घर में ये पौधे लगाएं और मच्छरों को दूर भगाएं

हमारे देश की राजधानी दिल्ली सहित देश के कई हिस्सों और कई शहरों में मच्छरों का आतंक सा छाया हुआ है. यही कारण है कि इन दिनों देश के कई हिस्से मच्छर जनित बीमारियों की चपेट में आ रहे हैं. मच्छरों से कई तरह की गंभीर बिमारियां जैसे डेंगू, चिकनगुनिया, मलेरिया जन्म लेती हैं, जो आगे चलकर आपको जीवन में बहुत हानि पहुंचाती हैं. आप भी मच्छरों से बचने के लिए तरह-तरह की क्रीम, लोशन और कैमिकल्स युक्त तत्वों का इस्तेमाल करते हैं, जो आपकी त्वचा और स्वास्थ्य दोनो के लिए हानिकारक होते हैं.

मच्छरों से बचने के लिए आपको हर रोज कोई न कोई नये-नये उपाय बताते रहता है, जो कभी असर करते होंगे और कभी नहीं. मच्छरों से बचाव के लिए घर में कुछ पौधे लगाना एक हर्बल और बहुत सस्ते उपाय हो सकते हैं. आज हम आपको बहुत सारे उन पौधों के बारे में बता रहे हैं जिनमें मच्छरों को दूर भगाने वाली गंध और उन्हें दूर कर देने वाला गुण पाया जाता है, तो आप भी अपने घर में ये पौधे लगाकर मच्छरों और बिमारियों को दूर रख सकते है..

1. तुलसी का पौधा

ये बात तो आप सभी जानते हैं कि तुलसी का पौधा अनेक गुणों से भर पूर होता है. तुलसी की पत्तियों की खुशबू बहपत तेज होती है, जो कि मच्छरों को दूर भगाने में मददगार है. जहां भी तुलसी का पौधा लगा होता है, उसके आसपास मच्छर नहीं आते, इसीलिए आपको मच्छरों को दूर रखने के लिए घर में तुलसी का पौधा लगाना चाहिए.

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2. लेमन बाल्म का पौधा

लेमन बाल्म पुदीने की तरह दिखने वाला एक पौधा है, जिसकी खुशबू नींबू के जैसी होती है इसीलिए तो इसका नाम लेमन बाल्म रखा गया होगा. यह पौधा जहां भी लगा होता है, उसके आसपास इसकी महक दूर दूर तक चारों ओर फैलती है. इसकी इस सुगंध के कारण मच्छर इसके पास नहीं भटकते. घर में इस पौधे को लगाने से मच्छर आपके घर में नहीं आऐंगे. इसके अलावा मच्छरों से बचाव के लिए इसकी पत्तियों को आप रगड़कर अपने शरीर पर भी लगा सकते हैं.

3. गेंदे का पौधा

गेंदे के फूल की तेज ऐर तीखी अजीब सुगंध मच्छरों के लिए परेशानी का सबब है. यही कारण है कि मच्छर इस पौधे से दूर ही रहते हैं और मच्छरो से बचने के लिए ये पौधा लगाना चाहिए.

4. हरी चाय का पौधा

ये हरी चाय का पौधा मच्छरों का जानलेवा दुश्मन है. इस पौधे की खुशबू मात्र से ही मच्छर दूर भागने लगते हैं. हरी चाय के पौधे की खुशबू भी नींबू की तरह ही होती है. आपको पता है, बाजार में बिकने वाली मच्छरों को मारने वाली दवाओं में कई अच्छी कम्पनियों द्वारा कुछ मात्रा में इस पौधे का रस मिलाया जाता है. इसकी पत्तियों को पीस कर शरीर में लगा लेने से भी, इसकी तेज खुशबू से मच्छर आपके आस-पास से भाग जाते हैं.

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5. नीम का पौधा

आयुर्वेदिक और औषधीय गुणों से युक्त नीम के पौधे में मौजूद तत्व मच्छरों और कई कीड़े-मकोड़ों को दूर रखने में सहायक है. मच्छरों को दूर भगाने के लिए आपको नीम की पत्तियों को घर में रखना चाहिए. आप चाहें तो इसकी  पत्तियों को जलाकर अपने घर में इसका धुंआ कर सकते हैं. ऐसा करने से भी मच्छर घर से दूर भाग जाते हैं. आर इसका तेल भी इस्तेमाल कर सकते हैं, ये भी फायदेमंद होता है.

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बारिश का मौसम भले ही गर्मी से राहत दिलाता हो लेकिन इस की दूसरी कई समस्याएं भी हैं. इन दिनों मच्छरों से होने वाली बीमारियां डेंगू, चिकनगुनिया, मलेरिया आदि का प्रकोप बढ़ जाता है. आज बाजार में तरह-तरह के मौस्क्यूटो रिपलैंट जैसे कॉइल से ले कर कार्ड तक, स्प्रे से ले कर क्रीम तक उपलब्ध हैं.

इन के अलावा इलैक्ट्रॉनिक मच्छर मार डिवाइस और ऐप भी उपलब्ध हैं. अल्ट्रासाउंड पैदा करने वाले ऐंटीमौस्क्यूटो डिवाइस भी बाजार में आ चुके हैं. इन्हें बनाने वाली कंपनियों का दावा है कि ये डिवाइस हाई फ्रिक्वैंसी पर एक विशेष तरह का साउंड निकालते हैं. यह अल्ट्रासोनिक साउंड मच्छरों को पास फटकने से रोकता है.

इन के अलावा मच्छर भगाने का दावा करने वाले कुछ मोबाइल ऐप भी आ चुके हैं. कहने का मतलब यह कि आज मच्छरों से निबटने के लिए बाजार में इतना कुछ मौजूद है, लेकिन मच्छर हैं कि भागते नहीं.

घर-घर में विभिन्न कंपनियों के कौइल, स्प्रे, क्रीम आदि का इस्तेमाल हो रहा है. नित नए रिपलैंट बाजार में आ रहे हैं. मगर इस के प्रयोग से मच्छर भागते नहीं. इस से साफ हो जाता है कि यह मुनाफे का कारोबार है. भारत में यह 5-6 सौ करोड़ का कारोबार है. इतना ही नहीं, इस कारोबार में हर साल 7 से ले कर 10% तक वृद्धि भी हो रही है. मगर रिपलैंट का कारोबार जितना फूल-फल रहा है, मच्छरों का प्रकोप भी उतना ही बढ़ रहा है.

वैसे वैज्ञानिक तथ्य यह भी बताते हैं कि जितना दमदार रिपलैंट बाजार में आता है, मच्छर अपने भीतर उस से लड़ने की उतनी ही ताकत पैदा कर लेते हैं. अगर ऐसा ही है तो इस का मतलब साफ है कि जितना ऐडवांस रिपलैंट बाजार में आता है इंसानों के लिए वह उतना ही बड़ा खतरा बन जाता है, क्योंकि मच्छर उस से निबट लेते हैं.

स्वास्थ्य पर रिपलैंट का प्रभाव

हालांकि रिपलैंट बनाने वाली सभी कंपनियों को केंद्रीय कृषि मंत्रालय के अधीन केंद्रीय कीटनाशक बोर्ड में पंजीकरण करवाना पड़ता है. पर बोर्ड का काम इतना ही है. एक बार पंजीकरण की प्रक्रिया खत्म हो जाने के बाद कीटनाशकों के सेहत पर होने वाले नकारात्मक प्रभाव की निगरानी करने की कोई मशीनरी नहीं है. रिपलैंट समेत आजकल बाजार में पाए जाने वाले पर्सनल केयर उत्पाद, रूम फ्रैशनर से ले कर सुगंधित साबुन और डिटर्जेंट पाउडर या लौंड्री उत्पाद तक उपलब्ध हैं.

यूनिवर्सिटी ऑफ वाशिंगटन में वैज्ञानिकों के शोध से पता चलता है कि चाहे वे किसी भी नामी-गिरामी कंपनी के बने क्यों न हों उन में रासायनिक खुशबू का इस्तेमाल होता है, जिस का सेहत पर नकारात्मक प्रभाव पड़ता ही है.

दरअसल, इन में खुशबू पैदा करने के लिए ऐसिटोन, लाईमोनेन, ऐसिटल्डिहाइड, बैंजीन, ब्यूटाडाइन, बैंजो पाइरेन आदि विभिन्न तरह के रासायनों का इस्तेमाल किया जाता है. इन का सब से बुरा असर स्नायुतंत्र पर पड़ता है. दमा, फेफड़ों की बीमारी, जेनेटिक विकृतियां, ब्लड कैंसर आदि का भी इन से खतरा होता है. इस के अलावा कुछ लोगों में एलर्जी, आंखों में जलन की भी शिकायत हो जाती है.

उम्मीद की किरण

मच्छरों से पनपने वाली बीमारियों और उन से होने वाली मौतों के बीच एक उम्मीद जगाने वाली खबर भी है. कोलकाता राजभवन में मच्छरमार और रोकथाम अभियान के दौरान कोलकाता नगर निगम के कीटपतंग विभाग के देवाशीष विश्वास को कुछ ऐसे मच्छरों का पता चला, जो इनसानों को नुकसान पहुंचाने के बजाय उलटा जानलेवा मच्छरों का सफाया करते हैं. सामान्य तौर पर इस मच्छर का नाम ऐलिफैंट मौस्क्यूटो है. इस प्रजाति के मच्छर इंसानी खून के प्यासे होने के बजाय डेंगू के ऐडिस एजिप्टाई लार्वा चट कर जाते हैं.

बताया जाता है कि चीन मच्छर नियंत्रण के लिए मच्छरों का ही इस्तेमाल कर रहा है. दक्षिण चीन में वैज्ञानिकों का एक दल इंजैक्शन के सहारे मच्छरों के अंडों में ओलवाचिया नामक बैक्टीरिया का प्रवेश कर बैक्टीरिया से संक्रमित मच्छर को छोड़ देता है.

चीनी वैज्ञानिकों का मानना है कि ये संक्रमित नर मच्छर जब किसी असंक्रमित मादा मच्छर के साथ मिलन करते हैं तो यह बैक्टीरिया मादा मच्छर में प्रवेश कर जाता है और मच्छरजनित बीमारियों के जीवाणुओं का खात्मा कर देता है.

वहीं सिंगापुर और थाईलैंड में हाथी मच्छर नाम की विशेष प्रजाति के मच्छरों का इस्तेमाल मलेरिया, डेंगू और चिकनगुनिया के मच्छरों पर नियंत्रण करने में किया जाता है. इसीलिए निगम इस उपकारी मच्छर के लार्वा को डेंगू और चिकनगुनिया के मच्छरों के उत्पात से त्रस्त इलाकों में फैलाने की तोड़-जोड़ कर रहा है.

गौरतलब है कि कोलकाता डेंगू के ऐडिस मच्छरों की राजधानी बन गया है. इस से पहले ऐडिस मच्छरों का स्वर्ग दिल्ली थी.

अगर श्रीलंका मच्छरजनित बीमारियों पर विजय प्राप्त कर सकता है, चीन, सिंगापुर और थाईलैंड मच्छरों पर नियंत्रण कर सकते हैं, तो भारत क्यों नहीं? पूरे देश में हाथी मच्छर के जरीए जानलेवा मच्छरों पर नियंत्रण के लिए राष्ट्रीय कार्यक्रम तैयार किया जाना चाहिए.

मच्छर के काटने पर अपनाएं कुछ घरेलू उपाय

– नीबू के रस को मच्छर द्वारा काटे गए स्थान पर रगड़ लें. मच्छर के काटने से होने वाली खुजली में तुरंत आराम मिलेगा, साथ ही संक्रमण का खतरा भी जाता रहेगा.

– नीबू के रस में तुलसी का मसला पत्ता मिला कर लगाया जा सकता है.

– ऐलोवेरा जैल को 10-15 मिनट फ्रिज में रख कर काटे गए स्थान पर लगाने से भी आराम मिलता है.

– लहसुन या प्याज का पेस्ट सीधे प्रभावित स्थान पर मल लें. कुछ देर तक पेस्ट को लगा रहने दें. फिर अच्छी तरह धो लें. लहसुन या प्याज की गंध से भी मच्छर भागते हैं.

– बेकिंग सोडा को पानी में घोल रुई का फाहा उस में भिगो कर प्रभावित स्थान पर लगा कर 10-12 मिनट छोड़ दें. फिर कुनकुने पानी से धो लें आराम मिलेगा.

– बर्फ के टुकड़े को 10-12 मिनट तक कुछ-कुछ समय के अंतराल पर काटे गए स्थान पर रखें. बर्फ न होने पर ठंडे पानी की धार को कुछ देर तक प्रभावित जगह पर डालें.

– टूथपेस्ट भी खुजली पर असरदार होता है. थोड़ा सा पेस्ट उंगली में ले कर मच्छर द्वारा काटे गए स्थान पर मलें. आराम मिलेगा.

– प्रभावित स्थान पर कैलामाइन लोशन का भी इस्तेमाल किया जा सकता है. दरअसल, कैलामाइन लोशन में जिंक ऑक्साइड और फेरिक ऑक्साइड जैसे तत्व होते हैं, जो खुजली के साथ-साथ संक्रमण रोकने में भी कारगर होते हैं.

– डियोडैर्रेंट का स्प्रे भी खुजली और सूजन कम करने में कारगर होता है, क्योंकि इस में ऐल्यूमिनियम क्लोराइड होता है, जो दर्द और सूजन को रोकता है.

मच्छर करें परेशान तो घर में लगाएं यह पौधे

गर्मियों का मौसम शुरू होते ही मच्छरों की भिन-भिन भी शुरू हो जाती है और बरसात के मौसम में तो इनकी तादात बहुत ज्यादा बढ़ जाती है. शाम होते ही मच्छरों का आतंक सबकी परेशानी का सबब बनने लगता है. इन्हें भगाने के लिए कहीं नीम की पत्तियां सुलगायी जाती हैं, कहीं हिट मारी जाती है तो कहीं मस्कीटो कौयल जलाये जाते हैं. सरकार भी मच्छरों से शहर को निजात दिलाने के लिए तमाम उपक्रम करती है. गली गली मच्छर मार दवा का छिड़काव या धुएं वाली गाड़ी दौड़ायी जाती है, नालियां, गड्ढे और जलभराव की जगहें साफ करवायी जाती हैं. मगर फिर भी मच्छरों का आतंक कम नहीं होता. मलेरिया, डेंगू, चिकनगुनिया जैसी बीमारियों से लोग परेशान रहते हैं.

कछुआछाप, हिट या औलआउट जैसे प्रौडक्ट आपके बच्चों की सेहत के लिए कितने सुरक्षित हैं, यह कहा नहीं जा सकता. घर के अन्दर हर वक्त इनको जलाये रखना भी सम्भव नहीं है. पर टेंशन न लें. अगर आप अपने घर को मच्छरों के प्रकोप से बचाये रखना चाहते हैं तो बस कुछ पौधे खरीद लाएं और अपनी बालकनी, आंगन, बगीचे और ड्राइंग रूम को इन पौधों से सजा दें. देखिएगा कि किस चमत्कारी ढंग से मच्छर-मक्खी आपके घर से छूमंतर हो जाते हैं. यह पौधे न सिर्फ आपके घर में मच्छरों की एंट्री को रोकेंगे, बल्कि इनसे फैलने वाली बीमारियों से भी आपके परिवार को बचाये रखेंगे. आइये जानते हैं इन जादुई खुशबूदार पौधों के बारे में.

1. जड़ी-बूटी है लेमन ग्रास

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लेमन ग्रास एक जड़ी-बूटी है जिसका वैज्ञानिक नाम सिम्बेपोगोन साइट्रेटस है. इसमें मौजूद नींबू की सुगन्ध के कारण इसका व्यापक रूप से उपयोग किया जाता है. यह एक बारहमासी घास है जो भारत और एशिया के उष्णकटिबंधीय क्षेत्रों में पैदा होती है. हर घर में लेमन ग्रास का इस्तेमाल उसकी सुगंध की वजह से किया जाता है. इसको चाय के रूप में खूब पीते हैं. गौरतलब है कि लेमन ग्रास के पौधे का इस्तेमाल खुशबू के साथ मच्छर भगानेवाली कई दवाओं में भी किया जाता है. इसकी मनमोहक और ताजगीभरी खुशबू एक तरफ जहां तनाव दूर कर आपके मूड को फ्रेश करने का काम करती है, वहीं मच्छर इसकी खुशबू से दूर भागते हैं. तो आज ही लेमन ग्रास का पौधा अपने घर की बालकनी और ड्राइंगरूम में लाकर रख दीजिए और देखिये कैसे मच्छर आपके घर में झांकने से भी डरेंगे.

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2. सालों साल उगने वाला फूल है गेंदा

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गेंदा तो सालों साल उगने वाला फूल है. मंदिरों-मजारों पर हर दिन लाखों टन गेंदा चढ़ाया जाता है. भारत में घर-घर में गेंदे का पौधा लगाया जाता है. पीले रंग का यह फूल ना सिर्फ आपके घर की बालकनी को खूबसूरत बनाने का काम करता है बल्कि इसकी खुशबू मच्छरों और उड़नेवाले कीड़ों को भी आपसे दूर रखती है. मच्छरों को भगाने के लिए इस फूल की जरूरत नहीं होती, उसके लिए इसका पौधा ही काफी होता है. इसकी पत्तियों से निकलने वाली सुगन्ध मच्छरों को कतई पसन्द नहीं होती और वह इस पौधे से दूर ही रहते हैं. घर के दरवाजे, खिड़की, बालकनी में गेंदे के पेड़ रखिये और मच्छरों से अपने घर को सुरक्षित बनाइये.

3. स्वास्थ्य लाभ के लिए अच्छा है लैवेंडर

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हल्के बैंगनी रंग के फूलों वाले इस पौधे का इस्तेमाल स्वास्थ्य लाभ के लिए खूब किया जाता है. चिंता को दूर करना, तनाव से छुटकारा, त्वचा समस्या और मुंहासे का उपचार, रक्त परिसंचरण में सुधार और श्वसन समस्याओं का इलाज करने की क्षमता लैवेंडर के पौधे में है. लैवेंडर तेल का उपयोग अरोमाथेरेपी के दौरान भी किया जाता है. यह प्राकृतिक रूप से नींद को प्रेरित करने में मदद करता है. आपको शायद ही इस बात का पता हो कि आप मच्छरों को खुद से दूर रखने के लिए जिस मस्कीटो रिपेलेंट्स का इस्तेमाल करते हैं, उसमें भी लैवेंडर औयल मिलाया जाता है. अपने घर को महकाने के साथ मच्छरों को दूर रखने के लिए घर में लैवेंडर का पौधा लगाइये. इसके फूल देखने में बेहद खूबसूरत लगते हैं और इनकी सुगन्ध तरो-ताजगी से भर देती है, मगर मच्छरों को इससे मितली आती है.

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4. बेस्ट है लहसुन

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आपने बचपन में अपने बड़े-बुजुर्गों से सुना होगा कि लहसुन खाने से खून में एक अलग तरह की महक आने लगती है, जिसे मच्छर बिल्कुल पसंद नहीं करते हैं. अगर आप खुद लहसुन का सेवन नहीं करना चाहते तो अपने घर में लहसुन का एक पौधा लगा लें. सरसों के तेल में लहसुन भूनने से उठने वाला धुआं भी मच्छरों को दूर भगाता है. लहसुन का पौधा घर में लगाकर आप कई तरह से इसके फायदे उठा सकते हैं.

5. पूजनीय पौधा है तुलसी

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भारतीय घरों में तुलसी पूजनीय पौधा है. लगभग हर घर में तुलसी का पौधा मिल जाता है. तुलसी में औषधीय गुण तो होते ही हैं, इसका पौधा हवा साफ रखने के साथ-साथ छोटे-छोटे कीड़े और मच्छर को भी आपसे दूर रखता है. इसके पत्तों का इस्तेमाल आप चाय और काढ़ा बनाने के लिए कर सकते हैं. यदि आप अपने घर की बालकनी में सात-आठ गमलों में तुलसी के पौधे लगा कर रखें तो यह सुरक्षाकर्मी की तरह आपके घर पर पहरा देंगे और इनसे उत्पन्न सुगन्ध से मच्छर आपके घर के पास भी न फटकेंगे.

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Edited by Rosy

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