रिश्तों को नकारात्मकता में न लें, ये है 8 टिप्स

जिंदगी बहुत छोटी है उसे खुल कर जिएं. कभीकभी हम स्वयं ही अपनी जिंदगी को उदासीन बना लेते हैं, इस की वजह है हमारी नकारात्मक सोच. यह सोच हमें चैन से जीने नहीं देती. पतिपत्नी के रिश्ते की बात की जाए तो यह एक बेहद खूबसूरत रिश्ता होता है, जिसे हम अकसर अपनी नकारात्मक सोच के कारण दांव पर लगा देते हैं. रिश्ते को बरकरार रखने के लिए व उसे खूबसूरती से जीने के लिए अपने मन से नकारात्मक विचारों को निकाल फेंकें, साथ ही सकारात्मक सोच के साथ खुशहाल जीवन जिएं.

स्वयं को बदलें

हमें हमेशा दूसरों को बदलने से पहले खुद को बदलने के बारे में सोचना चाहिए. दूसरों की सोच के बजाय पहले खुद  की सोच को सकारात्मक बनाना होगा. सकारात्मक सोच परिस्थितियों में ही नहीं, दृष्टिकोण में भी बदलाव लाती है.  नकारात्मक सोच कई घरों को बरबाद कर चुकी है. नकारात्मक सोच के कारण हंसतेखेलते वैवाहिक जीवन में दरार पैदा हो जाती है. जब कहीं पर भी कोई भी कुछ भी घटता हो तो उसे अपने साथ जोड़ कर न सोचें, कि आप के परिवार के सदस्य भी ऐसा ही करते हैं.

तनाव दूर रखें

कई बार जिंदगी में बहुतकुछ ऐसा घटित होता है जिस पर हमारा बस नहीं चलता. ऐसे में अपने और अपने जीवनसाथी को नकारात्मक दिशा में सोचने से रोकने के लिए प्रयास करें. यदि आप के पार्टनर का समय सही नहीं चल रहा, तो उसे अपना पूरा सहयोग दें, न कि उसे नकारात्मक बातें बोल कर उस का मनोबल गिराएं.

आरोपप्रत्यारोप से बचें

हमेशा किसी कार्य के सफलतापूर्वक नहीं हो पाने पर पार्टनर पर आरोप न लगाएं कि उस की वजह से कार्य सफलतापूर्वक नहीं हो पाया या हमेशा यह कोसते रहना कि जब से तुम मेरी जिंदगी में आए हो, तभी से ऐसा हो रहा है. ऐसा वही बोलता है जो नकारात्मक सोच रखता है. तो जरूरी है कि एकदूसरे पर आरोप लगाने से बचें. आरोप लगाने से रिश्तों में तनाव के साथ कड़वाहट घुलती जाती है और फिर वे एक समय पर आ कर कमजोर पड़ जाते हैं.

तुरंत प्रतिक्रिया ठीक नहीं

अकसर पतिपत्नी में लड़ाई इसी बात पर होती है कि वे बिना सोचेसमझे किसी बात पर प्रतिक्रिया व्यक्त कर देते हैं. यह एक तरह की नकारात्मक क्रिया है जिस में आप ने बिना सोचेसमझे अपनी प्रतिक्रिया जाहिर कर दी. इस से तनाव बढ़ता है. ऐसे में जरूरी है कि आप सही से अपने पार्टनर की बात सुन कर और समझ कर ही प्रतिक्रिया दें.

रोकटोक से चिढ़ें नहीं

कई बार ऐसा होता है कि हमारा पार्टनर ज्यादा फिक्र करने की वजह से आप से बारबार सवाल करता है या फोन करता है या पूरे दिन का जायजा लेता है कि  तुम ने पूरे दिन क्या किया, तो उसे नकारात्मकता में न लें.  ऐसे में जरूरी है कि आप उस का सम्मान करें. उस की फिक्र को रोकटोक न समझें. अगर वह आप से कुछ पूछे तो आप के प्रति उस की चिंता को समझें.

निजता भी जरूरी

पतिपत्नी के बीच थोड़े स्पेस की बेहद आवश्यकता होती है. कई बार आप की नकारात्मक सोच आप पर हावी हो जाती है. आप रिश्ते में निजता देने के बजाय जरूरत से ज्यादा रोकटोक करते हैं. इस से रिश्ते में दरारें पैदा हो सकती हैं. खासतौर से, शादीशुदा जिंदगी में इस का होना बहुत जरूरी होता है. एकदूसरे की पसंद, नापसंद और खासकर निजी स्वतंत्रता का खयाल रखना बहुत माने रखता है.

मांगें पूरी न होना

पति और पत्नी के जीवन में नकारात्मकता तब घर करने लगती है जब पत्नी को लगता है कि मेरा पति मेरी खुशियों के बारे में नहीं सोचता है. वहीं, पत्नी का हमेशा नाजायज मांगों के लिए लड़ना पति के मन में नकारात्मक भाव को पनपने देता है जिस के कारण मन में एकदूसरे के प्रति खटास बढ़ती जाती है. ऐसे में जरूरी है कि पत्नी को सकारात्मक सोच रखते हुए कि आज नहीं तो कल सब सही हो जाएगा, पति की सीमित आय में रहना सीखना चाहिए और सुखमय जीवन व्यतीत करना चािहए.

हमेशा शक करना

पतिपत्नी का रिश्ता विश्वास की बुनियाद पर टिका होता है. लेकिन पार्टनर पर शक करना आप की नकारात्मक सोच का परिणाम होता है. अकसर महिलाएं अपने पति पर बेवजह शक करती रहती हैं. इसी तरह कई बार पति, जिन की पत्नियां कामकाजी हैं, पर शक करते  हुए नजर आते हैं. जरूरी है कि हमेशा नकारात्मक सोचने के बजाय अपनी सोच में सकारात्मकता लाएं. तभी आप अपनी जिंदगी खुशहाल तरीके से गुजार पाएंगे.

यों बचें नकारात्मकता से

  1. अकसर देखने में आता है कि आप पुरानी बातों को ले कर घर में कलेश करते रहते हैं, ऐसे में जरूरी है कि पुरानी बातों को छोड़ कर आज में जिएं.
  2. जब आप को लगे कि आप के और आप के पार्टनर के बीच नकारात्मकता घर करती जा रही है तो विषयों को साथ में बैठ कर सुलझाएं जिस से बात और अधिक न बढ़े.
  3. औफिस या घर का काम उतना ही करें जितना आप से किया जाए. ज्यादा कार्य न कर पाने पर आप में नकारात्मकता पनपने लगती है, साथ ही कोई भी काम सहीरूप से पूरा नहीं हो पाता है.
  4. ऐसे लोगों से दूर रहें जो नकारात्मक सोच रखते हैं, बल्कि हमेशा सकारात्मक सोच वाले व्यक्तियों को अपना दोस्त बनाएं.
  5. आप और आप का पार्टनर रोज साथ में सैर पर जाएं, इस से स्ट्रैस कम होता है, साथ ही मन को शांति मिलती है.
  6. अपनेआप को किसी न किसी कार्य में व्यस्त रखें. इस से आप सकारात्मक सोच रख सकेंगे.
  7. हमेशा एकदूसरे के बीच विश्वास को बनाए रखने के लिए हर वह कोशिश करें जो एक सफल दांपत्य के लिए जरूरी है.
  8. एकदूसरे की पसंद या नापसंद को ध्यान में रखते हुए उन चीजों को नकारात्मक न ले कर, उन पर सकारात्मक तरीके से सोचें.

 

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