लाल मिर्च के क्या है फायदे, जाने यहां

हाय हाय मिर्ची उफ़ उफ़ मिर्ची…….., मिर्ची रे मिर्ची……., मिर्ची की तीखेपन के साथ हिरोइन की खूबसूरती और उनके तीखेपन के अंदाज को जोड़कर गाने बनाए गए और ये गाने हिट साबित हुए. असल में व्यंजनों का जायका बढ़ाने और इनमें इच्छानुसार तीखापन लाने के लिए लाल मिर्च की अहम भूमिका होती है. लाल मिर्च का सुर्ख लाल रंग किसी भी जायके को अधिक खूबसूरत दिखने के साथ-साथ स्वादिष्ट भी बनाता है.

इस बारें में मुंबई की कोकिलाबेन धीरूभाई अंबानी हॉस्पिटल की क्लिनिकल डायटीशियन नियती नाईक कहती है कि लाल मिर्च का वैज्ञानिक नाम कैप्सिकम एनम (Capsicum annuum) है, यह सोलेनेसी (Solanaceae) परिवार से संबंध रखती है और विटामिन, खनिज और फ्लेवोनोइड के साथ-साथ फेनोलिक, कैरोटीनॉयड और अल्कलॉइड जैसे कार्यात्मक खाद्य घटकों जैसे बहुत सारे स्वास्थ्य के लिए सहायक पोषक तत्वों का एक बड़ा स्रोत भी है. इसलिए अगर सही रूप में इसका सेवन किया जाए, तो लाल मिर्च के स्वास्थ्य के लिए काफी गुणकारी साबित हो सकती है. भारत के गर्म क्षेत्रों में खासकर राजस्थान में अधिक मिर्च खाने की परम्परा है, इसमें विज्ञान से भी ज़्यादा सांस्कृतिक प्रथाएं जुड़ी हुई हैं. मिर्च में एंटीमाइक्रोबायल गुण होता है, जिसकी वजह से गर्म मौसम में भी तीखे मिर्च से बने भोजन जल्दी ख़राब नहीं हो पाते. इसके अलावा खान-पान की आदतें पीढ़ी-दर-पीढ़ी चली आ रही हैं, आज आधुनिकीकरण की वजह से भले ही भोजन खराब होने की समस्या नहीं है, लेकिन ज़्यादा मिर्च खाने की सांस्कृतिक आदतें जारी है. मिर्च आमतौर पर गर्म और शुष्क जलवायु में पैदा होता है इसलिए गर्म क्षेत्रों में यह अधिक मात्रा में उपलब्ध होता है, मिर्च ज़्यादा खाने का इसे भी एक संभावित कारण समझा जा सकता है. यह स्वाद में तीखी तो होती ही है, साथ ही इसकी तासीर को गर्म माना जाता है. इसके फायदे निम्न है,

  • मिर्च में कैप्सिनोइड्स और कैप्सैसिनोइड्स जैसे एक्टिव कम्पाउंड्स होते हैं जो शरीर में सूजन को कम करने में मदद करते हैं.
  • इसके अल्कलॉइड दर्द से राहत देने में मदद करते हैं, इस वजह से ऑस्टियोआर्थराइटिस जैसी बिमारियों के मरीज़ों के लिए लाल मिर्च मददगार हो सकती है.
  • मिर्च का तीखापन और मसाला शरीर में चयापचय को बढ़ावा देता है और इसलिए यह मोटापे के मरीज़ों के लिए अच्छी हो सकती है. लाल मिर्च के यह फायदे तब मिलता है, जब उसका सेवन नियंत्रित तरीके से किया जाए.

इसके आगे डायटीशियन नियति कहती है कि लाल मिर्च वैसे तो फायदेमंद होते है, लेकिन कुछ लोग इसका अधिक से अधिक सेवन करने लगते है, इससे उसका असर कई बार गलत भी हो सकता है और कई स्वास्थ्य समस्याएं और परेशानी भी हो जाती है. इसलिए लाल मिर्च का प्रयोग से पहले कुछ बातों का ध्यान रखना आवश्यक है, जो निम्न है,

  • लाल मिर्च का स्वाद बहुत तेज़ होता है, उन्हें ज़्यादा खाने से पहले से मौजूद अगर कोई बीमारी है, मसलन मुँह और पेट के अल्सर, मल में जलन, सूजन और गैस्ट्रिक की परेशानी, अत्यधिक पसीना आना, होठों में जलन, आँखों और नाक में पानी आने आदि समस्या अधिक बढ़ सकती है.

लाल मिर्च से जुड़े कुछ मिथ्स

  • कई लोग मानते हैं कि लाल मिर्च ज़्यादा खाने से टेस्ट बड्स नष्ट हो जाते हैं, लेकिन सच यह है कि लाल मिर्च आपके तालु को कुछ समय के लिए सुन्न कर देती है, जो बाद में ठीक हो जाता है.
  • लाल मिर्च के बीजों में सबसे अधिक गर्मी होती है, लेकिन वास्तव में बीज जिससे जुड़े होते हैं, उस मज्जे में सबसे अधिक गर्मी होती है.

कुछ का ये भी मानना है कि अधिक मिर्च खाने से गर्भवती महिलाओं में प्रसव पीड़ा हो सकती है, लेकिन यह सच नहीं है और इसके समर्थन में कोई भी वैज्ञानिक प्रमाण नहीं मिला है.

डायटीशियन का आगे कहना है कि लाल मिर्च किसे खाना है, किसे नहीं, इसकी कोई मापदंड नहीं है, इसे हर कोई खा सकता है. उससे भी महत्वपूर्ण बात है कि आप कितनी मात्रा में लाल मिर्च खा रहे हैं. चीज़ कितनी भी अच्छी हो, उसे अधिक मात्रा में खाने से शरीर का नुकसान ही होता है. लाल मिर्च न खाने पर बात करें तो पाते है गैस्ट्रिक या अल्सर, बवासीर, आईबीएस, दस्त, उल्टी, जीईआरडी, आंत में सूजन और मौखिक अल्सर से पीड़ित लोगों के लिए लाल मिर्च से दूर ही रहना ही बेहतर होता है.

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