ये बात सच है कि सैलरी चाहे जितनी भी क्यों न मिले, हमेशा कम ही लगती है. लेकिन अगर आपको यह वाकई लगता है कि आपकी प्रोडक्टिविटी कम होने के कारण आपकी सैलरी नहीं बढ़ पा रही है तो हम यहां आपको बता रहे हैं कि किस तरह आप अपनी कुछ आदतों से तौबा कर अपनी प्रोडक्टिविटी बढ़ा सकती हैं और अच्छा सैलरी पैकेज पा सकती हैं…
इनसे खत्म होती है ‘क्रीएटिविटी’
बुरी आदतों पर ‘सेल्फ कंट्रोल’ होना बहुत ज़रूरी है वरना वो आपकी ‘क्रीएटिविटी’ को खत्म कर देती हैं और साथ ही आपके परफॉर्मेंस को दबा देती हैं. मिनेसोटा की एक यूनिवर्सिटी में हुए एक शोध के दौरान ये पाया कि जिन लोगों में सेल्फ-कंट्रोल होता है वो उन लोगों के मुकाबले ज्यादा खुश रहते हैं जिनमें नहीं होता. इसलिए सेल्फ कंट्रोल बढ़ाएं और इन आदतों छोड़ दें…
छोड़ दीजिए ये 5 बुरी आदतें..
1. बेड पर फोन, टैबलेट या लैपटॉप इस्तेमाल करना
रात में सोते समय बेड पर फोन या लैपटॉप का इस्तेमाल करना आपके लिए बहुत हानिकारक साबित हो सकता है. फोन या लैपटॉप से निकलने वाले ‘वेवलेंग्थ ब्लुलाईट’ नींद, मूड, और एनर्जी को काफी नुकसान पहुचाते हैं, जो आपकी उत्पादकता को सीधे-सीधे प्रभावित करती हैं.
2. हमेशा इंटरनेट सर्फिंग
किसी भी काम में एकाग्रता बनाने के लिए हमें लगभग 15 मिनट लगते हैं. लेकिन जब आप ये एकाग्रता बना लेती हैं तो आपका दिमाग ‘फोकस’ करने कि क्षमता को हासिल कर लेता है. लेकिन लगातार ‘नेट-सर्फिंग’ हमारे इस एकाग्रता को अस्तव्यस्त करता है और दिमाग को अशांत कर देता है.
3. मुश्किल कामों को टालना
जब आप सुबह उठती हैं तो आपका दिमाग फ्रेश रहता है. उस वक्त आपको दिन का सबसे कठिन काम कर लेना चाहिए. क्योंकि सुबह आप एनर्जी से भरी होती हैं. अगर आप उस काम को शाम तक के लिए टालती रहेंगी तो आप उसे अच्छी तरह नहीं कर पाएंगी, क्योंकि तब तक आप थक चुकी होंगी.
4. अलार्म को ‘स्नूज’ न करें
जब आप रात में अलार्म लगा कर सोती हैं, तो कहीं न कहीं आपका दिमाग खुद को पहले से ही तैयार लेता है कि आपको सुबह कितने बजे उठना है. इसलिए आप कभी-कभी अलार्म बजने के ठीक पहले उठ जाती हैं. लेकिन जब आप ‘स्नूज’ बटन दबा के दोबारा सो जाती हैं और देर से थके और मदहोश से उठती हैं, तब तक आपके दिमाग की सजगता खो जाती है.
5. ‘मल्टीटास्किंग’ होना हानिकारक
‘मल्टीटास्किंग’ होना आपकी प्रोडक्टिविटी को पूरी तरह से खत्म कर देता है. स्टैंनफोर्ड यूनिवर्सिटी के एक अध्ययन के मुताबिक जो लोग ‘मल्टीटास्किंग’ होते हैं वो कम ‘प्रोडक्टिव’ होते हैं. एक समय पर एक ही काम करने वाले लोग ज्यादा प्रोडक्टिव होते हैं. इसलिए एक समय में एक ही काम करें. काम का बोझ ज्यादा हो या कम, एक-एक कर पूरा करें.
जाहिर है आप प्रोडक्टिव होंगी तो आपकी सैलरी पर भी इसका असर दिखना शुरू हो जाएगा.