किसी भी तरह का नशा करना बेहद गलत है. नशे से न सिर्फ शारीरिक और मानसिक स्तर खताब होता है बल्कि सामाजिक स्तर भी नीचे गिर जाता है. लेकिन अगर हम कहें कि इस नशे से हटकर भी कोई ऐसा नशा होता है जिसके बारे में आपको पता नहीं. इसे छिपा हुआ या गुप्त नशा भी कहें तो गलत नहीं होगा. इसे हाइपरसेंसिटिव नार्सिसिज़्म भी कहा जाता है.
ये नशा ऐसा होता है जो हम सब के अंदर होता है. बस जरूरत है तो इस नशे को पहचानने की. हमारा आज का ये लेख खास तौर पर उन लोगों के लिए है जो बाहरी नशा तो नहीं लेते लेकिन, छिपे हुए नशे से घिरे हुए हैं और उन्हें इसके बारे में पता ही नहीं. तो इंतजार किस बात का? ऐसे पहचानिए अपने इस नशे को और इससे कैसे कहें गुड बाय.
उदाहरण-
एक घटना में दो बहनों ने मिलकर अपनी भाभी की हत्या सिर्फ इसलिए कर दी क्योंकि वह अपने भाभी के रवैए से नाराज थी और उन्हें भाभी से काफी ईर्ष्या थी. पुलिस के मुताबिक, दोनों आरोपी इसलिए भी सपना से ईर्ष्या रखतीं थीं क्योंकि उनका भाई, अपनी पत्नी का ही पक्ष लेता था और विभिन्न मुद्दों पर बहनों के खिलाफ छींटाकशी करता था. इससे तंग आकर उन्होंने यह कदम उठाया.
दूसरी घटना में एक छोटे भाई ने ईर्ष्या में अंधा होकर अपने बड़े भाई को मौत के घाट उतार दिया. कारण सिर्फ इतना था कि वह अपने भाई को आगे बढ़ते हुए नहीं देख पा रहा था.उसकी कामयाबी से जलता था. लेकिन जब उसके बड़े भाई को सफलता का मुकाम हासिल होने वाला था तभी उसे मार दिया गया.
1. इर्ष्या की आदत- आमतौर पर लोगों की प्रतिभा, किसी गहरे रिश्ते से अक्सर इर्ष्या और जलन की भावना पनपने लगती है. इसे आपके के अंदर का छुपा हुआ नशा कहेंगे तो गलत नहीं होगा. जो आपके लिए घटक हो सकता है. इससे निपने के लिए अपने मन को शांत रखें उर दूसरों की ख़ुशी में जलन न महसूस करेंगे.
2.दुखी रहना- जो लोग हर समय खुद को असुरक्षित और अशांत महसूस करते हैं. आम तौर पर खुद के बारे में भी अच्छा महसूस नहीं करते हैं, और हर समय अधिकांश लोगों से अलग महसूस करने से सहमत होते हैं. ये भी एक तरह का गुप्त नशा है. इससे निपने के लिए आपको सबसे पहले अपने लिए आचे विचार लाने की जरूरत हैं. क्योंकि अगर आप अपनी नजर में पॉजिटिव रहेंगे तो दूसरों के आगे भी बेहतर महसूस करेंगे.
3. कमजोर रिश्ते बनाना- ऐसे लोग सार्थक संबंधों के निर्माण में कमजोर होते हैं. गुप्त नार्सिसिस्टों में ये स्वयं के बारे में अवास्तविक और अत्यंत नाजुक भावना है. ऐसे लोग उपरी रिश्ते निभाने में तो कारक=गर होते होते हैं, लेकिन भावात्मक टूर पर किसी से जुड़ने में फेल हो जाते हैं. या यूं कहें कि इन लोगों के लिए किसी भी सार्थक तरीके से दूसरों के साथ जुड़ना लगभग असंभव बना देता है. ऐसे में आप इस नशे को खत्म करने के लिए अपनी भावनाएं दूसरों के प्रति सकारात्मक बनाएं.
4. दूसरों की आलोचना करना- हर वक्त किसी न किसी की आलोचना में डूबे रहना ये गुप्त मादकता का एक बड़ा संकेत है. ऐसे लोग खुद को दूसरों की नजरों में बेहतर दिखाने में कोई कसार नहीं छोड़ते. फिर इसके लिए उनका दिल चाहे कितनी बार टूट जाए. उन्हें फर्क नहीं पड़ता. ऐसे में आप खुद को तकलीफ न दें और दूसरों की आलोचना करने से बचें. वरना ये आपके लिए घातक हो सकता है.
5.मतलबी होना- अपना काम निकल जाने पे दूसरों को नीचा दिखाना, इसे साधारण भाषा में मतलबी ही कहेंगे. ये एक तरह का गुप्त नशा है. जो अमूमन हम सबके अंदर ही होता है. जो हमें आसामाजिक बना देता है. ये व्यवहार आमतौर पर निष्क्रिय-आक्रामक हैं. इसके लिए आपको अपने व्य्व्झार में बदलाव लाने की सबसे ज्यादा जरूरत है और दूसरों के प्रति सम्वेदनशील होना भी जरूरी है. जो आपको मतलबी होने से बचाएगा.
6.सीमाओं का अभाव- गुप्त मादक द्रव्यवादियों का मानना है कि उनके अनुभव दूसरों की तुलना में अधिक महत्वपूर्ण और कठिन हैं. वे आपको हर समय यह बात करने के लिए कहेंगे कि उनका जीवन उनके लिए कितना जटिल है और वे कैसे पीड़ित हैं. वे बातचीत के आपके पक्ष या आपके समय की पूरी अवहेलना करते हैं.
ये कुछ ऐई बाते हैं जिनसे अमूमन हर दूसरा इंसान ग्रसित है. हम खुद को नशे और मादक पदार्थों से तो दूर कर सकते हैं, लेकिन ये जो नशा हमारे भीतर छुपा हुआ होता है उसे पहचानते भी नहीं. इस लिए ये नशा भी हमारे लिए जानलेवा न बन जाए, इससे पहले इसे दूर करना ही समझदारी है.