दूर रह कर भी रिश्तों को कैसे बनाएं मजबूत, ‘छोटेछोटे पलों को करें सेलिब्रैट’

परिवार हमेशा खास होता है,चाहे वह पास रहे या दूर. लेकिन जब हम अपने जीवनसाथी के परिवार से दूर रहते हैं, जैसे सास, ननद या जेठानी, तो उन से दोस्ताना संबंध बनाए रखना मुश्किल तो हो सकता है लेकिन नामुमकिन नहीं.

रिश्तों में भावनात्मक जुड़ाव भी माने रखता है इसलिए दूर होने के बावजूद रिश्तों को बनाए रखना संभव है, बशर्ते हम समझदारी और संवेदनशीलता से काम लें. दोस्ताना व्यवहार, संवाद और सम्मान इन रिश्तों की नींव को मजबूत बनाए रखते हैं.

ऐसे में, सवाल उठता है कि जब परिवार के सदस्य एकदूसरे से दूर हों, तो रिश्तों में मिठास और जुड़ाव कैसे बनाए रखें. इस के लिए कुछ सरल उपाय अपनाए जा सकते हैं, जो रिश्तों को मजबूत और खुशहाल बनाए रखते हैं.

नियमित बातचीत है जरूरी

कई बार पति की नौकरी के चलते परिवार को छोड़ कर बहू को अपनी नई गृहस्थी बसाने के लिए दूसरे शहर जाना पड़ता है. ऐसे में परिवार से दूर रहने पर सास, ननद या जेठानी से अपनेपन का जुड़ाव कम हो जाता है लेकिन दूरी होने के बावजूद रिश्तों में गरमाहट बनाए रखने का सब से सरल तरीका है, नियमित बातचीत. परिवार की सभी औरतों के साथ व्हाट्सऐप ग्रुप बना कर बातचीत जारी रखें और आप जो भी कुछ नई डिश बना रही हैं उसे ग्रुप पर शेयर करें, उन से सलाह लें.

इस के अलावा आप फोन कौल, वीडियो कौल के माध्यम से सास, ननद या जेठानी से संपर्क में रह सकती हैं. इस से उन्हें लगेगा कि आप उन के बारे में सोचती हैं और उनवका ध्यान रखती हैं.

छोटेछोटे पलों को खास बनाएं

रिश्तों में प्यार और अपनापन बनाए रखने के लिए छोटेछोटे मौके बहुत अहम होते हैं. जैसे उन की सालगिरह, जन्मदिन या किसी खास अवसर पर शुभकामनाएं भेजना. इस से उन्हें यह एहसास होगा कि आप दूर रह कर भी उन के जीवन के महत्त्वपूर्ण पलों का हिस्सा बन रहे हैं.

छोटीछोटी खुशियों को बांटना रिश्तों में मिठास लाता है. आप विशेष अवसरों पर या बिना किसी विशेष कारण के भी सास, ननद या जेठानी को छोटेछोटे उपहार भेज सकती हैं. इस से उन्हें लगेगा कि आप उन के प्रति स्नेह और प्रेम रखती हैं.

बराबर का समझें

आप अलग शहर में हों या एक ही शहर में, कभी न कभी एकदूसरे के घर जाने क मौका मिलता ही है. ऐसे में बराबरी से ही बात बन सकती है. काम करने में छोटा या बड़ापन न जताएं बल्कि बराबर का समझें.

अगर आप अपनी जेठानी के घर में या ननद के घर में जाएं तो खुद को मेहमान न समझें बल्कि हर काम में उन का हाथ बटाएं और यही बात ननद के लिए भी है कि भाभी को यह एहसास कराएं कि वह ननद है तो क्या पूरी हैल्प करने को तैयार है.

अनुभवों में दिलचस्पी दिखाएं

यदि आप की सास, ननद या जेठानी को किसी खास काम में महारत हासिल है, तो उन के कार्यों के बारे में पूछें और दिलचस्पी दिखाएं. उन के अनुभवों, शौकों और उपलब्धियों के बारे में जानकारी लेना और तारीफ करना आप के रिश्तों को और भी मधुर बना सकता है.

मिलने के मौके ढूंढ़ें

कभीकभी दूरी के कारण मिलने के मौके कम हो सकते हैं, लेकिन जब भी समय मिले परिवार के साथ रहने का मौका न चूकें. छुट्टियों, त्योहारों या किसी खास अवसर पर एकदूसरे से मिलने की योजना बनाएं. परिवार के साथ बिताया गया समय रिश्तों को ताजगी देता है और भावनात्मक रूप से आप को करीब लाता है.
डिस्टैंश बस का हो या रेल का या फिर ओवरनाइट जर्नी ही क्यों न हो, आप उन्हें मिलने जाएं या वे आप से मिलने आएं, उस समय को पूरी तरह से ऐंजौय करें. परिवार के साथ बिताया गया समय, हंसीमजाक, बातचीत और साथ में भोजन करने से रिश्ते और भी मजबूत बनते हैं. ये क्षण दूरी को भरने का काम करते हैं.

एकदूसरे के प्रति सहानुभूति रखें

जब हम अपनों से दूर रहते हैं तो दूरी के कारण कई बार गलतफहमियां पैदा हो सकती हैं. ऐसे में सहानुभूतिपूर्ण दृष्टिकोण रखना बहुत महत्त्वपूर्ण है. जब भी कोई समस्या हो या किसी तरह का मतभेद हो, तो धैर्यपूर्वक बात करें और एकदूसरे की भावनाओं को समझने की कोशिश करें. सहानुभूति रिश्तों में मिठास और सामंजस्य बनाए रखने में मदद करती है.

पारिवारिक परंपराओं को बनाए रखें

परिवार की पुरानी परंपराओं को बनाए रखना रिश्तों को मजबूत करता है. चाहे त्योहार मनाने की परंपरा हो या विशेष अवसरों पर एकदूसरे को बधाई देने की, इन्हें जारी रखना आप के रिश्तों में मिठास घोलता है. यदि परिवार के सदस्य दूर हैं, तो भी आप वर्चुअल तरीकों से इन परंपराओं को निभा सकते हैं.

इन बातों को भूलकर भी अपने बौयफ्रैंड से न करें शेयर, टूट सकता है लंबे समय का रिश्ता

अविनाश और रश्मि करीब 2 सालों से रिलेशनशिप में थे. वो दोनों एकदूसरे से बहुत प्यार करते थे. रश्मि अपने लाइफ से जुड़ी हरेक बात अविनाश से शेयर करती थी. जब वह कालेज से घर वापस लौटी तो उस ने देखा कि मां और पापा किसी लड़के को ले कर लड़ाई कर रहे हैं. बाद में उसे पता चला कि उस की मम्मी अपने ऐक्स बौयफ्रैंड से मिलने गई थी इसलिए उस के पापा ने लड़ाई की थी.

रश्मि इस बात को ले कर बहुत उदास थी. अविनाश उसे कौल और व्हाट्सऐप किए जा रहा था, लेकिन वह उस का जवाब नहीं दे रही थी. बाद में रश्नि ने अविनाश को व्हाट्सऐप पर मैसेज किया और अपने मम्मीपापा के लड़ाई की भी बातें बता दीं. उस ने यह भी बताया कि उस की मां का कोई बौयफ्रैंड था, जिसे वे भूल नहीं पाई हैं.

अविनाश ने रश्मि को समझाया. उस ने यह भी कहा कि उसे अपनी मम्मीपापा के इस झगड़े को खत्म करने की कोशिश करनी चाहिए वरना उन के रिश्ते टूट भी सकते हैं.

अविनाश के इस बात से रश्मि को काफी मदद मिली और उस का मन भी हलका हुआ. लेकिन कुछ दिनों बाद रश्मि ने जो सुना, उस के तो होश ही उड़ गए.

दरअसल, रश्मि के पास कुछ पुराने दोस्तों ने मैसेज किए और पूछा कि तुम्हारी मम्मी का बौयफ्रैंड लौट आया है क्या? यह सुन कर रश्मि के पैरों तले जमीन खिसक गई.

उस ने पूछा,”यह सब बातें तुम लोगों को कैसे पता?”

उन लोगों ने मैसेज के स्क्रीनशौट भेजे. रश्मि ने देखा कि मैसेज अविनाश ने किया है और उस में लिखा था,”रश्मि की मां का बौयफ्रैंड है और उस के घर में रोजाना इस बात को ले कर रश्मि के पापा उस की मां के साथ मारपीट करते हैं.”

मैसेज पढ़ते ही रश्मि को तगङा झटका लगा. वह कुछ देर के लिए सोचती रह गई. जिस लड़के पर उस ने आंख बद कर के भरोसा किया. उस लड़के ने मेरी रिस्पैक्ट नहीं की? दोस्तों के बीच मेरे और मेरे पेरैंट्स का मजाक बना कर रख दिया. उस ने तुरंत ही अविनाश का फोन नंबर ब्लौक किया और उस से सारे रिश्तेनाते तोड़ लिए.

जब कोई लड़की अपने बौयफ्रैंड से कोई भी बड़ा सीक्रेट शेयर करती है, तो उस पर यह भरोसा करती है कि वह किसी से नहीं कहेगा. लेकिन आंख बंद कर भरोसा करना गलत साबित हो सकता है. कई बार बौयफ्रैंड अपनी गर्लफ्रैंड की सीक्रेट बातें भी शेयर कर देते हैं, जिस की वजह से उन के रिश्ते में दरार आ जाती है.

जब आप किसी से प्यार करते हैं, तो उस पर विश्वास करना चाहिए, लेकिन उस से वहीं बातें शेयर करें, जिस में मस्तीमजाक हो, नकि आप अपनी फैमिली या खुद से जुड़े कोई बड़ा सीक्रेट आप अपने बौयफ्रैंड को न बता दें. इस से आप के ही रिश्ते को नुकसान होगा.

तो चलिए जानते हैं, बौयफ्रैंड से कौन सी बातें शेयर न करें :

परिवार से जुड़ा सीक्रेट

आप अपने बौयफ्रैंड से भले ही कितना प्यार करती हों, लेकिन उस से अपने परिवार से जुड़ी सीक्रेट न बताएं. कई बार हम अपनी ही फैमिली में किसी को पसंद नहीं करते हैं. कई बार लड़कियां इमोशनल हो कर इस तरह की बातें अपने बौयफ्रैंड से शेयर कर देती हैं. लेकिन बाद में उन्हें पछताना पड़ता है. जब किसी तीसरे व्यक्ति को यह सब पता चलता है तो कपल के बीच झगड़े होने लगते हैं.

बैंक अकाउंट की जानकारी

बौयफ्रैंड पर भरोसा करना सही है, पर कई बार कुछ लड़कियां जानेअनजाने अपने बैंक की भी सारी जानकारी बौयफ्रैंड को दे देती हैं. इस से बैंक अकाउंट का एक्सैस उन के पास आ जाता है. लड़कियों को ध्यान रखना चाहिए कि कई बार इस से फ्रौड या ठगी की संभावना बढ़ जाती है. इसलिए बेहतर है कि बौयफ्रैंड को बैंक से जुड़ी हुई जानकारी न बताएं.

अपनी कमजोरियों को न करें जाहिर

हर व्यक्ति के अंदर कुछ न कुछ कमजोरियां होती हैं. कई बार लड़कियां इतनी इमोशनल हो जाती हैं कि बिना सोचेसमझे वे अपने बौयफ्रैंड से अपनी वीकनैस को भी बता देती हैं. कई बार लड़के इस का फायदा उठाते हैं और अपनी गर्लफ्रैंड का ही इस्तेमाल करने लगते हैं.

दोस्त की बीवी मुझ से संबंध बनाना चाहती है…

अगर आपकी भी ऐसी ही कोई समस्या है, तो ये लेख अंत तक जरूर पढ़ें…

सवाल

मुझे अपने कलिग से अच्छी दोस्ती हो गई और हमारी यह दोस्ती पारिवारिक भी होती जा रही है. वह भी अपनी पत्नी और बच्चों के साथ रहता है और मेरी भी कुछ दिनों पहले ही शादी हुई है, तो मैं भी अपने पत्नी के साथ रहता हूं. हम दोनों का अकसर एकदूसरे के घर आनाजाना लगा रहता है.

मेरे दोस्त की पत्नी 2 बच्चों की मां है, लेकिन उस ने अपने फिगर को बहुत खूबसूरती से मैंटेन किया है. वह जिम भी जाती है. वह दिखने में बहुत खूबसूरत है. अभी कुछ दिनों पहले मेरी पत्नी मायके गई थी। ऐसे में मैं रात का खाना खाने अपने दोस्त के घर गया था. जब मैं उस के घर गया तो भाभीजी ने मुझे खाना खिलाया। मेरा दोस्त कहीं बाहर गया था. किचन में कुछ सामान गिरने की आवाज आई. मैं इसी बहाने भाभीजी के करीब गया. वह मना नहीं की और हम दोनों बच्चों से छिप कर एक कमरे में चले गए। भाभीजी ने बताया कि पति को घर आने में समय लगेगा. मैं ने उन्हें किस किया.

मैं इंटिमेट होने के लिए फोरप्ले कर ही रहा था कि तभी दरवाजे की घंटी बजी. हम दोनों चौंक गए और खुद को संभाला. भाभीजी तो कमरे से बाहर निकल कर दरवाजा खोलने चली गईं, मैं अभी कमरे से बाहर जा ही रहा था कि मेरे दोस्त ने मुझे देख लिया, लेकिन उसे शक नहीं हुआ. उस ने बस इतना ही पूछा कि मेरा कमरा कैसा लगा? मैं ने बात बनाते हुए कहा कि भाभीजी ने कमरे को काफी अच्छे तरीके से सजाया है. वह भी बस मुझे ही देखे जा रही थी.

अब जब भी मैं दोस्त के घर जाता हूं मेरी निगाहें भाभीजी पर होती हैं। वे भी उसी निगाह से मुझे देखती हैं. मेरी पत्नी भी मेरे पास आ गई है. मैं जब भी उस के साथ सैक्स करता हूं तो मुझे भाभीजी की याद आती है. सोचता हूं कि कब मैं अपनी अधूरी इच्छा पूरी कर पाऊंगा. इसी वजह से किसी भी काम में मन नहीं लगता. आप ही बताएं मैं क्या करूं?

जवाब

देखिए, आप शादीशुदा हैं और जिस महिला से आप संबंध बनाना चाहते हैं, वह आप के दोस्त की पत्नी है जिस के 2 बच्चे भी हैं. कोई भी किसी के प्रति आकर्षित हो सकता है, लेकिन शादीशुदा जिंदगी को अनदेखा कर अपने सुख के लिए मन में ऐसी इच्छा पालना गलत साबित हो सकता है.

अभी आप की नईनई शादी हुई है. आप की पत्नी को आप से ढेर सारी उम्मीदें होंगी. ऐसे में आप अपनी पत्नी को प्यार और सम्मान दें. उन की इच्छाओं को पूरी करें. आप कहीं घूमने जाएं। जो प्यार आप अपने दोस्त की पत्नी को देना चाहते हैं, वह प्यार आप अपनी पत्नी को दें. इस से आप की भी जिंदगी बेहतर होगी और दोनों दोस्त का घर भी टूटने से बच जाएगा.

व्हाट्सऐप मैसेज या व्हाट्सऐप औडियो से अपनी समस्या इस नम्बर पर 9650966493 भेजें. 

 हमें इस ईमेल आईडी पर भेज सकते हैं- submit.rachna@delhipress.biz   सब्जेक्ट में लिखे…  गृहशोभा-व्यक्तिगत समस्याएं/ Personal Problem

रिश्ते को बिगाड़ने का काम करते हैं ये झूठ, ‘हैसियत के मामले में बढ़ाचढ़ा कर न बोलें’

मेहनती युवती सावी के साथ अजीब सी बात हुई. उस ने नए दफ्तर के अपने सहकर्मी सौनिक को अपने बारे में बस यही बताया था कि उस का किसी भी पुरुष से कोई संबंध नहीं रहा. न कोई मित्रता न कुछ और. मगर दफ्तर की ही एक पार्टी मे सब खुलासा हो गया. सावी का ऐक्स बौयफ्रैंड वहां किसी के संग आया और जरा सी पी कर बहक गया. बहुत कुछ कह गया.

यह सच सुन कर सौनिक को इतना सदमा लगा कि वह 2 दिन दफ्तर नहीं आया. सावी का झूठ उस से सहन न हुआ. सौनिक ने बाद में उस से कहा कि सावी हम सब इंसान हैं. महिला का अगर एक पुरुष मित्र है तो यह होना स्वाभाविक है. मगर ?ाठ बोलना नहीं. एक ?ाठ वह भी इतनी सफाई से. मैं तुम्हें अपनी अचछी दोस्त मानने लगा था. आगे की भी योजना थी. मन की बात कहनी थी. मगर अब नहीं. सावी खुद भी सौनिक को अपना हमसफर बनाना चाहती थी मगर ?ाठ ने सब बिगाड़ दिया.

तकि भविष्य में दिक्कत न हो

सावी की ही तरह अगर आप का किसी और के साथ अफेयर है तो अपने नए पार्टनर को इस के बारे में अवश्य बता दें और अगर आप शादी के बंधन में बंधने वाले हैं तो शादी से पहले जरूर बता दें वरना भविष्य में कोई बड़ी दिक्कत हो सकती है. आजकल सोशल मीडिया सब उगल देता है.

रिश्ते हमेशा विश्वास पर टिके होते हैं और अगर हम उस में झूठ बोलने लगते हैं तो रिश्तों में खटास आना शुरू हो जाती है, इसलिए कहा जाता है कि कभी भी रिश्ते में झूठ नहीं बोलना चाहिए. वैसे तो किसी भी रिश्ते को बनाने के लिए ?ाठ बोलना ठीक नहीं है लेकिन कई ऐसे झूठ होते हैं जोकि बिलकुल नहीं बोलने चाहिए. इस से एक बार तो रिश्ते बन जाते हैं, लेकिन बाद में बड़ी मुश्किल हो जाती है.

इसी तरह कभी भी पैसों को ले कर कोई ?ाठ न बोलें. वित्तीय हैसियत से संबंधित झूठ दिखाना भी गलत है. कई लोग पैसों को ले कर कहते हैं कि मैं बहुत अमीर हूं और मेरे पास इतना पैसा है कि मेरी 7 पीढि़यां बैठ कर खा सकती हैं. मोनिका ने अपने मंगेतर को अपनी तनख्वाह बढ़चढ़ कर बताई. मगर जब खुलासा हुआ कि मोनिका की क्व50 हजार नहीं क्व30 हजार ही कमाई है तो दोनों के बीच कड़वाहट बढ़ती गई.

हैसियत के मामले में झूठ न बोलें

युवकों को भी यह याद रखना चाहिए कि पैसों के जरीए लड़कियों को आकर्षित करना बेकार है और इस पैतरे से केवल लालची लड़कियां आप के करीब आएंगी. अगर आप सच में किसी से रिश्ता जोड़ना चाहते हैं तो हैसियत के मामले में ?ाठ न बोलें.

परिवार को ले कर ?ाठ. कई बार हम किसी से रिश्ते बनाने के लिए कुछ ज्यादा ही झूठ बोल देते हैं. परिवार से जुड़े सच के बारे में कुछ दिनों बाद तो पता चल ही जाता है, इसलिए कभी भी ऐसा न करें. जब किसी को बाद में पता चलता है तो पार्टनर के लिए विश्वास कम हो जाता है, जोकि बहुत गलत है.

बीमारी से जुड़ा ?ाठ भी बहुत बुरा है. अनुजा को विवाह से कुछ समय पहले टीबी हुई थी. मगर उस ने ससुराल में नहीं बताया. जब उस के पति को टीबी हुई तब उस का बीमारी से जुड़ा झूठ सामने आया.

यह बताना भी जरूरी

बीमारियां कभीकभी जिंदगीभर तक जुड़ी रहती हैं. अत: यदि आप किसी ऐसी बीमारी से पीडि़त हैं जो पीढ़ी दर पीढ़ी चली आ रही है तो अपने पार्टनर को इस के बारे में बताना बेहद जरूरी है.

कभीकभी ?ाठ बोलना ठीक होता है. मान लीजिए किसी का भला हो रहा है तो फिर भी वह ?ाठ सहन किया जा सकता है लेकिन अगर आप हर बात पर झूठ बोलेंगे तो पार्टनर के मन पर गलत असर पड़ेगा.

धीरेधीरे शायद वह आप की किसी बात पर विश्वास न करे और हर बात की पहले पड़ताल करे. इसलिए कभी ऐसा न करें. जिस रिश्ते की बुनियाद झूठ पर रखी गई हो वह रिश्ता ज्यादा देर तक नहीं चलता है.

रिश्तों की गणित में अप्लाई करें 3+1 रूल, जिंदगीभर निभाना है साथ तो ये आएगा काम

अखिल को अक्सर घर काटने को दौड़ता पत्नी बच्चे सब पराएपराए से लगते थे. उसका मन करता,घर से कहीं बाहर निकल जाये और सड़कों पर तब तक घूमता रहे,जब तक थक कर टूट न जाए और फिर घर लौटकर आये तो गहरी नींद सो जाए,ताकि उसकी पत्नी के ऊंचे बोलने की आवाज और बच्चों की चिल्लपे उसे सुनाई ही न दें. उसे लगता उसके अपने परिवार के लोग ही उसके सबसे बड़े दुश्मन हैं. उसके परिवार ने ही उसकी सुख शांति छीन ली है .

उसे अपने मित्र समर से ईर्ष्या होती. सोचता कितनी सुशिक्षित,और सभ्य पत्नी मिली है समर को,जिसकी एक मुस्कान और झलक देखकर ही मन खिल उठता है. फिर सोचता,उसकी पत्नी भी देखने में तो बुरी नहीं है.लेकिन दो बच्चों की मां बनते ही अपनी दुनिया में ऐसे खो गयी है,जैसे और किसी काम से उसका वास्ता ही न हो.थक जाए तो अपनी खीझ बच्चों पर उतारती है.

अखिल ऐसा अनुभव करता , जैसे उसने शादी करके बहुत बड़ी मुसीबत मोल ले ली है. शादी से पहले उसने जो भी सपने देखे थे,वो सब मिट्टी में मिल गये हैं. अब तो मौत ही उसे इस जीवन से छुटकारा दिला सकती है.

समर के समझाने पर अखिल साइकैटरिस्ट से मिला. अखिल ने जब अपने दिल की बात उन से कही तो उन्होंने अखिल को समझाया और फिर जीवन के प्रति अखिल का नजरिया बदल गया. आइए जानते हैं उन्होंने अखिल से क्या कहा.

एक समय था जब शादी को सात जन्मों का बंधन माना जाता था. प्यार के रिश्ते को मरते दम तक निभाने की कसमें खाई जाती थीं. लेकिन आज के समय में प्यार, साथ और अपनेपन के ये रिश्ते बदल गए हैं. अब कपल्स इतने प्रैक्टिकल हो गए हैं कि थोड़ा सा भी मतभेद या मनभेद उनके रिश्ते पर हावी हो जाता है. वे स्थितियों को संभालने की जगह, उनसे पीछा छुड़वाना बेहतर समझते हैं. रिश्ता निभाने की जगह, उससे दूर जाना अच्छा समझते हैं. हालांकि रिश्तों की गणित में अगर आप गुणा और जोड़ करना सीख लें तो जिंदगी बेहतर हो सकती है. ऐसे में सवाल ये है कि क्या कोई ऐसा फार्मूला है, जो प्यार और रिश्ते दोनों को संभाल सके. तो इसका जवाब है, जी हां. यह शानदार फार्मूला है 3+1 रूल.

जानिए क्या है 3+1 का रूल

मशहूर मोटिवेशनल स्पीकर और लेखक साइमन सिनेक ने रिश्तों का यह अनोखा रूल बनाया है. सिनेक का कहना है कि अगर कोई भी कपल चाहे वो पति-पत्नी हो या गर्लफ्रेंड-बौयफ्रैंड 3+1 रूल को फौलो करता है तो रिश्ता निभाने की संभावना काफी हद तक बढ़ जाती है. इस रूल में तीन बातें मुख्य हैं और एक उनका सार है.

भावनात्मक अनुकूलता है जरूरी

कोई भी रिश्ता भावनाओं के बिना अधूरा है. भावनाएं रिश्ते के हरे भरे पेड़ की जड़ों की तरह हैं. ये जड़ें जितनी गहरी और मजबूत होंगी, रिश्तों की हरियाली उतनी ही ज्यादा होगी. इसलिए रिलेशनशिप में पार्टनर्स को एक दूसरे की फीलिंग समझनी चाहिए और उनका सम्मान भी करना चाहिए. साथ ही जरूरत के समय आपस में इमोशनल सपोर्ट भी देना चाहिए. इससे रिश्ते में मजबूती आती है.

बौद्धिक अनुकूलता से बढ़ेगा सम्मान

जब पार्टनर एकदूसरे की महत्वाकांक्षाओं, करियर, गोल्स को समझ कर, उन्हें पाने के लिए साथ कोशिश करते हैं तो ऐसा करना आपके रिश्ते को मजबूती देता है. एक दूसरे से ​कुछ सीखने और कुछ सिखाने की प्रवृति आपके रिश्ते के जोड़ को मजबूती देगी. इससे रिश्ते में हमेशा नयापन बना रहता है. साथ ही सम्मान की भावना भी बढ़ती है.

आकर्षण नहीं नजदीकी पर करें फोकस

रिश्ते में कई बार आकर्षण को लोग प्यार समझ लेते हैं. लेकिन ऐसा रिश्ता लंबे समय तक नहीं चल पाता है. इसलिए रिलेशन में सेक्शुअल कंपैटिबिलिटी होना जरूरी है. एक दूसरे की जरूरतों को समझें, उनका सम्मान करें और इस मुद्दे पर खुलकर बात करें. इससे आपका रिश्ता मजबूत होगा.

यह है सबसे बड़ा गुरु मंत्र

इन तीनों रूल्स के अलावा एक और रूल है, जो रिश्तों के घरोंदे को खूबसूरती देता है. दरअसल, हर कपल की परिस्थितियां, प्राथमिकताएं, समय और जरूरतें अलग-अलग होती हैं. इसलिए ये जरूरी नहीं है कि सब पर एक ही रूल लागू हो. इसलिए +1 रूल की जरूरत है. इसका मतलब है कि आप रिश्ते को अपने अनुसार संभालें और संवारें. एक-दूसरे का साथ देने के साथ ही एक दूसरे का सम्मान करें, प्यार करें और परिस्थितियों को समझने का प्रयास करें.

मेरा बौयफ्रैंड दूसरी लड़की के साथ घूम रहा था, कहीं वह मुझे धोखा तो नहीं दे रहा?

अगर आप भी अपनी समस्या भेजना चाहते हैं, तो इस लेख को अंत तक जरूर पढ़ें..

सवाल

मैं 3 सालों से रिलेशनशिप में हूं, मेरा बौयफ्रैंड जौब करता है, इसलिए वह शहर से बाहर रहता है. मैं पीजी में रहती हूं और वह पहले मुझसे हर हफ्ते मिलने आया करता था लेकिन इधर कुछ दिनों से वह अब मिलने भी नहीं आ रहा है. फोन पर भी हमारी बातें कम होने लगी हैं. मैंने इस बदलाव का कारण भी जानने की कोशिश की, लेकिन उसने यह कह कर मना कर दिया कि उसे औफिस के काम का ज्यादा प्रैशर है.

मैंने उसे बिना बताए दो दिनों की छुट्टी लेकर उससे मिलने उसके शहर गई, वहां उसके औफिस जा ही रही थी कि वह उधर एक लड़की के साथ घूमते दिखाई दिया. मैं वापस अपने शहर चली आई, अब मैं भी उससे कम ही बात करती हूं. लेकिन अंदर से टूटती जा रही हूं. मुझे कभीकभी ये लगता है कि वह कि कहीं वह दूसरे लड़की के साथ रिलेशनशिप में तो नहीं है या फिर वह मुझे धोखा दे रहा है, समझ नहीं आ रहा क्या करूं ? कृपया इस समस्या का कोई समाधान बताएं.

जवाब

कपल्स के बीच दूरियों का कारण है, एकदूसरे को अनदेखा करना.. ये रिश्ते कमजोर होने का सबसे बड़ा कारण है. देखिए आपके बौयफ्रैंड में ये बदलाव अचानक से आए हैं. जैसा कि आपने बताया कि आप अपने बौयफ्रैंड के औफिस तक गई थी, वहां आपने उन्हें एक लड़की के साथ देखा और फिर वापस आ गए. ये आपने गलती की. जब आप वहां गई थी, तो आपको अपने बौयफ्रैंड से मिलना चाहिए.

जरूरी नहीं है कि अगर कोई लड़कालड़की साथ में घूम रहे हैं, तो वो दोनों रिलेशनशिप में ही हों. आपका 3 साल का रिलेशनशिप है, तो आपको अपने बौयफ्रैंड के मूड के बारे में पता होगा, उसे क्या पसंद और क्या नहीं ? अगर आप अपने रिश्ते को आगे बढ़ाना चाहते हैं , तो आप दोनों मिलकर बात करें, रोमांटिक डेट पर जाएं, अगर ये भी करने से बात नहीं बनती है, तो बेहतर है कि आप ब्रेकअप कर लें. किसी रिश्ते में बने रहने के लिए दोनों को प्रयास करना चाहिए. किसी रिश्ते में घुटघुट कर जीने से बेहतर है, उस रिश्ते को तोड़ देना…

जब बौयफ्रैंड अनदेखा करने लगे

  • अगर आपको लग रहा है कि आपका पार्टनर इग्नोर कर रहा है, तो उसे अपने प्यार का इजहार करें, सरप्राइज गिफ्ट्स दें या डेट पर जाएं.
  • रिश्ते में कम्यूनिकेशन गैप न आने दें.
  • अगर किसी बाते से साथी परेशान है, तो उससे कारण जानने की कोशिश करें और अपनी भी राय दें.
  • ये छोटेछोटे कन्सर्न रिश्ते को मजबूत बनाते हैं.

व्हाट्सऐप मैसेज या व्हाट्सऐप औडियो से अपनी समस्या इस नम्बर पर 9650966493 भेजें.

क्या आपका पार्टनर रहता है चुपचुप सा, तो दिल की बात जानने के लिए अपनाएं ये टिप्स

पति के औफिस से घर आते ही नेहा बहुत ही उत्सुकता से उसे अपने दिनभर की बातें बताने लगती.वहीं उसका पति चुपचाप सब सुनता रहता. धीरेधीरे नेहा की उत्सुकता और जोश भी ठंडा हो गया. वह अपने पति का ये रवैया समझ नहीं पा रही थी. उसे लगने लगा कि उसका पति उसे पसंद नहीं करता. लेकिन जरूरी नहीं है कि ऐसा ही हो. दरअसल, नेहा का ​पति स्वभाव से चुप रहने वाला है. वह बहुत ही कम बोलता है. इसका मतलब ये नहीं है कि वह गुस्सा है या उससे प्यार नहीं करता. आइए जानते हैं क्या है साइलेंट पर्सनैलिटी-

क्या है साइलैंट पर्सनैलिटी

हर किसी की पर्सनैलिटी अलग होती है.कोई खुलकर बात करता है तो कोई चुप रहकर ही अपनी भावनाओं का एहसास करवाता है.लेकिन जब बात पार्टनरशिप यानी शादी की आती है तो चुप रहना कभीकभी अजीब स्थिति पैदा कर सकता है.अगर आपके पति अक्सर चुप रहते हैं तो स्थिति और भी विकट हो जाती है.पति का चुप रहना पत्नी के लिए किसी बड़ी चुनौती से कम नहीं है.कई बार पत्नी अपने आपको अलगथलग महसूस करने लगती है. नए माहौल में एडजस्ट करना उसके लिए और भी मुश्किल हो जाता है.अगर आपके पति भी अक्सर चुप रहते हैं या बहुत कम बोलते हैं तो कुछ बातों का ध्यान रखना जरूरी है.

रिश्ता खराब कर सकती है चुप्पी

दरअसल, चुप रहने का मतलब सिर्फ कम बातें करना ही नहीं है.बल्कि ऐसे लोगों की भावनाओं को समझना भी काफी मुश्किल होता है.पति की चुप्पी को अक्सर पत्नी उदासीनता समझ लेती है.यह उसके लिए बहुत ही दुखी करने वाला एहसास होता है.कभी-कभी ये चुप्पी आपके रिश्ते को भी खराब कर सकती है.

चुप्पी के पीछे मनोवैज्ञानिक कारण

आपने देखा होगा कि चुप रहने का स्वभाव महिलाओं के मुकाबले पुरुषों में अधिक होता है.इसका बहुत बड़ा कारण है हमारी सामाजिक कंडीशनिंग.भारत में खासतौर पर बच्चे को बचपन से ही अपनी भावनाएं दबाना सिखाया जाता है.आपने भी अक्सर सुना होगा, लड़के रोते नहीं हैं…, लड़के ऐसी बातें नहीं करते…, तुम लड़के हो क्या बात-बात पर इमोशनल होते हो…ये बातें बहुत ही आम हैं.लेकिन ये रूढ़िवादी सोच बच्चों को अपनी भावनाएं दबाना सिखा देती हैं.ऐसे में बच्चे बचपन से ही चुप रहना सीख जाते हैं.उन्हें लगता है कि अगर वे अपनी भावनाएं किसी को बताएंगे तो उसकी बेइज्जती होगी.यही उनके जीने का तरीका बन जाता है.कई शोध भी इस बात को स्वीकारते हैं कि कुछ पुरुष अपने विचारों और भावनाओं को बताने के लिए शब्द ही नहीं खोज पाते हैं और चुप रहने लगते हैं.इसका यह मतलब बिलकुल नहीं है कि वे किसी से प्यार नहीं करते.

ऐसे तोड़ें चुप्पी की दीवार

अगर आपके हसबैंड भी अक्सर चुप रहते हैं और अपनी भावनाएं बता नहीं पाते तो कुछ तरीके आपके काम आ सकते हैं.

1. बनाएं अपना संसार

मान लिया कि आपके पति चुप रहते हैं, लेकिन आप उन्हें बातें करने के लिए प्रोत्साहित करें.सबसे बेहतर है कि आप अपने पार्टनर को ऐसा माहौल दें जहां वो दिल खोलकर अपनी बातें आपसे कर सके.इस जगह पर उन्हें​ झिझक महसूस न हो.एक ऐसी जगह जहां उन्हें ये डर न हो कि कोई उन्हें सुनेगा तो क्या कहेगा.

2 . बिना बोले समझें बातें

सच्चा साथी वो है जो बिना बोले अपने पार्टनर की बात समझ जाए.अगर आपका पार्टनर चुप रहता है तो भी आप उनके चेहरे और हावभाव से उसकी फीलिंग्स समझने का प्रयास करें.उनके हर काम की सराहना करें.जिससे उनमें कौन्फिडेंस आएगा. धीरेधीरे ही सही वो आपसे बातें करने लगेंगा.

3. चमत्कार की उम्मीद न करें

बचपन से जो बातें बच्चों को बताई या सिखाई जाती हैं वो उनमें गहराई तक समाहित हो जाती हैं.दिल के किसी कोने में सालों से जमी इन जड़ों को हिलाने में समय लग सकता है.ऐसे में आप चमत्कार की उम्मीद न करें.धैर्य के साथ आप अपनी कोशिशे जारी रखें.एक न एक दिन आपके प्यार की जीत जरूर होगी.

रिश्ते निभाने के लिए जज्बात जरूरी या पैसा

रिश्ते को निभाने के लिए प्यार जरूरी है या पैसे? कई लोग प्यार में अपनी सारी दौलत लुटा देते हैं तो कुछ लोग अपने प्यार को ही लूट लेते हैं. कई लोग मानते हैं कि जीवन में मजबूत रिश्तों के लिए प्यार जरूरी है जबकि सच यह है कि पैसे की वजह से कई सालों के रिश्ते टूट जाते हैं.

हाल ही में मिशिगन और टैक्सास यूनिवर्सिटी के शोधकर्ताओं ने मिल कर रिश्ते निभाने के लिए प्यार या पैसा क्या ज्यादा जरूरी है इस विषय पर रिसर्च की. इस रिसर्च के अनुसार जो लोग पैसे को ज्यादा महत्त्व देते हैं यानी जो लोग अपनी कमाई पर फोकस रखते हैं वे रिश्तों को मजबूत नहीं बना पाते. ऐसे लोगों की अपने साथी से अच्छी बौंडिंग भी नहीं बन पाती. इस वजह से वे अपने पार्टनर से दूर हो जाते हैं.

इस स्टडी के लिए शोधकर्ताओं ने 434 ऐसे लोगों को शामिल किया जो शादीशुदा या रिलेशनशिप में थे और लंबे समय से एकदूसरे के साथ रह रहे थे. इस रिसर्च में इन जोड़ों से इस बारे में बात की गई कि ऐसी कौन सी बातें हैं जिन पर दोनों की नहीं बनती? ऐसा कबकब हुआ जब वे पार्टनर के साथ सहमत नहीं थे? इस स्टडी के लिए इन कपल्स को फाइनैंशियल सक्सैस के बारे में पढ़ने के लिए दिया गया.

शोध में खुलासा

शोध में यह बात सामने आई कि जो लोग पैसे पर ज्यादा ध्यान देते हैं वे अपने पार्टनर को कहीं न कहीं अनदेखा करते हैं यानी उन का फोकस साथी पर नहीं होता. इस वजह से दोनों में दूरी बन जाती है. दरअसल, जो लोग दिनभर पैसापैसा करते हैं वे अपने लाइफ पार्टनर से बात करते समय भी पैसे के हिसाबकिताब या सेविंग्स और इनवैस्टमैंट की ही बात उठाते हैं.

वैसे तो जिंदगी में पैसा भी जरूरी है लेकिन आप कमाते किस के लिए हैं? जब आप की जिंदगी में सुकून ही नहीं है, आप के पैसे की भूख मिटती नहीं है और इस आदत की वजह से आप का पार्टनर आप से चिढ़ने लगता है. आप दोनों में दूरी कब आ जाती है पता भी नहीं चलता. आप को पैसा चाहिए लेकिन आप के पार्टनर को आप का समय चाहिए. एक अच्छी जिंदगी के लिए आखिर कितना पैसा चाहिए होता है?

‘जिंदगी न मिलेगी दोबारा’ फिल्म में ऋतिक रोशन ऐसा ही एक किरदार निभाता है जिस में वह पैसों के लिए जी रहा है. उस का पार्टनर से रिश्ता टूट जाता है और तब कैटरीना उस की लाइफ में आती है. वह ऋतिक को पैसों के बजाय रिश्तों और सुकून के महत्त्व का एहसास दिलाती है.

क्या जरूरी

पैसा या प्यार इस बारे में मिशिगन के असिस्टैंट प्रोफैसर और साइकोलौजिस्ट देबोराह ई वार्ड का कहना है कि आप का प्यार तब आप से दूर हो सकता है जब आप फाइनैंशियल सक्सैस को ही अपनी प्राथमिकता बना लेते हैं.

साधारण भाषा में कहा जाए तो जब प्यार से ज्यादा पैसे को अहमियत देते हैं तो रिश्ता तो वैसे ही टूट जाता है. कई बार देखने में आता है कि लोग पैसे के पीछे इतने पागल होते हैं कि अपने प्यार को ही छोड़ देते हैं.

कुछ लोग यह मानते हैं कि जो सुकून प्यार में है वह पैसे में कहां. आप पैसे से सबकुछ खरीद सकते हैं लेकिन प्यार नहीं. अगर आप का प्यार साथ है तो आप वह सब पा सकते हैं जो चाहते हैं. जबकि कुछ लोग यह मानते हैं कि जब पेट में भूख की आग लगती है तो इंसान सब से पहले प्यार को ही ठोकर मारता है. अगर जेब में पैसा हो तो आप की गर्लफ्रैंड बन सकती है. पैसे से कोई भी चीज खरीदी जा सकती है. वहीं कुछ लोग आज भी पैसे से ज्यादा प्यार और रिश्तों को तवज्जो देते हैं. दरअसल, कुछ लोग दिमाग से सोचते हैं तो कुछ दिल से.

हकीकत यही है कि प्यार जीवन में नई खुशियां ले कर आता है और जब आप दिल से रिश्ते निभाते हो तो जेब खाली हो या भरी इस का कोई फर्क नहीं पड़ता. प्यार से निभाए गए रिश्ते वर्षों बाद भी उतने ही जीवंत और मजबूत रहते हैं जबकि पैसों से खरीदे गए रिश्ते एक चोट से टूट जाते हैं.

मनोज कुमार और श्रद्धा का मजबूत प्यार

2023 में आई विधु विनोद चोपड़ा की फिल्म ‘12वीं फेल’ दरअसल गरीबी को मात दे कर आईपीएस अधिकारी बने मनोज कुमार शर्मा और आईआरएस अधिकारी श्रद्धा जोशी के प्यार और सफलता की कहानी है. इस फिल्म के बाद आईपीएस मनोज शर्मा और उन की पत्नी श्रद्धा जोशी की जोड़ी दुनियाभर में मशहूर हो गई. इन की प्रेम कहानी ऐसी ही है जिस में खाली जेब के बावजूद रिश्ते को बड़ी खूबसूरती से निभाया गया.

दरअसल, मनोज कुमार शर्मा और श्रद्धा जोशी के परिवारों की आर्थिक स्थिति में जमीनआसमान का फर्क था. मध्य प्रदेश के मुरैना जिले के रहने वाले मनोज 12वीं क्लास में फेल हो गए थे लेकिन खुद पर भरोसा था. पढ़ाई के दौरान उन्हें जीवन में चल रहे कई संघर्षों से लड़ना पड़ा था. इन में सब से बड़ा संघर्ष था आर्थिक संकट. उस दौरान उन के सिर पर छत तक नहीं थी, जिस वजह से उन्हें भिखारियों के साथ भी सोना पड़ा था. मनोज शर्मा की स्थिति इतनी खराब थी कि उन्हें चाय की दुकान से ले कर आटा चक्की पर काम करना पड़ा था.

पैसे कमाने के लिए उन्होंने ग्वालियर में टैंपो चलाने से ले कर दिल्ली में लाइब्रेरी के चपरासी तक का काम किया. लाइब्रेरी में काम करते हुए मनोज ने कई मशहूर लेखकों की किताबें पढ़ीं और उन की लिखी बातों पर अमल किया.

इन की जिंदगी ऐसी फिल्म की तरह रही जिस में प्यार की भी अहम भूमिका थी.

दरअसल, मनोज अपनी ही क्लास की लड़की श्रद्धा पर दिल हार बैठे थे. उन के  रास्ते पहली बार दिल्ली के मुखर्जी नगर में एक यूपीएससी कोचिंग सैंटर में मिले. मनोज शर्मा की स्थिति ऐसी थी कि वे मुश्किल से अपना गुजारा कर के दिल्ली में अपनी यूपीएससी की तैयारी के लिए रहते थे, जबकि श्रद्धा अल्मोड़ा के एक मध्यवर्गीय परिवार से आती थी.

मनोज शर्मा जानते थे कि श्रद्धा एक ‘टी लवर’ है. वह पहाड़ी इलाके की रहने वाली है और इसीलिए चाय में उस का दिल बस्ता है. अत: मनोज ने उस के लिए चाय बनानी सीखी और अकसर उस के लिए चाय बना कर उसे इंप्रैस करने की कोशिशें करते.

एक दिन उन्होंने अपने दिल की बात उस के सामने रख दी. उन्होंने उस से इस बात का वादा किया कि अगर वह उन का प्रेम प्रस्ताव स्वीकार कर लेती है और उन का साथ देती है तो वे पूरी दुनिया पलट देंगे. श्रद्धा जोशी ने आईपीएस मनोज शर्मा से न तो उन की हैसियत देख कर प्यार किया था और न ही उन का चेहरा देख कर. उन्हें मनोज शर्मा के गुणों से, उन की ईमानदारी से और उन के जनून से प्यार था. बाद में मनोज ने खूब मेहनत की और अपनी कही हर बात को सच कर दिखाया. यूपीएससी ऐग्जाम क्लीयर करने के बाद मनोज कुमार शर्मा 2005 बैच के महाराष्ट्र कैडर से आईपीएस बने.

मनोज और श्रद्धा की लव स्टोरी में कई बाधाएं थीं लेकिन उन सब के बावजूद इन दोनों ने कभी एकदूसरे का साथ नहीं छोड़ा जिस का परिणाम यह था कि दोनों के परिवार उन के रिश्ते के लिए मान गए और ये दोनों शादी के अटूट बंधन में बंध गए.

इस तरह यह एक छोटी सी प्रेम कहानी है जिस में नायक के पास पैसों का अभाव है फिर भी दिल से किए गए अपने छोटेछोटे प्रयासों के सहारे वह अपना प्यार उम्रभर के लिए पा लेता है.  इसीलिए कहते हैं रिश्ता निभाने के लिए पैसे नहीं सच्ची भावना की जरूरत होती है.

क्या है प्यार

प्यार क्या है? कुछ खूबसूरत पल साथ बिताना, किसी के लिए जबरदस्त आकर्षण महसूस करना, किसी पर पूरा भरोसा करना, उस का साथ देना, किसी भी हालत में उस का हाथ न छोड़ना, किसी को खुद से ज्यादा अहमियत देना, उस के साथ पूरी उम्र गुजारने के सपने देखना, उसे तकलीफ में देख कर दर्द महसूस करना, उसे हर मुसीबत से बचाना और उसे अपनी जिंदगी का हिस्सा बनाना इन्हीं एहसासों को तो प्यार कहते हैं.

प्यार एक ऐसा एहसास है जिस से हर परिस्थिति में इंसान को सुकून पहुंचता है. प्यार में डूबे इंसान के लिए इस दुनिया में अगर कुछ हसीन और दिलचस्प होता है तो वह है सिर्फ उस का महबूब. इस की कैफियत ही ऐसी है जो हर किसी को दीवाना बना देती है. जब प्यार की ताकत आप के साथ है तो जमाने की परवाह या पैसों की कमी भी कोई खलल नहीं डाल पाती.

फिल्मी दुनिया में भी ऐसे कई सितारे हैं जिन्होंने जाति, धर्म या दौलत से परे हो कर बस रिश्ता निभाया. बौलीवुड के शाहरुख खान भी उन्हीं में से एक हैं. शाहरुख खान और गौरी खान की जोड़ी बौलीवुड इंडस्ट्री में सब से सफल जोडि़यों में एक है. उन्होंने अपने रिश्ते को निभाने के लिए कोई कोरकसर नहीं छोड़ी जबकि उस समय उन के पास इतनी दौलत भी नहीं थी. गौरी को अपनी जिंदगी में लाने के लिए शाहरुख को खूब पापड़ बेलने पड़े. शाहरुख ने गौरी से उस समय शादी की थी जब वे बौलीवुड इंडस्ट्री में नए आए थे और यहां अपने पांव जमाने के लिए संघर्ष कर रहे थे.

गौरी के प्यार में पड़े थे शाहरुख

शाहरुख की फिल्म ‘ओम शांति ओम’ का एक डायलौग है कि अगर किसी चीज को पूरी शिद्दत के साथ चाहो तो पूरी कायनात आप को उस से मिलाने की कोशिश में लग जाती है. यही बात शाहरुख के निजी जीवन में भी लागू होती है. गौरी को अपना बनाने के लिए शाहरुख ने पूरी शिद्दत से कोशिश की थी. जब शाहरुख खान गौरी के प्यार में पड़े थे तो उन की उम्र 18 साल थी और गौरी की उम्र 14 साल थी.

बात 1984 की है जब दिल्ली के पंचशील नगर के एक क्लब में पार्टी चल रही थी, जिस में शाहरुख की नजर गौरी पर पड़ी. उस के बाद वे उन्हें बस देखते ही रह गए, गौरी को देखते ही पहली नजर में शाहरुख को प्यार हो गया. बाद में शाहरुख गौरी का फोन नंबर पाने में सफल हुए और दोनों के बीच बातचीत शुरू हुई.

दोनों एकदूसरे के करीब आने लगे. साथ में समय बिताना उन्हें अच्छा लगने लगा. उन्होंने लौंग ड्राइव पर भी जाना शुरू कर दिया. एक दिन शाहरुख ने गौरी को प्रपोज भी कर दिया. उस समय शाहरुख के पास न तो ज्यादा काम था और न ही पैसा. कहा जाता है कि शाहरुख ने अपनी शादी के वक्त जो शूट पहना था उसे उन्होंने अपनी फिल्म ‘राजू बन गया जैंटलमैन’ के सैट से भाड़े पर लिया था. शाहरुख ने एक इंटरव्यू में बताया था कि शादी के वक्त वे काफी गरीब थे. गौरी भी मिडल क्लास फैमिली से आती थीं. हर किसी की तरह उन्होंने भी गौरी से कई वादे किए और कहा कि शादी के बाद मैं उन्हें पैरिस घुमाने के लिए ले जाऊंगा और ऐफिल टावर दिखाऊंगा. लेकिन उस समय शाहरुख के पास उन्हें घुमाने के लिए इतने पैसे नहीं थे कि वे टिकट खरीद पाते. मगर जज्बात जरूर सच्चे थे. यही सचाई गौरी को पसंद थी.

जब दोनों एकदूसरे के प्यार में पड़े तब गौरी शाहरुख के फिल्मी कैरियर को ले कर थोड़ा असमंजस की स्थिति में थीं. साथ ही उन्हें शाहरुख पर भरोसा भी था कि वे सफलता की ऊंचाइयों पर जरूर पहुंचेंगे. शादी से पहले उन के रिश्ते को कई उतारचढ़ाव का भी सामना करना पड़ा लेकिन इस से उन के प्यार पर कोई असर नहीं पड़ा. दोनों का प्यार आज तक कम नहीं हुआ.

प्यार ऐसा ही होता है. प्यार की भाषा आंखों से पढ़ी जाती है, दिल की बढ़ती धड़कनों से महसूस की जाती है और अपनेपन के स्पर्श से इस की सचाई का विश्वास दिलाया जाता है. जबान या पैसों की जरूरत ही नहीं होती. जज्बात सीधा दिल तक पहुंचते हैं. प्यार का एहसास दिलाने के लिए इंसान का बहुत धनी होना जरूरी नहीं. कम पैसों में भी इस की गरमाहट महसूस हो जाती है.

जरूरी नहीं कि मैक्डोनाल्ड या कैफे कैफिटेरिया में बैठ कर 2-3 सौ की कौफी ही पी जाए. गली के कौर्नर में लगी रेहड़ी से 5-10 रुपए की चाय पीते हुए भी आंखों से वही प्यार बरसता है और भीगे मौसम में अपने प्रिय के साथ गरम चाय की चुसकियों में भी वही आनंद आता है. अगर आप अपने घर में हैं और आप का साथी अपने हाथों से गरम चाय और पकौड़े बना कर लाए तो उस में जो प्यार भरा स्वाद होगा वह बड़े से बड़े रैस्टोरैंट में हजारों खर्च कर के भी नहीं मिल सकता.

प्यार के लिए जज्बात अहम

प्यार के लिए पैसे नहीं जज्बात अहम हैं. आप किसी के लिए क्या फील करते हैं, उस का कितना साथ देते हैं, उसे कैसे प्रोटैक्ट करते हैं, उसे कितना खुश रखते हैं, उस की छोटीबड़ी खुशियों की कितनी परवाह करते हैं, उस के बारे में कितना सोचते हैं. बस प्यार जताने का तरीका मालूम होना चाहिए.

चाय हो या कौफी अगर बिल आप दे रहे हैं, घर हो या होस्टल उन के लिए आप नाश्ता बना कर ला रहे हैं, भीड़ हो या तनहाई आप उन्हें सब से अलग महसूस करा रहे हैं, अमीर हों या गरीब आप अपना सबकुछ उन को देने को तैयार हैं, रात हो या दिन आप हर समय उन के लिए मौजूद हैं और जमाना हां कहे या न कहे आप उन के साथ ही जीने की तमन्ना रखते हैं तो फिर किसी को और क्या चाहिए? प्यार तो बस इन्हीं छोटीछोटी बातों में ?ालकता है.

जरा कल्पना कीजिए किसी छोटे से रिकशे या औटो में आप दोनों एकदूसरे का हाथ थामे बैठे बातें करने में मशगूल अपने लक्ष्य की तरफ बढ़ रहे हों वह ज्यादा रोमांटिक है या फिर एक बड़ी सी गाड़ी में वह आगे और आप पीछे की सीट पर मोबाइल की स्क्रीन स्क्रौल कर रही हों वह रोमांटिक है? जाहिर है प्यार हो तो कोई भी सस्ता से सस्ता वाहन और कोई भी पथरीला रास्ता खूबसूरत हो जाता है. मगर इस के बिना केवल मन में सूनापन और आपस में बेगानापन ही आता है. भले ही आप के पास कितनी बड़ी गाड़ी क्यों न हो.

कुछ बातें जो किसी भी रिश्ते को मजबूत बनाने के लिए जरूरी हैं:

भावनात्मक जुड़ाव: भावनात्मक जुड़ाव बनाना एक नई भाषा सीखने जैसा है जिसे आप दिल की भाषा भी कह सकते हैं. एक मजबूत रिश्ते में पार्टनर एकदूसरे के साथ भावनात्मक रूप से जुड़े होते हैं. वे खुद को और ज्यादा सुरक्षित मानने लगते हैं जहां प्रत्येक व्यक्ति अपनी भावनाओं को खुल कर व्यक्त कर सकता है और इस बात पर उसे भरोसा होता है कि सामने वाला उसे सम?ोगा और स्वीकार करेगा. यह भावनात्मक जुड़ाव रिश्ते को पोषित करता है.

रिश्ते में विश्वास: 2 इंसान जब आपस में मिलते हैं तो उन के बीच विश्वास ही ऐसी डोर होती है जो उन को आपस में जोड़े रखती है. इसी से रिश्ते में भरोसा कायम होता है और यह एहसास होता है कि हालात कैसे भी हों सामने वाला बदलेगा नहीं. इस का संबंध पैसों से नहीं बल्कि केवल व्यक्ति की फितरत से होता है. ऐसे कितने ही अच्छे से अच्छे पैसे वाले लोग हैं जो रिश्तों में विश्वास कायम नहीं रख सके और उन्हें तलाक की त्रासदी से गुजरना पड़ा. सुपर स्टार ऋतिक को ही लीजिए कहीं न कहीं उन के और सुजैन के रिश्ते में विश्वास की ही कमी थी जो उन्हें अलग होना पड़ा.

आपसी समझ: परिस्थिति कैसी भी हो आप को अपने पार्टनर को सम?ाना पड़ेगा. उस के व्यवहार में कोई बदलाव आया है तो उस की कोई वजह होगी. वह आप से कुछ नहीं कह रहा है मगर कोई बात उस के मन में हो सकती है. उसे कोई परेशानी है तो आप ही अपनी सम?ा से उस का निदान खोज सकते हैं. जो इंसान दिल से रिश्ते निभाते हैं वे पार्टनर के कहने से पहले उस की दिल की बातें सम?ा लेते हैं.

कंप्रोमाइज करने का जज्बा: रिश्ते तभी जिंदगीभर चलते हैं जब पार्टनर एकदूसरे के लिए कंप्रोमाइज करने से हिचकते नहीं. कई मौके ऐसे आते हैं जब आप को सम?ाते करने होते हैं. मसलन, प्रैगनैंसी के समय और उस के बाद पत्नी जौब छोड़ती है या छुट्टी लेती है. उस समय पति भी कंप्रोमाइज करते हुए 2-3 महीने की छुट्टी ले सकते हैं ताकि पत्नी को जौब न छोड़नी पड़े. इसी तरह अगर किसी पार्टनर का रिश्तेदार बीमार है तो दूसरे को इस दरम्यान सम?ाते करने चाहिए. पार्टनर के साथ सही रिश्ता बनाए रखने के लिए उस की पसंदनापसंद के अनुसार खुद को ढालना भी सम?ाता ही है.

हर हालत में मुहब्बत: जिंदगी में कब क्या हो इस का भरोसा नहीं होता. पार्टनर बीमार हो जाए, चोट लगने से चेहरा खराब हो जाए, उसकी नौकरी छूट जाए या कोई और समस्या आ जाए तो ऐसे में पार्टनर के साथ हिम्मत से खड़े रहने और साथ निभाने को प्यार कहते हैं. हालात कुछ भी हों मुहब्बत कम न हो. तभी पार्टनर भी आप के साथ उम्रभर के मजबूत रिश्ते से बंध जाएगा. बुरे दिनों में दिया गया यह साथ अच्छे दिनों में रिश्ते को अधिक सुकून और कौन्फिडैंस देता है.

दूरी से भी प्यार में कमी नहीं: कई दफा जौब के सिलसिले में पार्टनर्स के बीच दूरी आ जाती है. यह भी संभव है कि उन्हें अलगअलग शहरों में रहना पड़े. ऐसे में भी प्यार की कशिश कम न हो इस के लिए लगातार संपर्क में रहना और बेवफाई का विचार भी दिल में नहीं आने देना चाहिए क्योंकि आप दूर हों या पास कोई बात छिपती नहीं है.आजकल वैसे भी फोन और व्हाट्सऐप की दुनिया में कनैक्टेड रहना बहुत आसान है.

एक जनून जरूरी: प्यार जनून का ही दूसरा नाम है. इसलिए रिश्ते निभाने हैं तो अपनी चाहत को जनून में तबदील करें और पार्टनर की खातिर किसी से भी लड़ने को तैयार रहें. हमेशा अपने रिश्ते में जोश को जगाए रखने की जरूरत है. दीर्घकालिक रिश्ते ऐसे ही नहीं बन जाते. इस के लिए जनून, उत्साह और समर्पण की आवश्यकता होती है.

एक ही मंजिल हो: जब 2 लोग जीवन में एक ही चीज चाहते हैं यानी उन के जीने का मकसद और मंजिल समान होती है तो रिश्ते निभाने आसान हो जाते हैं. उन की सोच और चाहतें समान होती हैं.

बढ़ रहा है सिंगलहुड का ट्रेंड, जानें इसके फायदे

“प्रांजल बेटा शादी की उम्र हो गई तुम्हारे मम्मी पापा परेशान हो रहे हैं, और तुम हो की शादी के लिए हां ही नहीं करते!”

प्रांजल के दादाजी ने प्रांजल से कहा तो प्रांजल ने जवाब दिया,” ओह दादू छोड़ो पुराने जमाने की बातें . मैं अपनी जिंदगी में खुश हूं . मुझे नहीं बंधना किसी भी बंधन में. घर , गृहस्थी ,परिवार ,बच्चे , क्या मिलता है इन सब के साथ बंध कर? मैं अपनी बेरोक टोक लाइफ जी रहा हूं. मैं ऐसे ही खुश हूं. इसलिए आप मेरी शादी की चिंता छोड़ दें और मम्मी पापा को भी समझा दें.”

प्रांजल के जवाब से उसके दादाजी शौक्ड रह गए. दरअसल, उनके समय में तो बालिग होते ही बच्चों की शादी कर दी जाती थी.

एक समय था जब लोग संयुक्त परिवार में रहते थे. धीरेधीरे एकल परिवारों का चलन बढ़ा और अब नया ट्रेंड है ‘सिंगलहुड’. जी हां, सिंगलहुड वो ट्रेंड है जो जेन जेड को पसंद आने लगा है. इतना ही नहीं अब आधुनिकता के घोड़े पर सवार युवाओं को अपनी मर्जी से अकेले रहना इतना भाने लगा है कि सिंगलहुड के ट्रेंड में दिनोंदिन वृद्धि भी हो रही है. हाल ही में हुए एक शोध में इसे लेकर कई बड़े खुलासे किए गए हैं.

जानिए क्या है सिंगल हुड

एक समय था जब माना जाता था कि जिंदगी में प्यार ही सबकुछ है. जिसकी जिंदगी में प्यार नहीं है, उसका जीवन अधूरा है. खासतौर पर टीनएजर्स और यंगस्टर्स के दिल में तो प्यार का सागर हिलोरे खाने लगता था. अपने प्यार के लिए वे सब कुछ करने को तैयार रहते थे. एक झलक पाने के लिए कई जतन किए जाते थे. लेकिन समय के साथसाथ अब इस फीलिंग में बदलाव आ गया है. जर्नल आफ पर्सनैलिटी एंड सोशल साइकोलौजी बुलेटिन में प्रकाशित एक शोध में रिश्तों को लेकर कई चौंका देने वाले खुलासे हुए हैं.जिसके अनुसार आज के किशोर अकेले अपने अंदाज से जीना पसंद करते हैं. वह अपनी खुशियों के लिए किसी दूसरे पर निर्भर नहीं रहना चाहते, बल्कि वे खुद अपने साथ ही खुश रहना चाहते हैं. यही है सिंगलहुड, जिससे आज के ​युवा काफी संतुष्ट हैं.

क्या कहता है शोध

इस शोध में कई पक्षों पर प्रकाश डाला गया है. जिसके अनुसार साल 2001 से 2003 में जन्मे किशोरों और दशकों पहले के किशोरों की सोच में सिंगलहुड को लेकर बड़ा अंतर है. शोधकर्ताओं के अनुसार साल 1991 से 1993 के मुकाबले साल 2001 से 2003 के किशोरों में सिंगलहुड करीब 3 प्रतिशत तक ज्यादा था. वहीं इसमें लगातार इजाफा हो रहा है. सालों पहले तक जिस सिंगलहुड को अकेलापन और दुख का कारण माना जाता है, आज के समय में वह लोगों के लिए संतुष्टि की राह मानी जा रही है.

सिंगलहुड बढ़ने के कारण

सिंगलहुड के बढ़ने के पीछे भी कई कारण हैं. शिक्षा, करियर, गोल्स और आजादी से जीने की चाहत ने सिंगलहुड को बढ़ावा दिया है. वहीं अब पेरेंट्स भी बच्चों को शादी के लिए पहले से मुकाबले कम प्रेशर करते हैं. क्योंकि शादी के लिए सामाजिक दबाव कम हुआ है. आज इंटरनेट के जमाने में लोगों की सोच तेजी से बदल रही है. युवकों के साथ ही युवतियां भी आत्मनिर्भर हैं, ऐसे में उन्हें भविष्य की चिंता नहीं सताती है. आज की युवा पीढ़ी आजादी के साथ जीना चाहती है. जिसके कारण रिश्तों को लेकर दृष्टिकोण बदल गया है.

आजाद खुशियां और आत्मनिर्भरता

शोध के अनुसार सिंगलहुड यानी अकेले रहने को भले ही एक समय दुख का कारण माना जाता था, लेकिन आज के समय यह खुशियों की परिभाषा है. शोध में शामिल 75 प्रतिशत युवाओं ने माना कि वह अकेले रहने से काफी खुश और संतुष्ट हैं. उन्हें न्यूरोटिसिजम जैसी समस्याएं कम है, उन्हें तनाव कम है, वे इमोशनली स्टेबल हैं और संयमित जीवन जी रहे हैं. वे कोई बंधन महसूस नहीं करते हैं, वे अपनी पसंद के अनुसार जीते हैं और सेफ महसूस करते हैं. इतना ही नहीं ये आम लोगों से कहीं ज्यादा कॉन्फिडेंस के साथ जीवन जी रहे हैं. हैरानी की बात ये है कि सिंगलहुड को पुरुषों की तुलना में महिलाएं ज्यादा पसंद कर रही हैं, जो सामाजिक और सांस्कृतिक परिवर्तन का संकेत है.

रिश्ते में कितने सिक्योर हैं आप, इन संकेतों से लगाएं इसका अंदाजा

“दुनिया की सबसे खूबसूरत फीलिंग है सिक्योर रिश्ता,”, कहते हुए नीलेश ने सिया के हाथों को अपने हाथ में लिया. फिर कुछ देर बाद दोबारा कहा,” अगर हम दोनों को एक दूसरे पर ट्रस्ट है तो जिंदगी आराम से कट जायेगी.” नीलेश की ये बात भी काफी हद तक सही है.

 

कोई भी रिश्ता उस समय दोगुना खूबसूरत और प्यारा लगने लगता है, जब आप उसमें अपने आपको सुरक्षित महसूस करते हैं. एक सुरक्षित रिश्ता, खूबसूरत जिंदगी की नींव है. इसी नींव पर आपके प्यार का आशियाना बनता है. ऐसे में बहुत जरूरी है कि आप अपने रिश्ते को सिक्योर बनाने पर पूरा ध्यान दें. समय-समय पर आपको ऐसे कई संकेत मिलते हैं जो आपको यह बताते हैं कि आप एक हेल्दी और सिक्योर रिलेशनशिप में हैं. कौनसे हैं ये संकेत, आइए जानते हैं.

कितना खुलकर बात करते हैं आप

बातें, दो लोगों के रिश्ते में वह मजबूत पुल है जो इस सफर को और भी खूबसूरत बनाती हैं. जिस दिन आप अपने पार्टनर से बिना कुछ डरे, निसंकोच अपनी सारी फिलिंग्स, राय और समझ को साझा करने में सहज महसूस करते हैं, उस दिन आप मान लीजिए कि आपका रिश्ता सिक्योर है. एक ऐसा रिश्ता, जहां आपका पार्टनर आपको किसी भी बात के लिए जज नहीं करेगा, ना ही आपकी बात से नाराज होगा. यह है सिक्योरिटी का पहला संकेत है.

एक दूसरे पर विश्वास जरूरी

विश्वास, वह मजबूत शब्द है जो रिश्ते की नाजुक डोर को मजबूती देता है. इसके बिना दुनिया का हर रिश्ता बेईमानी है. खासतौर पर एक कपल के रिश्ते में विश्वास बहुत मायने रखता है. जब आप महसूस करें कि आपका पार्टनर आपके लिए पूरी तरीके से समर्पित है और आपके अलावा वह किसी और का ख्याल अपने दिल और दिमाग में नहीं लाता तो ऐसा रिश्ता सुरक्षित कहलाता है.

एक दूसरे को स्पेस देना सीखें

यह बात सही है कि जब दो लोग प्यार में होते हैं तो वह सारा समय एक दूसरे के साथ बिताना चाहते हैं, लेकिन अगर आपका रिश्ता मजबूत है और आप इसे लंबी दूरी तक ले जाना चाहते हैं तो ऐसे में पार्टनर को स्पेस देना भी जरूरी है. आप अपने पार्टनर की आजादी का पूरा ध्यान रखें. अगर आपका पार्टनर भी आपको यह आजादी दे रहा है तो इसका साफ मतलब है कि आप दोनों इस रिश्ते को दिल से निभा रहे हैं. साथ ही एक दूसरे की इच्छाओं का सम्मान कर रहे हैं.

निखारें एक दूसरे का साथ

प्यार और रिश्ते का मतलब सिर्फ साथ समय बिताना या घूमना फिरना नहीं है. एक मजबूत रिश्ता वही है जिसमें पार्टनर एक दूसरे के विकास में साथी बनें. वे एक-दूसरे को समझें और उनकी खूबियों को निखारने की कोशिश करें. साथ ही एक अच्छा पार्टनर वो है जो अपने साथी का उसके गोल पूरे करने में सपोर्ट करे. अगर आपका पार्टनर आपको ऐसा सपोर्ट दे रहा है तो इसका साफ मतलब है कि वह आपको बेहद प्यार करता है.

प्यार ही नहीं सम्मान भी जरूरी

रिश्ते में सिर्फ प्यार ही नहीं, एक दूसरे के प्रति सम्मान भी बहुत जरूरी होता है. जब आपका पार्टनर आपकी बातों को समझेगा और उन्हें अपनी जिंदगी का हिस्सा भी बनाएगा तो यह साफ इशारा है कि आप उसके लिए बहुत मायने रखते हैं. आपके पार्टनर के दिल में आपके लिए इतना सम्मान होना चाहिए कि मुसीबत, परेशानियां, गुस्से के समय भी वह अपनी सीमाएं ना लांघे.

मिलकर निकालें समस्याओं का हल

लड़ाई-झगड़ा, असहमति और गुस्सा, ये सभी रिलेशनशिप के ही हिस्से हैं. कोई भी रिश्ता ऐसा नहीं है जिसमें पार्टनर्स में मनमुटाव ना हो. लेकिन रिश्ते में अगर हर बार आप ही झुक रहे हैं और आपका पार्टनर अपनी गलती मानने को तैयार नहीं है तो यह स्थिति बहुत ही खराब है. ऐसा रिश्ता बहुत लंबी दूरी तक नहीं चलाया जा सकता. इसलिए आपसी मनमुटावों को आप साथ बैठकर सुलझाएं ना कि झगड़ कर उन्हें बढ़ाएं. जब आप रिश्ते को इस समझदारी के साथ आगे बढ़ाएंगे तो उसमें अपने आप ही आपको सुरक्षा की भावना महसूस होगी

मिलकर करें फ्यूचर प्लानिंग

अपने रिश्ते को लेकर आप कितने सीरियस हैं ये आपकी फ्यूचर प्लानिंग भी बता देती है. जब कोई कपल जिंदगीभर साथ रहने के लिए अपने भविष्य की प्लानिंग करता है, लॉन्ग टर्म प्लान, म्यूचुअल फंड, एसआईपी, पॉलिसी लेता है. तो ऐसे में यह साफ है कि वह अपनी पूरी जिंदगी आपके साथ बिताना चाहता है. यह रिश्तों को दी जाने वाली एक बड़ी सिक्योरिटी है.

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