सेक्सुअल प्रौब्लम के कारण मेरी मैरिड लाइफ बर्बाद हो रही है, मैं क्या करूं?

अगर आपकी भी ऐसी ही कोई समस्या है, तो ये लेख अंत तक जरूर पढ़ें…

सवाल

मैं 22 साल का हूं. फोरप्ले के बाद बीवी के ऊपर लेट कर हमबिस्तरी करने पर भी महज 30 सैकंड में मैं पस्त हो जाता हूं. इस नाकामी पर बीवी के ताने सुन कर खुदकुशी करने का मन करता है. मैं क्या करूं?

जवाब

तजरबे की कमी के चलते ऐसा हो रहा होगा. आप एक बार मामला निबटने के बाद फिर से कोशिश करें, तो दूसरी पारी ज्यादा देर तक टिकेगी और धीरेधीरे आप का हौसला बढ़ जाएगा. अगर फिर भी 30 सैकंड में इजाफा न हो, तो किसी माहिर डाक्टर से इलाज कराएं. नीमहकीमों से कतई न मिलें.

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मेरठ का 30 वर्षीय मनोहर अपने वैवाहिक जीवन से खुश नहीं था, कारण शारीरिक अस्वस्थता उस के यौन संबंध में आड़े आ रही थी. एक वर्ष पहले ही उस की शादी हुई थी. वह पीठ और पैर के जोड़ों के दर्द की वजह से संसर्ग के समय पत्नी के साथ सुखद संबंध बनाने में असहज हो जाता था. सैक्स को ले कर उस के मन में कई तरह की भ्रांतियां थीं.

दूसरी तरफ उस की 24 वर्षीय पत्नी उसे सैक्स के मामले में कमजोर समझ रही थी, क्योंकि वह उस सुखद एहसास को महसूस नहीं कर पाती थी जिस की उस ने कल्पना की थी. उन दोनों ने अलगअलग तरीके से अपनी समस्याएं सुलझाने की कोशिश की. वे दोस्तों की सलाह पर सैक्सोलौजिस्ट के पास गए. उस ने उन से तमाम तरह की पूछताछ के बाद समुचित सलाह दी.

क्या आप जानते हैं कि सैक्स का संबंध जितना दैहिक आकर्षण, दिली तमन्ना, परिवेश और भावनात्मक प्रवाह से है, उतना ही यह विज्ञान से भी जुड़ा हुआ है. हर किसी के मन में उठने वाले कुछ सामान्य सवाल हैं कि किसी पुरुष को पहली नजर में अपने जीवनसाथी के सुंदर चेहरे के अलावा और क्या अच्छा लगता है? रिश्ते को तरोताजा और एकदूसरे के प्रति आकर्षण पैदा करने के लिए क्या तौरतरीके अपनाने चाहिए?

सैक्स जीवन को बेहतर बनाने और रिश्ते में प्यार कायम रखने के लिए क्या कुछ किया जा सकता है? रिश्ते में प्रगाढ़ता कैसे आएगी? हमें कोई बहुत अच्छा क्यों लगने लगता है? किसी की धूर्तता या दीवानगी के पीछे सैक्स की कामुकता के बदलाव का राज क्या है? खुश रहने के लिए कितना सैक्स जरूरी है? सैक्स में फ्लर्ट किस हद तक किया जाना चाहिए?

इन सवालों के अलावा सब से चिंताजनक सवाल अंग के साइज और शीघ्र स्खलन की समस्या को ले कर भी होता है. इन सारे सवालों के पीछे वैज्ञानिक तथ्य छिपा है, जबकि सामान्य पुरुष उन से अनजान बने रह कर भावनात्मक स्तर पर कमजोर बन जाता है या फिर आत्मविश्वास खो बैठता है.

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गर्लफ्रैंड के साथ झगड़ा हो गया है, मैं उसे कैसे मनाऊं?

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सवाल

मैं अपनी गर्लफ्रैंड जोकि मेरी ही क्लास में पढ़ती है, से बहुत प्यार करता हूं, लेकिन कुछ दिन से वह मुझ से बात नहीं करती. हमारे बीच झगड़ा हो गया है, क्योंकि मैं ने उस के स्कर्ट में आने पर उस की टांगों की सुंदरता की तारीफ कर दी. मैं उस से दूर नहीं जाना चाहता. ऐग्जाम्स भी आने वाले हैं. मैं क्या करूं?

जवाब

भई, सब से पहले तो आप यह बताइए कि आप उस से प्यार करते हैं या उस के शरीर से. आप की बातों से तो लगता है आप का प्यार शारीरिक आकर्षण है, जो इस उम्र में हो जाता है वरना आप का उस की टांगों की सुंदरता की ओर ही ध्यान क्यों गया? वह भी आप से इसी वजह से नाराज है.

बहरहाल, आप उस से अपनी गलती की माफी मांग मामला सुलटाइए. फिर प्यार में एकदूसरे की मदद पढ़ाई के जरिए कीजिए. शारीरिक आकर्षण से ध्यान हटाएंगे तो पढ़ाई पर भी ध्यान दे पाएंगे वरना पेपर भी बकवास जाएंगे और अगर पढ़ाई न हुई तो महबूबा भी हाथ से जाएगी. अत: एकदूसरे का संबल बनिए, पढ़ाई कर कैरियर बनाइए, ताकि सारी उम्र साथ निभा सकें.

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जब बिस्तर पर पकड़े जाएं रंगे हाथों

बेंगलुरु के एक 31 वर्षीय सौफ्टवेयर इंजीनियर को काफी समय से अपनी पत्नी पर शक था कि उस का किसी के साथ अफेयर चल रहा है और वह ये सब छिपा कर उसे धोखा दे रही है. इंजीनियर को कई बार घर से सिगरेट के कुछ टुकड़े मिलने के साथसाथ और भी कई ऐसी चीजें मिली थीं जिन से पत्नी पर शक और पुख्ता हो गया था. इन सब के बावजूद जब पत्नी ने अपने संबंध की बात नहीं कबूली तो उस ने अपनी पत्नी की गतिविधियों को ट्रैक करने की ठानी.

इस के लिए उस ने लिविंग रूम की घड़ी के पीछे एक कैमरा सैट किया, लेकिन उस की यह कोशिश नाकाम रही.

दूसरी बार उस ने 2 अन्य कैमरे लिविंग रूम में डिफरैंट ऐंगल्स पर सैट किए. साथ ही अपनी पत्नी के फोन को अपने लैपटौप पर ऐप के माध्यम से और रिमोट सैंसर से कनैक्ट किया, जिस से उसे पत्नी के फोन की चैट कनैक्ट करने में आसानी हुई और वौइस क्लिप के माध्यम से पता चला कि उस की पत्नी अपने बौयफै्रंड से कंडोम लाने की बात कह रही थी. उस ने कैमरों की मदद से बैडरूम में उन्हें संबंध बनाते हुए भी पकड़ा.

इन्हीं पुख्ता सुबूतों के आधार पर पति ने तलाक का केस फाइल किया. अदालत में पत्नी ने भी अपनी गलती स्वीकारी, जिस के आधार पर दोनों का तलाक हुआ.

ऐसा सिर्फ एक मामला नहीं बल्कि ढेरों मामले देखने को मिलते हैं जिन में बिस्तर पर रंगेहाथों अवैध संबंध बनाते पकड़े जाने पर या तो रिश्ता टूट जाता है या फिर ब्लैकमेलिंग की जाती है. इतना ही नहीं आप समाज की नजरों में भी गिर जाएंगे.

ऐसा भी हो सकता है कि आप का कोईर् फ्रैंड आप को रिलेशन बनाते हुए पकड़ ले. भले ही आप उसे दोस्ती का वास्ता दें लेकिन अगर उस का दिमाग गलत सोच बैठा तो वह आप को इस से बदनाम कर के आप को कहीं मुंह दिखाने लायक नहीं छोड़ेगा. ऐसे में अगर आप पार्टनर के साथ संबंध बनाने की इच्छा रखते भी हैं तो थोड़ी सावधानी बरतें ताकि आप ब्लैकमेलिंग का शिकार न होने पाएं.

करीबी का रूम न लें

आप का बहुत पक्का फ्रैंड है और आप उस पर ब्लाइंड ट्रस्ट कर के अपने फ्रैंड का रूम ले लें और बेफिक्र हो कर सैक्स संबंध बनाने लगें. लेकिन हो सकता है कि फ्रैंड ने पहले से ही रूम में कैमरा वगैरा लगाया हो, जिस से बाद में वह ब्लैकमेल कर के आप से पैसा ऐंठे या फिर आप के पार्टनर से सैक्स संबंध बनाने की ही पेशकश कर दे. ऐसे में आप बुरी तरह फंस जाएंगे. इसलिए करीबी का रूम न लें.

सस्ते के चक्कर में न फंसें

हो सकता है कि आप सस्ते के चक्कर में ऐसे होटल का चुनाव करें जिस की इमेज पहले से ही खराब हो. ऐसे में आप का वहां सैक्स संबंध बनाना खतरे से खाली नहीं होगा. वहां आप के अंतरंग पलों की वीडियो बना कर आप को ब्लैकमेल किया जा सकता है.

नशीले ड्रिंक का सेवन न करें

पार्टनर्स को नशीले पदार्थ का सेवन कर के सैक्स संबंध बनाने में जितना मजा आता है, उतना ही यह सेहत और सेफ्टी के लिहाज से सही नहीं है. ऐसे में जब आप नशे में धुत्त हो कर संबंध बना रहे होंगे तब हो सकता है आप का कोईर् फ्रैंड आप को आप के पेरैंट्स की नजरों से गिराने के लिए ये सब लाइव दिखा दे. इस से आप अपने पेरैंट्स की नजरों में हमेशाहमेशा के लिए गिर जाएंगे.

न लगने दें किसी को भनक

अगर आप अपने पार्टनर के साथ संबंध बनाने का मन बना चुके हैं तो इस की भनक अपने क्लोज फ्रैंड्स को न लगने दें वरना वे भी सबक सिखाने के लिए आप को अपने जाल में फंसा सकते हैं.

कहीं रूम में कैमरे तो नहीं

जिस होटल में या फिर जिस भी जगह पर आप गए हैं वहां रूम में चैक कर लें कि कहीं घड़ी, अलमारी वगैरा के पास कैमरे तो सैट नहीं किए हुए हैं. अगर जरा सा भी संदेह हो तो वहां एक पल भी न रुकें वरना आप के साथ खतरनाक वारदात हो सकती है.

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क्या आप भी अपनी सहेली से कहती हैं ये बातें

सुरेखा और रीना अच्छी दोस्त थीं, दोनों अपनी हर बात एक दूसरे से शेयर करने लगी थी. रीना ने सुरेखा को बताया था कि उसके मायके में उसकी माँ और भाई भाभी के झगडे चलते रहते हैं जिनसे वह बहुत आहत रहती है. रीना को लगता था कि हर बात बार बार पति को क्या बतानी, अपनी दोस्त से ही सब कह कर मन का गुबार निकाल कर दिल हल्का कर लेती. तीन साल तो दोनों में बहुत  गहरी दोस्ती रही पर धीरे धीरे बहुत छोटी छोटी बातों में एक दूरी आने लगी,एक दिन किसी पड़ोसन ने बेवजह रीना से झगड़ा किया, सुरेखा बिना कारण जाने ही रीना को नीचे दिखाने के लिए आकर खड़ी हो गयी और कहने लगी ,”अरे, इसकी किसी से नहीं बनेगी, इसकी तो माँ  और भाई के झगडे ख़तम नहीं होते, इसने झगडे करना ही तो सीखा है.”

हैरान रह गयी रीना, आँखें छलछला उठीं, वह वहां से चुपचाप हट गयी, लगा कि ये क्या गलती कर दी, किसी को अपना दोस्त समझ कर दिल का दुःख शेयर कर लिया तो क्या यह इतना बड़ा गुनाह हो गया कि आज सबके सामने वो दोस्त उसी बात को सामने रख अपमान कर रही है. उसने कान पकडे कि कभी किसी को दोस्त समझने की गलती नहीं करेगी, इस बात को बीते दस साल हो गए हैं, रीना कहती हैं,  ‘’अपने मायके की टेंशन दोस्त से शेयर करने को जो गलती कभी की थी, उससे सबक यही मिला है कि आज के दोस्त कब दुश्मन बन जाएँ, कब आपकी ही बात को आपके खिलाफ इस्तेमाल करेंगें, पता ही नहीं चलेगा. तबसे कोई कितना भी अच्छा दोस्त बन जाए, मैंने अपने दुःख कभी किसी से वैसे शेयर नहीं किये जैसे कभी सुरेखा से शेयर किये थे.”

विमला देवी अकेली रहती हैं, रिटायर्ड टीचर हैं, दो बेटी हैं, बड़ी बेटी नीता  के बड़े  बेटे रवि  का विवाह था, भात की रस्म के लिए नीता की फरमाइशों पर अपने सामर्थ्य के अनुसार विमला देवी ने काफी सामान खरीदा जिसमे उनका पचास हजार खर्च हुआ, उनकी सहेली विभा सामान देखने आयीं तो पूछ लिया,”कितने खर्च हुए ?”

”पचास हजार तो हो चुके, अभी भी कुछ खरीदना बाकी है. नीता ने फोन पर और सामान भी बता दिया है.”

विभा ने कहा, ”नीता ने यह नहीं सोचा कि रिटायर्ड माँ कहाँ से इतना खर्च करेगी?”

विमला और विभा एक ही स्कूल में टीचर रहीं थीं, घर भी पास पास ही था, सत्तर साल की हो गयीं थीं, खूब दुःख सुख हमेशा शेयर करती आयीं थीं,एक ठंडी साँस लेकर विमला ने कहा, ” क्या कर सकते हैं? पहला विवाह है उसके घर में, सब रस्मों के बड़े अरमान हैं उसे, कोई बात नहीं, यह दिन तो किस्मत से आता है, ख़ुशी  का  मौका है, ठीक है, कोई बात नहीं, बचत है तो कर पा रही हूँ.‘’

शादी की तैयारी के सिलसिले में नीता माँ से मिलने आयी, तो विभा भी वहीँ बैठी थीं, थोड़ी देर में नीता से कह दिया,” क्यों, नीता, बड़ा खर्च करवा दिया माँ का भात की रस्म के लिए, पचास हजार तो बहुत होता है ,बेटी.”

नीता तुनकमिजाज थी, सुनकर ही उसे माँ पर गुस्सा आ गया, ”कोई जरुरत नहीं खर्च करने की, सबको पचास हजार खर्च करने का गाना सुना रही हो तो कोई जरुरत नहीं हमें बदनाम करने की कि हमने इतना खर्च करवा दिया.‘’

विमलादेवी सन्न रह गयीं, बात तो कुछ भी नहीं थी, बतंगड़ बन चुका था, वे बेटी को समझाती रह गयी कि ऐसे ही बात निकल आयी थी, उन्होंने किसी को कुछ नहीं कहा है और वे तो शादी की रस्मों के लिए ख़ुशी से सब कर रही हैं.‘’

नीता उन्हें खूब सुना कर चली गयी,शादी में उसका मुँह सीधा नहीं हुआ, विमला देवी को बहुत पछतावा हुआ कि क्यों  उन्होंने विभा से यह बात कर ली थी.

अनीता और दीपा बहुत अच्छी दोस्त हैं, पर दोस्तों से कब कितना शेयर करना चाहिए, इस विषय पर अनीता अपना अनुभव बताते हुए कहती हैं,” मेरे बेटे का ब्रेक अप हुआ था तो मैं अपने बेटे को परेशान देख कर बहुत  दुखी थी, मैंने दीपा को बता दिया कि कैसे इन दिनों मेरा बेटा नवीन डिस्टर्ब है, एक दिन रोड पर नवीन को दीपा मिल गयी और लगी उसे समझाने कि ब्रेक अप तो होते रहते हैं, इन्हे क्या सीरियसली लेना, और वगैरह वगैरह , नवीन  घर आकर मुझसे इतना नाराज हुआ कि ‘आपको मेरा ब्रेक अप बताने की क्या जरुरत है, मैं आपको आगे से कभी कुछ नहीं बताऊंगा, आप माँ होकर अपने बेटे की बात अपने तक नहीं रख सकीं ‘  वह मुझसे बहुत नाराज रहा, मुझे बहुत दुःख हुआ.”

अवनि और रिमी अच्छी दोस्त थीं, एक ही बिल्डिंग में ऊपर नीचे रहतीं, दोनों के हस्बैंड भी एक ही ऑफिस में थे, अवनि के हस्बैंड संजय सीनियर पोस्ट पर थे,अचानक संजय के जॉब पर संकट के बादल मंडराने लगे,उनकी नींद उडी हुई थी,यह बात अवनि ने रिमी को बता दी कि आजकल संजय ठीक से सोते नहीं तो रिमी के हस्बैंड विनय ने ऑफिस में लंच टाइम में सबके साथ बैठ कर मजाक करते हुए कहा, ”क्या हो गया, संजय साहब, सुना है आजकल नींद गायब है आपकी, भाभीजी रिमी को बता रही थीं. आप तो हमसे कुछ शेयर करते ही नहीं !”

संजय  धीर गंभीर स्वभाव के इंसान थे, अपनी पर्सनल बात ऑफिस में करना उन्हें पसंद नहीं था,ऑफिस में अपनी परेशानी पर मजाक बनना उन्हें पसंद नहीं आया. घर आते ही अवनि को बहुत डांटा. अवनि को रिमी पर बहुत गुस्सा आया.

जीवन में एक दोस्त की जरुरत हम सबको होती है,बहुत सारी बातें ऐसी होती हैं जिन्हे हम किसी दोस्त से शेयर करना चाहते हैं. दोस्ती का रिश्ता किसी रिश्तेदार से अलग होता है. दोस्त हर मोड़ पर साथ देते हैं. मन से जुड़े दोस्त के साथ दिल से रिश्ता जुड़ जाता है.इंसान जब किसी को अपना दोस्त समझने लगता है, लम्बे समय से दबे गहरे राज उससे शेयर कर लेता है पर ऐसे दोस्तों का आप क्या करेंगें जिन्हे आप अपना समझ कर दिल उनके सामने खोल कर रख दें, अपने सारे दुःख सुख बता देंऔर वे आपका ही मजाक उड़ाने लगें ? ऐसे में हल्का महसूस करने की जगह आप कई दिनों तक अपनी समस्याओं से नहीं बल्कि अपने दोस्त के व्यवहार को लेकर सुलगते रहेंगें.  बार बार खुद को कोसेंगे कि यह सब बताने  की गलती क्यों कर दी ! एक अच्छे दोस्त को खो देने  का दुःख अलग सताएगा, इससे आप डिप्रेशन में भी आ सकते हैं. दोस्ती की नींव होती है, भरोसा और दोस्तों का साथ नाउम्मीदियों से निकलने का एक भरोसेमंद रास्ता  इसलिए दोस्तों से मिलने वाले तानों का गहरा असर होता है क्योंकि उससे भरोसा टूट जाता है.

हम जिस दौर में जी रहे हैं, वहां आज का दुश्मन कल दोस्त भी हो सकता है और आज का दोस्त कल दुश्मन भी हो सकता है .  रिश्तों के रूप रोज बदल रहे है. आजकल रिश्ते बड़े हिसाब किताब लगा कर निभाए जा रहे हैं ऐसे में जरुरत है थोड़ा चौकन्ना रहने की, किसी पर भी आँख बंद करके भरोसा करने का समय नहीं है यह. कुछ बातें बहुत निजी होती हैं जैसे कि अगर बहन को प्यार में धोखा मिला है, पेरेंट्स में पटती नहीं, बॉस कुछ ज्यादा ही परेशान कर रहे हैं, परिवार में किसी बात पर झगड़ा हो रहा है ! ऐसी और भी बहुत सी बातें आपकी निजी बातें हैं, उन्हें अपने तक ही रखना चाहिए.

आपके प्रेमी या आपके पति ने अंतरंग रिश्तों पर कोई टिप्पणी की तो वह सिर्फ आपके लिए है, इसका आनंद लें.  ये सब किसी दोस्त को बताने  के लिए नहीं है.

अमिता को बुक्स पढ़ने का शौक बिलकुल नहीं था, उसके बॉय फ्रेंड जीत को बुक्स पढ़ने का शौक था और वह चाहता था कि अमिता भी बेकार के टीवी शोज छोड़ कर अच्छी बुक्स पढ़े, उसने अमिता के जन्मदिन पर एक अच्छी किताब गिफ्ट की, अमिता को यह गिफ्ट बिलकुल पसंद नहीं आया, उसने  अपनी फ्रेंड नेहा को यह बात बता कर इस गिफ्ट का बहुत मजाक उड़ाया, कुछ दिन में ही जीत से मिलने पर नेहा ने कह दिया,” अरे, जीत, यह क्या किताब दे दी अमिता को, वह भी जन्मदिन पर ! उसका शौक तो देख लिया होता !”

जीत को अपने भावनापूर्ण गिफ्ट का मजाक उड़ाया जाना बहुत बुरा लगा, उसने अमिता से दूरी रखनी शुरू कर दी, बड़ी मुश्किल  से एक प्यार भरा रिश्ता सामान्य हो पाया.अमिता को यह बात नेहा को नहीं बतानी चाहिए थी, थोड़ा गंभीर व्यवहार करना चाहिए था,सोचना चाहिए था कि जीत की कितनी भावनाएं शामिल थीं उस गिफ्ट में,अपने दिए गिफ्ट की इंसल्ट से जीत को यही महसूस हुआ कि अमिता कितनी भौतिकतावादी है, उसके लिए भावनाओं की कोई वैल्यू नहीं !

स्वभाव से सरल विनी अपनी सोसाइटी में रहने वाली, अपने से उम्र में काफी बड़ी रीता को दीदी दीदी कहकर अपनी सच्ची दोस्त समझ रही थी, जो भी लाइफ में बुरे अनुभव हुए, सब उन्हें बताती रहती, किसी ने भी जब जब विनी के मन को आहत किया होगा, वह सब उन्हें पूरा बताती.  रीता को भी सुनने में बड़ा मजा आता, खोद खोद कर और पूछती,विनी और बताती, थोड़े दिन बाद वह विनी को ही यह समझाने लगी कि ‘तुम्हे किसी से सबंध रखने नहीं आते, तुममे ही काफी कमियां हैं, अब रीता उसे  ही ज्ञान देती कि जो भी हुआ होगा तुम्हारे साथ, तुम्हे ही समझ कर रहना चाहिए था,तुम ही अपने आप को सुधारो. मुझे देखो, मेरे तो सबसे कितने अच्छे सम्बन्ध हैं, मुझे तो लाइफ में बुरे अनुभव हैं ही नहीं.‘ अवाक विनी ने फिर उनसे धीरे धीरे एक दूरी बना ली. जब आप अपनी हर बात किसी को दोस्त समझ कर शेयर कर रहे होते हैं, तो जरुरी नहीं  कि वह आपको ही सही समझ रहा है, आपके दुःख समझ रहा है, वह कई बार आपको ही जज कर रहा होता है.

अपने प्रेमी या पति से हुई छोटी मोटी लड़ाई दोस्त से शेयर न करें, अपनी इस आदत पर कंट्रोल करें. प्रेमी या पति की कोई भी पर्सनल बात दोस्तों से शेयर करने की जरुरत नहीं है. दोस्त की एक गलती से आप अपने प्रेमी या पति का भरोसा खो सकती हैं . इससे आपके रिश्तों पर असर पड़ सकता है.

ऑफिस में कई कलीग्स के साथ आपके घरेलू सम्बन्ध भी बन जाते हैं जिनसे आप कई तरह की बातें शेयर करने  लगते हैं लेकिन आपका कलीग कभी भी आपकी पर्सनल बातों का फ़ायदा भी उठा एकता है. प्रेमी की बातें या किसी पूर्व संबंधों में अलगाव के कारण दोस्त को न बताएं.

ऐसे दोस्त जो कभी भी दुश्मन बन कर आपको नुकसान पहुंचा सकते हैं,  उन्हें अब एक नया नाम दिया गया है, ‘फ्रेनिमीज मतलब यार दुश्मन !

अमरीका में यूटाह के ब्रिगहैम यंग यूनिवर्सिटी के जूलियन का कहना है कि विरला ही कोई ऐसा होगा जो कम से कम एक दुश्मन दोस्त की संगत में नहीं होगा. यह एक गंभीर मामला है, शोध के मुताबिक ये फ्रेनिमीज ज्यादा नुकसान पहुंचाते हैं. ये हमारे स्वास्थ्य के लिए खतरा हैं.

इसलिए कभी भी किसी दोस्त से शेयर करने से पहले अच्छी तरह सोच लें कि जो आप अपने दोस्त से शेयर करने जा रहे हैं, कल आपको आपका दोस्त उस बात को लेकर आपको नुकसान पहुंचा सकता है या नहीं. एकदम भावनाओं में बह कर सब कुछ शेयर न करते जाएं.

पति की फ्लर्टिंग प्रौब्लम से परेशान हो गई हूं, मैं क्या करूं ?

अगर आपकी भी ऐसी ही कोई समस्या है, तो ये लेख अंत तक जरूर पढ़ें…

सवाल-

विवाह को 18 साल हो चुके हैं. 2 किशोरवय के बच्चे हैं. मेरे पति प्रशासनिक अधिकारी हैं. घर में हर तरह की सुखसुविधा है. बावजूद इस के मैं अपने पति की कामुक प्रवृत्ति के चलते परेशान हूं. मैं ने एजेंसी से एक लड़की बच्चों की देखरेख व घर के कामकाज के लिए रखी थी पर मेरे पति उस से भी छेड़छाड़ करने से बाज नहीं आए. मजबूरन मुझे उसे हटाना पड़ा. घर में बेटी है, इसलिए नौकर नहीं रख सकती. घर का सारा काम इन दिनों मुझे करना पड़ता है, जिस से मैं बेहद थक जाती हूं. बताएं क्या करूं?

जवाब-

आप ने अच्छा किया कि अपनी मेड को हटा दिया. घर के कामकाज के लिए फुल टाइम मेड न रख कर सुबहशाम साफसफाई व बरतन आदि के लिए बाई रख लें, जो काम करने के बाद लौट जाए. इस से आप को मदद भी मिल जाएगी और पति की ओर से भी आशंकित नहीं रहेंगी.

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कालेज के दिनों में मैं ज्यादातर 2 सहेलियों के बीच बैठा मिलता था. रूपसी रिया मेरे एक तरफ और सिंपल संगीता दूसरी तरफ होती. संगीता मुझे प्यार भरी नजरों से देखती रहती और मैं रिया को. रही रूपसी रिया की बात तो वह हर वक्त यह नोट करती रहती कि कालेज का कौन सा लड़का उसे आंखें फाड़ कर ललचाई नजरों से देख रहा है. कालेज की सब से सुंदर लड़की को पटाना आसान काम नहीं था, पर उस से भी ज्यादा मुश्किल था उसे अपने प्रेमजाल में फंसाए रखना. बिलकुल तेज रफ्तार से कार चलाने जैसा मामला था. सावधानी हटी दुर्घटना घटी. मतलब यह कि आप ने जरा सी लापरवाही बरती नहीं कि कोई दूसरा आप की रूपसी को ले उड़ेगा.

मैं ने रिया के प्रेमी का दर्जा पाने के लिए बहुत पापड़ बेले थे. उसे खिलानेपिलाने, घुमाने और मौकेबेमौके उपहार देने का खर्चा उतना ही हो जाता था जितना एक आम आदमी महीनेभर में अपने परिवार पर खर्च करता होगा. ‘‘रिया, देखो न सामने शोकेस में कितना सुंदर टौप लगा है. तुम पर यह बहुत फबेगा,’’ रिया को ललचाने के लिए मैं ऐसी आ बैल मुझे मार टाइप बातें करता तो मेरी पौकेट मनी का पहले हफ्ते में ही सफाया हो जाता.

मगर यह अपना स्पैशल स्टाइल था रिया को इंप्रैस करने का. यह बात जुदा है कि बाद में पापा से सचझूठ बोल कर रुपए निकलवाने पड़ते. मां की चमचागिरी करनी पड़ती. दोस्तों से उधार लेना आम बात होती. अगर संगीता ने मेरे पीछे पड़पड़ कर मुझे पढ़ने को मजबूर न किया होता तो मैं हर साल फेल होता. मैं पढ़ने में आनाकानी करता तो वह झगड़ा करने पर उतर आती. मेरे पापा से मेरी शिकायत करने से भी नहीं चूकती थी.

 

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पार्टनर से फ्लर्ट करने के हैं बड़े फायदे, ‘रिश्ते में बना रहता है नयापन’

हुज़ूर इस कदर भी न इतरा के चलिये ….और सारे शहर में आपसा कोई नहीं….. कहने को तो हिंदी फिल्मों के लोकप्रिय गीत हैं पर ये फ्लर्टिंग का एक अच्छा उदाहरण हैं. इस दुनिया का हर व्यक्ति चाहता है कि लोग उसे नोटिस करें उस से आकर्षित हों और इसके लिए वो तमाम तरीके अपनाता है. दुनिया भर की सभी सभ्यताओं और संस्कृतियों में स्त्री पुरुष एक दूसरे को रिझाने का प्रयास करते आए हैं इसे सामान्य भाषा में हम फ्लर्टिंग कहते हैं.

 

लड़के लड़कियों का आपस मे फ्लर्ट करना एक आम बात है सबसे अच्छी बात ये है कि ये एक स्वस्थ्य तरीका है जिस से हम किसी मे अपने प्रति रुचि जगा सकते हैं. ये सेक्सुअल हैरासमेंट से एकदम अलग है. इसके लिए आपमे सेंस ऑफ ह्यूमर और बातचीत करने की कलात्मकता होनी चाहिए. कई लोग फ्लर्टिंग को खराब मानते हैं पर सच तो ये है कि इस से व्यक्ति का न सिर्फ़ मानसिक स्वास्थ्य ठीक रहता है बल्कि अवसाद से बाहर आने में ही इस से मदद मिल सकती है. फ्लर्टिंग भी एक कला है और ये कहीं भी काम आ सकती है चाहे आपको कोई साथी ढूँढना हो या अपने साथी के साथ अपने रिश्ते में गर्माहट बनाये रखनी हो.

फ्लर्टिंग पर शोध

वाशिंगटन यूनिवर्सिटी में एक शोध में अध्ययन के दौरान ये देखा गया कि ऑफिस में काम करने वाले लोगों में फ्लर्टिंग से क्या असर होता है? क्या इस से काम करने वाले लोग तनाव मुक्त हो सकते हैं. इस शोध में सैकड़ों लोगों को शामिल किया गया मजे की बात ये थी कि शोध  स्वस्थ्य फ्लर्टिंग पर किया गया था न कि ऐसी फ्लर्टिंग पर जो सेक्सुअल हो क्योंकि वो फ्लर्टिंग जो सेक्सुअल हो वो लोगों में तनाव का कारण बनती है जबकि स्वस्थ्य फ्लर्टिंग लोगों को तनावमुक्त करती है.

अलग हैं फ्लर्टिंग और सेक्सुअल हैरासमेंट

स्वस्थ्य फ्लर्टिंग और सेक्सुअल हैरासमेंट में ज़मीन आसमान का अंतर होता है. एक शोध के दौरान जब लोगों से सेक्सुअल हैरासमेंट के बारे में पूछा गया तो वो तनावग्रस्त हो गए और चुप्पी छा गई पर जब फ्लर्टिंग के बारे में पूछा गया तो सब के चेहरे पर हँसी और मुस्कुराहट आ गई और लोगों ने बढ़ चढ़ कर प्रतिक्रियाएँ दीं.

फ्लर्ट करने वाले होते हैं पोसेटिव

अक्सर फ्लर्ट करने में माहिर लोग बहुत ही हँसमुख और सुलझे स्वभाव के होते हैं. ये लोग अपने बारे में स्पष्ट होते हैं और जहाँ कहीं भी जाते हैं अपने आस पास लोगों की भीड़ जमा करने का माद्दा रखते हैं. हर कोई इनसे बात करना चाहता है कुल मिलाकर ये स्वयं तो सकारात्मक होते ही हैं आस पास के माहौल को भी सकारात्मक बनाये रखते हैं.

रिश्ते में नयापन बनाये रखती है फ्लर्टिंग

ऐसा नहीं है कि सिर्फ दोस्तों या सहकर्मियों में ही फ्लर्टिंग की जाती है. अगर आप अपने साथी से भी फ्लर्टिंग करते रहते हैं तो आपके रिश्ते में खुशहाली बरक़रार राहती है. एक दूसरे की अहमियत जताने का ये एक अच्छा तरीका साबित होता है. इस से रिश्ते में नयापन बना रहता है और एक दूसरे के प्रति प्यार का अहसास भी मिलता रहता है. इस से शरीर में एड्रिनिलिन नामक हार्मोन का स्त्राव होता है जो हमे खुश रखता है. कुल मिलाकर फ्लर्टिंग आपके रिश्ते में गर्माहट बनाये रखने में मददगार होती है.

फ्लर्टिंग करने के कुछ और लाभ

ये आपको तनाव से दूर रखती है और आपका आत्मविश्वास भी बढ़ाती है. आपकी स्वयं के प्रति सोच भी बनाती है. फ्लर्टिंग करने से आप लोगों की आदतों के बारे में बेहतर जान पाते हैं. इस से हम एक दूसरे को ये बता पाते हैं कि हमारे उसके बारे में क्या विचार हैं. इस से आप लोगों को अपनी ओर आकर्षित कर सकते हैं.

तो सीधी सी बात है फ़्लर्ट करिए और खुश  रहिए.

शादी जरूरी भी है और इस रिश्ते में सुकून भी नहीं मिलता !

शादी में ईमानदारी बुनियादी जरूरत है, लेकिन हम इस नींव के खिसकने के बाद भी शादी को बचाए रखने में यकीन रखते हैं. हमारी अदालतें, हमारा समाज सब शादी को बचाए रखने में यकीन रखते हैं, क्योंकि तमाम मतभेदों के बावजूद सुबह लड़तेझगड़ते पतिपत्नी शाम को फिर एक हो जाते हैं. कई जोड़े तो तलाक की सीमारेखा को छूने के बाद भी इस कदर एक हो जाते हैं कि मालूम ही नहीं पड़ता कि विच्छेद शब्द भी उन्हें कभी छू कर गया था.

महिमा के मातापिता उस के लिए लड़का देख रहे थे, लेकिन वह देखनेदिखाने की पारंपरिक रस्म से नहीं गुजरना चाहती थी. लेकिन वह यह भी सोचती कि विवाह 2 परिवारों, 2 व्यक्तियों का संबंध है. अत: बहुत सोचसमझ कर एक रिश्तेदार के शादी समारोह में मिलना तय हुआ. आगे ये मुलाकातें रेस्तरां और घर पर भी हुईं. दोनों के एकदूसरे को अच्छी तरह जानसमझ लेने के बाद पारंपरिक रिवाज से विवाह की रस्में भी पूरी हो गईं.

जीवनसाथी के चुनाव का आधार अब समान सोच, समान विचारधारा होने लगी है. युवा पीढ़ी अपनी पसंद और सोच के साथसाथ दोनों परिवारों की पसंद और उन के मेलजोल की अहमियत को भी समझने लगी है. भाग कर शादी कर लेने का विचार अब विकट परिस्थितियों में ही लिया जाता है.

जयपुर में मैट्रोमोनियल एजेंसी चलाने वाली श्वेता विश्नोई कहती हैं, ‘‘अपनी पसंद के जीवनसाथी के लिए दृढ़ता से खड़े रहना युवा पीढ़ी ने सीख लिया है. कई मानों में शादी अब अपनेआप को बदल रही है, जहां पतिपत्नी एकदूसरे के सखा, दोस्त, हमराज हैं. ऐसे बदलावों के साथ विवाह संस्था का वजूद सदा बना रहेगा तथा कोई और संबंध कभी इसे विस्थापित नहीं कर सकेगा.’’

राजेश की पत्नी का शादी के 8 साल बाद एक ऐक्सीडैंट में करीब पूरा शरीर लकवाग्रस्त हो गया. उस समय दोनों बच्चे छोटे थे. उन्हें मां की सख्त जरूरत थी. राजेश ने अपनी जिम्मेदारी समझते हुए इलाज और सेवा से पत्नी की हालत में इतना सुधार कर लिया कि वह बच्चों से बतिया सके, उन की छोटीछोटी बातों का ध्यान रख सके. भले यहां राजेश की शारीरिक जरूरतें गौण हो गईं, लेकिन इस से साबित होता है कि पत्नी और बच्चों के प्रति इस जिम्मेदारी का भाव शादी संस्था में प्रवेश करते ही होने लगता है.

विवाह के जरीए पतिपत्नी की शारीरिक व मनोवैज्ञानिक लक्ष्यों की पूर्ति होती है, जो समाज में व्यवस्था और अनुशासन बनाए रखने के लिए जरूरी है. इस के बिना समाज मुक्त यौन संबंधों के बीहड़ में भटक गया होता. विवाह पतिपत्नी के रूप में स्त्री और पुरुष को यौन, आर्थिक और अन्य अधिकारों की सामाजिक व कानूनी मान्यता देता है. वैवाहिक संबंधों से पैदा संतान वैध और कानूनी मान्यता प्राप्त होती है, जिस से उस के अधिकार और कर्तव्य स्थापित होते हैं.

शादी संस्था का दूसरा पहलू

तलाक के अनेक मामले अदालतों में चल रहे हैं और पुलिस थाने दहेज के सामान से भरे पड़े हैं. यही वजह है कि शादी के साथ ही पतिपत्नी को अपनी प्रौपर्टी स्पष्ट करनी होगी. ये दस्तावेज ही शादी के बाद के विवाद से बचाएंगे. क्या एकनिष्ठ होने की सोच में कोई घुन लगा है या फिर परिवार की अनावश्यक दखलंदाजी रिश्तों को टिकने नहीं दे रही?

रीना और महेश की शादी को 3 साल हो चुके थे. महेश ने अपना बिजनैस जमा लिया, तब रीना ने अपनी जौब छोड़ दी. अचानक महेश को बिजनैस में घाटा हो गया. तब रीना ने फिर नौकरी ढूंढ़ने की कोशिश की, लेकिन उसे जौब नहीं मिली. पैसे की तंगी को ले कर दोनों के बीच तनाव बढ़ने लगा. चिकचिक रोज की बात हो गई. 3 साल साथ रहने के बावजूद वे एकदूसरे के प्रति जिम्मेदारी महसूस नहीं कर पा रहे थे. रीना का सोचना था कि उस का खूब शोषण हुआ है जबकि महेश का सोचना था कि रीना ने उस का भरपूर फायदा उठा कर खूब ऐश की. ऐसे में एक दिन दोनों ने तलाक ले कर अलगअलग रहने का फैसला कर लिया.

दरअसल, कितने बरसों का साथ रहा है, यह समझने से ज्यादा जरूरी यह समझना है कि वह साथ कितना सुंदर और मीठा था. शादी की सालगिरह मनाना, सामाजिक उत्सवों में ग्रुप फोटो में मुसकराते हुए नजर आना, फेसबुक पर अपने प्रेम के इजहार वाला फोटो चिपकाना अलग बात है और एक खुशनुमा, भरोसे और सम्मान से भरपूर एकदूसरे को समझने वाला रिश्ता जीना और बात है.

शादी जैसे भी हुई हो शुरुआती दौर में जोर से लहलहाती है, खिलखिलाती है, चहकती है, 2 जिस्म, विपरीत लिंग का आकर्षण, ढेर सारी आजादी मानों पंख लग जाते हैं. फिर धीरेधीरे कपूर सा उड़ने लगता है यह प्यार. एकदूसरे पर आरोपप्रत्यारोप, शिकायतें, नाराजगी, बेचैनी, जो किया और जो नहीं किया उस का हिसाबकिताब और अंत में सूखी टहनियों वाले पेड़ सा रिश्ता, जिस की टहनियों पर रस्मोंरिवाज, जिम्मेदारियां, चिड़चिड़ाहटें टंगे हुए उसे बदसूरत बनाते नजर आते हैं. प्रेम विवाह के मामले में भी ऐसा ही है.

जो जरा भी जिंदगी में, रिश्तों में डैमोके्रटिक होने पर यकीन करता है, जो सोचता है कि रिश्तों की खुशबू कपूर सी उड़ जाने वाली नहीं, ठहर जाने वाली होनी चाहिए, वह शादी के नाम पर घबराने लगता है. फिर चाहे वह लड़का हो या लड़की. शायद ऐसे ही सवालों, घबराहटों के बीच से लिव इन रिलेशनशिप की राह निकालने की कोशिश की गई होगी. मतलब साफ है, साथ रहने में दिक्कत नहीं, लेकिन शादी करने में दिक्कत है. क्यों है ऐसी शादी जो है भी जरूरी और जिस में सुकून भी नहीं? क्यों शादी होते ही 2 लोग एकदूसरे पर औंधे मुंह गिर पड़ते हैं, पूरी तरह अपने वजूद समेत ढह जाते हैं और दूसरे के वजूद को निगल जाने को आतुर हो उठते हैं?

राजस्थान विश्वविद्यालय में समाजशास्त्र की प्रोफैसर रजनी कुंतल कहती हैं, ‘‘यह रिश्ता अगर समाज और रीतिरिवाजों की भेंट न चढ़ा होता और 2 व्यक्तित्वों में से एक समर्पण और दूसरा अधिकार की चाह लिए आगे न बढ़े होते और 2 लोगों के रिश्ते में उन के जीने के ढंग में हर वक्त कोई न कोई घुसा न रहा होता, तो शायद विवाह संस्था का रूप कुछ और ही होता. समानता और सम्मान की भावभूमि पर खड़ा रिश्ता ताउम्र महकता रहता. समाज ने विवाह संस्था की नकेल अपने हाथ में ले रखी है. वह 2 लोगों के बेहद निजी पलों की निजी भावनाओं को भी नियंत्रित करता रहता है. वह नकेल विवाह संस्था को तो बचा लेती है, लेकिन इस में पनपे प्रेम को खा जाती है.’’

निबाहने से निभती भी है शादी

उल्लेखनीय है कि शादी के बाद स्त्री और पुरुष दोनों का जीवन बदलता है, बावजूद इस के हमारे समाज में सारी सीखें लड़कियों के लिए ही होती हैं. लड़के को शायद ही कुछ बताया या मानसिक रूप से तैयार किया जाता हो. कुछ दशक पहले भले ही इस से कोई दिक्कत नहीं रही हो, क्योंकि तब लड़की को ही वधू के रूप में नए घर, परिवार और रिश्तों के अनुसार अनिवार्य रूप से ढलना पड़ता था और संयुक्त परिवार में लड़के का जीवन कमोवेश पूर्ववत ही रहता था, लेकिन अब जमाना बदल गया है. परिवार का स्वरूप और रिश्तों के समीकरण भी बदले हैं. परवरिश, महिलाओं की मानसिकता और उन के दर्जे में भी बदलाव आया है. इन सब के चलते यह अनिवार्य हो चला है कि पुरुष भी कुछ बातों को समझे और इस नई रोशनी में निबाहना सीखे. तभी विवाह संस्था की कामयाबी मुमकिन है.

प्रोफैसर रजनी कुंतल कहती हैं, ‘‘पति और पत्नी का रिश्ता प्राथमिक होता है. बाकी रिश्ते इस के जरीए ही बनते हैं. स्वाभाविक है कि पत्नी अपने जीवनसाथी से ही सहयोग और समर्थन की सब से ज्यादा उम्मीद कर सकती है. इसलिए पति के लिए जरूरी है कि उसे सुने, उस की भावनाओं को समझे.

‘‘बेटे की शादी के बाद परिवार का ढांचा बदलता है. व्यवस्था नए सिरे से बनती है. इस में थोड़ी खींचतान भी संभव है खासकर महिला सदस्यों के बीच. पुरुष को ऐसे मामलों में, जो अकसर शिकायत या उलाहने के रूप में आते हैं, उन्हें पहचानना और निष्पक्ष रहना सीखना चाहिए. यदि पुरुष समझाने की कोशिश करेंगे या एक की बात दूसरे तक पहुंचाएंगे तो मामला सुलझने के बजाय उलझ सकता है. ऐसे मुद्दों को अकसर महिलाएं ही आपस में समझ और सुलक्षा लेती हैं, आप वक्त का थोड़ा इंतजार करें.’’

Raksha Bandhan 2024 : राखी पर गिफ्ट की कीमत नहीं, देखें भाईबहन का प्यार

अब संयुक्त परिवार वाला समय नहीं रहा जब कई सारे भाईबहन होते थे. उस वक्त एक या दो भाई बहन से बातचीत बंद हो जाए तो भी चलता था. मगर आजकल जब आप के पास कुल एक भाई या बहन है तो आप बिलकुल भी रिस्क नहीं ले सकते. आप को उस इकलौते भाई या बहन को बहुत संजो कर रखना होगा. जरूरत के वक्त वही आप के काम आएगा. उसे ही आप अपना परिवार कह सकती हैं. उस की फॅमिली के साथ ही आप अपनापन बांट सकती हैं. उसी के साथ आप ने पूरा बचपन की शैतानियां और किशोरावस्था के राज बांटे हैं. वही आप को समझता है और उसी के साथ आप सुरक्षित महसूस करती हैं. फिर उस भाई जैसे अनमोल रत्न को आप खो कैसे सकती हैं. इसलिए सारे ईगो परे हटा कर भाई पर जी भर कर प्यार लुटाइए.

त्यौहार प्यार बढ़ाने का दिन है –

त्यौहार के रूप में आप को बहाने मिल जाते हैं अपनों के करीब आने का, पुरानी गलती सुधारने का और कुछ ऐसा कर दिखाने का जिस से सामने वाला आप को फिर से गले लगा ले. इस मौके को न गंवाएं. आप अपने भाई या बहन के लिए कोई प्यारा सा गिफ्ट खरीदें जो उस की पसंद का भी हो और सालों उस के पास भी रह सके.

गिफ्ट की कीमत नहीं प्यार देखें – 

रक्षाबंधन के मौके पर आप के भाई या भाभी ने आप को जो भी गिफ्ट दिया हो उसे प्यार लें. किसी भी तरह का असंतोष या नाराजगी न दिखाएं क्योंकि गिफ्ट में पैसा नहीं भावनाएं देखी जाती हैं. आज आप लड़ाई कर लेंगी तो कल को उस छोटे से गिफ्ट के लिए भी तरसेंगी. इसलिए छोटी सी बात पर अपने रिश्तों में किसी तरह की कड़वाहट न आने दें. बहुत सी बहनों की आदत होती है कि रक्षा बंधन से महीने भर पहले से ही अपने भाई या भाभी को गाइड करने लगती हैं या फरमाइश करने लगती हैं कि इस बार उन्हें यह गिफ्ट चाहिए. भाई पर इस तरह हक़ ज़माना गलत नहीं मगर कई बार संभव है कि आप का भाई ज्यादा पैसे खर्च करने की हालत में न हो या उस की कोई और प्रॉब्लम हो. ऐसे में अपनी फरमाइश रखने के बजाए प्यार से इन्तजार करें कि वह क्या देता है. जो भी उपहार आप को मायके से मिले उसे सम्मान के साथ स्वीकार करें.

त्यौहार के दिन कोई झगड़ा नहीं – 

साल भर के बाद रक्षा बंधन का दिन आता है. इस खूबसूरत दिन को लड़झगड़ कर बर्बाद कतई न करें. लड़ने के तो सौ बहाने मिल जाएंगे मगर फिर साल भर आप के दिल में कठोर बातें जब तीर बन कर चुभती रहेंगी तो आप खुद को माफ़ नहीं कर पाएंगी. इसलिए किसी भी तरह बात न बढ़ा कर प्यार और सम्मान के साथ उस दिन को गुजरने दे.

इस दिन के लिए कोई बहाना या एक्सक्यूज़ नहीं –

इस दिन भाई या उस के परिवार से मिलने जरूर जाएं. कोई बहाना या एक्सक्यूज़ न बनाएं. क्योंकि एक बार आप जाने से मन करेंगी तो अगली बार से आप को बुलाना भी कम कर दिया जाएगा. धीरेधीरे दूरी बढ़ती जाएगी. इसलिए मिलने के नियम को कठोरता से बरकरार रखें. खासकर जब आप एक ही शहर में हैं तब तो कोई भी बहाना बनाने की बात सोचें भी नहीं. इस दिन दूसरे मुद्दे बीच में न लाएं. सिर्फ भाई बहन का प्यार और मां बाप का दुलार ही याद रहे. रिश्ते में कितने भी मसलें हों मगर इस दिन जरूर मिलें.

पुराने बचपन के दिन याद करें –

जब आप भाई से मिलें तो कुछ समय के लिए सारी परेशानियां और उलझनें भूल जाएं. कुछ समय बस एकदूसरे के साथ बिताएं. बचपन की वो यादें और शरारतें याद करें. अपने बच्चों को भी पुराने किस्से सुनाएं. इस से वे भी इस रिश्ते का सम्मान करना सीखेंगे. पुरानी यादों के बहाने आप एकदूसरे के और करीब भी आएंगे.

बात पसंद न आए तो तुरंत कहें –

इस रिश्ते में सब से ज्यादा दरार तब आने लगती है जब भाई और बहन आपस में अपनी भावनाओं को शेयर नहीं करते. अगर आप को बहन या भाई से कोई शिकायत है तो उस से खुल कर बात करें. मन में बात रखने से मसला सुलझेगा नहीं बल्कि आप के बीच की दूरियां बढ़ेगी. इस से मन में नेगेटिव फीलिंग्स बढ़ेगी जो किसी गलत समय बाहर निकलेगी और रिश्ते के मिठास को पूरी तरह ख़त्म कर देगी.

दोस्तों की तरह शेयर करें छोटीछोटी बात – 

शादी के बाद भी आपस में अपने दुखसुख शेयर करें. इस से आप के बीच की दूरियां कम होगी और रिश्ता मजबूत होगा. अगर हर छोटी छोटी बात एकदूसरे से शेयर की जाए तो भाईबहन का रिश्ता दोस्ती का रिश्ता बन जाता है. आप किसी मुसीबत में भी है तो भाई से तुरंत बात शेयर करें. इस से आप की प्रॉब्लम का सलूशन भी निकल जाएगा और आप के बीच का तालमेल भी ठीक रहेगा.

एकदूसरे के लिए रखें त्याग की भावना –

अक्सर देखा जाता है कि भाईबहन किसी चीज को ले कर लड़ने लगते है कि वह उसे क्यों मिली मुझे क्यों नहीं. ऐसी स्थिति में एकदूसरे के प्रति ईर्ष्या की भावना पैदा होती है जो उन के रिश्ते में दरार ले कर आती है. इस के विपरीत त्याग की भावना आप को करीब लाती है.अनोखा होता है भाईबहन का प्यार

खट्टी मिठ्ठी तकरार में छिपा होता है प्यार –

शायद ही ऐसे कोई भाई बहन होंगे जिन के बीच छोटी मोटी नोकझोंक न होती है. लेकिन उन की इस तकरार के पीछे भी प्यार छिपा होता है जिसे वह वक्त आने पर एकदूसरे के लिए दिखाने में बिल्कुल भी पीछे नहीं रहते हैं. यही कारण है कि भाई और बहन का रिश्ता देखने में तो उतना मजबूत नहीं लगता, मगर समय पड़ने पर दोनों का प्यार साफ नजर आता है. वह एकदूसरे से प्यार करते हैं तो नफरत भी करते हैं. एकदूसरे का मजाक उड़ाते हैं तो तालमेल भी बिठा लेते हैं. भाई बहनों की बॉन्डिंग बहुत स्ट्रॉन्ग होती है. भाई या बहन हो तो जिंदगी का मजा दोगुना हो जाता है. शायद यही वजह है कि एक बेटा और एक बेटी से परिवार को पूरा माना जाता है. इस से बच्चों का बचपन भी अच्छा रहता है और उन के बीच एक मजबूत रिश्ता भी बनता है.

बन जाते हैं बेस्ट फ्रेंड –

जिंदगी में कई बातें ऐसी होती हैं जिन्हें आप मातापिता से खुल कर शेयर नहीं कर पाते हैं लेकिन अपने भाई या बहन से आसानी से साझा कर पाते हैं. इसी दौरान आप एकदूसरे के बेस्ट फ्रेंड भी बन जाते हैं. वहीं कई घर ऐसे भी होते हैं जहां बड़ा भाई या बहन पैरेंट्स की जगह मजबूत सहारा बन कर आप की जिंदगी में खड़ा होता है. ऐसे में आप अपनी छोटी से छोटी बात उन से शेयर करने लग जाते हैं और आप का रिलेशनशिप स्ट्रांग होता चला जाता है.

मुश्किल वक्त में देते हैं एकदूसरे का साथ –

जब भी किसी लड़की को कोई लड़का परेशान कर रहा होता है तो वह सब से पहले अपने भाई के पास जाती है. बहनों को ले कर भाई हमेशा ही बहुत प्रोटेक्टिव रहते हैं. उन्हें कोई भी तकलीफ हो तो वे पूरा घर सिर पर उठा लेते हैं. वहीं बहन भी अपने भाई को पैरेंट्स की हर डांट से बचाने के साथ ही उन के कठिन समय में उन का साथ देने का काम करती हैं. परेशानी के समय भाई या बहन के पास आप को रोने के लिए सब से मजबूत और कोमल कंधे मिलते हैं. यही बातें भाई और बहन के रिश्ते को मजबूत बनाती हैं.

कहींं आपके मैरिड लाइफ में मोबाइल तो नहीं बन रही दीवार ?

वैसे तो इंटरनैट ऐसी तकनीक है, जिस के फायदे गिनने लग जाएं तो समय कम पड़ जाए. लेकिन इस ने आम आदमी की जिंदगी में जो हड़कंप मचा रखा है वह भी कम नहीं है. एक जमाना था जब 4 लोग भी साथ बैठ जाएं तो हल्ला हो जाता था, आज 40 भी बैठ जाएं तो आवाज नहीं निकलती.

इंटरनैट क्रांति ने व्यवस्था को हिला कर रख दिया है. इस का सब से नकारात्मक प्रभाव पतिपत्नी के रिश्तों पर पड़ा है, क्योंकि मोबाइल ने बैडरूम में भी अपनी गहरी पैठ बना ली है. पहले जो समय पतिपत्नी एकदूसरे की बातें सुनने या लड़ाईझगड़े में बिताते थे, आज उस समय को मोबाइल खा रहा है. जहां दूर के लोगों के साथ बोलनाबतियाना बहुत अच्छा लगता है, वहीं अपने साथी की बातें कड़वी लगती हैं.

पतिपत्नी के रिश्ते के बीच में किसी का भी आना नुकसानदायक ही होता है. फिर चाहे वह मोबाइल ही क्यों न हो.

बैडरूम का समय पतिपत्नी दोनों का निजी समय होता है. आप दिन भर जो भी करें, जितने भी व्यस्त रहें सिर्फ बैडरूम के अंदर का समय एकदूसरे को देंगे तो भी हालात नियंत्रण में रहेंगे और घर की खुशियां बरकरार रहेंगी.

बैडरूम के अलावा बेहतरीन कफल टाइम बिताने के कुछ तरीके पेश हैं:

1. लेट नाइट ड्राइव:

ज्यादातर पतिपत्नी डिनर के बाद बैड पर जाते ही नैट की दुनिया में खो जाते हैं. कभीकभी नैट को छोड़ पार्टनर के साथ नाइट ड्राइव के बारे में सोचें. कभी आईसक्रीम खाने के बहाने तो कभी खुली हवा में सैर के बहाने.

2. कौफी और हम दोनों:

डिनर के बाद टैरेस या बालकनी में हौट कौफी के साथ रोमांटिक गपशप करें. एकदूसरे से न भी की बातें शेयर करें.

3. आउटिंग:

घर से बाहर जाने के लिए वीकैंड का इंतजार क्यों? कभीकभी वीक डे में जब शाम को औफिस से जल्दी निकलें, तो पहले से ही तय पौइंट पर पार्टनर को बुलाएं और मौल या नजदीकी मार्केट घूमने का मजा लें.

4. सर्फिंग भी शौपिंग भी:

नैट पर अकेले व्यस्त रहने के बजाय पार्टनर के साथ भी कभीकभी शौपिंग साइट्स विजिट करें. यकीन मानिए यह पार्टनर के साथ समय बिताने का बेहतरीन तरीका साबित होगा.

ज्यादातर लोग ऐंजौय करने के लिए अवसरों या सही समय का इंतजार करते रहते हैं जबकि छोटेछोटे पल उन्हें बड़ी खुशियां देने के कितने ही अवसर देते हैं. बस, जरूरत है इन पलों के सही उपयोग करने की

डिलीवरी के बाद से शादीशुदा जिंदगी में तनाव है, मैं क्या करुं?

सवाल

मैं 30 वर्षीय विवाहित महिला हूं. 2 माह पूर्व नौर्मल डिलीवरी के जरिए मैं एक स्वस्थ बच्चे की मां बनी हूं. मेरे पति चाहते हैं कि हम पहले की तरह शारीरिक संबंध बनाएं. लेकिन मैं डरती हूं कि कहीं इस से कुछ परेशानी तो नहीं होगी. मैं यह जानना चाहती हूं कि क्या यह उपयुक्त समय है शारीरिक संबंध बनाने का?

जवाब
आमतौर पर महिलाओं को सामान्य डिलीवरी के 6 हफ्ते के बाद सैक्स संबंध बनाने की सलाह दी जाती है. लेकिन यह प्रत्येक महिला के शारीरिक व मानसिक रूप से तैयार होने पर भी निर्भर करता है. कई बार जल्दबाजी संक्रमण का कारक बन सकती है. इसलिए, आप के लिए यही बेहतर होगा कि आप सैक्स संबंध बनाने से पूर्व एक बार अपनी गाइनीकोलौजिस्ट से अवश्य सलाह कर ले.

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सेक्स के ये चार राज बड़े काम के हैं

वे आपके इशारों को नहीं समझ रहे हैं और आपने तय कर रखा है कि आप भी उन्हें नहीं बताने वालीं कि आप क्या चाहती हैं. पर कुछ तरीके ऐसे भी हैं जिनके सहारे सेक्स के दौरान आप बिन कुछ कहे अपनी इच्छाओं को पूरा करवा सकती हैं.

मादकता हमेशा सेक्सी लौन्जरीज, सेंशुअल परफ्यूम या स्मोकी आंखों में ही नहीं छिपी होती. सच है कि ये चीजें निजी पलों में उत्साह का संचार करती हैं, लेकिन कभी-कभी मन की बात मनवाने के लिए छल और चालाकी से भी गुरेज करें.

अक्सर पुरुषों को हल्का-सा इशारा समझ में नहीं आता और आपका शर्मीलापन लंबे इंतजार का कारण बन सकता है, जबकि र्स्माट चालें इस खेल में आपको मनचाहा नतीजा दे सकती हैं.

अपने भीतर की युवती को बाहर निकालें

वे मूड में नहीं हैं और आप हैं. हो सकता है कि वे सचमुच थके हुए हों या फिर केवल उन्हें थोड़ा उकसाने की जरूरत हो. ऐसे में समय की कसौटी पर खरे उतरे हथियार इस्तेमाल करें. ‘‘जब मैं सेक्स चाहती हूं और वे बहानेबाजी कर रहे होते हैं तो मैं सेक्स के झटपट सेशन का सुझाव देती हूं,’’ कहती हैं रोहिणी. वहीं नित्या कहती हैं, ‘‘मैं लौन्जरी उतारकर स्नग टी-शर्ट पहन लेती हूं. लेकिन ये नहीं दिखती कि मैं इसकी मांग कर रही हूं. फिर यदि वे किताब पढ़ रहे हैं तो मैं उनका ध्यान अपनी ओर आकर्षित करने के लिए फिजूल के सवाल पूछने लगती हूं.’’

इंतजार करवाएं

अपने साथी के साथ सेक्स के दौरान हम जानते हैं कि आगे क्या होनेवाला है. सेक्शुअल गतिविधियों का क्रम जैसे पूरी तरह पता होता है-गर्दन पर चुंबन, होंठों पर गहन चुंबन, नाभि पर चुंबन… इस एकरसता से उबरना चाहती हैं? तो इसे चुहलबाजी के साथ करें. खेलें और उन्हें आनंद से वंचित रखें. जहां बात खुद को बेहतर समझने का खेल खेलने की हो तो पुरुष इसे किसी महिला के साथ खेलने से कभी बोर नहीं होते.

हिम्मत करें

आप उम्मीद करती हैं कि वे घिसी-पिटी सेक्शुअल गतिविधियों के बजाय आपके शरीर के दाएं हिस्से पर ज्यादा समय बिताएं? तो उन्हें चुनौती देने की कोशिश करें. प्रत्येक पुरुष को चुनौती पसंद होती है. वो पूरी बेशर्मी से उसका सामना करेंगे. उनसे कहें कि आपको नहीं लगता कि आप ‘फलां’ चीज में अच्छे हैं और वे तुरंत आपको गलत साबित करने में जुट जाएंगे. यहां तरकीब ये है कि यह बात उन्हें चुनौती देने की तरह कहिए, व्यंग्य या ताने की तरह नहीं.

बाद का प्यार जरूर पाएं

संतुष्टिदायक पलों के बाद उनकी बेरुखी हमेशा ही झगड़े का करण बनता है. इस उन्माद के बाद उन्हें अकेला छोड़ दें, क्योंकि इजेकुलेशन के बाद उनके हार्मोन्स का स्तर उन्हें शिथिल कर देता है और वे आराम करना चाहते हैं. लेकिन कौन-सा पुरुष ये नहीं सुनना चाहता कि निजी पलों के दौरान उसका प्रदर्शन कितना बेहतरीन था? ‘‘जब मैं अपने बौयफ्रेंड को बताती हूं कि कहां-कहां उनका स्पर्श और चुंबन मुझे रोमांचित कर गया और जब उन्होंने कमान संभाली तो मैंने कितनी गर्माहट महसूस की तो वो मुझे अपनी ओर खींचकर आलिंगन में ले लेते हैं. मुझे लगता है जब कोई आपको प्यार करता है और इसका एहसास करता है तो आपको भी उसे ऐसा ही महसूस कराना चाहिए,’’ ये कहना है रानी का.

अगर आपकी भी ऐसी ही कोई समस्या है तो हमें इस ईमेल आईडी पर भेजें- submit.rachna@delhipress.biz   सब्जेक्ट में लिखे…  गृहशोभा-व्यक्तिगत समस्याएं/ Personal Problem

 

गर्लफ्रेंड से हर Boyfriend चाहता है ये 5 बातें

आप भले ही बोलें के मेरा ब्वॉयफ्रेंड मुझसे कुछ नहीं छुपाता और हर बात शेयर करता, वह बहुत आपेन है. लेकिन ऐसा नहीं है. कुछ बातें ऐसी होती हैं जो व्वॉयफ्रेंड के दिल में होती हैं लेकिन उसे वह जुबान पर लाना नहीं चाहता.

1. साथ का अहसास

लड़के देखने में बड़े तेज होते हैं. वह हमेशा अपनी गर्लफ्रेंड की तुलना करते रहते हैं. ऐसे में जब आप अपने पार्टनर के साथ कहीं डिनर में जा रही होती हैं तो पूरी तरह से सज संवरकर जाना चाहती हैं. बड़ी सी गाउन और बेहद फैशन के साथ निकलने की कोशिश करती हैं. ब्वॉयफ्रेंड को आपका हमेशा सरल लिबास और कम फैशन भाता है जिससे कि साथ चलने में एक दूसरे का अहसास हो सके. भारी कपड़ों के साथ दूर रहना पड़ता है. उस वक्त आपकी खुशी और घंटों ड्रेस को लेकर बिताए समय का लिहाज कर वह कुछ नहीं बोलता लेकिन दिल में यही होती है सिंपल और सोबर ही आप ज्यादा सुंदर दिखती हैं.

2. शायद रिश्ता गहरा नहीं है

रिलेशनशिप में आने के बाद लड़कों को बातों-बातों में यह अहसास होता है कि शायद उसकी गर्लफ्रेंड की ओर से यह रिश्ता अभी पक्का नहीं है. वह इस कदर अटैच नहीं है जितना की ब्वॉयफ्रेंड. ऐसे में वह अक्सर इस रिश्ते को जांचने की कोशिश करता है लेकिन इस बात को बोलता नहीं. इमोशनली वह अंदर से घुटता रहता है. इसे जांचने के लिए अक्सर वह फिजिकल रिलेशन या किस का सहारा लेता है कि आप क्या बोल रही हैं.

3. फिजिकल रिलेशन

भले ही आपका ब्वॉयफ्रेंड यह बोले की वह रिश्ते में सेक्स को ज्यादा अहमियत नहीं देता लेकिन लड़के ऐसा कतई नहीं हो​ते. अपनी गर्लफ्रेंड के साथ वो सेक्स के बारे में सोचते ही हैं. यह कोई जरूरी नहीं कि हर रोज ही सेक्स करें लेकिन कभी-कभी की तो चाहत होती ही है. इन चीजों को आप खुद भी नोटिस कर सकते हैं. नए रिश्ते में भले ही वह कुछ न बोले लेकिन जैसे ही रिश्ता पुराना होता है. वह अपने घर पर अकेला होने पर ​बुलाता है या फिर आपको यह जरूर बताएगा कि उसके दोस्त का कमरा अक्सर खाली होता है. इन सब बातों से आप अंदाजा लगा सकते हैं कि वह क्या चाहता है.

4. दोस्तों के साथ नाइट आउट

लड़कों की हमेशा यह ख्वाहिश रखते हैं कि उन्हें ऐसी गर्लफ्रेंड मिले जो दोस्तों के साथ उनके नाइटआउट्स पर ऐतराज न करे. हालांकि ज्यादातर लड़कियों को लड़कों के इस तरह के प्लान्स से चिढ़ होती है. ऐसे में लड़के अपनी गर्लफ्रेंड को नाइट आउट के बारे में बोलने से घबराते हैं. इस बारे में जांचने के लिए अक्सर वो अपने दोस्त की नाइट आउट की कहानियां गर्लफ्रेंड को सुनाते हैं लेकिन खुद बोलने में परहेज करते हैं.

5. नजदीक लेकिन थोड़ी दूरी

रिलेशन में आने के साथ ही लड़की को लगता है कि ब्वॉयफ्रेंड पर उसका अधिकार हो गया और हर छोटी बड़ी बातों में उसे शामिल करने लगती है. परंतु लड़के दोस्ती और प्यार में थोड़ा फासला रखना चाहते हैं. उनकी कोशिश यही होती है​ कि उनके हर काम में गर्लफ्रेंड की दखल अंदाजी न हो. ऐसे में जब लड़की जब ज्यादा नजदीक आने लगती है तो उन्हें इस बात को बोलने से कतराते हैं. उनको डर होता है कि कहीं बुरा न मान जाए और रिश्ता खराब न हो जाए. ऐसे में दिल की बात दिल में ही रह जाती है.

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