पीजी लाइफ : कभी प्यार कभी तकरार!

आज की लड़कियां न सिर्फ घर संभाल रही हैं बल्कि बाहर निकल कर अपने सपनों को भी आकार दे रही हैं. वे अपने कैरियर की खातिर छोटेछोटे शहरों से निकल कर अपने घर से दूर दिल्ली, मुंबई जैसे बड़े शहरों में आ कर गर्ल्स पीजी या होस्टल में रहती हैं. सिर्फ पढ़ने वाली लड़कियां ही नहीं बल्कि वर्किंग वूमन भी पीजी में रहती हैं.

पीजी में रहने के फायदे

अधिकांश बड़े शहरों में यातायात की भीड़ एक बड़ी समस्या है और यही कारण है कि लोग अपने औफिस और कालेज के करीब पीजी में रहना पसंद करते हैं. महंगे होते घरों के किराए में रहने से पीजी एक अच्छा विकल्प है क्योंकि यह किफायती तो है ही साथ में आप का समय भी बचाता है क्योंकि बाहर से आ कर पढ़ने वाले छात्र या कामकाजी पेशेवर अपने औफिस और स्कूलकालेज के करीब पीजी ले कर रह सकते हैं.

पीजी या पेइंगगैस्ट सिस्टम आज बड़ेबड़े शहरों में कौमन बात हो चुकी है, जहां 1 कमरे में 2 से 4 लड़कियां एकसाथ रहती हैं. यहां आप को समय पर चायनाश्ता और खाना तो मिल ही जाता है, आप के कपड़े भी लौंड्री हो जाते हैं. यहां गीजर, एसी, कूलर और इंटरनैट की भी सुविधा होती है. गर्ल्स पीजी हर तरह से बाहर से आ कर रहने वाली लड़कियों के लिए अच्छा विकल्प है, मगर गर्ल्स पीजी में कुछ ऐसी भी चीजें होती हैं जिन्हें वहां रहने वाली लड़कियां ही महसूस कर पाती हैं.

गर्ल्स पीजी में और भी बहुत कुछ क्या होता है, आइए जानते हैं.

लड़ाईझगड़े, मनमुटाव

ऐसा नहीं है कि हर पीजी में लड़कियों के बीच लड़ाई?ागड़े होते ही हैं. लेकिन कई अलगअलग जगहों से आई लड़कियां जब एकसाथ एक ही कमरे में रहती हैं तो मतभेद होना स्वाभाविक है. किसी न किसी बात पर उन के बीच मन मुटाव हो जाता है तो एक समय बाद वह ?ागड़े का रूप ले लेता है. आपस में विचार न मिल पाने के कारण अकसर छोटीछोटी बातों पर उन के बीच तूतू, मैंमैं की नौबत आ जाती है.

चोरी होना

पीजी में अपना सामान रखने के लिए हर लड़की के लिए अलमारी होती है. लेकिन फिर भी कई बार वहां छोटीमोटी चोरी हो जाती है लेकिन कभीकभार बड़ी चोरी भी हो जाती है. एक लड़की ने अपने पीजी में रहने का किस्सा शेयर करते हुए कहा कि पीजी में रहते हुए उस के पर्स से 5 हजार रुपए चोरी हो गए थे. सब से पूछा पर किसी ने नहीं बताया कि पैसे किस ने चुराए उलटे सब से उस का रिश्ता खराब हो गया. अगर आप भी पीजी या होस्टल में रहती हैं तो अपने सामान का ध्यान जरूर रखें.

कमरे में साफसफाई को ले कर नोकझोंक

पीजी में रहने वाली शिल्पी जहां साफसफाई पसंद थी, वहीं उस की रूममेट रूहानी बहुत ही गंदे तरीके से रहती थी. उस के पहने हुए कपड़े यहांवहां बिखरे पड़े रहते थे. सो कर उठने पर वह अपना स्तर भी ठीक नहीं करती थी. और तो और बिस्कुट और चिप्स का पैकेट खा कर उसे डस्टबिन में न डाल कर उसे बैड के नीचे फेंक देती थी, जो पंखे की हवा से पूरे कमरे में उड़ता रहता था.

बाथरूम भी बहुत गंदा रखती थी और इस बात को ले कर दोनों के बीच कई बार कहासुनी हो चुकी थी. हार कर फिर शिल्पी ही दूसरे पीजी में रहने चली गई क्योंकि रोजरोज के ?ागड़े से उस की मैंटल हैल्थ पर असर पड़ने लगा था.

पीजी में रहने वाले 2 लोगों की आदतें अलगअलग होती हैं. किसी को साफसफाई पसंद होती है तो किसी को मैसी तरह से रहना पसंद होता है. इसलिए कमरे की साफसफाई को ले कर भी अकसर गर्ल्स पीजी में लड़कियों के बीच नोक?ांक हो जाती है.

एकदूसरे के बारे में बातें बताना

पीजी में रहने वाली लड़कियां एकदूसरे के बारे में काफी कुछ जानती हैं. चाहे पीरियड्स को ले कर बातें हों, रूम पार्टनर के बौयफ्रैंड के बारे में बातें हो या फिर घर की पर्सनल बातें, लड़कियां एकदूसरे से सारे ऐक्सपीरियंस शेयर करती हैं.

पीजी में रहने वाली लड़कियों के बीच अगर किसी बात को ले कर तकरार होती है तो उन के बीच प्यार भी कम नहीं होता. वक्त पड़ने पर वे एकदूसरे को सपोर्ट भी करती हैं.

मैंटल सपोर्ट

घर से दूर रह रही लड़कियां को अकसर मैंटल प्रैशर से गुजरना पड़ता है. औफिस के काम का लोड, रिलेशनशिप की प्रौब्लम, घर की प्रौब्लम इन सभी चीजों के लिए उन्हें एक मैंटल सपोर्ट चाहिए होती है जो उन्हें पीजी में साथ रह रही लड़कियों से मिलती है.

स्नेहा बिहार की रहने वाली है. पढ़ाई के लिए वह अहमदाबाद में एक पीजी में रहती है. एक बार उस की तबीयत काफी खराब हो गई. तब उस की रूममेट आकांक्षा ने उस की काफी हैल्प की. वह उसे डाक्टर से दिखाने ले कर तो गई ही, उस की सेवा भी की जिस के कारण वह जल्द ही रिकवर हो गई. आज दोनों ही अलगअलग शहरों में रहकर जौब कर रही हैं पर उन का रिश्ता आज भी वैसा ही है प्यार भरा. दोनों अकसर फोन पर बातें करती हैं.

पीजी में साथ रहने वाली लड़कियां भले ही आपस में लड़ती?ागड़ती हों पर वक्त पड़ने पर वे एकदूसरे को सपोर्ट भी करती हैं. इसीलिए तो गर्ल्स होस्टल या पीजी में बने रिश्ते आप के साथ सालोंसाल चलते हैं.

टारगेट पर लड़कियां

2 अक्टूबर, 2023 की बात है. अहमदाबाद के सैटलाइट एरिया स्थित शिवरंजनी सोसायटी के पीजी में रहने वाली लड़कियों और स्थानीय महिलाओं के बीच ?ागड़ा हो गया. बात गाड़ी पार्किंग और लड़कियों के कपड़ों के मुद्दे पर शुरू हुई जो बाद में पुलिस तक पहुंच गई. वहां रह रही महिलाओं का कहना था कि पीजी में रहने वाली लड़कियों के वाहनों की पार्किंग, उन का पहनावा सोसायटी का माहौल बिगाड़ रहा है. महल्ले की महिलाओं का आरोप है कि पीजी में रह रही लड़कियां देर रात तक लड़कों के साथ घूमती फिरती हैं, अश्लीलता फैलती हैं.

घर हो या बाहर हर जगह लड़कियों को ही टारगेट किया जाता है कि वे कैसे बोलती हैं, कैसे चलती हैं, क्या पहनती हैं. यहां यह अच्छा हुआ कि पीजी की सारी लड़कियों ने साथ मिल कर उन से अपने हक के लिए लड़ाई भी की और पुलिस में शिकायत भी लिखाई.

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