जानें क्या है ‘रामयुग’ एक्ट्रेस ऐश्वर्या ओझा की सफलता का राज, पढ़ें खबर

बचपन से अभिनय की इच्छा रखने वाली मॉडल और अभिनेत्री ऐश्वर्या ओझा इंदौर की हैं. उन्हें बचपन से ही अभिनय की इच्छा थी, जिसे पूरा करने में साथ दिया उनकी माता डॉ.हेमलता ओझा, जो पेशे से एक लेक्चरर है और पिता महेंद्र ओझा जो एक वकील है. ऐश्वर्या एक डांसर है और छोटी उम्र से कत्थक सिखती आई हैं. कला के प्रति प्रेम उन्हें बचपन से रहा. इंदौर से मुंबई आकर काम करना सहज नहीं था, इसलिए मुंबई आकर उन्होंने थिएटर ज्वाइन किया, कला की बारीकियां सीखी और कई विज्ञापनों में काम किया. स्वभाव से विनम्र और हंसमुख ऐश्वर्या ओझा इस समय एम एक्स प्लेयर पर वेब शो रामयुग में सीता की भूमिका निभा रही हैं. उनसे वर्चुअल इंटरव्यू हुई, पेश है अंश.

सवाल-इस वेब शो में काम करने की खास वजह क्या है?

ये बहुत स्पेशल और अलग तरह की कहानी है. मैं इसे अलग-अलग फॉर्म में पढ़ चुकी हूं और ऐसी कहानी का हिस्सा बनना मेरे लिए बड़ी बात है.

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सवाल-इस कोरोना समय में आपने कैसे शूटिंग की? जबकि शूटिंग करते हुए कई कलाकार पॉजिटिव हो चुके है?

इस फिल्म की शूटिंग कोविड से पहले हुआ है. केवल रिलीज का इंतज़ार था. इसके अलावा अभी जितने कलाकार शूटिंग कर रहे है, उन सभी को कोविड की गाइडलाइन्स को फोलो करते रहना है. हालाँकि सेट पर इसका पालन करने के बाद भी लोग पॉजिटिव हुए है. ये बीमारी बहुत ही खतरनाक है और इससे सभी को बचने की जरुरत है, क्योंकि हेल्थ से अधिक कुछ भी नहीं है.

सवाल-मुंबई में शूटिंग बंद होने की वजह से कुछ लोग बाहर जाकर शूटिंग कर रहे है और वे इसे छिपा रहे है, जबकि उन्हें ऐसा करना उचित नहीं, इस बारें में आपकी सोच क्या है?

मैं इस बात से बिल्कुल सहमत हूं, क्योंकि अगर कोविड की वजह से शूटिंग बंद किया गया है, तो इसकी वजह लोगों को घर में रहना है, बाहर निकलना नहीं. कलाकार को सेल्फिश होना उचित नहीं, क्योंकि हर घर में बुजुर्ग रहते है, इसलिए अपने दायित्व को समझते हुए उन्हें खुद और अपने परिवार वालों की खातिर कोविड के नियमों का पालन करना उचित होगा.

सवाल-सीता की भूमिका को निभाना कितना मुश्किल था, जबकि आप एक मॉडर्न गर्ल है?

ये भूमिका मेरे लिए कठिन था, इसलिए मैं फिल्म के निर्देशक कुनाल कोहली से मिली और उनके विजन को समझने की कोशिश की. ये एक पीरियड ड्रामा है, इसलिए इसके हाँव-भाँव को समझने में समय लगा.

सवाल-एक्टिंग की फील्ड में आना इत्तफाक था या बचपन से सोचा था, परिवार का सहयोग कितना रहा?

मैं बचपन से डांस करती थी और 10 साल की उम्र में कत्थक सीखना शुरू कर दिया था. हर अवसर पर मैं मंच पर परफॉर्म किया करती थी. 12 साल की उम्र में मैंने थिएटर में सीता की भूमिका निभाई थी. इसके बाद कॉलेज के दौरान मैने कई थिएटर भी की. आर्किटेक्चर की पढाई करते हुए मुझे बोरिंग महसूस होने लगा, क्योंकि मैं कत्थक और थिएटर से दूर होती जा रही थी. पढाई ख़त्म करने के बाद मैंने पेरेंट्स को अभिनय की इच्छा बताई और उन्होंने तुरंत मुझे हाँ कह दिया और मैं मुंबई आ गयी.

सवाल-पहला ब्रेक कब मिला?

मुंबई आने के बाद मैंने कुछ विज्ञापनों में काम किया, फिर इस वेब शो का ऑफर मिला, जिसे करने में बहुत मज़ा आया.

सवाल-सीता के चरित्र से आपने क्या सीखा?

सीता एक साहसी और स्वाभिमानी महिला थी. उसकी ग्रेस और स्ट्रेंथ को अगर मैं अचीव कर लूँ, तो बहुत ख़ुशी की बात होगी.

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सवाल-महिलाएं आज हर क्षेत्र में है, लेकिन उन्हें ग्लास सीलिंग का सामना करना पड़ता है, क्या आप इस तरह की किसी घटना को अपनी जिंदगी में देखा है?

मुझे ऐसा कभी अनुभव नहीं हुआ, लेकिन मैंने देखा है कि 21वीं सदी में महिलाएं आज सबकुछ कर रही है, लेकिन काम के साथ परिवार को सम्हालने की बात उनसे ही हमेशा पूछने की वजह मुझे नहीं समझ में आती, लड़कों को कभी ऐसा क्यों नहीं पूछा जाता. ये सब मुझे हमेशा परेशान करती है.

सवाल-क्या आउटसाइडर होने की वजह से आपको कभी संघर्ष करना पड़ा?

मुझे कभी अधिक संघर्ष नहीं करना पड़ा, क्योंकि मेरे पेरेंट्स ने मानसिक सहयोग अधिक दिया है, जो यहाँ देने की बहुत जरुरत है. मैंने ऑडिशन दिया और जिस भूमिका को करने के लिए मैं उत्सुक थी, उसके न मिलने पर मायूसी होती थी,ऐसे में मैने हमेशा अपनी माँ से बात की है. माँ हमेशा मेरी हौसलाअफजाई करती थी. ये सब चीजें मुझे आगे बढ़ने के लिए प्रेरित करती है. काम के लिए यहाँ कई सौ ऑडिशन देने पड़ते है, फिर उसमें से सिर्फ 1 भूमिका आपको मिलती है. मैं उसके लिए हमेशा तैयार रहती हूं.

सवाल-समय मिलने पर क्या करती है?

मैं अपने डांस की प्रैक्टिस करती हूं. मुझे कत्थक और योगा बहुत पसंद है. इसके अलावा मुझे खाना बनाना भी अच्छा लगता है.

सवाल-आपकी ड्रीम क्या है?

सफल होने के बाद मैं मुंबई में एक अपना घर लेना चाहती हूं, ताकि दोनों मेरे साथ रह सकें, क्योंकि माँ को मुंबई बहुत पसंद है.

सवाल-इंडस्ट्री में आने के बाद आपके विचार कितने बदले है?

जब मैं यहाँ आई थी, तो मुझे इंडस्ट्री के बारें में कुछ भी पता नहीं था. काफी नया था, पर यहाँ के लोग काफी प्रोफेशनल और डेडीकेशन के साथ काम करते है. वह मेरे लिए आश्चर्य की बात है.

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सवाल-माँ के साथ बिताया कोई पल, जिसे आप मिस करती है?

माँ की बात सुनते ही मैं भावुक हो जाती हूं, क्योंकि वे इंदौर में है और मैं यहाँ मुंबई में हूं. माँ ने मेरे कैरियर, एक्टिंग और डांस में बहुत सहयोग दिया है. उसका कोई मोल नहीं है. कई लोग बाहर जाना चाहते है, पर कई समस्याओं के चलते वे नहीं जा पाते. हर बात मैं उनसे शेयर करती हूं.

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