तो अब रोहित शेट्टी संग काम करेंगे सलमान खान

बौलीवुड के दबंग खान यानी सलमान खान साल 2018 से ही फिल्म ‘भारत’ को लेकर चर्चा में हैं. लोग उनकी फिल्म का बेसब्री से इंतजार कर रहे हैं. इसी बीच खबर आ रही है कि सलमान रोहित शेट्टी के साथ एक प्रोजेक्ट पर काम करने जा रहे हैं. सूत्रों की मानें तो रोहित शेट्टी और साजिद नाडियाडवाला कई दफा सलमान को लेकर फिल्म बनाने और फिल्म के कंटेंट पर विचार करने के लिए मिल चुके हैं. जिन आइडियाज पर दोनों ने बात की है उनमें से किक फिल्म में सलमान द्वारा निभाया गया देवी लाल सिंह (डेविल) का रोल उनके दिमाग में चल रहा है. फिल्म में सलमान के कैरेक्टर को खाकी वर्दी में दिखाया गया था. अगर ये आइडिया प्लान के मुताबिक चलता है तो सलमान, रोहित की फिल्म में एक पुलिसवाले के रोल में नजर आ सकते हैं.

साल 2010 में ‘दबंग’ रिलीज हुई थी. फिल्म में पुलिस अवतार में सलमान ने सभी का दिल जीत लिया था. इसका दूसरा पार्ट भी काफी सफल रहा था. फिलहाल सलमान खान अली अब्बास जफर के निर्देशन में बन रही फिल्म भारत की शूटिंग कर रहे हैं. इसके बाद वे दबंग 3 की शूटिंग शुरू करेंगे. साल 2019 के अंत में रोहित शेट्टी संग सलमान इस नए प्रोजेक्ट पर काम शुरू कर सकते हैं.

रोहित शेट्टी की बात करें तो उनकी पिछली रिलीज सिम्बा ब्लौकबस्टर साबित हुई. देश ही नहीं बल्कि दुनियाभर में फिल्म ने शानदार कमाई की. इसमें पहली बार रणवीर सिंह पुलिस की वर्दी में नजर आए. इसके अलावा रोहित शेट्टी बौलीवुड के मिस्टर खिलाड़ी अक्षय कुमार संग भी काम कर रहे हैं. मालूम हो कि फिल्म सूर्यवंशी में पहली बार दोनों की जोड़ी साथ नजर आएगी.

‘एबीसीडी 3’ में श्रद्धा कपूर की बजाय होंगी सारा अली खान ?

नृत्य निर्देशक से निर्देशक बने रेमो डिसूजा को अपनी पिछली फिल्म ‘‘रेस 3’’ की असफलता का दंश अभी भी झेलना पड़ रहा है. वह लंबे समय से अपनी सफलतम नृत्य प्रधान फिल्म ‘‘एबीसीडी’’ के तीसरे सिक्वअल ‘‘ए बी सीडी 3’’(यह एक अलग बात है कि रेमो डिसूजा का दावा है कि उनकी इस नृत्य प्रधान फिल्म का नाम ‘एबीसीडी 3’ नहीं है, क्योंकि ‘एबीसीडी’ तो ‘डिजनी’ की प्रापर्टी है.) बनाने के लिए प्रयासरत हैं.

अब वह इसकी शूटिंग 22 जनवरी 2019 से अमृतसर में शुरू करने के लिए दृढ़ संकल्प हैं. पहले वह इस फिल्म को वरूण धवन और कटरीना कैफ को लेकर बनाना चाहते थे. मगर अचानक दिसंबर माह के अंतिम सप्ताह में कटरीना कैफ ने इस फिल्म को करने से मना कर दिया.

उसके बाद खबर आयी थी कि रेमो डिसूजा ने अब इस फिल्म के लिए श्रृद्धा कपूर को जोड़ा है. ज्ञातव्य है कि ‘एबीसीडी 2’ में वरूण धवन और श्रृद्धा कपूर ही थे. तथा फिल्म ने जबरदस्त सफलता बटोरी थी. पर सूत्रों की माने तो श्रृद्धा कपूर ने भी इस फिल्म को करने से मना कर दिया है. श्रृद्धा कपूर का कहना है कि वह ‘साइना’, ‘साहो’ और ‘छिछोरे’ जैसी फिल्मों में व्यस्त होने के चलते रेमो डिसूजा कि इस फिल्म के लिए समय नहीं दे सकतीं.

जब इस सिलसिले में रेमो डिसूजा से बात की गयी तो रेमो ने कहा – ‘‘यह तय है कि हम अपनी फिल्म की शूटिंग 22 जनवरी से शुरू करेंगे. पर अभी तक हीरोइन का नाम तय नही किया है.

हमारे साथ कई अभिनेत्रियां काम करने को आतुर हैं. पर अंतिम रूप से किस पर मुहर लगेगी, यह कहना जल्दबाजी होगी. 22 जनवरी तक इंतजार करें.’’

सूत्रों की मानें तो इस बार इस फिल्म का निर्माण रेमो डिसूजा की पत्नी लीजले डिसूजा, टी सीरीज के भूषण कुमार और वरूण धवन खुद कर रहे हैं. सूत्रों का दावा है कि भूषण कुमार ने इस फिल्म में अभिनय करने के लिए जैकलीन फर्नान्डीस, कृति सैनन और सारा अली खान से बात की है. बौलीवुड में चर्चाएं गर्म हैं की इस फिल्म में अंततः वरूण धवन के साथ सारा अली खान ही हीरोइन बनकर नजर आएंगी.

बहुत कुछ तकदीर पर निर्भर करता है : सिद्धार्थ जाधव

हिंदी भाषी सिनेमा के विशाल दर्शक वर्ग को देखते हुए हर भाषा का कलाकार हिंदी फिल्मों से जुड़ना चाहता है. मराठी, गुजराती, मलयालम, तमिल, बंगला, पंजाबी सहित हर भाषा के स्टार कलाकार हिंदी फिल्मों में अपनी किस्मत आजमाते आए हैं, कुछ सफल हुए तो कुछ अपनी भाषा के सिनेमा में वापस लौट गए. मराठी और हिंदी भाषी सिनेमा का गढ़ मुंबई में होने की वजह से इन दोनों भाषाओं के कलाकार एक दूसरे की भाषा में अक्सर काम करते आए हैं और कर रहे हैं. डा. श्री राम लागू, सचिन खेड़ेकर, सदाशिव अमरापुरकर सहित कई ऐसे मराठी भाषी कलाकार हैं, जिनकी पहचान हिंदी सिनेमा से ही है. कुछ कलाकार मराठी सिनेमा में अच्छा नाम कमाने के बावजूद बीच बीच में हिंदी सिनेमा में भी अपनी प्रतिभा दिखाते रहते हैं. इसी कड़ी में एक मराठी फिल्मों के व्यस्ततम कलाकार हैं- सिद्धार्थ जाधव, जो कि ‘गोलमाल’, ‘सिटी आफ गोल्ड’ सहित कई हिंदी फिल्मों व कौमेडी सर्कस’’ जैसे टीवी र्कायक्रम का हिस्सा रह चुके हैं. इन दिनों सिद्धार्थ जाधव 28 दिसंबर को प्रदर्शित होने वाली फिल्म ‘‘सिंबा’’ में सब इंस्पक्टर संतोष तावड़े का किरदार निभाकर चर्चा में हैं.

आप अपनी सफलता से खुश हैं?

2018 मेरे लिए बहुत ही बेहतर वर्ष रहा. इस वर्ष ‘सिंबा’ मेरी तीसरी फिल्म प्रदर्शित हो रही है. इससे पहले मेरी दो मराठी फिल्में ‘ए रे ए रे पैसा’ व ‘माउली’ प्रदर्शित हुई हैं. ‘ये रे ये रे पैसा’ और ‘माउली’ सुपर डुपर हिट थी. उम्मीद है कि ‘सिंबा’ भी सुपर डुटर हिट होगी. फिलहाल तो मैं 2018 की सफलता का आनंद उठा रहा हूं. सच यह है कि यहां मेरा कोई गौड फादर नही है. मैंने अभिनय की कहीं से कोई ट्रेनिंग नहीं ली है. पर मेरे अंदर जो ठहराव है, वह मुझे मेरे परिवार ने दिया है.

18 साल के अभिनय करियर में आप हास्य किरदारों तक ही सीमित होकर रह गए हैं. इसकी क्या वजह है?

ऐसा नही है. आप मुझे देख रहे हैं. मेरे चेहरे की बनावट कैसी है? मैं खूबसूरत नही हूं. दांत भी बाहर रहते हैं. ऐसे में मैं जब किसी हास्य किरदार को निभाता हूं, तो वह लोगों को ज्यादा पसंद आता है. मैंने अपनी पहली फिल्म में तो सिर्फ एक सीन का किरदार निभाया था. पर मेरी हमेशा कोशिश रही कि एक सीन भी यादगार बन जाए. उन दिनों मुझे टीवी सीरियल मिल नहीं रहे थे. टीवी सीरियलों के लिए सुंदर चेहरे ढूंढ़े जाते थे. वास्तव में थिएटर पर मेरे अभिनय को देखकर लोगों को लगा कि यह देखने में भले खराब हो, पर अभिनेता बहुत अच्छा है. तो शुरूआत में मुझे कौमेडी किरदार ही मिले. दर्शकों का बहुत प्यार मिला. मैंने केदार शिंदे की फिल्मों में हीरो का किरदार भी निभाया है. पहली बार महेश मांजरेकर ने मुझे समझाया कि मैं एक अभिनेता हूं, कौमेडियन नहीं. उन्होंने मुझे फिल्म ‘मी शिवाजी राजे भोसले बोलते.’ में एकदम अलग तरह का किरदार निभाने को दिया. उसके बाद उन्होंने मुझे एक फिल्म में विलेन का किरदार दिया. हिंदी फिल्म ‘सिटी औफ गोल्ड’ में हकला का किरदार दिया, जो कि हास्य किरदार नही है. महेश मांजरेकर ने मुझसे अपनी किसी भी फिल्म में कौमेडी नहीं करवायी. मैंने एक फिल्म ‘डीमोल्ड’ में बलात्कारी का किरदार निभाया. इसके लिए 2016 में मुझे सर्वश्रेष्ठ अभिनेता का पुरस्कार मिला था. मराठी में मैं सिर्फ हास्य कलाकार नही हूं. हर तरह के किरदार निभाए है. मैंने कुछ बहुत ही संजीदा किरदार भी निभाए हैं. मैं अपने आपको खुशनसीब समझता हूं कि मराठी फिल्मों में जिस लड़के को पहले रिजेक्ट किया जाता था, आज उसी को बुलाकर फिल्में दी जा रही हैं. इतना ही नही यदि आप हिंदी फिल्म ‘सिंबा का ट्रेलर देखेंगे, उसमें मेरे किरदार में ह्यूमरस के साथ साथ कुछ अलग अंदाज भी मिलेगा. इसका संवाद है- ‘जब तक रेपिस्ट को पुलिस ठोकती नही है, तब तक कुछ नहीं बदलता.’ तो इसमें एक संजीदगी भी है. मेरा मानना है कि कलाकार के अंदर की संजीदगी को पहचानना एक निर्देशक का काम है. फिल्म ‘सिंबा’ में निर्देशक रोहित शेट्टी ने मेरे अंदर की प्रतिभा को पहचाना, जो कि अब फिल्म में नजर आएगी. तो मैं कौमेडी के परे जाकर भी बहुत काम कर रहा हूं. यह सब निर्देशकों की वजह से संभव हो पा रहा है.

रोहित शेट्टी के साथ आपने 12 साल बाद फिल्म सिंबा की. बीच में कोई फिल्म नहीं की?

रोहित शेट्टी ने ‘गोलमाल’ के बाद अपनी हर फिल्म के लिए याद किया. लेकिन तारीखों की समस्या के चलते मैं कर नहीं पाया. क्योंकि मैं मराठी फिल्मों में बहुत व्यस्त हूं. मुझे मजबूरन उन्हें ‘सिंघम’ व ‘दिलवाले’ के लिए भी मना करना पड़ा था.

फिल्म सिंबा के अपने किरदार को लेकर क्या कहेंगे?

इस फिल्म में मैंने सब पुलिस इंस्पेक्टर संतोष तावड़े का किरदार निभाया है, जो कि सिंबा यानी कि रणवीर सिंह की टीम का हिस्सा है. पूरी फिल्म में वह सिंबा के साथ है और जो कुछ होता है, उसका एकमात्र गवाह संतोष तावड़े ही है. इससे अधिक जानकारी देकर दर्शकों की उत्सुकता खत्म नहीं करना चाहता. मेरा किरदार इस बात को रेखांकित करता है कि जब तक पुलिस के लोग कुछ ठोस कदम नही उठाएंगे, तब तक समाज में बदलाव नही आएगा. ट्रेलर देखकर लोगों ने मुझे बहुत अच्छे संदेश भेजे हैं. पूरी फिल्म में मेरा यह संजीदा किरदार सरप्राइज फैक्टर है.

मराठी की तरह हिंदी फिल्मों में आप कम नजर आते हैं?

देखिए, बहुत कुछ तकदीर पर निर्भर करता है. मैंने कुछ हिंदी की फिल्में की हैं, जो कि अब तक सिनेमाघरो में नहीं पहुंच पायी. मसलन, विश्राम सावंत निर्देशित हिंदी फिल्म ‘‘शूटर’’ की है, जिसमें रणदीप हुड्डा भी हैं. पर यह फिल्म अब तक प्रदर्शित नहीं हुई. मैंने भाषा की बजाय कहानी और किरदारों को ही महत्व दिया है. मैं मराठी में तो बहुत विविध तरह के किरदार निभा रहा हूं और बहुत व्यस्त हूं. मैं मराठी में हीरो भी बन रहा हूं. आइटम नंबर भी कर रहा हूं. तो वहीं ‘माउली’ जैसी फिल्म में हीरो का दोस्त बन जाता हूं.

हिंदी फिल्मों में यदि आप हीरो के दोस्त बनते हैं, तो फिर हीरो के किरदार मिलने मुश्किल हो जाते हैं ?

मैं यह सब नहीं मानता. मेरे लिए काम काम होता है. मैंने किरदार की लंबाई के बजाय किरदार की ताकत पर भरोसा किया. मैंने फिल्म ‘फास्टर फैनी’ में तीन सीन का किरदार निभाया था, जिसके लिए मुझे सर्वश्रेष्ठ हास्य कलाकार का पुरस्कार मिला था. मैं तो अच्छा काम करने में यकीन करता हूं. कलाकार के तौर पर मैं दूसरे कलाकारों के साथ भी अपनी तुलना नहीं करता.

इन दिनों मराठी फिल्मों की जो स्थिति है, उसको लेकर क्या कहना चाहेंगे?

बहुत अच्छा दौर चल रहा है. अच्छी कहानी पर फिल्में बन रही हैं. ‘श्वास’ के बाद मराठी फिल्मों में जो परिवर्तन का दौर शुरू हुआ, वह कमाल का रहा. अब तो मराठी सिनेमा कंटेंट प्रधान हो गया है. इस तरह का बेहतरीन सिनेमा हिंदी में भी नही बन रहा है. मराठी सिनेमा की प्रतिस्पर्धा विश्व सिनेमा के साथ है. मराठी सिनेमा में बहुत अच्छे प्रयोग हो रहे हैं. मैं खुशनसीब हूं कि मैं ऐसे सिनेमा का हिस्सा हूं. इन दिनों हिंदी से ज्यादा सफलता मराठी भाषा की फिल्में बटोर रही हैं.

2019 में आपकी कौन सी फिल्म आने वाली हैं?

मेरी मराठी की तीन फिल्में लगभग पूरी हैं. 2019 में ‘सर्व लाइन व्यस्त आहे’ सहित मेरी तीन फिल्में रिलीज होंगी. इसके अलावा मैं हिंदी के बहुत बड़े निर्देशक की मराठी फिल्म कर रहा हूं, जिसके बारे में अभी कुछ बता नहीं सकता. इस फिल्म की शूटिंग 20 जनवरी से शुरू होगी.

फिल्म रिव्यू : सिंबा

किसी भी सफल फिल्म का रीमेक बनाते समय फिल्मकार उसे तहस नहस कर देते हैं. इससे पहले मराठी फिल्म ‘सैराट’ की जब हिंदी रीमेक ‘धड़क’ आयी, तो बात नहीं जमी थी. अब रोहित शेट्टी 2015 में प्रदर्षित तेलुगू की सुपर हिट फिल्म ‘‘टेम्पर’’ का हिंदी रीमेक एक्शन व हास्य प्रधान फिल्म ‘‘सिंबा’’ लेकर आए हैं, पर इस बार वह भी मात खा गए.

फिल्म ‘‘टेंम्पर’’ में जिस तरह का अभिनय जूनियर एनटीआर ने किया है, उसके सामने रणवीर सिंह फीके पड़ जाते हैं. जिन लोगों ने तेलुगू फिल्म ‘टेम्पर’ या हिंदी में डब इस फिल्म को देखा है, उन्हे ‘सिंबा’ पसंद नहीं आएगी. अन्यथा यह मनोरंजक मसाला फिल्म है, जिसमें एक्शन, हास्य, रोमांस, इमोशंस के साथ ऐसा हीरो है, जो कि वक्त पड़ने पर बीस पच्चीस लोगों को धूल चटा देता है.

संग्राम भालेराव उर्फ सिंबा (रणवीर सिंह) एक अनाथ बालक से शिवगढ़ के एसीपी बने हैं, जो कि भ्रष्ट पुलिस आफिसर है. यह वही शहर है, जहां डीसीपी बाजीराव सिंघम (अजय देवगन) की परवरिश हुई थी. बाजीराव इमानदार पुलिस अफसर रहा है, जबकि सिंबा को भ्रष्ट तरीके से जिंदगी का आनंद उठाते दिखाया गया है. वास्तव में बचपन में ही सिनेमाघर के सामने ब्लैक में टिकट बेचते हुए सिंबा समझ जाता है कि पैसा कमाने के लिए पावर चाहिए, इसीलिए वह पुलिस अफसर बनना चाहता है. पुलिस अफसर बनने के बाद सिंबा बेईमानी पूरी इमानदारी से करता है. पुलिस अफसर की ड्यूटी निभाते हुए उसका ध्यान सिर्फ जायज व नाजायज ढंग से पैसा कमाने पर ही होता है. कुल मिलाकर संग्राम उर्फ सिंबा को भ्रष्ट पुलिस अफसर की जीवनशैली जीने में ज्यादा आनंद आता है. उसे प्रदेश के गृहमंत्री का वरदहस्त हासिल है.

simba-movie-review-simba-trailer

संग्राम भालेराव, गृहमंत्री को अपना पिता और उनकी बेटी को बहन मानता है. गृहमंत्री उसका तबादला गोवा में मीरा मार पुलिस स्टेशन में इस हिदायत के साथ करते हैं कि वह वहां पर दुर्वा रानाडे (सोनू सूद) को क्रास नही करेगा. मीरा मार पुलिस स्टेशन पहुंचने पर सिंबा का सामना हेड कांस्टेबल मोहिले (आशुतोष राणा) से होती है, जोकि बहुत इमानदार है, उसने सिंबा के बारे में सब कुछ सुन रखा है, इसलिए वह उन्हे सलाम नहीं करता है. गुस्से में सिंबा उसे अपनी गाड़ी का ड्राइवर बना लेता है. पर सब इंस्पेक्टर संतोष तावड़े (सिद्धार्थ जाधव) से सिंबा की जमती है और दोनों मिलकर हर नाजायज काम को अंजाम देते हैं. पुलिस स्टेशन के सामने ही कैटरिंग चलाने वाली शगुन (सारा अली खान) पर सिंबा लट्टू हो जाता है.

तो वहीं वह शगुन की सहेली आकृति को अपनी बहन बना लेता है. एक दिन शगुन भी सिंबा से प्यार करने की बात कबूल कर लेती है.दु र्वा रानाडे के ड्रग्स के अवैध व्यापार से अनभिज्ञ सिंबा, दुर्वा के हर अपराध में उसका साथ देता है, जिसके बदले में उसे एक बड़ी रकम मिलती रहती है. दुर्वा के ड्रग्स का व्यापार उसके दो भाई संभालते हैं. यह छोटे स्कूल जाने वाले बच्चे के बैग में ड्रग्स के पैकेट भरकर एक जगह से दूसरी जगह पहुंचाते रहते हैं. जब इसकी भनक आकृति को लगती है, तो वह उनके अड्डे पर पहुंच जाती है, जिसके साथ बलात्कार करने के बाद दुर्वा के भाई उसकी हत्या कर देते हैं. आकृति के साथ जो कुछ होता है, वह जानकर सिंबा में परिवर्तन आता है और वह सही राह पर चलना शुरू कर देता है.अं ततः दुर्वा के दोनो भाईयों का पुलिस स्टेशन के ही अंदर इनकाउंटर होता है. मामला अदालत में पहुंचता है. डीसीपी बाजीराव सिंघम भी आते हैं और अंत में सिंबा बरी और दुर्वा को सजा हो जाती है.

तेलगू फिल्म ‘टेम्पर’ की यह आधिकारिक रीमेक है, मगर रोहित शेट्टी ने थोड़ा सा बदलाव करते हुए इसे मसालेदार बनाने की कोशिश की है. फिल्म में गाने काफी डाले गए हैं. इंटरवल से पहले फिल्म की कहानी ह्यूमर व हास्य के साथ एक भ्रष्ट पुलिस अफसर की कहानी है. इंटरवल से पहले हास्य का तगड़ा डोज है. मगर इंटरवल के बाद कहानी का केंद्र लड़की के साथ बलात्कार व बलात्कारियों को सजा देने की तरफ मुड़ जाता है. इंटरवल के बाद फिल्म निर्देशक रोहित शेट्टी के हाथ से फिसल सी जाती है. क्योंकि उन्होंने देश के लोगों के मिजाज को भुनाने का ही प्रयास किया है.

जिसके चलते फिल्म काफी बोरिंग हो जाती है. फिल्म में अदालत के दृष्य प्रभाव नहीं डालते. निर्भया केस के साथ फिल्म को जोड़कर उपदेशात्मक बना दिया है, जो कि बहुत बोर करता है. यह एक बलात्कार पर आधारित मैलोड्रैमेटिक फिल्म बनकर रह गयी है.

बौलीवुड की सबसे बड़ी कमजोरी है कि कोई भी फिल्मकार फिल्म में मनोरंजन के साथ उपदेश नहीं परोस पाते हैं. इस कमजोरी के शिकार रोहित शेट्टी भी नजर आए. समस्या का निराकरण तलाशने की बजाय हवाई समाधान देना इनका हक बन गया है. पुलिस स्टेशन में एनकाउंटर/मुठभेड़ का दृष्य अवास्तविक लगता है. अंत में अजय देवगन को लाकर एक्शन दृष्यों की मदद से निर्देशक ने फिल्म को संभालने का असफल प्रयास किया है.

पटकथा के स्तर पर तमाम कमियां हैं. कई दृष्यों में अजीब सा विरोधाभास है. एक तरफ बलात्कार की शिकार आकृति का पिता दुःखी व सदमे में है, तो उसी क्षण वह एक कप चाय की मांग करता है. अदालती दृष्य तो बेवकूफी से भरे हैं. जिस तरह की भाषणबाजी अदालती दृष्य मे है, वह गले नहीं उतरती. जज के चैंबर में अपराधी, पुलिस व वकीलों के साथ ही राज्य के गृहमंत्री की मौजूदगी तो लेखक के दिमागी सोच की पराकास्ठा है.

जहां तक अभिनय का सवाल है तो इंटरवल से पहले हास्य के दृश्यों में रणवीर सिंह ने पूरा जोश दिखाया है, मगर वह खुद को दोहराते हुए ही नजर आए हैं. कई दृश्यों में उनका अभिनय देखकर फिल्म ‘बाजीराव मस्तानी’ की याद आ जाती हैं. कई दृष्यों में रणवीर सिंह ने जूनियर एनटीआर की नकल की है, तो कई जगह वह ओवरएक्टिंग करते हुए नजर आते हैं. शगुन के किरदार में सारा अली खान सिर्फ सुंदर लगी हैं, अन्यथा उनके हिस्से में करने के लिए कुछ है ही नहीं. दुर्वा रानाडे के किरदार में सोनू सूद जरुर प्रभावित करते हैं. एक अति ईमानदार हेड पुलिस कौंस्टेबल की भ्रष्ट अधिकारी के साथ काम करने की बेबसी को पेश करने में आशुतोष राणा काफी हद तक कामयाब रहे हैं. संतोष तावड़े के किरदार में सिद्धार्थ जाधव भी अपना असर छोड़ जाते हैं.

फिल्म में गीतों की भरमार है, मगर वह गीत संगीत असरदार नहीं है. फिल्म देखकर अहसास होता है कि अब धर्मा प्रोडकशन मौलिक बेहतरीन गीत संगीत रचने में असमर्थ हो गया है.

दो घंटे 40 मिनट की अवधि वाली फिल्म ‘‘सिंबा’’ का निर्माण करण जौहर, हीरू जौहर, अपूर्वा मेहता व रोहित शेट्टी ने किया है. फिल्म के निर्देशक रोहित शेट्टी हैं. तेलुगू फिल्म ‘‘टेम्पर’’ की हिंदी रीमेक वाली इस फिल्म के पटकथा लेखक युनूस सेजावल व साजिद सामजी, संवाद लेखक फरहाद सामजी, संगीतकार तनिष्क बागची, कैमरामैन जोमोन टी जौन तथा इसे अभिनय से संवारने वाले कलाकार हैं – रणवीर सिंह, सारा अली खान, सोनू सूद, अजय देवगन, वृजेष हीरजी, आषुतोष राणा, सिद्धार्थ जाधव, अरूण नलावड़े, सुलभा आर्या, अष्विनी कलसेकर, विजय पाटकर, सौरभ गोखले, अषोक समर्थ, वैदेही परषुरामी, सुचित्रा बांदेकर के अलावा मेहमान कलाकार के तौर पर तुषार कपूर, कुणाल खेमू, श्रेयस तलपड़े, अरशद वारसी व करण जौहर.

संबंधों की मिठास बहुत अलग होती है : रणवीर सिंह

फिल्म ‘बैंड बाजा बारात’ से अपने अभिनय करियर की शुरुवात करने वाले अभिनेता रणवीर सिंह ने बचपन से स्कूल और कौलेज के थिएटर में अभिनय किया है. स्नातक की पढ़ाई के लिए वे अमेरिका गए और पढ़ाई के साथ-साथ अभिनय की तालीम भी ली. मुंबई वापस आने के बाद उन्होंने कुछ दिनों तक असिस्टेंट डायरेक्टर और कौपी राइटिंग का काम किया. अभिनय के लिए वे औडिशन देते रहें. ऐसा करते – करते उन्हें पता चला कि यशराज फिल्म्स में किसी नए चेहरे की तलाश है, वे वहां गए और फिल्म ‘बैंड बाजा बारात’ के लिए चुन लिए गए. फिल्म सफल रही और रणवीर को रातों – रात सफलता मिल गयी. इसके बाद उन्होंने बाजीराव मस्तानी और पद्मावत जैसी फिल्में कर अपना नाम अभिनेता की श्रेणी में सबसे ऊपर कर लिया.

वे युवाओं के आइकन माने जाते हैं और अपने एनर्जी के लिए खास प्रसिद्ध हैं. पर्दे पर हो या रियल लाइफ में वे हमेशा हंसते और मुस्कराते हुए दिखते हैं. इसका राज वे अपनी जीन्स को देते हैं, जो उन्हें अपने माता-पिता से मिली है. फिल्मों के अलावा रियल लाइफ में भी रणवीर और अभिनेत्री दीपिका पादुकोण की जोड़ी खास प्रसिद्ध रही है, जिसका अंजाम उनदोनों ने शादी के बंधन में बंधकर दिया. अभी रणवीर की फिल्म ‘सिम्बा’ रिलीज पर है, पेश है उनसे हुई बातचीत के कुछ अंश.

आपका साल 2018 कैसा रहा?

इस साल को मैं अपने करियर का सबसे बेहतरीन वर्ष कह सकता हूं, इस साल फिल्म ‘पद्मावत’ रिलीज हुई, जो काफी सफल रही, क्योंकि इसमें मैंने निगेटिव और डार्क भूमिका निभाई, जो मेरे लिए काफी रिस्की था. असल में इससे पहले मैंने सभी सकारात्मक भूमिका निभाई थी, लेकिन फिल्म सफल रही. इसलिए मैं इसे मेरे जीवन का एक टर्निंग प्वइंट मानता हूं. इसके बाद मैंने अपनी नानी को खोया, जो मेरे लिए दुःख की बात थी. फिर मैंने अब एक मसाला फिल्म ‘सिम्बा’ किया है. इसके साथ-साथ मुझे एक अच्छी जीवन साथी भी मिल गई हैं, जो मेरे लिए गर्व की बात है.

आपकी शादी बहुत ही व्यवस्थित तरीके से हुई, इसका क्रेडिट किसे जाता है?

मैंने सपने में भी कभी सोचा नहीं था कि मेरी शादी ऐसे होगी. पूरी व्यवस्था दीपिका ने की थी और बहुत ही अच्छे तरीके से उसने अंजाम दिया है. मैंने उससे कई बार पूछा भी था कि उसने कैसे ये सब सोचा. मैं अगर कभी सोचता भी, तो भी शायद मैं ऐसे नहीं कर सकता था. ये मेरे जीवन में एक खुशनुमा याद बन चुका है.

आपको दीपिका में क्या खास लगता है, जिससे आप प्रभावित हुए?

दीपिका एक साधारण परिवार को चाहने वाली और जमीनी स्तर पर रहने वाली कलाकार हैं. उसने खुद अपना करियर स्थापित किया है. मैंने अपने जीवन के 8 साल इंडस्ट्री में बिताएं हैं, जिसमें से 6 साल से मैंने दीपिका को प्यार किया है. आज जो मैं हूं, इसका क्रेडिट भी उसी को जाता है. उसने मुझे हमेशा ग्राउंडेड रखा. मैंने फिल्म ‘कौकटेल’ से उसे डेट करना शुरू कर दिया था. हम दोनों ने साथ ग्रो किया है. मैंने उससे प्रोफेशनलिज्म, टाइम मनेजमेंट और अनुशासन सबकुछ सीखा है. उसने मुझे संघर्ष करते हुए देखा है और बहुत सहयोग दिया है. अभी जब वह मुझसे पूछती हैं कि कितने बजे आओगे और क्या खाओगे तो मुझे बहुत अच्छा लगता है. मैं सभी यूथ से कहना चाहता हूं कि वे शादी अवश्य करें, क्योंकि संबंधो की मिठास बहुत अलग होती है.

अभी आप स्टारडम को कैसे एन्जाय करते हैं?

मेरे फैन्स काफी हैं और मैं उन्हें मेरे बारें में अच्छा फील करवाना चाहता हूं. ये मेरा दायित्व है कि मैं अच्छी फिल्म करूं. मेरे माता-पिता मेरे काम से गर्वित हैं और मेरी इच्छा है कि मेरी पत्नी भी मेरे काम से गर्व महसूस करें. इसलिए मैं हर फिल्म को सोच समझकर करना चाहता हूं. इसी तरह से मैं अपने स्टारडम को एन्जाय करता हूं. मैंने हमेशा अपना सबसे बेहतरीन प्रदर्शन देने की कोशिश की है. मेरी कामयाबी में उनका भी बहुत बड़ा हाथ है.

आप किसी कहानी को किस तरह से चुनते हैं?

मेरी सोच पहले से काफी बदल चुकी है. पहले मुझे काम की अधिक जरुरत थी, ताकि मैं अपने आप को सिद्ध कर सकूं. अभी मैं ऐसे मुकाम पर पहुंच चुका हूं कि पसंद न आने पर किसी कहानी को ‘ना’ कह सकूं. मैं अभी कहानी को अधिक महत्व देता हूं, क्योंकि फिल्म की कहानी पर उसकी सफलता निर्भर करती है. समय के साथ-साथ आप सही कहानी के बारें में समझ सकते हैं.

दीपिका और आपकी जोड़ी को दर्शकों ने काफी पसंद किया है, क्या आप दोनों साथ में पर्दे पर आयेंगे?

मैं दीपिका के काम को बहुत पसंद करता हूं और अगर कोई अच्छी कहानी मिले, जो दोनों को सपोर्ट करती है, तो अवश्य करना चाहूंगा.

दीपिका ने डिप्रेशन में फंसे लोगों को ठीक करने के लिए काम करना शुरू किया है, क्या आप ऐसे किसी सामाजिक काम से जुड़ना पसंद करेंगे?

मैं जल्दी ही इस बारें में बताऊंगा, क्योंकि उस विषय पर बात चल रही है, लेकिन मैं अभी दीपिका के काम की प्रसंशा करता हूं.

बागी-3 में टाइगर श्रौफ की हिरोईन होंगी सारा अली खान ?

बौलीवुड में कई फिल्मों का सीक्वल बनाया जा रहा है. धूम, कृष, दबंग, गोलमाल के बाद बागी के सिक्वल ने भी बौक्स औफिस पर जमकर कमाई की है. जिसे देखते हुए कहा जा सकता है कि बौलीवुड में फिल्मों के सीक्वल का दौर पिछले कई सालों से चल रहा है. बता दें कि टाइगर श्रौफ अभिनित बागी की सफलता को देखते हुए इस फिल्म का तीसरा सिक्वल भी जल्द ही बनने जा रहा है. साजिद नाडियावाला ने बागी-3 के लिए कलाकारों को अप्रोच करना भी शुरू कर दिया है. मिली जानकारी के अनुसार साजिद ने बागी-3 के लिए सारा अली खान से संपर्क किया है. यदि सारा अली खान इस हिट फिल्म को अपनी मंजूरी दे देती हैं तो जल्द ही वो टाइगर श्रौफ के साथ सिनेमाई पर्दे पर दिखेंगी.

सैफ अली खान और अमृता राव की बेटी सारा अली खान ने हाल ही में केदारनाथ फिल्म से बौलीवुड में एंट्री की है. इसके बाद उनकी दूसरी फिल्म सिंबा 28 दिसंबर को रिलीज होने वाली है. केदारनाथ में सुशांत सिंह राजपूत के अपोजिट सारा अली खान के काम की काफी तारीफ की जा रही है. जिसके बाद फैंस रणवीर सिंह संग सारा अली खान की फिल्म सिंबा देखने को उत्सुक है.

इन दो फिल्मों के बाद सारा अली खान के लिए बागी-3 का मिलना सोने पर सुहागा जैसा है. कारण कि बागी सीक्वल की पिछली दोनों फिल्में हिट साबित हुई थी. पहली फिल्म बागी में टाइगर श्रौफ के अपोजिट श्रद्दा कपूर हीरोइन थी तो दूसरी फिल्म में दिशा पटानी टाइगर के साथ थी. अगर सारा की ओर से आधिकारिक पुष्टि हो जाती है तो उन्हें और टाइगर श्रौफ की जोड़ी को बागी-3 में देखना काफी दिलचस्प होगा.

अनलिमिटेड कहानियां-आर्टिकल पढ़ने के लिएसब्सक्राइब करें