गर्लफ्रैंड के साथ झगड़ा हो गया है, मैं उसे कैसे मनाऊं?

अगर आपकी भी ऐसी ही कोई समस्या है, तो ये लेख अंत तक जरूर पढ़ें…

सवाल

मैं अपनी गर्लफ्रैंड जोकि मेरी ही क्लास में पढ़ती है, से बहुत प्यार करता हूं, लेकिन कुछ दिन से वह मुझ से बात नहीं करती. हमारे बीच झगड़ा हो गया है, क्योंकि मैं ने उस के स्कर्ट में आने पर उस की टांगों की सुंदरता की तारीफ कर दी. मैं उस से दूर नहीं जाना चाहता. ऐग्जाम्स भी आने वाले हैं. मैं क्या करूं?

जवाब

भई, सब से पहले तो आप यह बताइए कि आप उस से प्यार करते हैं या उस के शरीर से. आप की बातों से तो लगता है आप का प्यार शारीरिक आकर्षण है, जो इस उम्र में हो जाता है वरना आप का उस की टांगों की सुंदरता की ओर ही ध्यान क्यों गया? वह भी आप से इसी वजह से नाराज है.

बहरहाल, आप उस से अपनी गलती की माफी मांग मामला सुलटाइए. फिर प्यार में एकदूसरे की मदद पढ़ाई के जरिए कीजिए. शारीरिक आकर्षण से ध्यान हटाएंगे तो पढ़ाई पर भी ध्यान दे पाएंगे वरना पेपर भी बकवास जाएंगे और अगर पढ़ाई न हुई तो महबूबा भी हाथ से जाएगी. अत: एकदूसरे का संबल बनिए, पढ़ाई कर कैरियर बनाइए, ताकि सारी उम्र साथ निभा सकें.

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जब बिस्तर पर पकड़े जाएं रंगे हाथों

बेंगलुरु के एक 31 वर्षीय सौफ्टवेयर इंजीनियर को काफी समय से अपनी पत्नी पर शक था कि उस का किसी के साथ अफेयर चल रहा है और वह ये सब छिपा कर उसे धोखा दे रही है. इंजीनियर को कई बार घर से सिगरेट के कुछ टुकड़े मिलने के साथसाथ और भी कई ऐसी चीजें मिली थीं जिन से पत्नी पर शक और पुख्ता हो गया था. इन सब के बावजूद जब पत्नी ने अपने संबंध की बात नहीं कबूली तो उस ने अपनी पत्नी की गतिविधियों को ट्रैक करने की ठानी.

इस के लिए उस ने लिविंग रूम की घड़ी के पीछे एक कैमरा सैट किया, लेकिन उस की यह कोशिश नाकाम रही.

दूसरी बार उस ने 2 अन्य कैमरे लिविंग रूम में डिफरैंट ऐंगल्स पर सैट किए. साथ ही अपनी पत्नी के फोन को अपने लैपटौप पर ऐप के माध्यम से और रिमोट सैंसर से कनैक्ट किया, जिस से उसे पत्नी के फोन की चैट कनैक्ट करने में आसानी हुई और वौइस क्लिप के माध्यम से पता चला कि उस की पत्नी अपने बौयफै्रंड से कंडोम लाने की बात कह रही थी. उस ने कैमरों की मदद से बैडरूम में उन्हें संबंध बनाते हुए भी पकड़ा.

इन्हीं पुख्ता सुबूतों के आधार पर पति ने तलाक का केस फाइल किया. अदालत में पत्नी ने भी अपनी गलती स्वीकारी, जिस के आधार पर दोनों का तलाक हुआ.

ऐसा सिर्फ एक मामला नहीं बल्कि ढेरों मामले देखने को मिलते हैं जिन में बिस्तर पर रंगेहाथों अवैध संबंध बनाते पकड़े जाने पर या तो रिश्ता टूट जाता है या फिर ब्लैकमेलिंग की जाती है. इतना ही नहीं आप समाज की नजरों में भी गिर जाएंगे.

ऐसा भी हो सकता है कि आप का कोईर् फ्रैंड आप को रिलेशन बनाते हुए पकड़ ले. भले ही आप उसे दोस्ती का वास्ता दें लेकिन अगर उस का दिमाग गलत सोच बैठा तो वह आप को इस से बदनाम कर के आप को कहीं मुंह दिखाने लायक नहीं छोड़ेगा. ऐसे में अगर आप पार्टनर के साथ संबंध बनाने की इच्छा रखते भी हैं तो थोड़ी सावधानी बरतें ताकि आप ब्लैकमेलिंग का शिकार न होने पाएं.

करीबी का रूम न लें

आप का बहुत पक्का फ्रैंड है और आप उस पर ब्लाइंड ट्रस्ट कर के अपने फ्रैंड का रूम ले लें और बेफिक्र हो कर सैक्स संबंध बनाने लगें. लेकिन हो सकता है कि फ्रैंड ने पहले से ही रूम में कैमरा वगैरा लगाया हो, जिस से बाद में वह ब्लैकमेल कर के आप से पैसा ऐंठे या फिर आप के पार्टनर से सैक्स संबंध बनाने की ही पेशकश कर दे. ऐसे में आप बुरी तरह फंस जाएंगे. इसलिए करीबी का रूम न लें.

सस्ते के चक्कर में न फंसें

हो सकता है कि आप सस्ते के चक्कर में ऐसे होटल का चुनाव करें जिस की इमेज पहले से ही खराब हो. ऐसे में आप का वहां सैक्स संबंध बनाना खतरे से खाली नहीं होगा. वहां आप के अंतरंग पलों की वीडियो बना कर आप को ब्लैकमेल किया जा सकता है.

नशीले ड्रिंक का सेवन न करें

पार्टनर्स को नशीले पदार्थ का सेवन कर के सैक्स संबंध बनाने में जितना मजा आता है, उतना ही यह सेहत और सेफ्टी के लिहाज से सही नहीं है. ऐसे में जब आप नशे में धुत्त हो कर संबंध बना रहे होंगे तब हो सकता है आप का कोईर् फ्रैंड आप को आप के पेरैंट्स की नजरों से गिराने के लिए ये सब लाइव दिखा दे. इस से आप अपने पेरैंट्स की नजरों में हमेशाहमेशा के लिए गिर जाएंगे.

न लगने दें किसी को भनक

अगर आप अपने पार्टनर के साथ संबंध बनाने का मन बना चुके हैं तो इस की भनक अपने क्लोज फ्रैंड्स को न लगने दें वरना वे भी सबक सिखाने के लिए आप को अपने जाल में फंसा सकते हैं.

कहीं रूम में कैमरे तो नहीं

जिस होटल में या फिर जिस भी जगह पर आप गए हैं वहां रूम में चैक कर लें कि कहीं घड़ी, अलमारी वगैरा के पास कैमरे तो सैट नहीं किए हुए हैं. अगर जरा सा भी संदेह हो तो वहां एक पल भी न रुकें वरना आप के साथ खतरनाक वारदात हो सकती है.

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शादी से पहले मैं फिजिकल रिलेशनशिप के बारे में जानना चाहता हूं?

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सवाल

मैं 23 साल का हूं. कुछ ही महीने में मेरी शादी होने वाली है. मैं जानना चाहता हूं कि फोरप्ले क्या होता है?

जवाब

सेक्स करने से पहले बीवी को जोश में लाने की कोशिश ही फोरप्ले कहलाता है. इस के तहत बीवी के होंठों, उभारों व खास अंगों को चूमा जाता है. यही काम बीवी भी कर सकती है, पति को जोश में लाने के लिए. इस से बाद में सैक्स करने से और भी ज्यादा मजा आता है.

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सैक्स से पहले छेड़छाड़ है बेहद जरूरी

प्रिया का कहना है कि उस का पति जिस्मानी रिश्ता बनाते समय बिलकुल भी छेड़छाड़ नहीं करता और न ही प्यार भरी बातें करता है. उसे तो बस अपनी तसल्ली से मतलब होता है. जब तन की आग बुझ जाती है, तो निढाल हो कर चुपचाप सो जाता है. वह बिन पानी की मछली की तरह तड़पती ही रह जाती है.

कुछ इसी तरह राजेंद्र का कहना है, ‘‘जिस्मानी रिश्ता कायम करते वक्त मेरी पत्नी बिलकुल सुस्त पड़ जाती है. वह न तो इनकार करती है और न ही प्यार में पूरी तरह हिस्सेदार बनती है. न ही छेड़छाड़ होती है और न ही रूठनामनाना. नतीजतन, सैक्स में कोई मजा ही नहीं आता.’’

इसी तरह सरिता की भी शिकायत है कि उस का पति उस के कहने पर जिस्मानी रिश्ता तो कायम करता है, पर वह सुख नहीं दे पाता, जो चरम सीमा पर पहुंचाता हो. हालांकि वह अपनी मंजिल पर पहुंच जाता है, फिर भी सरिता को ऐसा लगता है, मानो वह अपनी मंजिल पर पहुंच कर भी नहीं पहुंची. सैक्स के दौरान वह इतनी जल्दबाजी करता है, मानो कोई ट्रेन पकड़नी हो. उसे यह भी खयाल नहीं रहता कि सोते समय और भी कई राहों से गुजरना पड़ता है. मसलन छेड़छाड़, चुंबन, सहलाना वगैरह. नतीजतन, सरिता सुख भोग कर भी प्यासी ही रह जाती है.

मनोज की हालत तो सब से अलग  है. उस का कहना है, ‘‘मेरी पत्नी इतनी शरमीली है कि जिस्मानी रिश्ता ही नहीं बनाने देती. अगर मैं उस के संग जबरदस्ती करता हूं, तो वह नाराज हो जाती है. छेड़छाड़ करता हूं, तो तुनक जाती?है, मानो मैं कोई पराया मर्द हूं. समझाने पर वह कहती है कि अभी नहीं, इस के लिए तो सारी जिंदगी पड़ी हुई है.’’

इसी तरह और भी अनगिनत पतिपत्नी हैं, जो एकदूसरे की दिली चाहत को बिलकुल नहीं समझते और न ही समझने की कोशिश करते हैं. ऐसा नहीं होना चाहिए, क्योंकि शादीशुदा जिंदगी कच्चे धागे की तरह होती है. इस में जरा सी खरोंच लग जाए, तो वह पलभर में टूट सकती है.

पतिपत्नी में छेड़छाड़ तो बहुत जरूरी है, इस के बिना तो जिंदगी में कोई रस ही नहीं, इसलिए यह जरूरी है कि पति की छेड़छाड़ का जवाब पत्नी पूरे जोश से दे और पत्नी की छेड़छाड़ का जवाब पति भी दोगुने मजे से दे. इस से जिंदगी में हमेशा नएपन का एहसास होता है.

अगर जिस्मानी रिश्ता कायम करने के दौरान या किसी दूसरे समय पर भी पति अपनी पत्नी को सहलाए और उस के जवाब में पत्नी पूरे जोश के साथ प्यार से पति के गालों को चूमते हुए अपने दांत गड़ा दे, तो उस मजे की कोई सीमा नहीं होती. पति तुरंत सैक्स सुख के सागर में डूबनेउतराने लगता है.

इसी तरह पत्नी भी अगर जिस्मानी रिश्ता कायम करने से पहले या उस दौरान पति से छेड़छाड़ करते हुए उस के अंगों को सहला दे, तो कुदरती बात है कि पति जोश से भर उठेगा और उस के जोश की सीमा भी बढ़ जाएगी.

कभीकभी यह सवाल भी उठता है कि क्या जिस्मानी रिश्ता सिर्फ सैक्स सुख के लिए कायम किया जाता है? क्या दिमागी सुकून से उस का कोई लेनादेना नहीं होता? क्या जिस्मानी रिश्ते के दौरान छेड़छाड़ करना जरूरी है? क्या छेड़छाड़ सैक्स सुख में बढ़ोतरी करती है? क्या छेड़छाड़ से पतिपत्नी को सच्चा सुख मिलता है?

इसी तरह और भी कई सवाल हैं, जो पतिपत्नी को बेचैन किए रहते हैं. जवाब यह है कि जिस्मानी रिश्तों के दौरान छेड़छाड़ व कुछ रोमांटिक बातें बहुत जरूरी हैं. इस के बिना तो सैक्स सुख का मजा बिलकुल अधूरा है. जिस्मानी रिश्ता सिर्फ सैक्स सुख के लिए ही नहीं, बल्कि दिमागी सुकून के लिए भी किया जाता है.

कुछ पति ऐसे होते हैं, जो पत्नी की मरजी की बिलकुल भी परवाह नहीं करते, जबकि ऐसा नहीं होना चाहिए. पत्नी की चाहत का भी पूरा खयाल रखना चाहिए, नहीं तो आप की पत्नी जिंदगीभर तड़पती ही रह जाएगी.

कुछ औरतें बिलकुल ही सुस्त होती हैं. वे पति को अपना जिस्म सौंप कर फर्ज अदायगी कर लेती हैं. उन्हें यह भी एहसास नहीं होता कि इस तरह वे अपने पति को अपने से दूर कर रही हैं.

कुछ पति जिस्मानी रिश्ता तो कायम करते हैं और जल्दबाजी में अपनी मंजिल पर पहुंच भी जाते हैं, परंतु उन्हें इतना भी पता नहीं होता कि इस के पहले भी और कई काम होते हैं, जो उन के मजे को कई गुना बढ़ा सकते हैं.

कुछ औरतें शरमीली होती हैं. वे जिस्मानी रिश्तों से दूर तो होती ही हैं, छेड़छाड़ को भी बुरा मानती हैं.

अब आप ही बताइए कि ऐसे हालात में क्या पत्नी पति से और पति पत्नी से खुश रह सकता है?

नहीं न… तो फिर ऐसे हालात ही क्यों पैदा किए जाएं, जिन से पतिपत्नी एकदूसरे से नाखुश रहें?

इसलिए प्यार के सुनहरे पलों को छेड़छाड़, हंसीखुशी व रोमांटिक बातों में बिताइए, ताकि आने वाला कल आप के लिए और ज्यादा मजेदार बन जाए.

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क्या आप भी अपनी सहेली से कहती हैं ये बातें

सुरेखा और रीना अच्छी दोस्त थीं, दोनों अपनी हर बात एक दूसरे से शेयर करने लगी थी. रीना ने सुरेखा को बताया था कि उसके मायके में उसकी माँ और भाई भाभी के झगडे चलते रहते हैं जिनसे वह बहुत आहत रहती है. रीना को लगता था कि हर बात बार बार पति को क्या बतानी, अपनी दोस्त से ही सब कह कर मन का गुबार निकाल कर दिल हल्का कर लेती. तीन साल तो दोनों में बहुत  गहरी दोस्ती रही पर धीरे धीरे बहुत छोटी छोटी बातों में एक दूरी आने लगी,एक दिन किसी पड़ोसन ने बेवजह रीना से झगड़ा किया, सुरेखा बिना कारण जाने ही रीना को नीचे दिखाने के लिए आकर खड़ी हो गयी और कहने लगी ,”अरे, इसकी किसी से नहीं बनेगी, इसकी तो माँ  और भाई के झगडे ख़तम नहीं होते, इसने झगडे करना ही तो सीखा है.”

हैरान रह गयी रीना, आँखें छलछला उठीं, वह वहां से चुपचाप हट गयी, लगा कि ये क्या गलती कर दी, किसी को अपना दोस्त समझ कर दिल का दुःख शेयर कर लिया तो क्या यह इतना बड़ा गुनाह हो गया कि आज सबके सामने वो दोस्त उसी बात को सामने रख अपमान कर रही है. उसने कान पकडे कि कभी किसी को दोस्त समझने की गलती नहीं करेगी, इस बात को बीते दस साल हो गए हैं, रीना कहती हैं,  ‘’अपने मायके की टेंशन दोस्त से शेयर करने को जो गलती कभी की थी, उससे सबक यही मिला है कि आज के दोस्त कब दुश्मन बन जाएँ, कब आपकी ही बात को आपके खिलाफ इस्तेमाल करेंगें, पता ही नहीं चलेगा. तबसे कोई कितना भी अच्छा दोस्त बन जाए, मैंने अपने दुःख कभी किसी से वैसे शेयर नहीं किये जैसे कभी सुरेखा से शेयर किये थे.”

विमला देवी अकेली रहती हैं, रिटायर्ड टीचर हैं, दो बेटी हैं, बड़ी बेटी नीता  के बड़े  बेटे रवि  का विवाह था, भात की रस्म के लिए नीता की फरमाइशों पर अपने सामर्थ्य के अनुसार विमला देवी ने काफी सामान खरीदा जिसमे उनका पचास हजार खर्च हुआ, उनकी सहेली विभा सामान देखने आयीं तो पूछ लिया,”कितने खर्च हुए ?”

”पचास हजार तो हो चुके, अभी भी कुछ खरीदना बाकी है. नीता ने फोन पर और सामान भी बता दिया है.”

विभा ने कहा, ”नीता ने यह नहीं सोचा कि रिटायर्ड माँ कहाँ से इतना खर्च करेगी?”

विमला और विभा एक ही स्कूल में टीचर रहीं थीं, घर भी पास पास ही था, सत्तर साल की हो गयीं थीं, खूब दुःख सुख हमेशा शेयर करती आयीं थीं,एक ठंडी साँस लेकर विमला ने कहा, ” क्या कर सकते हैं? पहला विवाह है उसके घर में, सब रस्मों के बड़े अरमान हैं उसे, कोई बात नहीं, यह दिन तो किस्मत से आता है, ख़ुशी  का  मौका है, ठीक है, कोई बात नहीं, बचत है तो कर पा रही हूँ.‘’

शादी की तैयारी के सिलसिले में नीता माँ से मिलने आयी, तो विभा भी वहीँ बैठी थीं, थोड़ी देर में नीता से कह दिया,” क्यों, नीता, बड़ा खर्च करवा दिया माँ का भात की रस्म के लिए, पचास हजार तो बहुत होता है ,बेटी.”

नीता तुनकमिजाज थी, सुनकर ही उसे माँ पर गुस्सा आ गया, ”कोई जरुरत नहीं खर्च करने की, सबको पचास हजार खर्च करने का गाना सुना रही हो तो कोई जरुरत नहीं हमें बदनाम करने की कि हमने इतना खर्च करवा दिया.‘’

विमलादेवी सन्न रह गयीं, बात तो कुछ भी नहीं थी, बतंगड़ बन चुका था, वे बेटी को समझाती रह गयी कि ऐसे ही बात निकल आयी थी, उन्होंने किसी को कुछ नहीं कहा है और वे तो शादी की रस्मों के लिए ख़ुशी से सब कर रही हैं.‘’

नीता उन्हें खूब सुना कर चली गयी,शादी में उसका मुँह सीधा नहीं हुआ, विमला देवी को बहुत पछतावा हुआ कि क्यों  उन्होंने विभा से यह बात कर ली थी.

अनीता और दीपा बहुत अच्छी दोस्त हैं, पर दोस्तों से कब कितना शेयर करना चाहिए, इस विषय पर अनीता अपना अनुभव बताते हुए कहती हैं,” मेरे बेटे का ब्रेक अप हुआ था तो मैं अपने बेटे को परेशान देख कर बहुत  दुखी थी, मैंने दीपा को बता दिया कि कैसे इन दिनों मेरा बेटा नवीन डिस्टर्ब है, एक दिन रोड पर नवीन को दीपा मिल गयी और लगी उसे समझाने कि ब्रेक अप तो होते रहते हैं, इन्हे क्या सीरियसली लेना, और वगैरह वगैरह , नवीन  घर आकर मुझसे इतना नाराज हुआ कि ‘आपको मेरा ब्रेक अप बताने की क्या जरुरत है, मैं आपको आगे से कभी कुछ नहीं बताऊंगा, आप माँ होकर अपने बेटे की बात अपने तक नहीं रख सकीं ‘  वह मुझसे बहुत नाराज रहा, मुझे बहुत दुःख हुआ.”

अवनि और रिमी अच्छी दोस्त थीं, एक ही बिल्डिंग में ऊपर नीचे रहतीं, दोनों के हस्बैंड भी एक ही ऑफिस में थे, अवनि के हस्बैंड संजय सीनियर पोस्ट पर थे,अचानक संजय के जॉब पर संकट के बादल मंडराने लगे,उनकी नींद उडी हुई थी,यह बात अवनि ने रिमी को बता दी कि आजकल संजय ठीक से सोते नहीं तो रिमी के हस्बैंड विनय ने ऑफिस में लंच टाइम में सबके साथ बैठ कर मजाक करते हुए कहा, ”क्या हो गया, संजय साहब, सुना है आजकल नींद गायब है आपकी, भाभीजी रिमी को बता रही थीं. आप तो हमसे कुछ शेयर करते ही नहीं !”

संजय  धीर गंभीर स्वभाव के इंसान थे, अपनी पर्सनल बात ऑफिस में करना उन्हें पसंद नहीं था,ऑफिस में अपनी परेशानी पर मजाक बनना उन्हें पसंद नहीं आया. घर आते ही अवनि को बहुत डांटा. अवनि को रिमी पर बहुत गुस्सा आया.

जीवन में एक दोस्त की जरुरत हम सबको होती है,बहुत सारी बातें ऐसी होती हैं जिन्हे हम किसी दोस्त से शेयर करना चाहते हैं. दोस्ती का रिश्ता किसी रिश्तेदार से अलग होता है. दोस्त हर मोड़ पर साथ देते हैं. मन से जुड़े दोस्त के साथ दिल से रिश्ता जुड़ जाता है.इंसान जब किसी को अपना दोस्त समझने लगता है, लम्बे समय से दबे गहरे राज उससे शेयर कर लेता है पर ऐसे दोस्तों का आप क्या करेंगें जिन्हे आप अपना समझ कर दिल उनके सामने खोल कर रख दें, अपने सारे दुःख सुख बता देंऔर वे आपका ही मजाक उड़ाने लगें ? ऐसे में हल्का महसूस करने की जगह आप कई दिनों तक अपनी समस्याओं से नहीं बल्कि अपने दोस्त के व्यवहार को लेकर सुलगते रहेंगें.  बार बार खुद को कोसेंगे कि यह सब बताने  की गलती क्यों कर दी ! एक अच्छे दोस्त को खो देने  का दुःख अलग सताएगा, इससे आप डिप्रेशन में भी आ सकते हैं. दोस्ती की नींव होती है, भरोसा और दोस्तों का साथ नाउम्मीदियों से निकलने का एक भरोसेमंद रास्ता  इसलिए दोस्तों से मिलने वाले तानों का गहरा असर होता है क्योंकि उससे भरोसा टूट जाता है.

हम जिस दौर में जी रहे हैं, वहां आज का दुश्मन कल दोस्त भी हो सकता है और आज का दोस्त कल दुश्मन भी हो सकता है .  रिश्तों के रूप रोज बदल रहे है. आजकल रिश्ते बड़े हिसाब किताब लगा कर निभाए जा रहे हैं ऐसे में जरुरत है थोड़ा चौकन्ना रहने की, किसी पर भी आँख बंद करके भरोसा करने का समय नहीं है यह. कुछ बातें बहुत निजी होती हैं जैसे कि अगर बहन को प्यार में धोखा मिला है, पेरेंट्स में पटती नहीं, बॉस कुछ ज्यादा ही परेशान कर रहे हैं, परिवार में किसी बात पर झगड़ा हो रहा है ! ऐसी और भी बहुत सी बातें आपकी निजी बातें हैं, उन्हें अपने तक ही रखना चाहिए.

आपके प्रेमी या आपके पति ने अंतरंग रिश्तों पर कोई टिप्पणी की तो वह सिर्फ आपके लिए है, इसका आनंद लें.  ये सब किसी दोस्त को बताने  के लिए नहीं है.

अमिता को बुक्स पढ़ने का शौक बिलकुल नहीं था, उसके बॉय फ्रेंड जीत को बुक्स पढ़ने का शौक था और वह चाहता था कि अमिता भी बेकार के टीवी शोज छोड़ कर अच्छी बुक्स पढ़े, उसने अमिता के जन्मदिन पर एक अच्छी किताब गिफ्ट की, अमिता को यह गिफ्ट बिलकुल पसंद नहीं आया, उसने  अपनी फ्रेंड नेहा को यह बात बता कर इस गिफ्ट का बहुत मजाक उड़ाया, कुछ दिन में ही जीत से मिलने पर नेहा ने कह दिया,” अरे, जीत, यह क्या किताब दे दी अमिता को, वह भी जन्मदिन पर ! उसका शौक तो देख लिया होता !”

जीत को अपने भावनापूर्ण गिफ्ट का मजाक उड़ाया जाना बहुत बुरा लगा, उसने अमिता से दूरी रखनी शुरू कर दी, बड़ी मुश्किल  से एक प्यार भरा रिश्ता सामान्य हो पाया.अमिता को यह बात नेहा को नहीं बतानी चाहिए थी, थोड़ा गंभीर व्यवहार करना चाहिए था,सोचना चाहिए था कि जीत की कितनी भावनाएं शामिल थीं उस गिफ्ट में,अपने दिए गिफ्ट की इंसल्ट से जीत को यही महसूस हुआ कि अमिता कितनी भौतिकतावादी है, उसके लिए भावनाओं की कोई वैल्यू नहीं !

स्वभाव से सरल विनी अपनी सोसाइटी में रहने वाली, अपने से उम्र में काफी बड़ी रीता को दीदी दीदी कहकर अपनी सच्ची दोस्त समझ रही थी, जो भी लाइफ में बुरे अनुभव हुए, सब उन्हें बताती रहती, किसी ने भी जब जब विनी के मन को आहत किया होगा, वह सब उन्हें पूरा बताती.  रीता को भी सुनने में बड़ा मजा आता, खोद खोद कर और पूछती,विनी और बताती, थोड़े दिन बाद वह विनी को ही यह समझाने लगी कि ‘तुम्हे किसी से सबंध रखने नहीं आते, तुममे ही काफी कमियां हैं, अब रीता उसे  ही ज्ञान देती कि जो भी हुआ होगा तुम्हारे साथ, तुम्हे ही समझ कर रहना चाहिए था,तुम ही अपने आप को सुधारो. मुझे देखो, मेरे तो सबसे कितने अच्छे सम्बन्ध हैं, मुझे तो लाइफ में बुरे अनुभव हैं ही नहीं.‘ अवाक विनी ने फिर उनसे धीरे धीरे एक दूरी बना ली. जब आप अपनी हर बात किसी को दोस्त समझ कर शेयर कर रहे होते हैं, तो जरुरी नहीं  कि वह आपको ही सही समझ रहा है, आपके दुःख समझ रहा है, वह कई बार आपको ही जज कर रहा होता है.

अपने प्रेमी या पति से हुई छोटी मोटी लड़ाई दोस्त से शेयर न करें, अपनी इस आदत पर कंट्रोल करें. प्रेमी या पति की कोई भी पर्सनल बात दोस्तों से शेयर करने की जरुरत नहीं है. दोस्त की एक गलती से आप अपने प्रेमी या पति का भरोसा खो सकती हैं . इससे आपके रिश्तों पर असर पड़ सकता है.

ऑफिस में कई कलीग्स के साथ आपके घरेलू सम्बन्ध भी बन जाते हैं जिनसे आप कई तरह की बातें शेयर करने  लगते हैं लेकिन आपका कलीग कभी भी आपकी पर्सनल बातों का फ़ायदा भी उठा एकता है. प्रेमी की बातें या किसी पूर्व संबंधों में अलगाव के कारण दोस्त को न बताएं.

ऐसे दोस्त जो कभी भी दुश्मन बन कर आपको नुकसान पहुंचा सकते हैं,  उन्हें अब एक नया नाम दिया गया है, ‘फ्रेनिमीज मतलब यार दुश्मन !

अमरीका में यूटाह के ब्रिगहैम यंग यूनिवर्सिटी के जूलियन का कहना है कि विरला ही कोई ऐसा होगा जो कम से कम एक दुश्मन दोस्त की संगत में नहीं होगा. यह एक गंभीर मामला है, शोध के मुताबिक ये फ्रेनिमीज ज्यादा नुकसान पहुंचाते हैं. ये हमारे स्वास्थ्य के लिए खतरा हैं.

इसलिए कभी भी किसी दोस्त से शेयर करने से पहले अच्छी तरह सोच लें कि जो आप अपने दोस्त से शेयर करने जा रहे हैं, कल आपको आपका दोस्त उस बात को लेकर आपको नुकसान पहुंचा सकता है या नहीं. एकदम भावनाओं में बह कर सब कुछ शेयर न करते जाएं.

मेरा बौयफ्रैंड मुझ से 5 साल बड़ा है, क्या इससे फिजिकल रिलेशनशिप पर कोई फर्क पड़ेगा?

सवाल-

मैं 26 साल की हूं और मेरा बौयफ्रैंड मुझ से 5 साल बड़ा है. क्या इस वजह से सैक्स संबंध में कोई परेशानी आ सकती है? मैं उस से सैक्स करना चाहती हूं पर कभीकभी लगता है कि वह मेरा साथ नहीं दे पाता, क्योंकि एक बार जब देर तक फोरप्ले करने के बाद वह अपना पैनिस इंसर्ट करने की कोशिश कर रहा था तो बारबार की कोशिशों के बावजूद वह कामयाब नहीं हो पा रहा था. क्या उसे कोई परेशानी है? कृपया सलाह दें?

जवाब-

आप के पार्टनर की उम्र इतनी भी नहीं है कि वह सैक्स करने में सक्षम नहीं हो. सच तो यह है कि अगर उचित आहार संबंधी निर्देशों का पालन करें और नियमित व्यायाम की आदत डालें तो सैक्स का आनंद लंबी आयु तक किया जा सकता है.

ऐसा आमतौर पर सैक्सुअल इंटरकोर्स की जानकारी के अभाव में होता है. हो सकता है हड़बड़ी में अथवा किसी भय की वजह से वह सैक्स संबंध बनाने में नाकामयाब रहा हो. सैक्स आराम से निबटाने वाली प्रक्रिया है, जिस में दोनों का ही मन शांत हो और वातावरण भी शांत हो.

बेहतर होगा कि सैक्स से पहले आप दोनों फोरप्ले का आनंद लें. जब साथी पूरी तरह सैक्स के लिए तैयार हो जाए तभी पैनिस इंसर्ट करने को कहें. यकीनन, आप दोनों को ही इस में चरमसुख मिलेगा. पर ध्यान रहे, पुरुष साथी से इस दौरान कंडोम का इस्तेमाल करने को जरूर कहें.

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सैक्स: मजा न बन जाए सजा

पहले प्यार होता है और फिर सैक्स का रूप ले लेता है. फिर धीरेधीरे प्यार सैक्स आधारित हो जाता है, जिस का मजा प्रेमीप्रेमिका दोनों उठाते हैं, लेकिन इस मजे में हुई जरा सी चूक जीवनभर की सजा में तबदील हो सकती है जिस का खमियाजा ज्यादातर प्रेमी के बजाय प्रेमिका को भुगतना पड़ता है भले ही वह सामाजिक स्तर पर हो या शारीरिक परेशानियों के रूप में. यह प्यार का मजा सजा न बन जाए इसलिए कुछ बातों का ध्यान रखें.

सैक्स से पहले हिदायतें

बिना कंडोम न उठाएं सैक्स का मजा

एकदूसरे के प्यार में दीवाने हो कर उसे संपूर्ण रूप से पाने की इच्छा सिर्फ युवकों में ही नहीं बल्कि युवतियों में भी होती है. अपनी इसी ख्वाहिश को पूरा करने के लिए वे सैक्स तक करने को तैयार हो जाते हैं, लेकिन जोश में होश न खोएं. अगर आप अपने पार्टनर के साथ प्लान कर के सैक्स कर रहे हैं तो कंडोम का इस्तेमाल करना न भूलें. इस से आप सैक्स का बिना डर मजा उठा पाएंगे. यहां तक कि आप इस के इस्तेमाल से सैक्सुअल ट्रांसमिटिड डिसीजिज से भी बच पाएंगे.

अब नहीं चलेगा बहाना

अधिकांश युवकों की यह शिकायत होती है कि संबंध बनाने के दौरान कंडोम फट जाता है या फिर कई बार फिसलता भी है, जिस से वे चाह कर भी इस सेफ्टी टौय का इस्तेमाल नहीं कर पाते. वैसे तो यह निर्भर करता है कंडोम की क्वालिटी पर लेकिन इस के बावजूद कंडोम की ऐक्स्ट्रा सिक्योरिटी के लिए सैक्स टौय बनाने वाली स्वीडन की कंपनी लेलो ने हेक्स ब्रैंड नाम से एक कंडोम बनाया है जिस की खासीयत यह है कि सैक्स के दौरान पड़ने वाले दबाव का इस पर असर नहीं होता और अगर छेद हो भी तो उस की एक परत ही नष्ट होती है बाकी पर कोई असर नहीं पड़ता. जल्द ही कंपनी इसे मार्केट में उतारेगी.

ऐक्स्ट्रा केयर डबल मजा

आप के मन में विचार आ रहा होगा कि इस में डबल मजा कैसे उठाया जा सकता है तो आप को बता दें कि यहां डबल मजा का मतलब डबल प्रोटैक्शन से है, जिस में एक कदम आप का पार्टनर बढ़ाए वहीं दूसरा कदम आप यानी जहां आप का पार्टनर संभोग के दौरान कंडोम का इस्तेमाल करे वहीं आप गर्भनिरोधक गोलियों का. इस से अगर कंडोम फट भी जाएगा तब भी गर्भनिरोधक गोलियां आप को प्रैग्नैंट होने के खतरे से बचाएंगी, जिस से आप सैक्स का सुखद आनंद उठा पाएंगी.

कई बार ऐसी सिचुऐशन भी आती है कि दोनों एकदूसरे पर कंट्रोल नहीं कर पाते और बिना कोई सावधानी बरते एकदूसरे को भोगना शुरू कर देते हैं लेकिन जब होश आता है तब उन के होश उड़ जाते हैं. अगर आप के साथ भी कभी ऐसा हो जाए तो आपातकालीन गर्भनिरोधक गोलियों का सहारा लें लेकिन साथ ही डाक्टरी परामर्श भी लें, ताकि इस का आप की सेहत पर कोई दुष्प्रभाव न पड़े.

पुलआउट मैथड

पुलआउट मैथड को विदड्रौल मैथड के नाम से भी जाना जाता है. इस प्रक्रिया में योनि के बाहर लिंग निकाल कर वीर्यपात किया जाता है, जिस से प्रैग्नैंसी का खतरा नहीं रहता. लेकिन इसे ट्राई करने के लिए आप के अंदर सैल्फ कंट्रोल और खुद पर विश्वास होना जरूरी है.

सैक्स के बजाय करें फोरप्ले

फोरप्ले में एकदूसरे के कामुक अंगों से छेड़छाड़ कर के उन्हें उत्तेजित किया जाता है. इस में एकदूसरे के अंगों को सहलाना, उन्हें प्यार करना, किसिंग आदि आते हैं. लेकिन इस में लिंग का योनि में प्रवेश नहीं कराया जाता. सिर्फ होता है तन से तन का स्पर्श, मदहोश करने वाली बातें जिन में आप को मजा भी मिल जाता है, ऐंजौय भी काफी देर तक करते हैं.

अवौइड करें ओरल सैक्स

ओरल सैक्स नाम से जितना आसान सा लगता है वहीं इस के परिणाम काफी भयंकर होते हैं, क्योंकि इस में यौन क्रिया के दौरान गुप्तांगों से निकलने वाले फ्लूयड के संपर्क में व्यक्ति ज्यादा आता है, जिस से दांतों को नुकसान पहुंचने के साथसाथ एचआईवी का भी खतरा रहता है.

यदि इन खतरों को जानने के बावजूद आप इसे ट्राई करते हैं तो युवक कंडोम और युवतियां डेम का इस्तेमाल करें जो छोटा व पतला स्क्वेयर शेप में रबड़ या प्लास्टिक का बना होता है जो वैजाइना और मुंह के बीच दीवार की भूमिका अदा करता है जिस से सैक्सुअल ट्रांसमिटिड डिजीजिज का खतरा नहीं रहता.

पौर्न साइट्स को न करें कौपी

युवाओं में सैक्स को जानने की इच्छा प्रबल होती है, जिस के लिए वे पौर्न साइट्स को देख कर अपनी जिज्ञासा शांत करते हैं. ऐसे में पौर्न साइट्स देख कर उन के मन में उठ रहे सवाल तो शांत हो जाते हैं लेकिन मन में यह बात बैठ जाती है कि जब भी मौका मिला तब पार्टनर के साथ इन स्टैप्स को जरूर ट्राई करेंगे, जिस के चक्कर में कई बार भारी नुकसान उठाना पड़ सकता है. लेकिन ध्यान रहे कि पौर्न साइट्स पर बहुत से ऐसे स्टैप्स भी दिखाए जाते हैं जिन्हें असल जिंदगी में ट्राई करना संभव नहीं लेकिन इन्हें देख कर ट्राई करने की कोशिश में हर्ट हो जाते हैं. इसलिए जिस बारे में जानकारी हो उसे ही ट्राई करें वरना ऐंजौय करने के बजाय परेशानियों से दोचार होना पड़ेगा.

सस्ते के चक्कर में न करें जगह से समझौता

सैक्स करने की बेताबी में ऐसी जगह का चयन न करें कि बाद में आप को लेने के देने पड़ जाएं. ऐसे किसी होटल में शरण न लें जहां इस संबंध में पहले भी कई बार पुलिस के छापे पड़ चुके हों. भले ही ऐसे होटल्स आप को सस्ते में मिल जाएंगे लेकिन वहां आप की सुरक्षा की कोई गारंटी नहीं होती.

हो सकता है कि रूम में पहले से ही कैमरे फिट हों और आप को ब्लैकमैल करने के उद्देश्य से आप के उन अंतरंग पलों को कैमरे में कैद कर लिया जाए. फिर उसी की आड़ में आप को ब्लैकमेल किया जा सकता है. इसलिए सावधानी बरतें.

अलकोहल, न बाबा न

कई बार पार्टनर के जबरदस्ती कहने पर कि यार बहुत मजा आएगा अगर दोनों वाइन पी कर रिलेशन बनाएंगे और आप पार्टनर के इतने प्यार से कहने पर झट से मान भी जाती हैं. लेकिन इस में मजा कम खतरा ज्यादा है, क्योंकि एक तो आप होश में नहीं होतीं और दूसरा पार्टनर इस की आड़ में आप के साथ चीटिंग भी कर सकता है. हो सकता है ऐसे में वह वीडियो क्लिपिंग बना ले और बाद में आप को दिखा कर ब्लैकमेल या आप का शोषण करे.

न दिखाएं अपना फोटोमेनिया

भले ही पार्टनर आप पर कितना ही जोर क्यों न डाले कि इन पलों को कैमरे में कैद कर लेते हैं ताकि बाद में इन पलों को देख कर और रोमांस जता सकें, लेकिन आप इस के लिए राजी न हों, क्योंकि आप की एक ‘हां’ आप की जिंदगी बरबाद कर सकती है.

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सैक्स के बाद के खतरे

ब्लैकमेलिंग का डर

अधिकांश युवकों का इंट्रस्ट युवतियों से ज्यादा उन से संबंध बनाने में होता है और संबंध बनाने के बाद उन्हें पहचानने से भी इनकार कर देते हैं. कई बार तो ब्लैकमेलिंग तक करते हैं. ऐसे में आप उस की ऐसी नाजायज मांगें न मानें.

बीमारियों से घिरने का डर

ऐंजौयमैंट के लिए आप ने रिलेशन तो बना लिया, लेकिन आप उस के बाद के खतरों से अनजान रहते हैं. आप को जान कर हैरानी होगी कि 1981 से पहले यूनाइटेड स्टेट्स में जहां 6 लाख से ज्यादा लोग ऐड्स से प्रभावित थे वहीं 9 लाख अमेरिकन्स एचआईवी से. यह रिपोर्ट शादी से पहले सैक्स के खतरों को दर्शाती है.

मैरिज टूटने का रिस्क भी

हो सकता है कि आप ने जिस के साथ सैक्स रिलेशन बनाया हो, किसी मजबूरी के कारण अब आप उस से शादी न कर पा रही हों और जहां आप की अब मैरिज फिक्स हुई है, आप के मन में यही डर होगा कि कहीं उसे पता लग गया तो मेरी शादी टूट जाएगी. मन में पछतावा भी रहेगा और आप इसी बोझ के साथ अपनी जिंदगी गुजारने को विवश हो जाएंगी.

डिप्रैशन का शिकार

सैक्स के बाद पार्टनर से जो इमोशनल अटैचमैंट हो जाता है उसे आप चाह कर भी खत्म नहीं कर पातीं. ऐसी स्थिति में अगर आप का पार्टनर से बे्रकअप हो गया फिर तो आप खुद को अकेला महसूस करने के कारण डिप्रैशन का शिकार हो जाएंगी, जिस से बाहर निकलना इतना आसान नहीं होगा.

कहीं प्रैग्नैंट न हो जाएं

आप अगर प्रैग्नैंट हो गईं फिर तो आप कहीं मुंह दिखाने लायक नहीं रहेंगी. इसलिए जरूरी है कोई भी ऐसावैसा कदम उठाने से पहले एक बार सोचने की, क्योंकि एक गलत कदम आप का भविष्य खराब कर सकता है. ऐसे में आप बदनामी के डर से आत्महत्या जैसा कदम उठाने में भी देर नहीं करेंगी.

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मैं टाइमपास के लिए गेम खेलता हूं तो गर्लफ्रैंड मुंह फुला लेती है, क्या करूं?

अगर आपकी भी ऐसी ही कोई समस्या है, तो ये लेख अंत तक जरूर पढ़ें…

मैं और मेरी गर्लफ्रैंड सिर्फ इंटरनैट से जुड़े हुए हैं. हम दिन में चैटिंग करते हैं और रात में वीडियो कौल पर बात करते हैं. हो यह रहा है कि उस से बातें करतेकरते मैं अब बोर होने लगा हूं. बातें चाहे कितनी ही प्यारभरी हों, सैक्सुअल हों या नौर्मल ही क्यों न हों लेकिन अब सबकुछ उबाऊ लगने लगा है.  पहले कालेज में मिलना होता था तो कुछ न कुछ होता था बात करने को और रोमांटिक बातें करना भी अच्छा लगता था. अब तो किसी चीज में मन नहीं लगता. रोमांस महसूस करने के लिए वीडियो कौल पर एकदूसरे का मन बहलाने की कोशिश करते हैं पर उस से भी मन भर गया. मैं टाइमपास के लिए पबजी खेलता हूं तो गर्लफ्रैंड मुंह फुला लेती है. क्या करूं, समझ नहीं आ रहा?

जरूरी नहीं कि आप एकदूसरे से बातें ही करते रहें या एकदूसरे को वीडियो कौल करें. रिलेशनशिप को थोड़ा स्पेस दीजिए. एकदूसरे को याद करने का थोड़ा मौका दीजिए. दिनभर ज्यादा बात न करने से रात में बात करने का इंतजार रहेगा, जिस में रोमांच भी है और मजा भी.

अच्छी मूवीज देखिए, शोज देखिए, दिनभर में कुछ न कुछ करते रहिए जिस से जब भी आप एकदूसरे से बात करें तो आप के पास बात करने का टौपिक हो. सैक्स के बारे में सोचना सही है लेकिन हर समय सोचना और फिर यह दुख मनाना कि मिल नहीं सकते, गलत है. इस से बेहतर तो आप इन चीजों के बारे में उतनी ही बात करें जितना सहज लगे, अति न करें. रही बात गर्लफ्रैंड के पबजी खेलने को ले कर शिकायत करने की, तो आप उस से बात करते समय पबजी का जिक्र ही मत कीजिए और उस को उस के हिस्से का समय दीजिए, वह गुस्सा नहीं करेगी.

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बौयफ्रैंड की हरकत से मुझे गुस्सा आ जाता है, मैं क्या करूं?

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सवाल

मैं 25 वर्षीय युवती हूं. मेरा एक बौयफ्रैंड है, जिसे मैं बेहद पसंद करती हूं. एकांत में वह मेरी ब्रैस्ट को सहलाना चाहता है. मेरे ब्रैस्ट सामान्य से बड़ी है और मैं ने सुना है कि शादी से पहले ब्रैस्ट दबाने अथवा सहलाने से वह बड़ी हो जाती है. मु  झे डर है कि यह बेडौल न हो जाए. इसी डर से जब मैं बौयफ्रैंड को मना करती हूं, तो वह नाराज हो जाता है. बताएं मैं क्या करूं?

जवाब-

सैक्स से जुड़े मिथकों में यह भी एक आम मिथक है कि ब्रैस्ट को दबाने, सहलाने व चूमने आदि से वह बड़ी होती है. वास्तव में सैक्स के दौरान फोरप्ले में ब्रैस्ट को छूने, सहलाने से वे कड़े जरूर हो जाते हैं और आमतौर पर ऐसा उत्तेजना की वजह से और ब्रैस्ट की नसों में रक्तसंचार बढ़ने की वजह से होता है.

ब्रैस्ट इंप्लांट के अलावा ऐसा कोई जरीया नहीं है जिस से ब्रैस्ट का साइज बड़ा हो जाए. हां, नियमित ऐक्सरसाइज से बौडी को सही शेप जरूर मिलती है पर ब्रैस्ट बड़ी नहीं होती. वह आकर्षक जरूर दिखने लगती है. अत: बौयफ्रैंड को केवल इस वजह से मना न करें और अपने मन से यह भय निकाल दें.

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किशोरावस्था के शुरू होते ही लड़कियों के शरीर में बदलाव आने लगता है. इस का सब से अधिक प्रभाव लड़कियों की बौडी फीगर पर पड़ता है. इस में भी ब्रैस्ट की शेप को ले कर सब से अधिक परेशानियां होती हैं. किसी को अपने छोटी ब्रैस्ट साइज से दिक्कत होती है तो किसी को अपनी बड़ी ब्रैस्ट से. ऐसे में उन्हें लगता है कि अगर उन का ब्रैस्ट साइज परफैक्ट नहीं होगा तो उन का आकर्षण कम हो जाएगा.

जिन लड़कियों की ब्रैस्ट का आकार छोटा या ज्यादा बड़ा होता है वे परेशान रहती हैं. ऐसे में ब्रैस्ट शेपिंग को ले कर तमाम तरह के प्रयास चलते हैं. ब्रैस्ट शेपिंग की सब से बड़ी चिंता का कारण क्लीवेज होती है. फैशनेबल ड्रैस पहनने वाली लड़कियों को लगता है कि अगर उन की क्लीवेज नहीं दिखेगी तो उन्हें सैक्सी, बोल्ड और ब्यूटीफुल नहीं माना जाएगा.

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पार्टनर से फ्लर्ट करने के हैं बड़े फायदे, ‘रिश्ते में बना रहता है नयापन’

हुज़ूर इस कदर भी न इतरा के चलिये ….और सारे शहर में आपसा कोई नहीं….. कहने को तो हिंदी फिल्मों के लोकप्रिय गीत हैं पर ये फ्लर्टिंग का एक अच्छा उदाहरण हैं. इस दुनिया का हर व्यक्ति चाहता है कि लोग उसे नोटिस करें उस से आकर्षित हों और इसके लिए वो तमाम तरीके अपनाता है. दुनिया भर की सभी सभ्यताओं और संस्कृतियों में स्त्री पुरुष एक दूसरे को रिझाने का प्रयास करते आए हैं इसे सामान्य भाषा में हम फ्लर्टिंग कहते हैं.

 

लड़के लड़कियों का आपस मे फ्लर्ट करना एक आम बात है सबसे अच्छी बात ये है कि ये एक स्वस्थ्य तरीका है जिस से हम किसी मे अपने प्रति रुचि जगा सकते हैं. ये सेक्सुअल हैरासमेंट से एकदम अलग है. इसके लिए आपमे सेंस ऑफ ह्यूमर और बातचीत करने की कलात्मकता होनी चाहिए. कई लोग फ्लर्टिंग को खराब मानते हैं पर सच तो ये है कि इस से व्यक्ति का न सिर्फ़ मानसिक स्वास्थ्य ठीक रहता है बल्कि अवसाद से बाहर आने में ही इस से मदद मिल सकती है. फ्लर्टिंग भी एक कला है और ये कहीं भी काम आ सकती है चाहे आपको कोई साथी ढूँढना हो या अपने साथी के साथ अपने रिश्ते में गर्माहट बनाये रखनी हो.

फ्लर्टिंग पर शोध

वाशिंगटन यूनिवर्सिटी में एक शोध में अध्ययन के दौरान ये देखा गया कि ऑफिस में काम करने वाले लोगों में फ्लर्टिंग से क्या असर होता है? क्या इस से काम करने वाले लोग तनाव मुक्त हो सकते हैं. इस शोध में सैकड़ों लोगों को शामिल किया गया मजे की बात ये थी कि शोध  स्वस्थ्य फ्लर्टिंग पर किया गया था न कि ऐसी फ्लर्टिंग पर जो सेक्सुअल हो क्योंकि वो फ्लर्टिंग जो सेक्सुअल हो वो लोगों में तनाव का कारण बनती है जबकि स्वस्थ्य फ्लर्टिंग लोगों को तनावमुक्त करती है.

अलग हैं फ्लर्टिंग और सेक्सुअल हैरासमेंट

स्वस्थ्य फ्लर्टिंग और सेक्सुअल हैरासमेंट में ज़मीन आसमान का अंतर होता है. एक शोध के दौरान जब लोगों से सेक्सुअल हैरासमेंट के बारे में पूछा गया तो वो तनावग्रस्त हो गए और चुप्पी छा गई पर जब फ्लर्टिंग के बारे में पूछा गया तो सब के चेहरे पर हँसी और मुस्कुराहट आ गई और लोगों ने बढ़ चढ़ कर प्रतिक्रियाएँ दीं.

फ्लर्ट करने वाले होते हैं पोसेटिव

अक्सर फ्लर्ट करने में माहिर लोग बहुत ही हँसमुख और सुलझे स्वभाव के होते हैं. ये लोग अपने बारे में स्पष्ट होते हैं और जहाँ कहीं भी जाते हैं अपने आस पास लोगों की भीड़ जमा करने का माद्दा रखते हैं. हर कोई इनसे बात करना चाहता है कुल मिलाकर ये स्वयं तो सकारात्मक होते ही हैं आस पास के माहौल को भी सकारात्मक बनाये रखते हैं.

रिश्ते में नयापन बनाये रखती है फ्लर्टिंग

ऐसा नहीं है कि सिर्फ दोस्तों या सहकर्मियों में ही फ्लर्टिंग की जाती है. अगर आप अपने साथी से भी फ्लर्टिंग करते रहते हैं तो आपके रिश्ते में खुशहाली बरक़रार राहती है. एक दूसरे की अहमियत जताने का ये एक अच्छा तरीका साबित होता है. इस से रिश्ते में नयापन बना रहता है और एक दूसरे के प्रति प्यार का अहसास भी मिलता रहता है. इस से शरीर में एड्रिनिलिन नामक हार्मोन का स्त्राव होता है जो हमे खुश रखता है. कुल मिलाकर फ्लर्टिंग आपके रिश्ते में गर्माहट बनाये रखने में मददगार होती है.

फ्लर्टिंग करने के कुछ और लाभ

ये आपको तनाव से दूर रखती है और आपका आत्मविश्वास भी बढ़ाती है. आपकी स्वयं के प्रति सोच भी बनाती है. फ्लर्टिंग करने से आप लोगों की आदतों के बारे में बेहतर जान पाते हैं. इस से हम एक दूसरे को ये बता पाते हैं कि हमारे उसके बारे में क्या विचार हैं. इस से आप लोगों को अपनी ओर आकर्षित कर सकते हैं.

तो सीधी सी बात है फ़्लर्ट करिए और खुश  रहिए.

Friendship Day Special: जानें कौन अच्छे और कौन हैं सच्चे दोस्त

सही कहा है अच्छा दोस्त वह नहीं होता जो मुसीबत के समय उपदेश देने लगे वरन अच्छा दोस्त वह होता है, जो अपने दोस्त के दर्द को खुद महसूस करे और बड़े हलके तरीके से दोस्त के गम को कम करने का प्रयास करे. यह एहसास दिलाए जैसे यह गम तो कुछ है ही नहीं. लोग तो इस से ज्यादा गम हंसतेहंसते सह लेते हैं.

वैसे भी सही रास्ता दिखाने के लिए किताबें हैं, उपदेश देने के लिए घर के बड़े लोग हैं और उलाहने दे कर दर्द बढ़ाने के लिए नातेरिश्तेदार हैं. ये सब आप को आप की गलतियां बताएंगे, उपदेश देंगे पर जो दोस्त होता है वह गलतियां नहीं बताता, बल्कि जो गलती हुई है उसे कुछ समय को भुला कर दिमाग शांत करने का रास्ता बताता है. आप के सारे तनाव को बड़ी सहजता से दूर करता है.

तभी तो कहा जाता है कि पुराना दोस्त वह नहीं होता जिस से आप तमीज से बात करते हैं वरन पुराना दोस्त तो वह होता है, जिस के साथ आप बदतमीज हो सकें. दोस्ती का यही उसूल होता है कि अपने दोस्त के गमों को आधा कर दे और खुशियों को दोगुना. केवल पुराने दोस्त ही ऐसे होते हैं, जो हमें और हमारे एहसासों को गहराई से सम झने और महसूस करने में सक्षम होते हैं.

सच है कि दोस्ती का रिश्ता बहुत ही प्यारा और खूबसूरत होता है. सच्चे दोस्त आप को भीड़ में अकेला नहीं छोड़ते, बल्कि आप की दुनिया बन जाते हैं. वे हमेशा आप के साथ होते हैं भले ही परिस्थितियां आप को दूर कर दें. वे आप से जुड़े रहने का कोई न कोई तरीका खोज निकालते हैं. वे आप का हौसला बनते हैं. एक समय आ सकता है जब आप के घर वाले आप को छोड़ दें, एक समय वह भी आ सकता है जब आप का बौयफ्रैंड/गर्लफ्रैंड या आप का जीवनसाथी भी आप की सोच को गलत ठहराने लगे, आप से दूरी बढ़ा ले? पर आप के सच्चे दोस्त ऐसा कभी नहीं करते. अगर दोस्तों को आप अपने मन की उल झन बताते हैं तो वे उन्हें सम झते हैं क्योंकि वे आप को गहराई से सम झते हैं, वे आप के अंदर  झांक सकते हैं.

किसी ने कितने पते की बात कही है: बैठ के जिन के साथ हम अपना दर्द भूल जाते हैं, ऐसे दोस्त सिर्फ खुश नसीबों को ही मिल पाते हैं…

आज वयस्कों को दोस्तों की और ज्यादा जरूरत है, क्योंकि रिश्तेदार तो कई शहरों में बिखरे रहते हैं. मौके पर वे कभी चाह कर भी काम नहीं आ पाते तो कभी मदद करने की उन की मंशा ही नहीं होती. वे बहाने बनाने में देर नहीं लगाते. मगर सच्चे दोस्त किसी भी तरह आप की मदद करने पहुंच ही जाते हैं. इसीलिए तो कहा जाता है कि दोस्ती का धन अमूल्य होता है. यही नहीं बातचीत करने और दिल का हाल बता कर मन हलका करने के लिए भी एक साथी यानी दोस्त की जरूरत सब को होती है.

क्यों जरूरी हैं दोस्त

दोस्त कुछ नया सीखने का अवसर देते हैं. नई भाषा, नई सोच, नई कला और नई सम झ ले कर आते हैं. हमें कुछ नया करने और सीखने का मौका और हौसला देते हैं. हमारे डर को भगाते हैं और सोच का दायरा बढ़ाते हैं. मान लीजिए आप का दोस्त एक कलाकार या लेखक है तो उस के साथसाथ आप भी अपनी कला निखारने का प्रयास कर सकते हैं. कुछ आप उसे सिखाएंगे तो कुछ उस से सीखेंगे भी. दोस्त आप को कठिनाइयों का सामना करने में मदद करते हैं, सही सलाह देते हैं, आप की भावनाओं को सम झते हैं, अवसाद से बचाते हैं. दोस्तों के साथ आप घरपरिवार के साथसाथ कार्यालय की समस्याओं पर भी चर्चा कर सकते हैं.

दोस्त कहां और कैसे खोजें

आप उन स्थानों पर दोस्तों की तलाश करें जहां आप की रुचियां आप को ले जाती हैं. मसलन, प्रदर्शनी, फिटनैस क्लब, संग्रहालय, क्लब, साहित्यिक मंच या फिर कला से जुड़ी दूसरी संस्थाएं. आप डांस अकादमी या स्विमिंग सेंटर भी जा सकते हैं और वहां अच्छे दोस्त पा सकते हैं. ऐसी जगहों पर आप को अपने जैसी सोच वाले लोग मिलेंगे. आप सोशल नेटवर्किंग साइट्स और ब्लौग्स पर भी अपनी अभिरुचि से जुड़े दोस्तों की तलाश कर सकते हैं.

पड़ोसी हो सकते हैं अच्छे दोस्त

अकसर हम अपनी सोसाइटी या अपार्टमैंट के लोगों को भी नहीं पहचानते. आसपास रहने वाले लोगों के साथ भी हैलोहाय से ज्यादा संबंध नहीं रखेते. कभी गौर करें कि आप अपने पास रहने वाले लोगों के साथ कितनी बार संवाद करते हैं? क्या त्योहारों के मौकों पर उन्हें तोहफे देने, खुशियां बांटने या कुशलमंगल जानने जाते हैं? सच तो यह है कि हम उन्हें इग्नोर करते हैं पर वास्तव में एक पड़ोसी अच्छा दोस्त बन सकता है और आप इस दोस्त से रोजना मिल सकते हैं, साथ घूमने जा सकते हैं, बातें कर सकते हैं, कठिन समय में ये तुरंत आप की मदद को हाजिर हो सकते हैं.

औफिस में ढूंढें दोस्त

औफिस में हम अपनी जिंदगी का सब से लंबा वक्त बिताते हैं. यहां आप को समान सामाजिकमानसिक स्तर के लोगों की कमी नहीं होगी. बहुत से औप्शंस मिलेंगे. कई बार हम औफिस के लोगों से केवल काम से जुड़ी बातें ही करते हैं और औपचारिक रिश्ता ही रखते हैं पर जरा इस से आगे बढ़ कर देखें. कुछ ऐसे दोस्त ढूंढें जिन के साथ काम के सिलसिले में आप की प्रतिस्पर्धा नहीं या फिर जो आप के साथ चलना जानते हैं. ऐसे दोस्त न केवल आप के मनोबल को बढ़ाएंगे, बल्कि दिनभर के काम के बीच आप को थोड़ा रिलैक्स होने का मौका भी देंगे. यदि आप अपने औफिस के दोस्तों के प्रति ईमानदार रहते हैं और उन के सुखदुख में काम आते हैं, तो यकीन मानिए वे भी हमेशा आप का साथ देंगे.

इंटरनैट

इंटरनैट के माध्यम से आप अच्छे दोस्त ढूंढ़ सकते हैं. यह आप पर निर्भर करता है कि आप उन के साथ सालों की घनिष्ठ मित्रता के बंधन में बंधे रहना चाहते हैं या सिर्फ चैट कर मजे करना चाहते हैं खासकर विपरीतलिंगी व्यक्ति के साथ अकसर दोस्ती आकर्षणवश हो जाती है. लोग जिंदगी का मजा लेना चाहते हैं, पर इस सोच से अलग दोस्ती में घनिष्ठता और ईमानदारी रखना आप की जिम्मेदारी है.

अब सवाल उठता है कि औनलाइन दोस्त कैसे ढूंढें़? आज के समय में आप के पास इंटरनैट पर बहुत से औप्शंस हैं. आप स्काइप, फेसबुक, ट्विटर, डेटिंग साइट््स आदि पर दोस्त खोज सकते हैं. इस के लिए सोशल नैटवर्क पर अपने पेज को ठीक से डिजाइन करने की आवश्यकता है. इस के अलावा आप अपने कुछ विचार या मैसेज भी पोस्ट कर सकते हैं. सामाजिक और राष्ट्रीय विषयों पर अपनी बात रख सकते हैं. दूसरों के पोस्ट पर अपने कमैंट्स दे कर समान सोच वाले लोगों से संपर्क बढ़ा सकते हैं.

पुराने दोस्त हैं कीमती

यदि आप बचपन में कुछ ऐसे दोस्त बनाने में कामयाब रहे जो अब भी आप के साथ हैं तो इस से अच्छा आप के लिए और कुछ नहीं हो सकता. यदि आप के अपने पूर्व सहपाठियों के साथ संबंध नहीं हैं तो उन्हें खोजने का प्रयास करें. आज सोशल नैटवर्क का उपयोग कर यह काम बड़ी आसानी से किया जा सकता है. कौन जानता है शायद आप भी आपसी विश्वास और स्नेह पर बने अपने पिछले दोस्ती के रिश्तों को पुनर्जीवित करने में सक्षम हो जाएं.

सब से विश्वसनीय दोस्त बचपन के दोस्त ही होते हैं. इन के साथ आप बिना किसी हिचकिचाहट अपने दुखदर्द, अपनी तकलीफें और सीक्रेट शेयर कर सकते हैं. लंगोटिया यार साधारणतया कभी धोखा नहीं देते, क्योंकि वे आप को सम झते हैं. वे परिस्थितियों को देख कर नहीं, बल्कि आप के दिल की सुन कर सलाह देते हैं.

दोस्त बनाने के लिए क्या है जरूरी

आप को अजनबियों के साथ भी एक आम भाषा में अपनी भावनाएं व्यक्त करना और दूसरों का ध्यान आकर्षित करना आना चाहिए. कुछ लोग जन्म से ही इस कला में निपुण होते हैं. सब से जरूरी है कि दूसरों में रुचि लीजिए. दूसरों के हक के लिए आवाज उठाएं. अपनी भावनाएं शेयर कीजिए तभी सामने वाला आप के आगे खुलेगा और आप को दोस्त बनाने के लिए उत्सुक होगा.

सलीकेदार कपड़े पहनें

अपने कपड़ों के प्रति सतर्क रहें. कपड़े ऐसे हों जो आप के आकर्षण को बढ़ाएं और व्यक्तित्व को उभारें. कपड़ों के साथ ही अपने अंदर से आ रही गंध के प्रति भी सचेत रहें. मुंह से बदबू या कपड़ों से पसीने की गंध न आ रही हो. हलकी खुशबू का इस्तेमाल करें. बालों को सही से संवारें. इंसान दोस्त उसे ही बनाना चाहता है जो साफसुथरा और सलीकेदार हो.

जानबू झ कर शेखी न बघारें

अकसर लोग शेखी बघारने के क्रम में  झूठ का ऐसा जाल बुनते हैं कि फिर खुद ही उस में उल झ कर रह जाते हैं. इसी तरह दूसरों की नजरों में आने के लिए कुछ ऐसा न बोल जाएं जो मूर्खतापूर्ण लगे.

झगड़ा जल्दी सुल झाएं

दोस्त के साथ आप का  झगड़ा हो गया है तो यह जानने की कोशिश में न उल झें कि आप में से कौन सही है और कौन दोषी है, बल्कि सुलह करने वाले पहले व्यक्ति बनें. दोस्ती को खत्म करना बहुत सरल है पर इसे बनाए रखना बहुत कठिन. लंबे और विश्वसनीय रिश्ते के लिए एक मजबूत नींव बनाना कठिन काम है, पर वह नींव आप को ही तैयार करनी है.

याद रखिए 2 लोग जिन के शौक और दृष्टिकोण विपरीत हैं कभी दोस्त नहीं बन सकते. इसलिए समान हित और सोच वालों को अपना दोस्त बनाएं और जीवन के एकाकीपन को दूर करें.

गहरी दोस्ती के राज

अपने दोस्त के लिए हमेशा खड़े रहें. यदि धन से उस की मदद नहीं कर सकते तो कोई बात नहीं, मन से उस का साथ दें. उस को मानसिक सपोर्ट दें. उस की परेशानियों को बांटें और समस्याओं को सुल झाने का प्रयास करें. जब भी उसे आप की सहायता की जरूरत पड़े तो तुरंत आगे आएं. हमेशा कोशिश करें कि सामने वाले ने आप के लिए जितना किया जरूरत पड़ने पर आप उस से बढ़ कर उस के लिए करें. इस से आप को भी संतुष्टि मिलेगी और उस के दिल में भी आप के लिए सम्मान और प्यार बढ़ेगा. तभी तो आप की दोस्ती ज्यादा गहरी और लंबी चल सकेगी.

पैसे के मामलों में थोड़ी तटस्थता रखें

पैसों के मामले में थोड़े तटस्थ रहें. जब भी आप साथ कहीं घूमने जाते हैं, कोई चीज खरीदते हैं या दोस्त आप के लिए कुछ ले कर आता है तो पैसों का हिसाबकिताब बराबर रखने का प्रयास करें. जब भी आप दोनों मिल कर कुछ खर्च कर रहे हों तो किसी एक पर अधिक भार न पड़ने दें. भले ही छोटेमोटे खर्च ही क्यों न हुए हों, कोशिश करें कि खर्च आधाआधा बांट लें. अगर आप 4-5 दोस्त हैं तो सब मिल कर रुपए खर्च करने की कोशिश करें.

जहां तक बात कुछ बड़ी परेशानियों के समय खर्च करने की आती है जैसे घर में बीमारीहारी हो जाए या आप का दोस्त किसी क्रिमिनल केस में फंस जाए और उसे आप की मदद की जरूरत हो जैसे बेल देनी हो या उस के लिए कोई काबिल वकील तलाश करना हो अथवा मैडिकल ट्रीटमैंट के लिए तुरंत पैसों की जरूरत हो तो इस तरह के मामलों में कभी भी रुपए खर्च करने में आनाकानी न करें. यानी जब बात जान पर आ जाए तो बिना कुछ सोचे दिल खोल कर खर्च करें, क्योंकि यह बात आप का दोस्त जिंदगीभर नहीं भूल सकेगा और समय आने पर आप के लिए वह भी जान की बाजी लगा देगा. इसलिए अपने दोस्त होने की जिम्मेदारी को ऐसे समय जरूर निभाएं.

घबराएं नहीं भरोसेमंद बनें

यदि आप दोनों की जीवनस्तर में काफी असमानताएं हैं यानी कोई अमीर है और दूसरा गरीब तो ऐसी स्थिति में भी आप की दोस्ती पर कोई फर्क न पड़े. दोस्ती के लिए सिर्फ एक भरोसा, एक विश्वास और एक अपनापन ही सब से अहम होता है. यदि आप सामने वाले के लिए भरोसेमंद साबित होते हैं, जरूरत के वक्त उस के साथ खड़े रहते हैं, उस के सीक्रेट्स किसी से शेयर नहीं करते और उसे भरपूर मानसिक सपोर्ट देते हैं तो यकीन मानिए आप दोनों की दोस्ती की नींव बहुत मजबूत और गहरी रहने वाली है. आर्थिक स्तर का कोई असर आप की दोस्ती पर नहीं पड़ेगा.

विवाहितों में दोस्ती

दोस्ती का एक खूबसूरत पहलू यह भी हो सकता है कि आप दोनों पतिपत्नी की दोस्ती किसी ऐसे कपल से हो जो बिलकुल आप के जैसे हों. ऐसी दोस्ती का अलग ही आनंद होता है. इस में ध्यान देने की बात यह है कि आप दोनों समान रूप से उस कपल के साथ जुड़े हों यानी आप की जीवनसाथी भी उस कपल के साथ दोस्ती ऐंजौय कर रही हो और किसी तरह की मिसअंडरस्टैंडिंग क्रिएट न हो रही हो. इस तरह 2 कपल्स की दोस्ती 2 परिवारों की दोस्ती जैसी हो जाती है. आप चारों मिल कर एक खूबसूरत परिवार जैसा रिश्ता बना लेते हैं. आप चारों मिलबैठ कर बातें करें. ऐसी दोस्ती महानगरों में बहुत उपयोगी है. इस से अकेलापन तो दूर होगा ही विश्वसनीय रिश्ते भी मिल जाते हैं.

इसी तरह पतिपत्नी आपस में भी एकदूसरे के दोस्त बने रहने चाहिए. जब तक जीवनसाथी को आप दोस्त नहीं मानते तब तक सही अर्थों में आप जीवन के सुखदुख में एकदूसरे का साथ नहीं दे पाएंगे. इसलिए हमेशा एकदूसरे को अपना दोस्त मानें. इस से रिश्ते में गहराई आती है.

रहस्य छिपा कर रखने की आदत डालें

दोस्ती का एक बहुत बड़ा उसूल होता है कि अपने दोस्त के राज कभी न खोलें. उन्हें किसी से शेयर न करें, क्योंकि सामने वाला आप को बहुत विश्वास के साथ अपना मान कर अपने सीक्रेट्स, फीलिंग्स या वीकनैस शेयर करता है. उन बातों को यदि आप किसी से कह देंगे तो फिर दोस्ती टूटने में एक पल का समय नहीं लगेगा. इसलिए सामने वाले को यह भरोसा दिलाएं कि आप किसी भी परिस्थिति में उस के राज किसी से नहीं कहेंगे. ऐसी दोस्ती में ही व्यक्ति दोस्त को अपना सबकुछ बता सकता है और अपना मन हलका कर सकता है.

पतिपत्नी के बीच उम्र में कितना होना चाहिए गैप ?

कहा जाता है कि प्यार करने की कोई उम्र नहीं होती, किसी भी उम्र में प्यार हो सकता है, वैसे ही शादी की कोई उम्र नहीं होती, किसी भी उम्र में शादी की जा सकती है और पति-पत्नी में अंतर कितना सही है, इसका अंदाजा भी नहीं लगाया जा सकता, क्योंकि प्यार सबसे पहले होता है, जिसमे मानसिक और शारीरिक अट्रैक्शन शामिल होता है. इसमें आयु का अंतर किसी रिश्ते को कितना प्रभावित करता है, उसे समझ पाना काफी मुश्किल है, क्योंकि आयु के अंतर का असर सिर्फ सेक्स के समय होता है, अगर सेक्स जरुरी नहीं, तो शादी किसी भी आयु में कितने भी फर्क के साथ की जा सकती है और उसका असर रिश्ते की बोन्डिंग पर कभी नहीं पड़ता.

यही वजह है कि क्रिकेटर सचिन तेंदुलकर और अंजलि तेंदुलकर के बीच 6 साल का ऐज गैप है, जिसमे अंजलि 6 साल बड़ी है, प्रियंका चोपड़ा और निक जोनास के बीच 10 साल का एज गैप है, जिसमे प्रियंका निक से 10 साल बड़ी है. जबकि दिलीप कुमार और सायरा बानो के बीच 22 साल का एज गैप रहा और उनकी जोड़ी हिंदी सिनेमा इंडस्ट्री की मिसाल रही. धर्मेन्द्र और हेमामालिनी के बीच 13 वर्ष, राजेश खन्ना और डिंपल के बीच 16 वर्ष, कबीर बेदी और प्रवीण दुसांज के बीच 29 वर्ष, मिलिंद सुमन और अंकिता कुंवर के बीच 25 साल का एज गैप आदि कई उदहारण है. उन सभी की जोड़ी अच्छी चल रही है. हालांकि लम्बे समय से भारत में उम्र के गैप को शादी के लिए जरुरी माना गया है, जिसमे पति का पत्नी से बड़ा होना जरुरी माना गया है, लेकिन समय के साथ इसमें आज परिवर्तन आ रहा है और उम्र के गैप को जरुरी अब नहीं समझा जाता.

अटलांटा की यूनिवर्सिटी में हुई एक रिसर्च के हिसाब से पति-पत्नी के बीच 5 साल का एज गैप सही माना गया है. रिसर्च के अनुसार जिन कपल्स के बीच ऐज गैप 5 साल होता है, उनमें तलाक की संभावना 18% होती है. वहीं, जिन कपल्स के बीच ऐज गैप 10 साल है, उनमें तलाक की संभावना 39% है और यदि एज गैप 20 साल है तो तलाक की संभावना 95% होती है.

विवाह में एज गैप की नहीं होती परिभाषा

इस बारें में हीलिंग सर्कल की मैरिज काउंसलर आरती गुप्ता कहती है कि मैरिज में एज गैप की कोई परिभाषा नहीं होनी चाहिए, क्योंकि दो व्यक्ति के व्यक्तिगत भावनाएं अलग होती है, जिसमे उनके माहौल, शिक्षा, जॉब, रहन-सहन आदि कई बातें उससे जुडी हुई होती है. गैप की जरुरत भी क्यों चाहिए, पहले जमाने में लोग सोचते थे कि एक की अधिक उम्र होने पर वह अधिक परिपक्व रहेगा, सम्हालेगा, जिसमे लड़के को ही बड़ा होना जरुरी मानते थे. तब पुरुष डोमिनेट समाज की ये सोच थी. अब भी समाज पुरुष प्रधान रखना चाहती है, लेकिन वह अब नहीं है, क्योंकि ग्लोबलाईजेशन और वुमन एम्पावरमेंट की वजह से ये सब आज मायने नहीं रखती. अब दो लोगों का आपस में गठबंधन हो रहा है और उन दोनों का आपस में क्या कम्फर्ट लेवल है, उनकी परिपक्वता कितनी है, उनकी सोच क्या है, आदि, ये सब फ्लेक्सिबल चीजे है, जिसमे किसी को भी जज करने की जरुरत नहीं. अभी लडकियां कई जगहों पर लड़के से बड़ी होने पर भी शादियाँ हो रही है और उनकी जिंदगी अच्छी चल रही है. सभी मानते है कि लड़कियां लड़कों से अधिक मेच्योर होती है. पहले भी देखा गया है कि महिलाओं में जन्म से ये सारी बातें अंतर्निहित होती है, जिसमे घर, रिश्ते, बच्चे  सबको सम्हालते हुए पति के पैसे से परिवार चलाती थी. मेरे पास मेडिकली कोई प्रूव नहीं है कि लड़की की उम्र कम होने पर सेक्सुअली या रिप्रोडक्शन में वह बेहतर होती है. मैं उस बात से सहमत नहीं हूँ.

शिक्षित होना आवशयक  

भारत सरकार ने महिलाओं की शादी की न्‍यूनतम कानूनी उम्र 18 से बढ़ाकर 21 साल करने का विधेयक संसद में पेश किया था. महिलाओं की शादी की उम्र 18 साल से बढ़ाकर 21 साल करने का प्रस्ताव दिया था. जबकि पुरुषों के लिए उम्र 21 साल ही रहेगा, क्या इससे जनसंख्या कंट्रोल हो सकेगा? पूछने पर हंसती हुई अंजलि कहती है कि जनसँख्या कंट्रोल होगा या नहीं, ये कहना मुश्किल है, क्योंकि मैं अर्बन एरिया में रहती हूँ और ये भी सही है कि लड़कियों की शादी की उम्र बढाने पर जनसँख्या पर कुछ असर देखने को मिल सकता है, क्योंकि उनमे जागरूकता जनसँख्या को लेकर बढ़ सकती है. गांवों में बहुत कम उम्र में लड़कियों की शादी हो जाती है और बर्थ कंट्रोल की सुविधा नहीं है, ऐसे में कानून बनाकर और शिक्षित कर ही इस पर कंट्रोल किया जा सकता है. इसके साथ-साथ आकड़ों पर अधिक गौर करना होगा, जिससे जनसँख्या कंट्रोल के बारें में जानकारी मिल सकती है, लेकिन इन सबमे लड़कियां और लड़कों का शिक्षित होना सबसे अधिक जरुरी है.

हर उम्र में शादी की परिभाषा अलग  

अधिक उम्र में शादी करने वालों की संख्या आज बढ़ रही है, इसकी वजह के बारें में पूछने पर आरती कहती है कि आजकल लोग अधिक उम्र में भी शादियाँ कर रहे है, ये अच्छी बात है. इसमें वे सेक्स के लिए शादी नहीं कर रहे है. वे अपना एक साथी चाहते है, सेटल होना चाहते है, वे अपनी जिंदगी को किसी के साथ शेयर करना चाहते है और ये किसी भी रूप में गलत नहीं. उस रिलेशनशिप में शादी की परिभाषा अलग होती है. यंग एज में शादी करने का अर्थ है कि लड़के और लड़कियां मैच्योर हो चुके है, बच्चे पैदा करने की उम्र है और परिवार को आगे बढ़ाना है. इन सारी जरूरतों को पूरा करने के लिए दो परिवार एकसाथ होते है और उनकी शादी होती है.

वजह डोमिनेशन  

इसके आगे काउंसलर कहती है कि आयु का अंतर सिर्फ डोमिनेशन के लिए होता है, जहाँ पुरुष खुद को महिला से बड़े होने की वजह से अकलमंद, अधिक पढ़ा-लिखा समझते है और अपनी बातें पत्नी को मनवाने की कोशिश करते है. लकिन यहाँ यह समझना जरुरी है कि अब वे दिन रहे नहीं. यहाँ मैं अर्बन परिवेश की बात कर रही हूँ, क्योंकि मैं बड़े शहर में रहती हूँ, जबकि गांवों और छोटे शहरों में आज भी लड़के का लड़की से बड़े होने को सही मानते है. उसमे भी बदलाव आ रहा है और पूरी तरह से बदलाव आने में समय लगेगा. जितनी जल्दी समाज और परिवार इसे समझ लें, सोच को बदल लें और बहाव में बहने के लिए तैयार हो, उतना ही पारिवारिक सुख-शांति बनी रहेगी. जितना उसका विरोध करेंगे, परिवार टूटता चला जायेगा और आज कई घर, विरोध की वजह से टूट चुके है.

मेंटल और इमोशनल कम्पेटिबिलिटी जरुरी

आरती कहती है कि कई लोग मुझसे एज गैप को लेकर अपनी समस्या का जिक्र करते है और मुझे उन्हें समझाना पड़ता है, कि हर उम्र की सोच और जरूरतें अलग होती है. आज जमाना समानता का होता जा रह है, दोनों में परिपक्वता खुद को ही लाना पड़ता है, एज गैप से अधिक मेंटल और इमोशनल कम्पेटिबिलिटी का होना बहुत जरुरी है. मेरे और मेरे पति के बीच काफी एज गैप है, लेकिन उन्होंने मुझे शादी के बाद सारी शिक्षा लेने के लिए सहयोग दिया. रिलेशनशिप को निखारना पड़ता है. मेरा सभी यूथ से कहना है कि एक्सेप्टिंग, एडजस्टमेंट, कोम्प्रोमाईज़, लव, गिविंग एंड रिसीविंग आदि सभी चीजे ह्यूमन रिलेशनशिप को बनाए रखने में सहायक होती है, इसे अपनाने की कोशिश करें, ताकि एक मजबूत रिश्ता बनी रहे.

कहीं, पति उम्र में बड़ा है, तो कहीं पत्नी लेकिन फिर भी शादी अच्छी चल रही है. ऐसे में यह निष्कर्ष निकला जा सकता है कि सफल शादी के लिए पति-पत्नी में एज गैप से ज्यादा एक दूसरे के लिए प्यार, इज्जत और समझ होना जरूरी है.

गर्लफ्रेंड से हर Boyfriend चाहता है ये 5 बातें

आप भले ही बोलें के मेरा ब्वॉयफ्रेंड मुझसे कुछ नहीं छुपाता और हर बात शेयर करता, वह बहुत आपेन है. लेकिन ऐसा नहीं है. कुछ बातें ऐसी होती हैं जो व्वॉयफ्रेंड के दिल में होती हैं लेकिन उसे वह जुबान पर लाना नहीं चाहता.

1. साथ का अहसास

लड़के देखने में बड़े तेज होते हैं. वह हमेशा अपनी गर्लफ्रेंड की तुलना करते रहते हैं. ऐसे में जब आप अपने पार्टनर के साथ कहीं डिनर में जा रही होती हैं तो पूरी तरह से सज संवरकर जाना चाहती हैं. बड़ी सी गाउन और बेहद फैशन के साथ निकलने की कोशिश करती हैं. ब्वॉयफ्रेंड को आपका हमेशा सरल लिबास और कम फैशन भाता है जिससे कि साथ चलने में एक दूसरे का अहसास हो सके. भारी कपड़ों के साथ दूर रहना पड़ता है. उस वक्त आपकी खुशी और घंटों ड्रेस को लेकर बिताए समय का लिहाज कर वह कुछ नहीं बोलता लेकिन दिल में यही होती है सिंपल और सोबर ही आप ज्यादा सुंदर दिखती हैं.

2. शायद रिश्ता गहरा नहीं है

रिलेशनशिप में आने के बाद लड़कों को बातों-बातों में यह अहसास होता है कि शायद उसकी गर्लफ्रेंड की ओर से यह रिश्ता अभी पक्का नहीं है. वह इस कदर अटैच नहीं है जितना की ब्वॉयफ्रेंड. ऐसे में वह अक्सर इस रिश्ते को जांचने की कोशिश करता है लेकिन इस बात को बोलता नहीं. इमोशनली वह अंदर से घुटता रहता है. इसे जांचने के लिए अक्सर वह फिजिकल रिलेशन या किस का सहारा लेता है कि आप क्या बोल रही हैं.

3. फिजिकल रिलेशन

भले ही आपका ब्वॉयफ्रेंड यह बोले की वह रिश्ते में सेक्स को ज्यादा अहमियत नहीं देता लेकिन लड़के ऐसा कतई नहीं हो​ते. अपनी गर्लफ्रेंड के साथ वो सेक्स के बारे में सोचते ही हैं. यह कोई जरूरी नहीं कि हर रोज ही सेक्स करें लेकिन कभी-कभी की तो चाहत होती ही है. इन चीजों को आप खुद भी नोटिस कर सकते हैं. नए रिश्ते में भले ही वह कुछ न बोले लेकिन जैसे ही रिश्ता पुराना होता है. वह अपने घर पर अकेला होने पर ​बुलाता है या फिर आपको यह जरूर बताएगा कि उसके दोस्त का कमरा अक्सर खाली होता है. इन सब बातों से आप अंदाजा लगा सकते हैं कि वह क्या चाहता है.

4. दोस्तों के साथ नाइट आउट

लड़कों की हमेशा यह ख्वाहिश रखते हैं कि उन्हें ऐसी गर्लफ्रेंड मिले जो दोस्तों के साथ उनके नाइटआउट्स पर ऐतराज न करे. हालांकि ज्यादातर लड़कियों को लड़कों के इस तरह के प्लान्स से चिढ़ होती है. ऐसे में लड़के अपनी गर्लफ्रेंड को नाइट आउट के बारे में बोलने से घबराते हैं. इस बारे में जांचने के लिए अक्सर वो अपने दोस्त की नाइट आउट की कहानियां गर्लफ्रेंड को सुनाते हैं लेकिन खुद बोलने में परहेज करते हैं.

5. नजदीक लेकिन थोड़ी दूरी

रिलेशन में आने के साथ ही लड़की को लगता है कि ब्वॉयफ्रेंड पर उसका अधिकार हो गया और हर छोटी बड़ी बातों में उसे शामिल करने लगती है. परंतु लड़के दोस्ती और प्यार में थोड़ा फासला रखना चाहते हैं. उनकी कोशिश यही होती है​ कि उनके हर काम में गर्लफ्रेंड की दखल अंदाजी न हो. ऐसे में जब लड़की जब ज्यादा नजदीक आने लगती है तो उन्हें इस बात को बोलने से कतराते हैं. उनको डर होता है कि कहीं बुरा न मान जाए और रिश्ता खराब न हो जाए. ऐसे में दिल की बात दिल में ही रह जाती है.

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