips: सिर की खुजली से छुटकारा दिलाएंगे ये 5 होममेड हेयर मास्क

मौनसून का मौसम चल रहा है जहां बारिश की फुहारों की ठंडक ने गर्मी से राहत तो दी है, लेकिन इस मौसम बालों की कई समास्याएं उत्पन्न हो जाती है. दरअसल, मौनसून के मौसम में बालों में खुजली की समास्या अधिक पैदा हो जाती है. ऐसे में हम सभी बहुत परेशान हो जाते है. मौनसून के मौसम में अधिक उमस होने से बालों और स्कैल्प में नमी होने से सिर में खुजली होती है. सिर में खुजली होना आम समास्या है, यह समस्या कई बार शर्मिन्दगी की वजह भी बनती है. सिर में खुजली होना दुखदायी हो सकता है, खासकर जब आप कोई महत्वपूर्ण काम कर रहे हों, तो यह आपको ध्यान केंद्रित नहीं करने देती है. वैसे तो बाजार में कई प्रोडक्ट मौजूद है, लेकिन हम आपको घर में बने कुछ नेचुरल हेयर मास्क के बारे में बताएंगे…

  1. सरसो तेल और दही का हेयर मास्क

सबसे पहले एक कटोरी में आधा कप दही और इसमे दो बड़े चम्मच सरसो का तेल मिक्स करें. इसके बाद इसमें कुछ बूंदे टी ट्री हेयर ऑयल की मिक्स करें. शैम्पू करने के बाद इस हेयर मास्क को लगाकर 20 से 25 मिनट तक रहने दें. इसके बाद स्कैल्प की अच्छे से मसाज करते हुए गुनगुने पानी से सिर धो लें. दही में मौजूद प्रोटीन और लैक्टिक एसिड स्कैल्प के स्किन सेल्स को क्लीन करके बालों को घना करने में मदद करेगा. यह हेयर मास्क डेंड्रफ, खुजली और फंगल इंफेक्शन खत्म करने के साथ बालों को मजबूती भी देगा.

2. मेथी दाना मास्क

मेथी दाना में कई ऐसे गुण या तत्व हैं जो न सिर्फ सेहत बल्कि बालों के लिए भी फायदेमंद होते हैं. मेथी दाना का मास्क बनाने के लिए सबसे पहले मेथी दाने को पूरी रातभर पानी में भिगो दें. अगले दिन गुड़हल की पत्तियों का पेस्ट बनाएं और इसे मेथी दाना के पेस्ट में मिलाएं. हेयर मास्क को स्कैल्प में लगाएं और आधे घंटे बाद वॉश कर लें. ये सिर की खुजली को दूर करने में काम आएगा.

3.नीम और नारियल तेल का मास्क

मौनसून के सीजन में सिर की खुजली से छुटकारा पाने के लिए नीम और नारियल तेल का मास्क बेहद लाभकारी है. इसमें मौजूद एंटी-फंगल, एंटी-बैक्टीरियल और एंटी-माइक्रोबियल गुण होते हैं, जो आपके सिर की खुजली को शांत करने में मदद करता. इसके लिए सबसे पहले नारियल तेल और नीम की पत्तियों को धीमी आंच पर गर्म करें. मिश्रण को ठंडा होने दें और फिर इसमें नींबू के रस की कुछ बूंदें मिलाएं. इस मास्क को अपने स्कैल्प और बालों पर लगाएं, 30 मिनट या रात भर के लिए छोड़ दें. बाद में शैम्पू से धो लें.

4 . एलोवेरा और शहद का मास्क

एलोवेरा में एंटी-फंगल गुण होते हैं जो आपके सिर की खुजली को कम करने में मदद करते है. सबसे पहले आप एलोवेरा जेल में एप्पल साइडर सिरका मिलाएं और एक अच्छा मिश्रण बनाएं. फिर इसमें शहद मिलाएं और इसे अपने सिर पर लगाएं. आप इसे 20-30 मिनट के लिए छोड़ सकते हैं इसे शैम्पू से धो सकते हैं.

5. एग व्हाइट और सेब का सिरका

इसके लिए सबसे पहले आप एक कटोरी में 3-4 एग वाइट लें. फिर इसमें एक बड़ा चम्मच सेब सिरका मिलाए. आखिरी में 2 चम्मच ऑलिव ऑयल मिलाकर पेस्ट तैयार कर लें. इस मिक्सचर से सिर में मसाज करके 30 से 40 मिनट के लिए रहने दें. इसके बाद सादे पानी से बाल धो लें.

Monsoon Health Tips: बारिश के मौसम में कुछ इस तरह संक्रमण से बचें

भारत में मौनसून की सब से ज्यादा प्रतीक्षा रहती है, क्योंकि यह मौसम हरेक को गरमी से राहत देता है, लेकिन साथ ही इस मौसम के कारण कई बीमारियों के पनपने की भी आशंका रहती है. बुजुर्ग और बच्चों पर इस मौसम का सब से ज्यादा प्रभाव पड़ता है, क्योंकि उन की रोग प्रतिरोधक क्षमता कमजोर होती है.

कई तरह के कीटाणु और संक्रमण मौनसून के साथ आते हैं. पेरैंट्स के लिए बहुत जरूरी है कि वे बच्चों को इन बीमारियों का शिकार होने से बचाएं और कुछ आवश्यक सावधानी बरतें. इस मौसम में नमी के कारण कीटाणुओं की संख्या में वृद्धि होती हैं. बच्चों को इन कीटाणुओं से दूर रखने के लिए काफी सावधानी बरतनी चाहिए.

मौनसून के दौरान स्वाइन फ्लू के मामले बढ़ जाते हैं. इस के अलावा, त्वचा की बीमारियां, दूषित पानी से उत्पन्न बीमारियां और मच्छर जनित बीमारियां काफी बढ़ जाती हैं.

  1. वायरल बुखार

यह सब से आम बीमारी है, जो मौनसून के दौरान बच्चों को प्रभावित करती है. तापमान में  बहुत ज्यादा उतारचढ़ाव बच्चे के शरीर को बैक्टीरिया के हमले के प्रति अतिसंवेदनशील बनाता है जिस के कारण वायरल, सर्दी और फ्लू होता है. इस का इलाज यदि शुरुआती चरण में किया जाए तो ठीक रहता है वरना देरी से गंभीर संक्रमण का खतरा हो सकता है.

2. डेंगू

यह इस मौसम की आने वाली सब से गंभीर बीमारियों में से एक है. एडिस व इजिप्टी मच्छरों द्वारा काटे जाने पर होने वाली यह एक आम और खतरनाक बीमारी है. ये मच्छर गरम और आर्द्र जलवायु में पैदा होते हैं. डेंगू का प्रकोप भारत में सब से ज्यादा है. इस के शुरुआती लक्षण बुखार, सिरदर्द, बदन पर चकत्ते उभरना आदि हैं.

3. मलेरिया

यह बीमारी मादा एनोफिलीज मच्छर के काटने से होती है. ये मच्छर बरसात का पानी इकट्ठा होने से पनपते हैं. इस के लक्षण लगातार बुखार के साथ कंपकंपी और गंभीर थकावट होती है. यदि बच्चे में इस का लक्षण दिखे तो तुरंत डाक्टर को दिखाएं, ताकि बीमारी गंभीर रूप न ले सके.

4. कोलेरा

यह एक गंभीर बैक्टीरियल बीमारी है जिस से गंभीर डिहाइड्रेशन होता है. यह रोग प्रदूषित भोजन और पानी में मौजूद बैक्टीरिया के कारण होता है. यह बीमारी साफसफाई और स्वच्छता की कमी से होती है. इस बीमारी के लक्षण हैं उलटी आना, अचानक दस्त होना, मतली, मुंह का खुश्क होना और मूत्र में कमी.

5. टायफाइड

यह दूषित पानी और भोजन से पैदा होने वाली एक आम बीमारी है. इस बीमारी के आम लक्षण लंबे समय तक बुखार, पेट में तेज दर्द और सिरदर्द हैं.

6. चिकनगुनिया

यह मच्छर से उत्पन्न होने वाली वायरल बीमारी है जो डेंगू की तरह है. इस के कारण बुखार और जोड़ों में तेज दर्द होता है जो लंबे समय तक रहता है. यह बीमारी मादा मच्छर के काटने से एक व्यक्ति से दूसरे व्यक्ति में फैलती है. इस का कोई उचित इलाज या टीकाकरण नहीं है. यदि आप का बच्चा इस बीमारी से पीडि़त है, तो उसे भरपूर आराम करना चाहिए और उसे डिहाइड्रेशन से बचाने के लिए भरपूर तरल पदार्थ दिए जाने चाहिए.

7. पेट का संक्रमण

इस सीजन में यह बच्चों को होने वाली सब से आम बीमारी है. दूषित भोजन और पानी पीने से बच्चों के पेट में संक्रमण होने की आशंका रहती है. इस के शुरुआती लक्षण उलटी, सिरदर्द और हलका बुखार हैं.

8. पीलिया

यह भी प्रदूषित भोजन और पानी पीने से फैलता है. पीलिया के लक्षण हैं आंखों और नाखूनों में पीलापन आना, भूख और स्वाद में कमी, कमजोरी, कंपकंपी के साथ तेज बुखार होना. इस बीमारी के लक्षणों को नजरअंदाज नहीं करना चाहिए. यह जानलेवा बीमारी है.

9. लेप्टोस्पाइरोसिस

स्पाइरल आकार वाले बैक्टीरियम स्पायरोछेते द्वारा लेप्टोस्पाइरोसिस बीमारी होती है. इस का दूषित पानी के साथ घनिष्ठ संबंध है. इस बीमारी के लक्षणों में तेज बुखार, कंपकंपी, सिरदर्द, और लिवर का फेल हो जाना शामिल हैं. अगर इस बीमारी को अनदेखा किया जाए तो यह बीमारी घातक हो सकती है.

10. हैपेटाइटिस ए

यह बीमारी लिवर को काफी प्रभावित करती है. यह दूषित भोजन और पानी के इस्तेमाल से होती है. हैपेटाइटिस ए के सामान्य लक्षण हैं- बुखार, उलटी और शरीर में चकत्ते होना. यह एक वायरस है जो किसी को भी आसानी से प्रभावित कर सकता है. यह एक संक्रमित बीमारी है.

– डा. शब्बीर चामढाव  

(लेखक सैफी अस्पताल, मुंबई में बालरोग विशेषज्ञ हैं)

घर पर बनाएं टोमैटो सूप विद रोस्टेड आमंड

मौनसून का सीजन चल रहा है. ऐसे मौसम में गर्मा-गर्म  सूप पीने का मजा ही अलग है. आज हम आपको टोमैटो सूप विद रोस्टेड आमंड और प्रोबायोटिक योगर्ट की रेसिपी बताने जा रहे है तो देर किस बात की. घर पर बनाएं टोमैटो सूप विद रोस्टेड आमंड और प्रोबायोटिक योगर्ट.

1.टोमैटो सूप विद रोस्टेड आमंड

सामग्री

  1.  2 छोटे चम्मच औलिव औयल 
  2. 1 तेजपत्ता
  3.   2 प्याज कटे हुए 
  4.  6 टमाटर चकोर टुकड़ों में कटे हुए 
  5.  31/2 कप वैजिटेबल स्टौक
  6.   11/2 कप फुलक्रीम दूध 
  7.  थोड़ा सा कालीमिर्च पाउडर 
  8. थोड़े से भुने बादाम के टुकड़े 
  9.  थोड़ी सी क्रीम 
  10.  थोड़े से बेसिल के पत्ते 
  11.  नमक स्वादानुसार.

विधि

एक बड़े सौस पैन में औयल को मीडियम आंच पर गरम कर के उस में तेजपत्ता और प्याज डाल कर सुनहरा होने तक भूनें. फिर इस में टमाटर डाल कर 3-4 मिनट तक चलाते हुए इस में वैजिटेबल स्टौक डाल कर एक उबाल आने दें. फिर इसे हलकी आंच पर रख कर तब तक पकाएं जब तक सूप गाढ़ा न हो जाए. बीचबीच में चलाना न भूलें. फिर सूप को आंच से उतार कर थोड़ा ठंडा होने के लिए रख दें. अब इस में से तेजपत्ता निकाल कर इस में बादाम डाल कर इस की स्मूद प्यूरी बनाएं. फिर इसे पैन में डाल कर इस में दूधनमक और कालीमिर्च डाल कर चलाते हुए दोबारा गरम करें. ध्यान रखें सूप को उबालना नहीं है. फिर इसे सूप प्लेट में सर्व कर के ऊपर से क्रीम व बेसिल के पत्तों से गार्निश कर गरमगरम सर्व करें.

2. प्रोबायोटिक योगर्ट

सामग्री

  1.   200 मिलीलिटर हंग कर्ड 
  2.  200 मिलीलिटर फ्रैश क्रीम 
  3.  250 मिलीलिटर कंडैस्ड मिल्क
  4.  100 ग्राम अल्फांसो आम 
  5.  100 मिलीलिटर प्रोबायोटिक मिल्क.

विधि

एक बाउल में हंगकर्डकंडैंस्ड मिल्कक्रीम व प्रोबायोटिक मिल्क को मिला कर अच्छी तरह फेंटें. फिर इस में फ्लेवर के लिए मैंगो प्यूरी ऐड करें. अब इन्हें रमेकिंस बाउल्स में डाल कर ओवन में वाटर बाथ यानी हौट वाटर पैन में रख कर 160 डिग्री सैल्सियस पर 15 मिनट बेक करें. फिर मैंगो के टुकड़ों से गार्निश कर के ठंडाठंडा सर्र्व करें.                    

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