Blackheads : ब्लैकहेड्स के बारे में तो आप सभी ने सुना होगा, लेकिन क्या आप व्हाइटहेडस के बारे में जानते हैं. दरअसल, दोनों ही मुंहासों के हल्के रूप हैं, जो लगभग सभी को प्रभावित करते हैं. कई लोग ब्लैकहेड्स और व्हाइहेड्स को लेकर कंफ्यूज रहते हैं, उन्हें लगता है कि दोनों एक ही हैं, लेकिन ऐसा नहीं है. व्हाइटहेड्स ब्लैकहेड्स से एकदम अलग होते हैं. चेहरे पर व्हाइहेड्स होना आम समस्या है. व्हाइट हेड्स को कॉमेडोनल का रूप माना जाता है. ये कोमेडोनल तब बनते हैं, जब अतिरिक्त तेल, गंदगी, स्किन डेड सेल्स और बैक्टीरिया के कारण स्किन के छिद्र यानी पोर्स बंद हो जाते हैं. आमतौर पर यह स्किन की सतह पर गोल, छोटे और सफेद धब्बों की तरह दिखते हैं. व्हाइटहेड्स ज्यादातर कंधों, चेहरे, छाती , गर्दन और पीठ पर अलग -अलग आकार के होते हैं. कभी-कभी तो इतने छोटे होते हैं, कि दिखाई भी नहीं देते. तो आइए जानते हैं व्हाइटहड और ब्लैकहेड में क्या अंतर होता है.
ब्लैकहेड्स और व्हाइटहेड्स में अंतर-
दोनों ही कौमेडोनल एक्ने के सामान्य रूप हैं. इन दोनों के बीच मुख्य अंतर यह है कि व्हाइटहेड के मामले में पोर्स स्किन की मुलायम परत के साथ ऊपर से बंद हो जाते हैं, जबकि ब्लैकहेड खुले होते हैं और हवा के संपर्क में आते हैं. व्हाइटहेडस अक्सर बैक्टीरिया , स्किन डेड सेल्स और सीबम से भरे होते हैं. ब्लैकहेड्स के उलट व्हाइट हेड्स काले नहीं होते , क्योंकि हवा की आपूर्ति के संपर्क में कमी के कारण रोमकूप के भीतर मौजूद सीबम ऑक्सीकरण नहीं कर पाता.
व्हाइहेड्स से बचने का घरेलू उपाय
भाप लेना-
जब स्किन भाप के संपर्क में आती है, तो छिद्र अस्थाई रूप से खुल जाते हैं. ऐसे में व्हाइटहेड्स वाले लोगों के लिए यह घरेलू उपाय बहुत अच्छा है. व्हाइटहेडस के साथ शरीर के हिस्सों को नियमित रूप से तब तक भाप दें जब तक की वह चला ना जाए.
टीट्री औयल-
टी ट्री ऑयल में एंटीमाइक्रोबियल और एंटीइंफ्लेमेट्री गुण होते हैं. अधिकांश फेसवॉश, क्लीनर और टोनर में एक घटक के रूप में टी ट्री औयल मौजूद होता है. इसके लिए टी ट्री ऑयल को कॉटनपैड में लें और व्हाइहेड्स पर लगाएं.
जंक फूड से दूर रहें-
जंक फूड या डीप फ्राइड फूड से स्किन औयली हो सकती है. जिससे व्हाइटहेड्स बढ़ सकते हैं. इसलिए हमेशा औयली फूड अवाइड करें. इनकी जगह पर ताजे फल और सब्जियों का सेवन करें.
चेहरे की सफाई करें-
दिन में कम से कम दो बार ऐसे क्लींजर या फेस वाश से चेहरा साफ करें, तो स्किन टाइप के लिए अच्छा हो.
हाइड्रेट रहें-
स्किन को व्हाइटहेड्स से बचाने के लिए खूब पानी पीएं. पीने स्किन को अंदर से हाइड्रेट करता है और स्किन की रंगत में भी सुधार करता है.
जीवनशैली के कई अन्य कारक भी भविष्य में होने वाले इन ब्रेकआउट्स को रोकने में मदद कर सकते हैं. जैसे चेहरे को बारबार न छूएं , घर से बाहर निकलने पर सनस्क्रीन जरूर लगाएं और व्यक्तिगत स्वच्छता बनाए रखें.